इस कौम की एक जहालत आपको बता रहा हूं, वो भी एकदम फ्री में !!
जब एक बच्ची 8–9 साल की होती है, और वो स्कूल के अन्उल फंक्शन में पार्टिसिपेट करती है, तो मां बाप भाई सब उस फंक्शन में जाते हैं, अगर वो गाना गाने या डांस में हिस्सा लेती है, और जब उसका👇
नंबर स्टेज पर परफॉर्मेंस का आता है, तो अनाउंसमेंट होता है, फला नाम की फला क्लास की लड़की परफॉर्मेंस करने आ रही हैं, A huge Round of applause ,
अब बेगैरती देखें वही मां बाप भाई अपनी बहन के नाचने गाने पर तालियां पीटते हैं!!!
यही सिलसिला आगे बढ़ता है , 10, 12 फिर कॉलेज, 👇
उसके बाद लड़की लव अफेयर कर लेती है, या भाग कर शादी!!!! फिर मां बाप रोते हैं, हाय हमारी परवरिश में क्या कमी रह गई थी, हमारी मोहब्बत में क्या कमी रह गई थी???
आपकी परवरिश में एहकाम ए शरीयत की कमी रह गई, आपका ईमान खोखला था, आपके ईमान में लिबरल, सेकुलर और मॉडर्न सोच के जरासीम लग गए👇
थे, इसलिए आप वो सब नही समझ पाए, जिससे एक मुसलमान को हर वक्त पनाह मांगने को कहा है !!!!
अब रोते रहो अपनी किस्मत पर !!!
इसलिए कहा है, दीन को सीखो और उसपर अमल करो !!!
और अपने घर का निज़ाम शरीयत के मुताबिक चलाओ !!!