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"बुराई का अंत बुरा ही होता हैं"

12 बीघा उपजाऊ जमीन छीना,,पति गायब,,बेटे पर फायरिंग,,घर में घुसकर कई बार पीटा…अतीक अहमद से 33 साल से लड़ रहीं सुरजकली कुशवाहा उर्फ़ जयश्री जी ! इन्हे क्या आप जानते है
नहीं ना तो 👇🏻जानें!
#आतंक_का_अंत
#अतीक़अहमद Image
यूपी के प्रयागराज में धूमनगंज इलाके के झलवा की रहने वाली जयश्री के पति बृजमोहन कुशवाहा के पास 12 बीघा से अधिक जमीन थी। इस पर बढ़िया खेती होती थी। परिवार का
पालन-पोषण हो रहा था। लेकिन एक दिन अचानक सब कुछ बदल गया। जयश्री के पति गायब हो गए। जमीन पर अतीक का कब्जा हो गया।
जयश्री कहती हैं कि अतीक के अब्बू फिरोज के पास लाल रंग का एक ट्रैक्टर था। इस ट्रैक्टर से किसानों के खेतों की जुताई-बुवाई होती थी। यही ट्रैक्टर उनके खेत में भी चलता था। लेकिन उनकी जमीन देखकर अतीक के मन में लालच जाग गया।
अतीक का करीबी लेखपाल मानिकचंद श्रीवास्तव एक दिन जयश्री के पास आया और कहा कि उनकी जमीन शिवकोटी सहकारी आवास समिति के नाम पर दर्ज हो गई है।
दरअसल, अतीक ने शिवकोटी सहकारी समिति बनाकर जयश्री की पूरी जमीन अपने नाम करवा ली थी।
यही नहीं अतीक ने इसमें दो लोगों को सचिव बनाया और इस जमीन को बेचना शुरू कर दिया।
जयश्री के अनुसार 1989 में एक दिन उनके पति अचानक से गायब हो गए। वह कहाँ गए किसी को पता नहीं। इसके कुछ दिनों बाद उन्हें पता चला कि जमीन अब उनकी नहीं रही।
जमीन जयश्री और उनके परिवार के जीवनयापन का सबसे बड़ा सहारा था। इसलिए उन्होंने गाँव वालों से सहायता माँगी और अपनी जमीन वापस पाने के लिए कोर्ट में आपत्ति दाखिल कर दी। इस बीच उन्हें यह पता चल गया था कि जमीन हड़पने का पूरा खेल अतीक अहमद का था।
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
उन्होंने बताया कि जब उनकी जमीन हड़पी गई, तब अतीक अहमद विधायक था। उसने उन्हें कई बार अपने कार्यालय में बुलाया। अतीक के बुलावे पर जब वह पहली बार गईं तो उसने कहा कि तुम्हारा पति मेरा बहुत खास था। अब नहीं रहा। इसलिए अब तुम्हारे परिवार जिम्मेदारी मेरी है।अपनी जमीन दे दो और घर में रहो।
जयश्री ने इनकार किया तो अतीक भड़क गया। कहा कि जिस तरह तुम्हारे पति को गायब करवाया है, उसी तरह तुमको भी गायब करवा दूँगा।
जयश्री के अनुसार इसके बाद अतीक के किराए के गुंडों ने कई बार घर में घुसकर उनके साथ मारपीट की। उन्हें लगातार धमकी देते रहे। लेकिन उन्होंने हमेशा ही अतीक का डटकर मुकाबला किया।
वे अपने भाई प्रह्लाद कुशवाहा की करेंट लगने से हुई मौत के लिए भी अतीक अहमद को जिम्मेदार ठहराती हैं।
उनका कहना है कि बीते 30 सालों में उन पर 7 बार हमला हुआ। अतीक के गुंडों ने सैंकड़ों बार उन्हें धमकियाँ दीं। साल 2016 में उनके घर के सामने बेटे और परिवार पर हमला हुआ। इसमें उनके बेटे को गोली लगी थी। लेकिन इस बार बेटे की जान बच गई।
जयश्री के अनुसार वह कई सालों तक कोर्ट और थाने के चक्कर काटती रहीं। लेकिन अतीक के खिलाफ कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही थी।
साल 1991 में उन्हें अतीक के खिलाफ पहली FIR करवाने में कामयाबी हासिल हुई।
लेकिन साल 2001 में आरोपों को निराधार बताकर केस बंद कर दिया गया। 2005 में जयश्री को बड़ी सफलता मिली। सीलिंग एक्ट से अनुमति नहीं मिलने के कारण शिवकोटी सहकारी आवास समिति का नामांतरण रद्द हो गया। इसके बाद जमीन उनके नाम पर दर्ज कर दी गई।
साल 2007 में सूबे के सियासत में परिवर्तन हुआ यानि मायावती सत्ता में लौटी तो इसके बाद अतीक के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और कार्रवाई का सिलसिला शुरू हुआ।
और योगी बाबा के शासन काल में अतीक का अंत को तो देख ही रहे हैं।
ये खानदानी क्रिमिनल है इसी को इन्होने धंधा बना लिया था..
इनको राजनीतिक दल ख़ासकर सपा का संरक्षण प्राप्त था....
जयश्री के वकील केके मिश्रा का कहना है कि इस मामले में कुल 4 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
लेकिन सभी मामलों में अब तक पुलिस विवेचना भी पूरी नहीं हो पाई है। पुलिस ने अतीक और अशरफ के अलावा किसी अन्य आरोपित के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल नहीं की है। जयश्री और उनके परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखकर प्रशासन ने दो जवान तैनात किए हैं।

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Apr 17
जब योगी आदित्यनाथजी ने BJP छोड़ दी…

बात अक्टूबर 2005 की है UP का एक माफिया, नाम था मुख़्तार अंसारी, वो खुली जीप में हथियार लहराते हुए मऊ में साम्प्रदायिक दंगा करवा रहा था।
#योगी_बाबा
#मुख्तार_अंसारी
3 दिन बीत चुके थे, दंगे को उस वक़्त UP के CM थे। मुलायम सिंह यादव और वो भी कई बार बोल चुके थे कि मुझसे बड़ा गुंडा इस UP में नही है।
ये बात वो सिंर्फ़ योगी जी के लिये बोलते थे..जब दंगे को तीसरा दिन था, तो प्रशासन और UP के CM इस दंगे पे कुछ भी नहीं कर रहे थे मूक दर्शक बने बैठे थे…
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तब मऊ से 64 KM दूरी पे गोरखपुर में बैठे योगी जी को ये दंगा बर्दास्त नहीं हुआ और वो BJP के सारे बड़े नेता… अटल जी, आडवाणी जी, मुरली जी और राजनाथ जी को सीधी चुनौती दे दी।
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Apr 17
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Handed over an important port to Adani despite multiple protests and objections.. Image
Used extreme violence against poor, minority, Christian fishermen so that Adani can make a private profit..

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Below is an authentic picture from BBC about the public protest against the port being handed over to Adani.

If you didn’t know what I am talking about, this will catch you by surprise.
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Apr 17
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It's most unfortunate that murderer gangsters thugs criminals( referred to as dons by the media for hype and sort of awe among ordinary people) become Ministers mp s mla s though there's a system of police verification for even a clerk job in goverment.
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Apr 17
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अतीक का मर्डर का मुसलमानों के मन मे भय व बाबा के प्रति घृणा पैदा करके उनके वोट का एकत्रीकरण करके सत्ता हासिल करना अखिलेश का उद्देश्य तो नहीं। कही ये सोची समझी गई साजिस तो नही...
अतीक ने अपने कश्मीर और पाकिस्तान से संबंध के विषय में कई राज खोले और अतीक सपरिवार सरकारी गवाह बनने को तैयार हो गया था..
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Apr 16
ये रोंगटे खड़े करने वाले तरीके से..on camera.. कई राउंड फायरिंग कर दहशत खड़ा करना और अपनी करतूतों को छिपाने के लिए..हिंदुओं को बदनाम करने के लिए अपराधियों द्वारा...बाबा के विरोधियों द्वारा जिस तरीके से अतीक और अशरफ की हत्या कराई गई है ये बहुत ही बड़ी राजनीतिक चाल है..
#अतीक_अशरफ Image
अतीक के गिरते प्रभाव.... बेटे के एनकाउंटर के बाद वह जिस तरीके से टूट चूका था ऐसे में यह निश्चित था की आगे चलकर वह बहुत बड़े बड़े राजनीतिक चेहरों का नाम सामने लाता..... जिन लोगों ने उसके प्रभुत्व को बढ़ावा दिया.... इंटरनेशनल डॉन बनाया....
संपत्ति में इजाफा कराया..... उन सबका कच्चा चिट्ठा खुलने वाला था...! ऐसे में कहीं वह सारा राज न खोल दे..... अतीक का मुंह बंद कराना बहुत जरूरी था.....।

जब गोली मारी गईं तब भी वह गुड्डू मुस्लिम के बारे में कुछ बताना चाह रहा था....!!
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Apr 16
यदि आप कल के दृश्यों से परेशान हैं, तो आपको पुरानी यादों की गलियों में चलना चाहिए।

राजू पाल ने उपचुनाव में अतीक के आदमी को हराया था। 25 जनवरी को विधायक राजू पाल कार में एक महिला के साथ अपनी टोयोटा चला रहे थे।
#अतीक_अहमद
#राजू_पाल Image
2 स्कॉर्पियो कुछ देर से उसका पीछा कर रहे थे।
दोनों स्कॉर्पियो ने उसे घेर लिया, लगभग दर्जन + शार्प शूटरों ने नीचे उतरकर सैकड़ों गोलियां चलाईं, 9 एमएम और एके47 से सैकड़ों राउंड मिनट तक चले। 19 गोलियां राजू पाल के शरीर में लगीं और शूटर भाग गए।
अशरफ के राजू पाल से चुनाव हारने के बाद अतीक काफी गुस्से में था। गोली मारने के बाद जो हुआ वह खून जमा देने वाला है।
राजू पाल के समर्थक उनके शव को टेंपो में रखकर अस्पताल की ओर चल पड़े। अब यह खबर अतीक तक पहुंचती है। वह अपने निशानेबाजों को वापस भेज देता है।
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