दिल्ली के राजघाट से #प्रियंका_गांधी के आज का भाषण सुनने योग्य है। उनके भाषण में दो बातें आज स्पष्ट सुनाई दी- पहला 'मेरा' और दूसरा 'तुम्हारा'। उन्होंने मेरा किसको कहा? 'मेरा भाई', 'मेरा परिवार' और जब देश की बात आई, प्रधानमंत्री की बात आई, तब उन्होंने कहा-
खून को भुनाकर सत्ता प्राप्त करना कांग्रेश की सबसे सुविधाजनक राजनीति रही है। प्रियंका गांधी के आज का भाषण भी पिता के खून से ही शुरू हुआ।
तिरंगा की तरफ इशारा करके उन्होंने कहा इस तिरंगे में राहुल के पिता का खून है। इस धरती में राहुल के पिता का खून है। राहुल अपने पिता के जनाजे के पीछे पैदल चले थे। इसलिए इस देश में राहुल का अपमान नहीं होना चाहिए। क्या विचित्र माँग है कांग्रेस की!
राजीव गांधी की हत्या हो गई, सबसे पहला प्रश्न तो यह है कि जिस देश का पूर्व प्रधानमंत्री सुरक्षित ना हो, सोचिए उस देश की जनता तब किस प्रकार असुरक्षित और भय के वातावरण में रहती होगी? इसलिए राजीव गांधी की हत्या तत्कालीन सत्ता के लिए लज्जा का विषय है। न कि ये किसी प्रकार की शहादत है।
राजीव गांधी की हत्या किसी स्वतंत्रता संघर्ष में नहीं हुई। उनकी हत्या बताता है कि देश का इंटेलिजेंस और सिक्योरिटी को किस प्रकार से कमजोर किया गया था। कितना कमजोर था देश तब!
इस देश की यह उदारता है कि एक विदेशी द्वारा गठित की गई राजनीतिक दल को 70 वर्षों तक सत्ता में बिठाए रखा।
न केवल राजनीतिक दल बल्कि एक विदेशी महिला नागरिक को अपनाया। अपनों की तरह मान सम्मान दिया। इतने बड़े लोकतांत्रिक देश के सत्ता की बागडोर थमा दी। और उनके बेटे बेटियों का इस देश के प्रति आचरण देखिए! इसीका नतीजा है, उन्होंने आज राजघाट के अपने संबोधन में 'आपका देश' कहकर संबोधित कीं।
देश के लोकतांत्रिक रूप से चुने हुए प्रधानमंत्री को अपना प्रधानमंत्री मानने के बजाय 'आपका प्रधानमंत्री' कह कर बातें कहीं।
इस देश की आवाज को अपना आवाज नहीं मानतीं। इस देश की मीडिया को अपना मीडिया नहीं मानतीं। उनके भाषा का आचरण बता रहा है कि वे विदेशी मुल्क की कोई महिला हैं,
जो भारत का भला करने आई हैं और लोग जब उनकी बात नहीं सुनते हैं, नहीं समझते हैं, तो दुत्कारती हैं। प्रियंका गांधी को अब भी समझ जाना चाहिए कि जनता अब 'मेरा परिवार' और 'आपका देश' का अर्थ अच्छी तरह समझने लगी हैं।
जो इकोसिस्टम आतंकवादियों के लिए रात के 12 बजे सर्वोच्च न्यायालय खुलवा लेने में सक्षम है, वह राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य बना देने वाले अदालती फैसले के विरुद्ध किसी भी ऊपरी अदालत में नहीं जा पाया है। कमाल है ना!
और सारी पर्ची फाड़ी जा रही है सरकार के नाम पर। अच्छा बताइए, अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आपकी माँगों से सहमत हों, तो उन्हें या केंद्र सरकार को इस मामले में क्या करना चाहिए? मोदी ऐसा क्या कर सकते हैं, जिससे राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो जाये?
क्या मोदी सूरत सीजेएम के फैसले को रोक सकते हैं, पलट सकते हैं? नहीं।
क्या मोदी राहुल की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का आदेश दे सकते हैं? नहीं।
मोदी के कहने पर अगर लोकसभा अध्यक्ष भी चाहें तो क्या वे राहुल की सदस्यता लौटा सकते हैं? नहीं।
अंग्रेज मानते थे कि संस्कृत की जानकारी सेमेटिक बाइबल के पंथ को नष्ट कर देगी, इसलिए संस्कृत को नष्ट करना जरूरी है...
इस्लाम के नाम पर जिन लोगो ने भारत पर आक्रमण किया वे केवल लूट खसोट बलात्कार जबरिया मत परिवर्तन की भाषा समझते थे उनमे मानसिक सोच नहीं थी मूर्खता वश उन्होंने
पुस्तकालय जला दिए। शिल्प के नायब नमूने जो आज के विज्ञान के गुरुत्वकर्षण के कई सारे नियम को भंग कर देते नष्ट कर दिए शिल्पी मार दिए गए।
जैसे हम्पी का वह मंडपम जिसमे संगीत स्तम्भ है। जिसको बनाने में शिल्पी ने वायु वेग स्तम्भ का आकार उनके मध्य की वायु दुरी सबकी गणना करी होगी
और पूरा मंडपम बिना वाद्य यंत्र केवल एक चन्दन काष्ठ की लकड़ी की टकोर मात्र से वाद्य यंत्र बजा देता था।
अंग्रेज ने उसे समझने का प्रयास किया और इस मंडप के कुछ स्तम्भ कटवाए परन्तु नहीं समझ पाये। जितना बचा है उसमे भी सा रे ग म की ढोलक आदि की ध्वनि आज भी निकलती है परन्तु
राफेल का मामला याद कीजिए। चौकीदार चोर है के डायलॉग बोलते राहुल गांधी और ताली बजाकर खुशी मनाते कांग्रेसी। तभी किसी ने मामला दर्ज कर दिया। लगा फंस गए तो कपिल सिब्बल अभिषेक मनु सिंघवी सहित आधे दर्जन 25 लाख फीस वाले वकीलों की फ़ौज सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।
जज साहब ने कहा कि माफी मांग लें, तुरंत माफी मांग ली। मामला रफा-दफा हो गया।
लेकिन इस बार सजा हो गई, सदस्यता चली गई,घर खाली करने का नोटिस मिल गया लेकिन अभी तक कोई भी अपील, याचिका दायर करने आगे नहीं बढ़ रहा है?
क्यों?
वेरी सिंपल....
कर्नाटक में दो महीने बाद चुनाव हैं।तो तब तक इस मुद्दे को जिंदा रखना है कि हाय हाय देखो मोदी कैसा जुल्मी है!!! मुझे तंग कर रहा है, बोलने नहीं दे रहा है वगैरह-वगैरह।
विक्टिम कार्ड यू नो!!
शायद इसी बहाने वोट मिले
(((( शब्दों का जहर ))))
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18 दिन के युद्ध ने, द्रोपदी की उम्र को 80 वर्ष जैसा कर दिया था... शारीरिक रूप से भी और मानसिक रूप से भी !
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नगर में चारों तरफ विधवाओं का बाहुल्य था.. पुरुष इक्का-दुक्का ही दिखाई पड़ता था अनाथ बच्चे घूमते दिखाई पड़ते थे और,
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उन सबकी वह महारानी द्रौपदी हस्तिनापुर के महल में निश्चेष्ट बैठी हुई शून्य को ताक रही थी।
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तभी, श्रीकृष्ण कक्ष में दाखिल होते है !
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द्रौपदी कृष्ण को देखते ही दौड़कर उनसे लिपट जाती है... कृष्ण उसके सर को सहलाते रहते हैं और रोने देते हैं !
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थोड़ी देर में, उसे खुद से अलग करके समीप के पलंग पर बिठा देते हैं।
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द्रोपती, यह क्या हो गया सखा..?? ऐसा तो नहीं सोचा था।
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कृष्ण, नियति बहुत क्रूर होती है पांचाली.. वह हमारे सोचने के अनुरूप नहीं चलती !
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"30 MARCH 2023" को "साँय 07.30" बजे अपने-अपने घरों के बाहर या जहाँ कहीं भी हों वहाँ कम से कम "11 तैलीय दीपक" जो सामान्य रूप से हर घर में मिल ही जाते हैं।
दिनांक:- "30 मार्च 2023" (गुरुवार)
समय :- "7.30 बजे" साँय (निश्चित समय) में प्रज्वलित कर,पूरे भारत की "निशा" को "दिन" के स्वरूप में आलोकित कर एक नयी शिक्षा दे सकते हैं।जिससे पूरे विश्व में लोगों को आभास हो कि,भारतीय सनातनी प्रभु श्रीरामजी को मानने वाले भक्तों में रजनी को भी दिन में परिवर्तित करने की क्षमता है…!
कृपया आप सभी से सप्रेम निवेदन है कि, पिछली बार की भाँति ही इस बार भी "दिव्य दीप उत्सव" में सम्मिलित हो कर "प्रभु श्री राम जी" के सनातनी वंशज होने के गर्व का आनंदमय गौरव पाइये !
कार्यक्रम:- "श्री राम नवमी उत्सव" के उपलक्ष्य में "दीप दान (प्रज्वलन) महोत्सव"
CBI, ED के बाद अब NIA की होगी एंट्री,
केजरीवाल ने जो जासूसी वाला देशद्रोह का महापाप किया हैं, उसे सुनकर देशवासियों के होश उड़ जाएँगे..इसके पाप इस तरह है
1- कंजरिवाल ने “War Against Country” की तर्ज़ पर भयानक साज़िश रची । इस आत्ममुग्ध बौने ने मोसाद और केजीबी कि
तर्ज पर Semi Spy और Semi Military Organization “Feed Back Unit” बनाने कि पूरी तैयारी की।
2- ना किसी से इसने सरकारी या केबिनेट की इजाज़त ली ..17-18 रिटायर्ड नमक हराम नौकरशाहों को इसके लिए नियुक्त किया गया..जिसके ज़रिए वो देश के सभी उच्चपद के लोगों की जासूसी कर सके,
यें उनके फ़ोन टेप कर रहा था।
3- जिनकी जासूसी ये कर रहा था वो लोग थे, देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जानेमाने सुप्रीम कोर्ट के जज, हाई कोर्ट जज जस्टिस, वकील, नौकरशाह, जल, थल और वायु सेना के अधिकारी, विपक्ष के राजनेता उतना ही नहीं खुद की पार्टी के नेताओ, उनकी पत्नी,