(1) बटुकेश्वर दत्त ने 1929 में अपने साथी भगत सिंह के साथ मिलकर अंग्रेजी सेंट्रल लेजिस्लेटिव एसेम्बली में बम फेंक, इंकलाब ज़िंदाबाद के नारों के साथ आजन्म काला-पानी स्वीकार किया था।
(2) आजादी के बाद भी वे सरकारी उपेक्षा के चलते गुमनामी और उपेक्षित जीवन जीते रहे।
(3) जीवन निर्वाह के लिए कभी एक सिगरेट कंपनी का एजेंट बनकर पटना की गुटखा-तंबाकू की दुकानों के इर्द-गिर्द भटकना पड़ा तो कभी बिस्कुट और डबलरोटी बनाने का काम किया।
(4) जिस व्यक्ति के ऐतिहासिक किस्से भारत के बच्चे-बच्चे की ज़ुबान पर होने चाहिए थे उसे एक मामूली टूरिस्ट गाइड बनकर गुजर-बसर करनी पड़ती है।
(5) देश की आजादी और जेल से रिहाई के बाद दत्त पटना में रहने लगे. पटना में अपनी बस शुरू करने के विचार से जब वे बस का परमिट लेने
पटना के कमिश्नर से मिलते हैं तो कमिश्नर द्वारा उनसे उनके #बटुकेश्वर_दत्त होने का प्रमाण मांगा गया ।
(6) उन्होंने बिस्कुट और डबलरोटी बनाने का काम भी किया।
पटना की सड़कों पर खाक छानने को विवश बटुकेश्वर दत्त की पत्नी मिडिल स्कूल में नौकरी करती थीं जिससे उनका गुज़ारा हो पाया।
(7) अंतिम समय उनके 1964 में अचानक बीमार होने के बाद उन्हें गंभीर हालत में पटना के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, पर उनका ढंग से उपचार नहीं हो रहा था।
इस पर उनके मित्र चमनलाल आजाद ने एक लेख में लिखा, क्या दत्त जैसे क्रांतिकारी को भारत में जन्म लेना चाहिए,
परमात्मा ने इतने महान शूरवीर को हमारे देश में जन्म देकर भारी भूल की है. चमनलाल आजाद के मार्मिक लेकिन कडवे सच को बयां करने वाले लेख को पढ़ पंजाब सरकार ने अपने खर्चे पर दत्त का इलाज़ करवाने का प्रस्ताव दिया। तब जाकर बिहार सरकार ने ध्यान देकर मेडिकल कॉलेज में
उनका इलाज़ करवाना शुरू किया. पर दत्त की हालात गंभीर हो चली थी।
(8) 22 नवंबर 1964 को उन्हें दिल्ली लाया गया. दिल्ली पहुंचने पर उन्होंने पत्रकारों से कहा था, “मुझे स्वप्न में भी ख्याल न था कि मैं उस दिल्ली में जहां मैने बम डाला था, एक अपाहिज की तरह स्ट्रेचर पर लाया जाउंगा.”
दत्त को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती किये जाने पर पता चला की उन्हें कैंसर है और उनके जीवन के कुछ दिन ही शेष बचे हैं। यह सुन भगत सिंह की मां विद्यावती देवी अपने पुत्र समान दत्त से मिलने दिल्ली आईं।
(9) वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री रामकिशन जब दत्त से मिलने पहुंचे और
उन्होंने पूछ लिया, हम आपको कुछ देना चाहते हैं, जो भी आपकी इच्छा हो मांग लीजिए। छलछलाई आंखों और फीकी मुस्कान के साथ उन्होंने कहा, हमें कुछ नहीं चाहिए। बस मेरी यही अंतिम इच्छा है कि मेरा दाह संस्कार मेरे मित्र भगत सिंह की समाधि के बगल में किया जाए।
(10) 20 जुलाई 1965 की रात एक बजकर 50 मिनट पर दत्त इस दुनिया से विदा हो गये. उनका अंतिम संस्कार उनकी इच्छा के अनुसार, भारत-पाक सीमा के समीप हुसैनीवाला में भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की समाधि के निकट किया गया।
(11) उक्त प्रसंग प्रत्येक भारतीय को ज्ञात होना चाहिए और चिंतन करना चाहिए कि ऐसे कई युवा अपना यौवन, सुख सुविधाएँ , परिवार के कष्ट निवारण की आशाओं पर तुषारापात कर देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करते हुए बलिदान हुए, उनमें से ऐसे कुछ ही लोग भाग्य से स्वतंत्रता का दिन देख पाए ।
लेकिन उन्हें कष्ट भोगने पड़े, उसका दोषी कौन?
(12) उन लोगों को आज हम अज्ञात कह देते हैं लेकिन तब के अखबारों की सुर्खियां गवाह है कि वे अज्ञात तो नहीं ही थे। तब के रेडियो में प्रमुख खबरों में होते थे उनके नाम।
शहरों में उनके पोस्टर लगते थे,
मोटी इनामी धनराशि का लालच देकर उनके लिए मुखबिरी करवाई जाती थी। (13) तो फिर बाद में वे अनाम कैसे बना दिए गए? भगतसिंह के साथ बम फेंकने वाले बटुकेश्वर दत्त को कालापानी की सजा हुई, जो कि मृत्युदण्ड से भी अधिक दुखदायी थी,अतः फाँसी से कमतर सजा नहीं थी।
फिर भी आज न कोई नामलेवा है,न साधारणतः कोई जानता है, न कहीं फोटो सहज उपलब्ध हैं।
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🍁 *क्या आप कुछ सत्य जानना चाहते हैं? यदि हाँ, तो पढ़िए!* 🍁
एक कितना शानदार झूठ फैला दिया जाता है, कि कांग्रेस सरकारी बैंक बनाती है, और *मोदी सरकार उसे बेच देती है,* और काफी सारे नागरिक उस झूठ पर विश्वास भी कर लेते हैं!
आज जो निजी क्षेत्र के ३ सबसे बड़े बैंक हैं,
यानी ICICI बैंक, HDFC बैंक, और AXIS बैंक - यह तीनों कभी सरकारी हुआ करते थे, लेकिन पी.वी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री रहे डॉ.मनमोहन सिंह ने इन्हें बेच दिया!
ICICI का पूरा नाम था इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया! यह भारत सरकार की ऐसी संस्था थी,
जो बड़े उद्योगों को ऋण देती थी!
लेकिन एक झटके में वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इसका डिसइनवेस्टमेंट करके, इसे प्राइवेट बना दिया, और इसका नाम और ICICI बैंक हो गया!
आज जो HDFC बैंक है, उसका पूरा नाम हाउसिंग डेवलपमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया था! यह भारत सरकार की एक ऐसी संस्था हुआ
Many Hindus injured after the attacks by Islamists in Hoogly, West Bengal.
Looks like Bl00dY war started for 2024. R!0t$ across WB, Bihar. Hindus running Helter-skelter. Tough times ahead as cabal wants disturbances and looking for entry point to
unite against Bharat's growing supremacy. G20 Presidency and all delegates are inside our Country
Crucial National security meet went, we have big plans and we are forced to decoy on internal turbulence. Cabal knows about Chicken Neck being taken over soon by Centre.
These are sample, for what to come in such a situation. They know the Chicken neck plan which is on my table too and once that happens, Mamata will reduce to dust
Recently Bhutan PM said, China is also part of discussion on Chicken Neck DOKLAM Corridor.
Why Germany and US made statements about Rahul Gandhi?
They never made any statement. This is called "extraction of the statement" by anti-India lobby in Germany and US
But why it was required?
Rahul Gandhi couldn't gain ground within India from Bharat Jodo yatra and later whatever was left he screwed in UK. So this court order was an opportunity.
Priyanka played this in a hope that at least now due to sympathy opposition will come together with Rahul Gandhi.
She knows no one will support and he has to go to Jail if the appeal is not filed
She knows if Pappu goes to Jail, the entire congress worker and partners will get the energy to fight on a Sympathy wave
But
When a few opposition people started whispering support,
यह बच्चा। उसे कुछ पता नहीं है कि वह क्या कर रहा है। उसने बस सड़क के बीच से एक छड़ी उठाई, फंसी हुई वस्तुओं से टकराने का जोखिम उठाया और दौड़ना शुरू कर दिया, हालाँकि वह मुश्किल से भीड़ की दिशा में भाग रहा था। इसके बाद वह अपने नए खिलौने का इस्तेमाल करने के लिए एक आसान लक्ष्य की twitter.com/i/web/status/1…
तलाश में था। काफी जल्दी उसे वह मिल गया। उन्होंने एक व्यक्ति को देखा जो भीड़ से बचने की कोशिश कर रहा था और विपरीत दिशा में भाग रहा था। लड़के ने शायद त्वरित आकलन किया होगा कि डरा हुआ आदमी दंगे में भाग नहीं ले रहा है। इसलिए यह संभावना नहीं है कि वह जवाबी कार्रवाई करेगा।
और फिर वह क्रोधित आदमियों के अपने पक्ष से घिरा हुआ है। लड़का जानता था कि यह उसका क्षण है। उसने अपना दिमाग लगाया, संपर्क किया, कड़ा रुख अपनाया और अपनी पूरी ऊर्जा के साथ सही समय पर उस आदमी को मारा। बिल्कुल निडर। दंगों में यह उनकी पहली हिट हो सकती है।
1. To confuse the cool dude urban generation who are degree obsessed that PM would have a fancy degree and I am the only one with IIT Degree. and AAP supporters are full of such people
2. He knows Rahul Gandhi is done and dusted.
The opposition is fragmented, so he is the best bet for PM Candidate. Since congress failed to lead the opposition and failed to bring opposition under Rahul Gandhi as lead, he is the best option and well-known nationwide, and the only option @INCIndia@Jairam_Ramesh@Pawankhera
एक तो वहाँ कानून व्यवस्था बिगड़ गई है, ख़ालिस्तानी आंदोलन जोर शोर से चल रहा है, काम धंधे आ नहीं रहे, कोई invest करना नहीं चाहता... किसान यूनियन वाले हर दूसरे दिन किसी न किसी बहाने से धरना देने बैठ जाते हैं। @AamAadmiParty @ajitanjum
अब ऐसे में सरकार अपनी उपलब्धि कैसे दिखाए?? पहली बात तो यह है कि उपलब्धि हो तो दिखाए।
ऐसे में श्रीमान भगवंत मान जी और दिल्ली के महान केजरीवाल जी ने एक meeting की.. और सोचा कि किस तरह पंजाब में हो रहे कामों को बड़े स्तर पर दिखाने का कोई जुगाड़ बैठाया जाए। @ArvindKejriwal
भगवंत मान साहब को समझ नहीं आ रहा था कि दिखाएं क्या... ऐसे में दुनिया के एकमात्र IITian श्री श्री 420 केजरीवाल साहब ने एक idea दिया।