खाज्या नायक अंग्रेजों की भील पल्टन में एक सामान्य सिपाही थे। सेंधवा-जामली चैकी से सिरपुर चैक तक के 24 मील लम्बे मार्ग की @SakshamGV 👇🏾
निगरानी का काम सौंपा गया था। खाज्या ने 1831 से 1851 तक इस काम को पूर्ण निष्ठा से किया।
एक बार गश्त के दौरान उन्होंने एक व्यक्ति को यात्रियों को लूटते हुए देखा। इससे वह इतने क्रोधित हो गये कि बिना सोचे-समझे उस पर टूट पड़े। इससे उस अपराधी की मृत्यु हो गयी। शासन ने कानून अपने हाथ👇🏾
में लेने पर उन्हें दस साल की सजा सुनायी किन्तु कारावास में अनुशासित रहने के कारण उनकी सजा घटा कर पाँच साल कर दी गयी। जेल से छूट उन्होंने शासन से फिर अपने लिए नौकरी माँगी; पर उन्हें नौकरी नहीं दी गयी। इससे वह अंग्रेजी शासन से नाराज हो गये और उनसे बदला लेने का सही समय तलाशने लगे।👇🏾
इतिहासकार डा. S.N यादव के अनुसार जब 1857 में भारत में अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह भड़का, तो अंग्रेज अधिकारियों ने खाज्या और अनेक पूर्व सैनिक व सिपाहियों को फिर से काम पर रख लिया; पर खाज्या के मन में अंग्रेज शासन के प्रति घृणा बीज तो अंकुरित हो ही चुका था।
पर शान्त भाव से फिर👇🏾👇🏾
काम करने लगे; लेकिन मन काम में नहीं लगता था। एक बार एक छोटी सी भूल पर अंग्रेज अधिकारी कैप्टेन बर्च ने उन्हें अपमानित किया। और रूप, रंग और जातीय अस्मिता पर बहुत खराब टिप्पणियाँ कीं। अब खाज्या से और सहन नहीं हुआ। उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। उनके मन में प्रतिशोध की भावना 👇🏾
इतनी प्रबल थी कि वह बड़वानी (मध्य प्रदेश) क्षेत्र के क्रान्तिकारी नेता भीमा नायक से मिले, जो रिश्ते में उनके बहनोई लगते थे। यहीं से इन दोनों की जोड़ी बनी, जिसने भीलों की सेना बनाकर निमाड़ क्षेत्र में अंग्रेजों के विरुद्ध वातावरण खड़ा कर दिया।
भील लोग शिक्षा और आर्थिक रूप से तो 👇🏾
बहुत पीछे थे; पर उनमें वीरता और #महाराणा_प्रताप के सच्चे सैनिक होने का स्वाभिमान कूट-कूटकर भरा था। एक बार जो अंग्रेजों के विरुद्ध खड़े हुए, तो फिर पीछे हटने का कोई प्रश्न ही नहीं था।
इस सेना ने अंग्रेजों के खजाने लूटे, उनका वध किया और अंग्रेजों के पिट्ठुओं को भी नहीं बख्शा।👇🏾👇🏾
शासन ने इन्हें गिरफ्तार करने के अनेक प्रयास किये; पर जंगल और घाटियों के गहरे जानकार होने के कारण भील योद्धा मारकाट कर सदा बचकर निकल जाते थे।
अब शासन ने भेद नीति का सहारा लेकर इन दोनों भील नायकों को पकड़वाने वाले को एक हजार रु. का पुरस्कार घोषित कर दिया। तब के एक हजार रु. आज के👇🏾
दसियों लाख रु. के बराबर होंगे। फिर भी भीमा और खाज्या नायक बिना किसी भय के क्षेत्र में घूम-घूमकर लोगों को संगठित करते रहे।
11 अप्रैल, 1858 को बड़वानी और सिलावद के बीच स्थित आमल्यापानी गाँव में अंग्रेज सेना और इस भील सेना की मुठभेड़ हो गयी। अंग्रेज सेना के पास आधुनिक शस्त्र थे, 👇🏾
जबकि भील अपने परम्परागत शस्त्रों से ही मुकाबला कर रहे थे। प्रातः आठ बजे से शाम तीन बजे तक यह युद्ध चला। इसमें खाज्या नायक के वीर पुत्र दौलतसिंह सहित अनेक योद्धा बलिदान हुए।
आज भी सारा निमाड़ क्षेत्र उन वीरों के प्रति श्रद्धा से नत होता है, जिन्होंने अपने राष्ट्रीय स्वाभिमान के👇🏾
👉🏾चाय शाकाहारी नहीं।🙄
क्या आप शाकाहारी हैं ? तो ये सच आपको चौंका सकता है.??
भारत में कुल (3600) बड़े कत्लखाने हैं, जिनके पास पशुओं को काटने का लाईसेंस है ! जो सरकार ने दे रखा है !!
इसके इलावा (35000 )से अधिक छोटे मोटे कत्लखाने हैं जो गैरकानूनी ढंग से चल रहे हैं ! @SakshamGV 👇🏾
कोई कुछ पूछने वाला नहीं है जहाँ हर साल 4 से 5 करोड़ पशुओं का कत्ल किया जाता है !
जिसमें गाय, भैंस, सूअर, बकरा ,बकरी, ऊंट शामिल हैं ! मुर्गीयाँ कितनी काटी जाती है इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है !
मांस के इलावा दूसरी जो चीज कतल से प्राप्त की जाती है वो है तेल ! उसे Tellow कहते हैं.👇🏾👇🏾
जैसे गाय के मांस से जो तेल निकलता है उसे Beef Tellow और सूअर की मांस से जो तेल निकलता है उसे Pork Tellow कहते है !
इस तेल का सबसे ज़्यादा उपयोग चेहरे वाली क्रीम बनाने में होता है जैसे Fair & Lovely, Ponds, Emami इत्यादि.
ये तेल क्रीम बनाने वाली कंपनियों द्वारा खरीदा जाता है 👇🏾👇🏾
👉🏾सबसे पहले वर्तमान और रिटायर्ड जजों की डिग्री की जांच हो -
जिनकी डिग्री फर्जी निकलें, उनके फैसले खारिज करने का ऐलान हो -
जजों को Assignment देने का विरोध करने वाले ‘बतोलेबाज’
जस्टिस दीपक गुप्ता को जांच का काम क्यों दिया गया -
सबसे पहले बात करते हैं सुप्रीम कोर्ट @SakshamGV 👇🏾
के रिटायर्ड जज दीपक गुप्ता जिन्होनें थोड़े दिन पहले 19 फरवरी, 2023 की Live Law की रिपोर्ट के अनुसार एक बयान दिया था कि-
”We can’t have Independent Judiciary If Judges Look For Post - Retirement Appointments”
इसका मतलब, उन्हें स्वयं भी सुप्रीम कोर्ट या सरकार से कोई Assignment 👇🏾
नहीं लेना चाहिए लेकिन उन्होंने इसे लेने से मना भी नहीं किया- शायद उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने खुलेआम कॉलेजियम का समर्थन करने के लिए इनाम दिया गया है-🙄
अब चलते हैं मुख्य मुद्दे पर- CJI चंद्रचूड़, जस्टिस पीवी नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने 10 अप्रैल, 2023 के फैसले में👇🏾
👉🏾"आम के आम और गुठलियों के दाम"❗
अभी हाल ही में भारत के पीएसएलवी ने सिंगापुर के 2 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में स्थापित किया है।
इस मिशन के साथ बैक टू बैक इसरो ने एक बहुत बड़ा इतिहास रच दिया। धरती से छूटने के मात्र 20 मिनट के बाद ISRO के इस रॉकेट पीएसएलवी ने सिंगापुरी @SakshamGV👇🏾
दो सेटेलाइट्स को अंतरिक्ष में स्थापित करने के बाद धरती से 585 किलोमीटर की दूरी पर एक बहुत ही सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मिशन को भारत के इसरो ने बड़े ही सीक्रेटली अंजाम दे दिया है।
क्या था सीक्रेट मिशन??
इसरो के PSLV ने अपने ही एक और सैटेलाइट जीसैट-12 को जो पहले से अंतरिक्ष👇🏾
में स्थापित था, उसे मार गिराया। अब यहां यह प्रश्न उठ सकता है कि अपने ही सैटेलाइट को मार गिराना कौन सा बड़ा मिशन है?
असल में आज की इस दुनिया में जितने भी हाई एंडेड हथियार हैं वह सब सेटेलाइट द्वारा गाइड किए जाते हैं। अगर कोई देश इन गाइड करने वाले सैटेलाइट्स को ही मार गिराए तो यह👇🏾
भगवान परशुराम ने द्वापर युग में श्री पद्मनाभस्वामी की मूर्ति को शुद्ध और प्रतिष्ठित किया।
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, महा विष्णु को समर्पित सबसे पवित्र मंदिर में से एक है।
इतिहासकारों के अनुसार मंदिर की स्थापना कलियुग के पहले दिन👇🏾👇🏾
(5121 वर्ष पूर्व या 3102 ईसा पूर्व) की गई।
कलियुग के 21 वें वर्ष (2152 ईसा पूर्व) पर मूर्ति की पुनर्स्थापना की गई।
कलियुग के २१CE वें वर्ष (२१४२ ईसा पूर्व) राजा कोठा मार्तंडन ने अभिषेकना मंडपम का निर्माण किया। बाद में कई शासकों द्वारा इस मंदिर का जीर्णोद्धार और विस्तार किया गया👇🏾
ब्रह्म पुराण, मत्स्य पुराण, वराह पुराण, स्कंद पुराण, पद्म पुराण, वायु पुराण, भागवत पुराण और महाभारत में इस तीर्थ का उल्लेख है।
2500 साल पुराने संगम साहित्य में भी इस मंदिर का उल्लेख है। यह मंदिर 108 दिव्य देसमों में से एक है (सबसे पवित्र 108 भगवान विष्णु मंदिर) @NandNigma 👇🏾👇🏾
👉🏾क्या आपने कभी यह भी सोंचा है - क्या कारण है कोई भी थुकल गैंगस्टर माफिया आतंकवादी या फिर चोर उचक्का ही क्यों ना हो. उसका ISI पाकिस्तान से संबंध निकल ही जाता है.??
कश्मीरी आतंकवादी हों या फिर दाउद, उसके गुर्गे अतीक हो या मुख्तार अंसारी देश के सभी थुकले माफियाओं का पाकिस्तानी 👇🏾👇🏾
कनेक्शन सामनें आ ही जाता है हाल में ही अतीक और अंसारी नें मीडिया से साफ कहा है उन्होने ये सारे हधियार पाकिस्तान से मंगाए हैं वो भी हवाला के मार्फत,ढेर सारा असला बारूद जोकि पाकिस्तान से मंगाए गया था उसकी निशानदेही पर यूपी पुलिस नें जंगल से बरामद किया उसनें ये भी बताया कि ये सारे👇🏾
विदेशी हथियार हवाला के जरिये पाकिस्तानी ISI के द्वारा स्पलाई किये गयें हैं हवाला का पैसा उसके नेटवर्क के प्रमुख गुड्डू थुकल्ले नें मुंबई पहुचाया वहां से पैसा बेंगलुरू पहुंचा,फिर यह पैसा नेपाल पहुंचा,वहां से दुबई पहुंचा,फिर दुबई से अबू धाबी पहुंचाया गया अबुधाबी से ये पैसा कराची 👇🏾