एक मिशनरी स्कूल कि बात, जहाँ पर समय समय पर मोरल साइंस पढ़ाने के नाम पर कुछ लोग आते रहते थे और मोरल साइंस के बहाने वो कुछ ऐसे सवाल कर जाते थे जिस से लोग ये सोचने लगे की हमारा धर्म खराब है।ऐसा ही एक सवाल पूछा गया था
सवाल ये था की रामायण राम की व्यक्तिगत लड़ाई थी,महाभारत कुरु👇
परिवार की लड़ाई थी, तो फिर हमारे भगवान् ने इतने सारे निर्दोष लोगो को युद्ध में क्यों लड़ा दिया, उनका तो कोई लेना देना नहीं था, क्या जो निर्दोषों की युद्ध में बलि चढ़ जाने दे वो भगवान् हो सकता है?
उस समय इतना ज्ञान नहीं था की ये क्यों हुआ, पर ये सवाल काफी था बच्चो के मन में शंका
उत्पन्न करने के लिए।
येही सवाल अर्जुन ने भी युद्ध भूमि में पूछा था, इस पर कृष्ण ने कहा निर्दोष कोई नहीं है जो इस युद्ध भूमि में खड़ा है, सब कहीं न कहीं दोषी हैं। राजा राष्ट्र का सिर्फ एक संरक्षक होता है उसका स्वामी नहीं होता, प्रजा ही अपना संरक्षक चुनती है, राजा के किये हुए हर
पाप का भागीदार प्रजा भी होती है, अधर्मी राजा को हटा देना प्रजा का कर्त्तव्य होता है, अगर वो ऐसा नहीं करती तो वो भी उसके हर पाप का भागीदार है।
द्रोणाचार्य,भीष्म जैसे लोगो का दोष ये है की वो अधर्म का साथ देते रहे, अधर्मी राजा का साथ देते रहे, विदुर ने विरोध किया तो वो आज इस रणभूमि
में नहीं हैं
जो ये सैनिक हमें निर्दोष दिख रहे हैं ये भी अधर्मी राजा का साथ देते रहे हैं, यह भी इनके पाप के भागीदार हैं
तुम भी अपने भाई युधिष्ठिर के पापो के भागीदार हो जो उसने द्युतक्रीड़ा में किये
हर व्यक्ति को फल कर्मो का ही मिलता है।
अफ़गानियों ने तालिबान चुना उन्हे अमेरिका
से युद्ध मिला...
दिल्ली वालों ने केजरीवाल चुना उन्हे ताहिर हुसैन मिला!
मनमोहन सिंह चुना तो बम ब्लास्ट मिला!
अखिलेश चुना तो दंगे गुंडे मिले!
हम भी अपने राज्य के लिए, देश के लिए घटिया मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री चुनेंगे, तो उसके हर पाप के भागीदार हम भी किसी न किसी रूप में रहेंगे
कर्पूरगौरं करुणावतारं
शिव" शब्द
नित्य विज्ञानानन्दघन परमात्मा का वाचक है।
यह उच्चारण मे बहुत ही सरल अत्यन्त मधुर और स्वभाविक ही शान्तिप्रद है।
"शिव" शब्द की उत्पत्ति "वश कान्तौ" धातु से हुई है।
जिसका तात्पर्य यह है कि जिसे सब चाहते हैं।
सब क्या चाहते हैं ?
सभी चाहते हैं।
आनन्द👇
सुख और आनन्द मे फर्क होता है।
और यह आनन्द भी कैसे चाहते हैं "अखण्ड" हमेशा रहने वाला खण्ड खण्ड वाला नही "अखण्ड आनन्द"।
"शिव" नाम का अर्थ ही "अखण्ड आनन्द"।
जहां आनन्द है वहीं शान्ति है।
परम आनन्द तो परम मंगल परम कल्याण है।
अतएव "शिव" शब्द का अर्थ परम मंगल परम कल्याण समझना चाहिये।
शिवतत्त्व को जानने के बाद
फिर कुछ जानना शेष नही रह जाता।
शिव वस्तुतः निर्गुण हैं।
करुणावश हो सगुण हो जाते हैं।
चित्त के देवता वासुदेव हैं।
बुद्धि के देवता ब्रह्मा हैं
यद्यपि तीनो देव एक ही हैं
परंतु अहंकार के देवता रुद्र को ही ब्रह्मवेत्ताओ ने प्रधान ज्येष्ठ एवं श्रेष्ठ माना हैं
जब कानून व्यवस्था से लोगों का विश्वास उठ जाता है तब लॉरेंस बिश्नोई जैसा पात्र पैदा होता है।
हो सकता है लोगों की नजर में वो एक गुंडा,मवाली,गैंगस्टर हो लेकिन उसके डर से खालिस्तानीयों की पेंट गीली हो जाती है। उसके डर से यूपी के बड़े-बड़े गैंगस्टर खुद ही अपने आप को पुलिस के हवाले👇
करना पसंद करते हैं क्योंकि उनको मालूम है अगर वह बाहर खुले में घूमने का शौक रखेंगे तो उनकी लॉरेंस बिश्नोई हत्या कर देगा। अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों हत्यारों का आदर्श यही लारेंस बिश्नोई है। उन तीनों का यह कहना है कि वह लॉरेंस बिश्नोई बनना चाहते हैं
लॉरेंस बिश्नोई जैसे
गैंगस्टर का ना तो हम महिमामंडन कर सकते हैं और ना ही उनको हम प्रमोट कर सकते हैं, लेकिन चाणक्य नीति की एक सूक्ती यह भी है कि कांटे को कांटे से ही निकाला जाता है।
मुझे मालूम है कि यह मेरी एक विवादित पोस्ट है पर आप लोगों का इस पर क्या मत है मैं जरूर जानना चाहूंगा?
सूर्या,
अग्नि 6,
ब्रह्मोस NG
और ब्रह्मोस-II
आदि मिसाइल हिंदुस्तानी मिसाईलों के तरकस में शोभायमान हो चुकी है लेकिन भारत इसका खुलकर खुलासा नहीं कर रहा है।
इनके अलावा भी दो और मिसाइल भारत बना चुका है जिनका पब्लिक डोमेन पर कहीं पर भी अता पता नहीं है उसके बारे में सिर्फ यही कहा👇
जा रहा है कि जिस दिन उन मिसाइलों का इस्तेमाल होगा वह दिन हमारे दुश्मन देश का इस दुनिया में आखरी दिन होगा।
यहां प्रश्न उठता है कि इस तरह की मिसाइल के बारे में भारत पूरी दुनिया को क्यों नहीं बताता। असल में जैसे ही दुनिया को इस बारे में पता लगेगा वैसे ही पूरे विश्व में एक नए सिरे
से आर्म रेस चालू हो जायेगी और देर सुबह सभी पैसे वाले देश उसके समकक्ष हथियार बना लेंगे।
इसे मैं उदाहरण से समझाता हूं। अभी कुछ वर्ष पहले अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच में युद्ध हुआ।उस युद्ध में तुर्की द्वारा बनाए गए ड्रोनो ने आर्मेनिया के छक्के छुड़ा दिए और पूरे विश्व को इस बात का
संजय सिंह ने ED के संजय मिश्रा को
धमकी दे दी - मानहानि का केस कर
दूंगा यदि माफ़ी नहीं मांगी-
ऐसी बात केजरीवाल ने भी कही थी -
मीडिया भी लपेटे में आ गया
लगता है शराब घोटाले में -
केजरीवाल को 16 अप्रैल को CBI के सामने पेश होना था और उसने दो दिन पहले केजरीवाल ने कहा था - 👇
CBI / ED एक वर्ष से आबकारी घोटाले की जांच कर रही है - अब तक तो पैसे और साक्ष्य मिल जाने चाहिए, लेकिन कुछ नहीं मिला हम झूठे साक्ष्य बनाने और कोर्ट में झूठा साक्ष्य पेश करने के लिए CBI और ED के अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज कराएंगे
लेकिन केजरीवाल की धमकी फुस हो गई क्योंकि
CBI के 56 सवालों ने उसकी सारी गर्मी निकाल दी और जो बची थी वो केवल विधानसभा में भौंकने के काम आ सकती थी
उसके भी एक दिन पहले संजय सिंह ने प्रेस में बयान देकर आरोप लगाया कि ED के अधिकारी गवाहों को डरा धमका और थर्ड डिग्री देकर कर बयान ले रहे हैं - उनके कान के पर्दे तक फट रहे हैं और
सवा दो लाख की जनसंख्या अगर किसी के सामने खड़ी हो जाए तो उसकी तो जामनी ही जब्त हो जाएगी,उसके सामने कौन लड़ सकता है,कौन भीड़ सकता है लेकिन कंडिशन क्या हुई तुलसीदासजी ने कबीर जी महाराज👇
की वाणी का समर्थन करते हुए कहा...
जगत् बिदित तुम्हारि प्रभुताई ।
सुत परिजन बल बरनि न जाई ।।
राम बिमुख अस हाल तुम्हारा ।
रहा न कोउ कुल रोवनिहारा ।।
कुछ दिनों पहले मंदोदरी समझा रही थी और आज रावण की लाश पर मत्था टेक कर रो रही है कहा आपने मेरी बात नहीं मानी। अरे मैंने तो आपको उस
स्थिति में देखा जब आप चलते थे तो पृथ्वी कांपती थी,आप बोलते तो पवन का वेग रुक जाता था,पत्ते झड़ने लगते थे,पत्ते भी वृक्षों से गिरने लग जाते थे, सूर्य की गति रुक जाती थी लेकिन आज बड़ी ही विडंबना है कि आप अनाथ की तरह पृथ्वी पर पड़े हैं।