छः अप्रैल को हनुमान जयंती है। पिछले सात वर्षों की सात प्रमुख घटनाएँ, जब इस्लामी भीड़ ने #HanumanJayanti शोभायात्रा पर योजनाबद्ध तरीके से पत्थरबाजी आदि की।
1. 16/04/22: दिल्ली की जहाँगीरपुरी में शोभायात्रा पर भारी पथराव। मोहम्मद अंसारी समेत 14 गिरफ्तार, 2063 पन्नों की चार्जशीट।… twitter.com/i/web/status/1…
24/04/22: आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में 15,000 हिन्दुओं की शोभायात्रा पर मुस्लिम भीड़ ने पत्थरबाजी की, काँट की बोतलें फेंकी। हिन्दू-विरोधी नारेबाजी की और अभद्र शब्दों के प्रयोग के साथ देवी-देवताओं को गाली दी। मूर्ति पर बीयर की बोतलें फेंकी गईं।
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16/04/22: उत्तराखंड के भगवानपुर क्षेत्र में शोभायात्रा पर मुस्लिमों द्वारा भयावह पथराव। मंडावर पुलिस चौकी प्रभारी समेत 10 गंभीर रूप से घायल।
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16/04/22: महाराष्ट्र के अमरावती के अचलपुर शहर के धूला गेट पर हनुमान जयेती शोभायात्रा में भगवा झंडा लहराने पर मुस्लिम भीड़ द्वारा भारी पथराव। कई लोग घायल हुए। 16 आरोपित गिरफ़्तार।
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16/04/22: आंध्र प्रदेश के कुरनूल के होलागुंडा गाँव में शोभायात्रा पर मुस्लिम दंगाइयों द्वारा पथराव की घटना में 15 लोग घायल हुए। पुलिस ने हिंसा के बाद 20 लोगों को बंदी बनाया।
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31/03/18: राजस्थान के पाली में हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में निकाली गई झाँकियों पर विरोध जताते हुए कई जगह पथराव किया। एक बस, दो जीप और कई दुकानों में आग लगा दी।
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03/04/15: मध्यप्रदेश के नीमच जिले के खुर्रा गली में हनुमान जयंती का शोभायात्रा के पहुँचते ही मुस्लिम लोगों के घरों की छतों से पथराव किया गया। विरोध करने पर कई दुकानों, वाहनों और ठेलों में आग लगा दी गई। 6 पुलिसकर्मी समेत 35 लोग घायल हुए थे।
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1. मुंतशिर राघवायण: सीतहारण, जटायु वध राम ने देखा, शबरी राम के पास आती है, अशोक वाटिका में चेरी ब्लोसम, शबरी राम के पास स्वयं आती है, वानर राज सुग्रीव चिम्पांजी राज हैं, नल-नील प्रकरण की जगह समुद्र कहता है डूबने नहीं दूँगा पत्थर, जानबूझकर… twitter.com/i/web/status/1…
2. निर्देशन: अतिघटिया
१. राम की व्याकुलता, उनकी सौम्यता, राम के वनवास का भाव कहीं नहीं
२. केवल रावण का पात्र आपको याद रहता है, वह भी नकारात्मक कारणों से
3. पात्रों का विकास कहीं नहीं, जो जैसा है वैसा ही रह जाता है
यूँ तो मैं शूकरों के मुँह नहीं लगता (विशेषतः, उनके जिनके बापों ने तलवार देख कर सलवार पहन ली थी) पर, कुछ लिंक दे देता हूँ भारतीय मुसलमानों द्वारा आतंकियों के लिए दुआ पढ़ने, समर्थन करने और मस्जिदों से आह्वान के:
जब मैं मंत्रियों को बिल गेट्स की बड़ाई करता या उसकी बातों में स्वीकार्यता ढूँढता देखता हूँ तो दुख होता है। बिल गेट्स ने उड़ीसा के आदिवासी समाज की सैकड़ों लड़कियों पर वैक्सीन ट्रायल करवाए जिससे वो या तो बाँझ हो गईं, या मर गईं।
इससे चिपकना दुर्भाग्यपूर्ण है।
गेट्स सोरोस का ही प्रतिरूप है। अजेंडा वही है। महामारियों में पैसे कमाने वाले लोग हैं ये। सहायता के नाम पर भारत की जनसंख्या पर अवैध शोध करना चाहते हैं। मंत्रियों से निकटता इसमें सहायक होगी। हम गिनी पिग नहीं हैं। नेताओं को समझना चाहिए कि गोरी चमड़ी के चक्कर में वो कहाँ जा रहे हैं।
भागवत जी ने जो बोला उस पर जो भी स्पष्टीकरण आ रहे हैं, वो किसी भी तरह से तार्किक नहीं लग रहे। 'पंडित' का अर्थ अगर हम 'विद्वान' भी मानें, तब भी प्रश्न यह आता है कि क्या विद्वानों ने जातियाँ बनाईं? जातियाँ उतनी ही सनातन हैं, जितना हमारा धर्म। हाँ, वर्तमान में इसमें विकृति आई है।
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विकृति लाने वाले कौन थे? शास्त्रज्ञ विद्वान या फिर अंग्रेज, जिनकी 'रेस थ्योरी' की नौटंकी आज तक चल रही है। क्या किसी भी ग्रंथ में मुगल और अंग्रेजी शासन से पहले कथित जातियों को ले कर भेदभाव का उल्लेख है? तो ये 'विद्वान' कौन थे? जातिवाद पर चर्चा करते हुए उनका ही नाम ले लेते!
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यदि जातिवाद मिटाने की बात करनी है, तो आप ब्राह्मणों को अनंतकाल तक गरिया कर कैसे मिटा लेंगे? जातिवाद है, और जिनके पूर्वजों ने तब से आज तक इसे किसी रूप में ढोया है, उसका अपराध आज की पीढ़ी पर, वह भी सामूहिक रूप में क्यों? क्या जातिवाद के लिए आरक्षण दोषी नहीं?
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