ये हैं कुशल भाई हैं आचार्य श्री सुनील सागर जी के दर्शन किए @Avnishjain0109 जी भी साथ थे दर्शन किए अपने पुण्य की फोटो डाल दी
पर श्वेतांबर मूर्तिपूजक बंधु ,
कुशल और आचार्य श्री के लिए गलत भाषा बोलने लग गए
आचार्य श्री और अविनाश भाई ने तो कुछ गलत किया भी नही फिर भी #Shame १/४
हा ये एक्सक्यूज हो सकता हैं आप हमारे संत को बोलते हो तो हम भी बोल रहे हैं
हालाकि हम लोग पहले कभी नही बोलते हैं
पर यहां तो ये भी irrelevant हैं
यहां कोई किसी दूसरे पंथ के साधु को गलत बोल ही नही रहा हैं इसमें भी नफरत खोज ली श्वेतबार मूर्तिपूजक बंधुओ ने #Shame
२/४
अविनाश जी परम प्रभावक शिष्य हैं आचार्य श्री के और इनकी पहचान और भी हैं ये भारत की बेटी अरिहा के लिए दिन रात एक कर रखे हैं
ये एक समाज सेवक हैं जैन समाज के लिए हमेशाआवाज उठाई हैं
पर देखिए श्वेताम्बर मूर्तिपूजक के कुछ लोग किस तरह इनकी फोटो पर आचार्य श्री को गलत बोल रहे हैं
३/४
और भी फोटो डाली हैं
नफरत की आग में जलने वाले नफरती चिंटुओ कुशल की पोस्ट के साथ यहां भी अपने कुसंस्कारो का प्रर्दशन करो
श्वेताबर मूर्तिपूजक में इतनी नफरत कौन भर रहा हैं #Shame 2-4 पुराने ट्वीट ले कर आ जायेंगे पर उनका क्या संबंध कुशल के ट्वीट से
आग लगाते रहो हम पानी डालते रहेंगे twitter.com/i/web/status/1…
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Dream of unity
1900 जब दिगंबर जैन और पोल्कर (अन्य धर्म के लोग )में विवाद हुआ दिगंबर अंतरिक्ष पारसनाथ तीर्थ को ले कर
दिगंबर और श्वेताम्बर पंथ के लोग साथ आए थे उनके खिलाफ
ये वो सपना हैं जो जैन देखता हैं दोनो साथ आयेंगे तो तीर्थ बच सकते हैं
1903 में कोर्ट में केस जीत गए
1/11 थ्रेड
1903 पोलकर के विरुद्ध इस जीत के बाद दिगंबर अंतरिक्ष पारसनाथ कमेटी ने श्वेतांबर को भी ट्रस्ट में शामिल कर लिया और उनको अपनी रीति से पूजा करने का अधिकार दे दिया गुजरात से आए श्वेतांबर के पास मंदिर नही थे
ये वो सपना हैं जो जैन देखते हैं ना D ना S सब मिल जुल मिल जुल कर रहे
2/11
1905 पूजा को ले कर विवाद होने लगा श्वेतांबर प्रतिमा से मुकुट और चक्षु उतारता ही नही था जो प्रतिमा दिगंबर थी वो अब श्वेतबार हो गई
जब विवाद बड़ने लगा तो दोनो से समझोता किया अपना अपना टाइम निर्धारित कर लिया
ये वो सपना है जो जैन देखते हैं आपस में मिल बैठ के सुलझा ले हर विवाद
3/11
ना उम्र की कोई सीमा हैं क्या बच्चे क्या जवान क्या बूढ़े
ये हैं अपने आप को Dr बताने वाला @DrParasJain15 हर समय ये जैन धर्म दिगंबर पंथ के लिए अपशब्द बोलता रहता हैं
संध्या महालक्ष्मी ने बताया वो तो फिर भी बच्चा था जब इनके बढ़े और गुरु ही ये भाषा बोलेंगे तो बच्चे क्या सीखेंगे १/४
भगवान महावीर ने भी कपड़े त्यागे थे क्या वो असभ्य थे वो अघोरी थे ये लोग अपने ही तीर्थंकर का मजाक बनाते रहते हैं
ये आदमी हर जगह आ जाता है जब पोस्ट किसीऔर विषय पर हो तब भी गलियां देने अपशब्द बोलने आ जाता हैं
ये पूरा एक श्वेतांबर मूर्तिपूजक it cell का एक गैंग हैं
२/४
हमे ये नही पता ये आदमी सही में जो दिख रहा हैं वही हैं या कोई और
मार्च अप्रैल में कई नई फ्रॉड id बनी हैं
पिछले कुछ महीनो से लगातार ऐसी अमर्यादित भाषा बोली जा रही हैं दिगंबर पंथ के लिए जबसे उसने अंतरिक्ष पारसनाथ में प्रतिमा के दिगंबर से श्वेतांबर करने का मुद्दा उठाया हैं ३/४
नीच मानसिकता के लोग ~
ये एक बच्ची हैं मात्र 5-6 साल की अपने माता पिता के साथ गई महाराज श्री के दर्शन करने इस फोटो में सिर्फ वात्सल्य नजर आ रहा
अब देखिए नीच सोच वाले श्वेताम्बर मूर्तिपूजक पंथ के लोग किस तरह किसी के घर की अरिहा को गलत तरह से दिखा रहे है
थ्रेड १/१६
किसी की निजी फोटो विशेषकर नाबालिक बच्चे की फोटो का आप उपयोग नही कर सकते
उसको गलत तरह से प्रस्तुत नही कर सकते
ये एक कानूनन जुर्म भी हैं
उस बच्ची और उसके माता पिता को तो पता भी नही उनकी बच्ची की फोटो को ले कर नीच मानसिकता वाले S पंथ के लोग किस तरह की ओछी टिप्पिनी कर रहे हैं
२/१६
ये हैं @rahuljain2712 भरा पूरा परिवार हैं बच्चे बीवी सब हैं इनके परिवार के सुखी जीवन की कामना करता हु
हालाकि जिस तरह इस आदमी ने किसी दूसरे के परिवार की बच्ची की फोटो गलत नियत से उपयोग की में भी कर सकता हु पर ये गलत होगा मेरे संस्कार मेरे गुरु की शिक्षा मुझे रोकती हैं ३/१६
तुम्हे और तुम्हारे पंथ को किसने अधिकार दिया
किसी बच्ची की फोटो यूज करने के लिए
उसके माता पिता से परमिशन ली क्या ?
बेशर्म जस्टीफाइड करते ही शर्म नही आती
दुनिया को दिखाने के लिए अरिहा अरिहा ये भी किसी की अरिहा ही हैं
खुद का परिवार परिवार दूसरो का ?
देखिए दोगले पंथ के दोगले लोग
Cont
दोगली लोगो की बाते ~
बताइए दीदी आपके बेटे पर कोई ऐसा बोले तो आप चुप रहेगी
मेरे बेटे मेरी फैमिली पर तो बहुत अटैक किया
इनके संस्कार और नीच मानसिकता दिखा रहा हैं
इस परिग्रह की फैमिली की किसी ने फोटो नही डाली आज तक
पर श्वेताम्वरी गैंग को देखो कैसे बच्ची की फोटो यूज कर रहे हैं
२/६
जिस बच्ची की फोटो हैं उसके फैमिली को तो पता ही नही हैं नीच मानसिकता संस्कार वाले श्वेतांबर मूर्तिपूजक गैंग गलत भाव से उपयोग कर रहे हैं
पूरा परिवार महाराज साहब का दर्शन करने गया
पर नीच मानसिकता वाले श्वेतांवरी उसका अलग ही मतलब निकाल रहे हैं
३/६
श्वेताम्बर मुनि शीलविजयी ने १७वीं शताब्दी में दक्षिण के तीर्थों की यात्रा की थी। उन्होंने ‘तीर्थमाला’ नाम से अपनी यात्रा का विवरण भी पुस्तक के रूप में लिखा था। उसमें उन्होंने लिखा है कि यहाँ से समुद्र तक सर्वत्र दिगम्बर ही बसते हैं
इसके पश्चात् उन्होंने सिरपुर अन्तरिक्ष को दिगम्बर क्षेत्र लिखा है। इससे पूर्व यतिवर्य मदनकीर्ति (ईसा की १३वीं शताब्दी) अन्तरिक्ष पार्श्वनाथको स्पष्ट ही दिगम्बरों के शासन की विजय करने वाला अर्थात् दिगम्बर धर्म की मूर्ति बता ही चुके थे।
यहाँ उत्खनन के फलस्वरूप जो पुरातत्त्व उपलब्ध हुआ है, उससे भी सिद्ध होता है कि ये मंदिर और मूर्तियाँ दिगम्बर आम्नाय की हैं प्रथम उत्खनन १९२८ ई. में हुआ था। सिरपुर गाँव के बाहर पश्चिम दिशा की ओर पवली मंदिर है। मंदिर की दीवार के इर्द गिर्द पक्के फर्श के ऊपर ४-५ फुट मिट्टी चढ़ गई थी
Victim Card
Connecting dot.......
हम हर किसी से कुछ ना कुछ सीख सकते हैं
हमारे S बंधु हैं हम उनसे सीख सकते हैं नर्रेटिव बिल्ड करना विक्टिम कार्ड खेलना
किस तरह एक समय बाद बिना कुछ किए दूसरा विलीन बन जायेगा
वो आपको इतना इंस्टिगेट करते हैं इतना उत्तेजित करते हैं की आप एक समय बाद अपना संयम खो दोगे कोई गलती कर दोगे
फिर शरू होता हैं उनका विक्टिम कार्ड खेलना
सबसे पहले उनके बड़े हैंडल एक प्रोपगंडा वीडियो बनाते हैं जिसका मकसद सिर्फ आपकी आस्था और आपको टारगेट करना होता हैं
जब आप उन वीडियो पे प्रतिक्रिया दोगे तो एक ग्रुप आके आप पे और आपके तीर्थंकरों साधुओं पर अभद्र टिप्पणी करेगा वो जब तक करते रहेगा जब तक आप उत्तेजित ना हो जाओ
और कोई गलती ना करदो प्रतिशोध में
और इसी के शिकार हुए हैं @KanikajainCA@DevangSTomar@Urban_Kabira जैसे बहुत अकाउंट