आज आपकी बच्चियां काफ़िरों के साथ बेहयाई के जाल में फस रहीं हैं।
इससे पहले भी मैंने यह बात रखी थी की इन बेहयाई के इदारो मे अपनी बच्चे बच्चियो को न भेजें जहाँ तालीम के नाम पर वो मुल्हिद, मुर्तद, बेहया बन रहे हों।
पर उस वक़्त भी और अब भी कुछ दानिशवर कहेंगे की इल्म की यह #BLT 👎 1/4
अहमियत है और वो अहमियत है इस्लाम में।
फिर कहेंगे की क्या किया जाए आपकी बात मानकर क्या अपने बच्चों को अनपढ़ रखें ?
अब मेरे सवाल यह है की :
- क़ुरान और सुन्नत का इल्म, अरबी उर्दू पढ़कर भी क्या वो अनपढ़ रहेंगे ?
मतलब आपके नज़दीक अल्फ़ा बीटा गामा पढ़कर ही वो पढ़े लिखे
2/4
माने जाएंगे ?
फिर यह भी कहना रहता है की इस तरह तो क़ौम पीछे रह जाएगी और दुनिया के तमाम लोग तरक्की पे तरक्की हासिल करते चले जाएंगे
- ऐसी तरक्की से अच्छा है कि इंसान पस्ती में डूबा रहे और मर जाए कमसेकम जन्नत का रास्ता आसान रहेगा वरना मुल्हिद मुर्तद बेहया बनकर तो उसे
3/4
Matlab tamaam banaane waalo ne shirk kiya aur is dour ke douraan kisi bhi Aalim ne fikr ispe nhi ki ke ye Amal shirk hai , agar aaj ispe shirk ka ilzaam lagate ho to taaba'een se lekar aaj tak jitno ne Mazar banaye ya mazarat pe haazri di to saaro pe shirk ka ilzaam lagaya ...👇
Qki Mazar sirf Barailwiyon ke dour me nhi banai gai saalo pehle se banaai Jaa Rahi hai misl Khilaafat e Usmaaniya ke dour me jitne mazarat bane kya uspe tankeed karne waala ek bhi Aalim nhi tha aur Salahuddin Ayyubi رحمتہ اللہ علیہ bhi Mazar banaai gai hai 🙂
*आप का सवाल - हमारा जवाब*
*________________________________*
*_सवाल ---- कुछ लोग एतराज़ करते हैं कि ये सुन्नी लोग जो सलाम पढ़ते हैं कि मुस्तफा जाने रह़मत पे लाखों सलाम,जब एक बार पढ़ा तो 👇
लाखों सलाम कैसे पहुंचेगा, इसके बारे में कुछ रहनुमाई फरमायें_*
*_जवाब----- अगर ये एतराज़ है तो दर अस्ल ये एतराज़ खुदा पर है,इसको यूं समझये कि मैंने आप से सलाम किया अस्सलामु अलैकुम यानि कि सलामती हो तुम पर,अब ये बतायें मैंने कह तो दिया मगर ये सलामती आप पर नाज़िल कैसे होगी?👇
और कौन नाज़िल फरमायेगा?,ज़ाहिर सी बात है अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ही सलामती फरमाने वाला है उसी के फज़्ल से आप सलामत रहेंगे,तो हमारे नबी हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की बारगाह में लाखों सलाम भेजना या करोड़ों दुरुद भेजना दर अस्ल रब की बारगाह में दुआ है कि मौला मेरे नबी की 👇
किसने दिया ये मुकाम,
तुम्हारे रब ने,
किसने दिलाया ये मुकाम,
तुम्हारे नबी ﷺ ने,
किसके ज़रिए,
इस्लाम के ज़रिए,
ना तुम्हें जिहाद का हुक्म,
ना तुम्हें बा जमाअ़त नमाज़ का हुक्म,
ना तुम्हें रोज़ी कमाने की फिक्र,
ना तुम्हें ज़कात अदा
करने की फिक्र,
क्या हुक्म है तुम्हारे लिए,
बा पर्दा रहो,
अपने आप को ढांप कर रखो,
कि तुम क़ीमती हो,
कि तुम अल्लाह की रहमत हो,
कि तुम इस्लाम की बेटी हो,
कि तुम फातिमा बिनते मुहम्मद ﷺ की कनीज हो,
कि तुम औरत हो,
कि तुम औरत हो,
तुम बच्चों को दूध पिलाओ तो अज्र,
जो लड़कियां इश्को जिस्मानी मुहब्बत में मुबतला हो कर अपने मां बाप को धोका देकर घरों से भाग जाती है फिर उन का अंजाम ऐसा ही होता है और लाश किसी वीराने या झाड़ियों से बरामद होती है बालिदैन खास तौर पर अपनी बच्चियों से खुल कर बात करे और बाहर आवारा लड़को की👇
मक्कारी भरी बातों में आने से लड़कियों को बचाए जवानी के सैलाब को सिर्फ और सिर्फ निकाह के ही जरिए ही रोका जा सकता हैं ख़ुदारा निकाह को आसान कर अपने बच्चों की शादियां जल्द करें दहेज़ जैसी लानत को लात मार दें ताके निकाह आसान हो जाये और इस्लामी ख़्वातीन को मुर्तद काफ़िर होने सेे 👇
बचाया जा सके लड़कियों को स्कूल कॉलेज़ की पढ़ाई के साथ साथ इस्लामी तौर तरीके शरीयत की पैरवी करना सिखाएं ग्रुप के तमाम मिम्बरान अहद करें कोई भी न दहेज़ लेंगें न देंगें निकाह को आसान करेंगें हम अपने आका की सुन्नत को जो बहुत पसंद है उसे आसान करेंगें निकाह सादा करेंगें इंशा अल्लाह !!!
इस कौम की एक जहालत आपको बता रहा हूं, वो भी एकदम फ्री में !!
जब एक बच्ची 8–9 साल की होती है, और वो स्कूल के अन्उल फंक्शन में पार्टिसिपेट करती है, तो मां बाप भाई सब उस फंक्शन में जाते हैं, अगर वो गाना गाने या डांस में हिस्सा लेती है, और जब उसका👇
नंबर स्टेज पर परफॉर्मेंस का आता है, तो अनाउंसमेंट होता है, फला नाम की फला क्लास की लड़की परफॉर्मेंस करने आ रही हैं, A huge Round of applause ,
अब बेगैरती देखें वही मां बाप भाई अपनी बहन के नाचने गाने पर तालियां पीटते हैं!!!
यही सिलसिला आगे बढ़ता है , 10, 12 फिर कॉलेज, 👇
उसके बाद लड़की लव अफेयर कर लेती है, या भाग कर शादी!!!! फिर मां बाप रोते हैं, हाय हमारी परवरिश में क्या कमी रह गई थी, हमारी मोहब्बत में क्या कमी रह गई थी???
आपकी परवरिश में एहकाम ए शरीयत की कमी रह गई, आपका ईमान खोखला था, आपके ईमान में लिबरल, सेकुलर और मॉडर्न सोच के जरासीम लग गए👇