परशुराम जी भगवान #विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। अक्षयतृतीया के दिन #परशुरामजयंती भी मनाई जाती है परशुराम जयंती पर पढ़ें परशुराम और कर्ण का एक प्रेरक प्रसंग
महाभारत की कहानियां हमें जीवन में प्रेरणा देती है। महाभारत की एक प्रसिद्ध कथा है जब परशुराम जी ने कर्ण को असत्य बोलने👇
के लिए श्राप दिया था।
कर्ण धनुर्विद्या प्राप्त करना चाहते थे। गुरु द्रोण ने उसे शिक्षा देने से मना कर दिया क्योंकि वह केवल क्षत्रियों को ही शिक्षा देते थे और कर्ण सूत पुत्र था।
कर्ण शिक्षा ग्रहण करने परशुराम जी के पास चले गए क्योंकि वह केवल ब्राह्मणों को ही शिक्षा देते थे।
इसलिए कर्ण ब्राह्मण का रूप धारण कर परशुराम के पास थे और धनुर्विद्या प्राप्त करने लगे।
कर्ण ने निष्ठा से धनुर्विद्या परशुराम जी से सीखी और कुछ ही समय में इस विद्या में पारंगत हो गए। एक दिन परशुराम जी और कर्ण वन में धनुर्विद्या का अभ्यास कर रहे थे। अभ्यास के दौरान जब परशुराम जी
थक गए तो कर्ण की गोद में सिर रखकर सो गए।
तभी एक बिच्छू ने कर्ण को काटना शुरू कर दिया। गुरु की निद्रा में कोई विध्न ना हो इसलिए कर्ण उस दर्द को सहता रहा। अपने शरीर के किसी भी हिस्से को हिलाया नहीं।
उस समय के पश्चात जब महर्षि परशुराम की नींद खुली तो कर्ण के शरीर से खून की धारा
बह रही थी। उन्होंने कर्ण से जब पूरा प्रसंग जाना और पूछा कि तुमने इस कीड़े को हटाया क्यों नहीं। कर्ण कहने लगा कि, मैं गुरु की सेवा में किसी तरह का व्यवधान नहीं डालना चाहता था।"
यह सुनते ही परशुराम जी क्रोधित गए और कहने लगे कि तुमने मुझसे बोलकर शस्त्र विद्या ली है क्योंकि इतनी
सहनशक्ति किसी ब्राह्मण में नहीं अपितु क्षत्रिय में ही हो सकती।
उन्होंने कर्ण को अपनी असली पहचान बताने के लिए कहा करण कहने लगे कि गुरुवर मैं क्षत्रिय नहीं अपितु सुत पुत्र हूं। परशुराम कहने लगे कि," तुमने झूठ बोलकर शिक्षा प्राप्त की है इसलिए मैं तुम को श्राप देता हूं कि इस जिस समय
तुम्हें सबसे ज्यादा जरूरत हो तुम तुम मेरे द्वारा सिखाई की शिक्षा भूल जाओगे और वही तुम्हारी मृत्यु का कारण बनेगा
कर्ण ने गुरु के चरणों में गिरकर क्षमामांगी और कहने लगे कि गुरुदेव मैं तो बस धनुर्विद्या सीखना चाहता था आप केवल ब्राह्मणों को शिक्षा देते थे इसलिए मैंने आपसे झूठ बोला था
परशुराम जी कहने लगे कि," मैं अपना शाप को वापस तो नहीं ले सकता लेकिन मेरा आशीर्वाद है कि जब भी महान योद्धाओं की बात की जाएगी तो तुम्हारा नाम जरूर आएगा।"
इसी शाप के परिणामस्व रूप जब महाभारत युद्ध के सत्तारवें दिन कर्ण का पहिया जमीन में धस गया था तभी अर्जुन ने दिव्यास्त्र से कर्ण
को मार दिया। कर्ण उसका तोड़ तो जानता था लेकिन श्राप के कारण वह का अनुसंधान करना भूल गया। इस तरह कर्ण को अपने गुरु के साथ बोले गए झूठ का परिणाम भुगतना पड़ा।
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को चोर कहती है सैनिक की वीरता के प्रमाण मांगती है ये तक बयान दिया काndग्रेस ने कि हमारे जवानों की चीन द्वारा पिटाई की गई है ऐसी पार्टी की एक विचार धारा बची है और वो है देशद्रोह व देश के विरुद्ध कार्य करने की विचारधारा कुछ लोग काndग्रेस में"प्रथम श्रेणी के नागरिक"हैं जिस लिए काँगी
नेता अलग कानून की मांग कर रहे हैं"...?
पवन खेड़ा जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के स्वर्गीय पिता के लिए अपमानजनक शब्द बोलने में आगे रहता है,मोदी को कह रहा है कि हम मोदी को दोस्ताना सलाह देंगे कि जिस व्यक्ति को राहुल गन्दगी और काndग्रेस ने इतना आगे बढ़ाया वह जब काndग्रेस का ना हुआ
समलैंगिक शादी की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने अजीब बात की ।
कहा बायोलॉजिकल पुरुष जैसी कोई चीज नहीं होती, गुप्तांग आपके जेंडर को परिभाषित नहीं करते, एक पुरुष भी खुद को अगर महिला की तरह Identify करना चाहे तो कर सकता है
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता👇
कह रहे हैं कि बायोलॉजिकल पुरुष का मतलब और कुछ हो नहीं सकता बायोलॉजिकल पुरुष मतलब बायोलॉजिकल पुरुष ही है लेकिन मुख्य न्यायाधीश मानने को तैयार ही नहीं हैं । बच्चा पैदा होता है तो गुप्तांग के आधार पर ही कहते हैं कि लड़का है या लडक़ी लेकिन मुख्य न्यायाधीश कह रहे हैं कि नहीं, ऐसा नहीं
ही सकता ।
उल्टे चंद्रचूड़ साहब ने सवाल किया क्या शादी के लिए अलग-अलग लिंग का होना जरूरी है ?
फिर कहा "मैं हूँ सुप्रीम कोर्ट का इंचार्ज , मैं करूँगा फैसला , प्रक्रिया क्या होगी ये बताने की अनुमति किसी को नहीं दूँगा।"
इन जज साब का भारतीय संस्कृति से कोई लेना देना नहीं है, ये बस
यदि जननागों के आधार पर महिला पुरुष की परिभाषा समाप्त कर दी गई तो महिलाओं के लिए बनाए गए अधिकार और सुरक्षा के क़ानून की उपयोगिता समाप्त हो जाएगी।
पुरुष ख़ुद को महिला बताकर महिलाओं के खेल में हिस्सा लेंगे,उनके बाथरूम टॉयलेट का इस्तेमाल करेंगे। बलात्कार करने के पश्चात यह कहकर की👇
वह महिला हैं इस कारण बलात्कार के क़ानून के दायरे से बाहर हैं, बच जाएँगे। बच्चा गोद लेने के लिए बनाए क़ानून में भी गड़बड़झाला हो जाएगा। पुरुष स्वयं को महिला घोषित करके बच्चों को गोद ले लेंगे। महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों पर पुरुष स्वयं को महिला घोषित करके क़ब्ज़ा कर लेंगे।
महिलाओ
के छात्रावास में पुरुष ख़ुद को महिला बताकर रहेंगे और बलात्कार आदि होने पर भी जेंडर फ्लूईडीटी बताकर ख़ुद को बचने का भी रास्ता खोज लेंगे।
चीफ़ जस्टिस द्वारा पश्चिम की नक़ल करने की जो ललक है उससे पहले उन्हें इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि समाज के 001% लोगों को अधिकार देने के लिए
अक्षय तृतीया।सत्-त्रेता के साथ साथ भगवान परशुराम के प्राकट्योत्सव का दिन। ऐसी तिथि जिसका क्षय नहीं होता और ऐसा ईश्वरीय अवतार परशुराम जिनके तेज का क्षय नहीं हो सकता।
प्रयास कर रहा हूँ कि प्रभु श्रीराम की दृष्टि से भृगुकुल तिलक भगवान परशुराम को देख सकें।
वे परशुराम जो तपवंत है👇
अन्याय, उच्छृंखलता, उद्दण्डता, अनीति, अत्याचार के विरुद्ध नीति, संस्कार, नियम, सनातन परंपरा एवं धर्मशील राजतंत्र की स्थापना के लिये वे अवतरित हुए।
ऐसे भगवान परशुराम की स्वयं त्रिकालभवंता श्रीराम स्तुति करते हैं रामचरितमानस के मर्मज्ञ संतों से मैंने सुना है कि मानस में कुल अट्ठाईस
स्तुति आई हैं। वस्तुतः स्तुति नहीं वरन अस्तुति ही की गई है (अस्तुति की चर्चा फिर कभी), किंतु प्रभु श्रीराम ने भगवान परशुराम की स्वयं स्तुति की है। प्रभु श्रीराम भगवान परशुराम से कहते हैं....
"देव एकु गुनु धनुष हमारें।
नव गुन परम पुनीत तुम्हारे।।
तथा
"विप्र वंश कै अस प्रभुताई
यदि लैंगिकता के आधार पर स्त्री-पुरुष का निर्धारण नहीं होगा तो कितनी अव्यवस्था फैल जाएगी
इसका शायद अनुमान भी यह टिप्पणी करने वाले जजों को नहीं है
कल कोई पुरुष कहेगा कि
मैं ऐसा मानता हूंँ कि मैं स्त्री हूँ और मेट्रो ट्रेन में महिला डिब्बे में सवार हो जाएगा तो उसे किस कानून के तहत👇
रोकेंगे?
किसी ने कहा कि वह तो स्वयं स्त्री मानता है... कोर्ट उसे इस आधार पर छोड़ देगी कि 'यह स्त्री है', दूसरी स्त्री का बलात्कार नहीं कर सकती?
यदि कोई पति-पत्नी तलाक के लिए अदालत पहुंचे, पत्नी भरण-पोषण मांगा और पति ने कह दिया कि
'मैं तो स्वयं को स्त्री मानता हूँ।तो क्या होगा?
चूंकि स्वयं सुप्रीमकोर्ट कह चुका है कि लैंगिकता के आधार पर स्त्री-पुरुष का निर्धारण नहीं हो सकता, तो भला उस महिला को खुद को महिला मानने वाले पति से भरण-पोषण कैसे दिलाएगा?
यदि कोई पुरुष कहेगा कि 'मैं स्वयं को गर्भवती स्त्री मानता हूँ, इसलिए मुझे मातृत्व अवकाश दो, तो क्या उसे