एक बार फिर से😍
""महंगाई से तंग आकर पत्नी ने पति को किराए पर देना शुरू किया""
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अखबार ये खबर पढ़ते ही झौलवी की बांछे खिल आई..सोचने लगा कि ऐसा कोई जुगाड़ अपना भी बैठ जाए तो वारे न्यारे हो जाएं...
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अब वो रोज रोज बीवी से कहने लगा...कमाई में कमी हो रही है...देखना आगे घरखर्च चलाना
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भी मुश्किल होने वाला है... जानबूझकर सकीना को कम पैसे देने लगा ताकि उसे यकीं हो जाए कि वाकई में पैसों की तंगी हो गई है..
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पर मासूम सकीना समझ न पाई... सो थक हारकर एकदिन झौलवी ने अखबार की कटिंग चाय की टेबल पर इस तरह रखी कि सकीना की नज़र उस पर पड़ ही जाए...
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शाम को अपनी मसाज से
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वापस आया तो देखा सकीना हाथ मे वही अखबार की कटिंग लिए खड़ी थी... बोली- दिल पे पत्थर रख के कह रही हूँ...अगर आपको ऐतराज न हो तो हम भी ऐसा ही कुछ ट्राई करें... चार पैसे आ जाएंगे घर पर...और तुम्हारा क्या घिस जाएगा...वैसे ही ईंट से घिस घिस पत्थर बना रखा है...
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झौलवी का दिल बल्लियों
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उछल पड़ा....रोज नई खातून की खिदमत का मौका मिलेगा... फ्री का खाना,बेहतरीन जगहों की सैर,एक से एक जिस्म...ऊपर से पैसे भी... और क्या चाहिए....
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लेकिन प्रत्यक्ष में बुरा सा मुँह बनाकर सकीना को बोला - क्या ये तुमसे बेवफाई न होगी ??
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सकीना बोली- बेवफाई कैसी ?? बेवफाई तब हो जब मेरी
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जानकारी के बिना कहीं टांका भिड़ाओ...ये तो हम अपने बेहतर मुस्तक़बिल के लिए कर रहे हैं...
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एक बढ़िया सा विज्ञापन बना अखबार में डाला गया...
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अगले ही दिन फोन की घंटी बजी...क्लाइंट के सेक्रेटरी का फोन था...एक फाइव स्टार होटल में सर्विस देनी थी...
सकीना ने फोन के बारे में झौलवी
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को बताया.... झौलवी बड़ा खुश था कि बोहनी ही इतनी बेहतरीन जगह से हो रही है...पैसा भी उनकी उम्मीद से कई गुना मिल रहा था... कहा गया कि हो सकता है झौलवी को एक,दो या उससे भी ज्यादा को खुश करना पड़े...काम पसंद आया तो रेगुलर बुलाया जाएगा...कमसकम एक महीना...
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झौलवी मन मे हिसाब
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लगाने लगा... एक महीने में इतने पैसे आने वाले थे जिनका उन दोनों ने कभी तसव्वुर भी नहीं किया था....रही बात एक से ज्यादे की तो झौलवी को खुद की मर्दानगी पर पूरा भरोसा था...
अगले दिन नियत समय पर झौलवी कुर्ता पजामा और सदरी पहन ,ढेर सारा इत्तर छिड़क फाइव स्टार होटल को निकल लिया...
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रात बीती... सकीना की आंखों में नींद कहाँ..सारी रात अपने बेहतरीन मुस्तक़बिल के ख्वाब देखती रही.. जागती आंखों से..
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सुबह दरवाजे की घंटी बजी...सकीना ने सरपट दौड़ के दरवाजा खोला...देखा झौलवी निढाल सा खड़ा था...बमुश्किल लंगड़ाते हुए लड़खड़ाते हुए अंदर कुर्सी तक पहुंचा... चेहरा
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निस्तेज,प्राणहीन...
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सकीना की समझ में न आया...बोली - सब खैरियत तो है ना....इतने मजे के काम के बाद ये हालत...
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मजे ??? ये शब्द सुनते ही झौलवी खड़ा हुआ और तबियत से सकीना की सुताई कर डाली...
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सुतने के बाद सकीना डरते हुए बोली - लिल्लाह !! ... ऐसा क्या हुआ ?? किस बात का
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गुस्सा है हुजूर ??
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करमजली ... फोन तूने उठाया था... ठीक से तहकीकात तो कर लेती.. सब उस ग्रीन मैंगो खोर #लड्डन_कबाड़ी का करा धरा था..... वहाँ कोई ख़ातूनें नहीं थी...अरब के चार शेख थे... कमीनों ने मेरा हलेहुलइया कर दिया पूरी रात.. कान पकड़ लिए अब कहीं नहीं जाना...वो इश्तेहार
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हटवा दो...
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लेकिन हुजूर... थोड़ा सा तो सहना होगा ना...हमारे मुस्तकबिल का सवाल है...
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अरे भाड़ में गया तेरा मुस्तक़बिल...तेरे मुस्तक़बिल के चक्कर मे मेरी #गुल्लक_चटका दी कमीनों ने....
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मोदीजी !!
अब ये तो जांच का विषय बन गया है,जब नेहरू ने इतना पैसा और इतनी दौलत छोड़ी तो इंदिरा गांधी ने युद्ध के लिए भारत की जनता से,पैसे,सोना चांदी क्यू उघराया,उघरया तो वो गया कहां और कौनसे हथियार खरीदे थे इंदिरा गांधी ने,
नेहरू के पास इतनी दौलत आई कहा से वो कोई राजा तो था नही,
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-नेहरू वकील थे पर वकालत ज्यादा किए नहीं
-पिता मोतीलाल भी वकील थे
-दादा गंगाधर मामूली कोतवाल थे
-परिवार में कोई उद्योगपति या जमींदार नहीं रहा
-1947 में 200 करोड़ मतलब आज का 2 लाख करोड़
सवाल यह है की क्या कोई वकील ईमानदारी से सिर्फ वकालत करके इतने पैसे कमा सकता है?
1920 के बाद
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से कांग्रेस पर ज्यादातर नेहरू परिवार का ही कब्जा रहा, तो क्या वो भोले भाले देशवासियों को आजादी के नाम पर बहलाने के लिए अंग्रेजो द्वारा दिए गए पैसे थे?
इस गालीबाज बाई के झूठ का सच्चाई
1:- नेहरू ने अपना कोई भी दौलत देश को दान नहीं दिया
#UPIcharges #UPI पर बड़ा हल्ला मचा हुआ है। हाय मर गए, हाय मोदी ने 1.1% tax लगा दिया। हाय अब गरीब जनता का क्या होगा। हाय रे मोदी ने लूट लिया...
सूचना युग की सबसे बड़ी त्रासदी ही यह है कि अधिकांश लोग सूचना को सुनते हैं... उसे समझते या सही से Interpret करने की जहमत नहीं उठाते।
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ऊपर से रोने धोने में जो Sadistic Pleasure मिलता हैं... ओहोहो उसका तो क्या ही कहना
UPI सेवा मुफ्त में उपलब्ध हैं, लेकिन इसमें थोड़ा सा बदलाव किया गया हैं.
Technicalities में नहीं जाएंगे.....सीधी बात करते हैं।
->आपके लिए UPI एकदम मुफ्त है, अगर आप अपने Bank Account से किसी और के
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Bank Account में Direct Transfer कर रहे हैं।
-> आप अपने wallet (Paytm, Phonepay, Googlepay) से किसी भी Individual के Wallet में मुफ्त में पैसा Transfer कर सकते हैं।
अब सवाल है कि फिर यह 1.1% Fees किस बात की हैं?
मान लीजिये आप एक दुकान पर जाते हैं... आपने 2000 रूपए तक का सामान
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आज एक मित्र की दुकान पर बैठे थे...
दुर्भाग्य से सपाई मित्र है...
थोड़ी ही देर में वहां कुछ और लोग आ गए जो विपक्षी पार्टियों के समर्थक थे और कुछ निकाय चुनाव के पार्षद उम्मीदवार भी ...!
अब वहां चल रही बातचीत के अंश सुनिए
जिसके वजह से मुझे कुछ नई नई जानकारी मिली..
आप भी ज्ञान 6/1
6/2 अर्जित करिये....
वर्तमान सरकार पूंजीपतियों को संरक्षण देती है..
दुनिया का 25% पैसा भारत के 20 व्यापारियों के पास है..
अडानी अम्बानी देश लूट के पैसा वाले हुए हैं
भारत की अर्थव्यवस्था 120 वें नम्बर पर आती है
भारत मे सरकार अडानी अम्बानी चलाते हैं
देश का पूरा पैसा इन्ही के
6/3 पास है बैंक में कुछ नही है
इस देश मे विपक्ष कमजोर है इसलिए सरकार तानाशाह है
कोई विपक्ष का नेता डर के मारे सरकार के खिलाफ नही बोलता क्योंकि ये सरकार गिरा देते हैं सीबीआई लगा देते हैं जेल भेज देते हैं अब तो सदस्यता भी खाने लगे...
कोटा पर केरोसिन मिलना बंद हो गया है पूरा
वीर सावरकर जी के पोते का सरनेम आज भी सावरकर है सरनेम उनके ही बदलते हैं जिनके DNA में मिलावट होती है.खान-नेहरू-गांधी? मिक्स परिवार,सही कहा ना @RahulGandhi और चमची @SupriyaShrinate आ गया ना स्वाद,तुम्हारा पप्पू ट्वीट डिलेट क्यों किया,मै सावरकर नही गांधी हूं,गांधी माफी नही मांगते
👇 twitter.com/i/web/status/1…
कांग्रेस के साथ समझौता के क्रम में पालघर हत्याकांड से लेकर पार्टी शिवसेना को खोने तक, उद्धव ठाकरे को मालूम हो चुका है कि महाराष्ट्र में उनकी राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है। फिर उन्होंने सावरकर को याद किया, ऐसे वक्त में जब कांग्रेस पार्टी खुलकर वीर सावरकर के खिलाफ बोल रही है,
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राहुल गांधी लगातार वीर सावरकर को अपमानित कर रहे हैं, उद्धव ठाकरे ने इस इस मुद्दे को भुनाने का बढ़िया मौका समझा। उद्धव ठाकरे ने 'सावरकर का अपमान नहीं सहेंगे' बयान देकर विपक्षी एकता में अब तक की सबसे बड़ी दरार पैदा कर दी।
राहुल गांधी सावरकर के प्रति अपने स्टैंड से इतने डर गए कि
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@sanghaviharsh जी ये बहुत गलत हुआ है आपको इसपर विचार करना होगा, #एक्सीडेंट में अपना एक पैर गवां चुकी एक हिंदू युवती अपने परिवार का पेट भरने के लिए सड़क के किनारे चाय बेचने की लारी लगाई तो आज अहमदाबाद की बहादुर पुलिस और अहमदाबाद नगर निगम के बहादुर कर्मचारी उसका ठेला उठाने के
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लिए आ गए
लेकिन भद्रकाली मंदिर से लेकर गांधी रोड तक 60 फुट की सड़क को 5 फुट बना देने वाले एक खास समुदाय के अतिक्रमण को हटाने की हिम्मत हमारे बहादुर अहमदाबाद पुलिस और हमारी बहादुर अहमदाबाद नगर निगम में नहीं है
आप कालूपुर चले जाइए दरियापुर चले जाइए जुहापुरा चले जाइए तीन दरवाजा
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से लेकर गांधी रोड तक सड़कों पर भयंकर अतिक्रमण इन लोगों ने किया है आप पैदल तक नहीं चल सकते
लेकिन एक खास समुदाय को सड़क पर कब्जा करके अपना सामान बेचने की छूट है लेकिन यदि आप हिंदू हैं तब आप सड़क के किनारे ठेला नहीं लगा सकते
🤔😜😂 अब क्या करेगा इस आलू का ये लालू, जब कलाकार ही नहीं रहा रंगमंच पर ? 🧐🤔😂😜
भारत जोड़ो यात्रा का परिणाम ये है कि...
बंदा इतना चला, इतना चला कि चला ही गया ( संसद से )!
राहुल जी की पत्रकार परिषद से लग रहा था कि कोर्ट ने इनको एक महीने के जामिन दिए हैं वोह भी सजा सुनाने
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के पश्चात ये उनको जयराम रमेश जी या पवन खेड़ा जी या सुरजेवाला जी ने समझाया नहीं है!
खैर आज श्रीमती वाड्रा जी ने अपनी सबसे ऊंची आवाज में मोदीजी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, उधर मोटाभाई सभी कार्य छोड़ कर इनकी 🎨🖌️ पेंटिंग कि बिक्री से प्राप्त हुवे धन का हिसाब किताब देखने बैठ गए!
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छोड़िए इन गुजरातियों को तो हिसाब किताब में बहुत मजा आता है, कलको स्विट्जरलैंड की 🏦🏧 बैंक में जाकर भारतीयों के अकाउंट कि जांच करेंगे! फोड़ने दिजिए इनको अपना सर, हम को क्या मतलब!
बाय द वे सिसौदिया जी के बाद सड़जी की बारी थी, ये काग्रेस के 52 वर्षीय युवा नेता कहांसे आ गए?
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