#फीस समय की या #अनुभव की?
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एक विशाल जहाज का इंजन खराब हो गया।
लाख कोशिशों के बावजूद कोई इंजीनियर उसे ठीक नहीं कर सका। फिर किसी ने एक मैकेनिकल इंजीनियर का नाम सुझाया जिसे इस तरह के काम का 30 से अधिक वर्षों का अनुभव था। उसे बुलाया गया।
इंजीनियर ने वहां पहुंचकर इंजन का ऊपर से 👇
नीचे तक बहुत ध्यान से निरीक्षण किया। सब कुछ देखने के बाद इंजीनियर ने अपना बैग उतारा और उसमें से एक छोटा सा हथौड़ा निकालाफिर उसने इंजन पर एक जगह हथोड़े से धीरे से खटखटाया। और कहा कि अब इंजन चालू करके देखें। और सब हैरान रह गए जब इंजन फिर से चालू हो गयाइंजन ठीक करके इंजीनियर चला गया
जहाज के मालिक ने जब इंजीनियर से जहाज की मरम्मत करने की फीस पूछी, तो इंजीनियर ने कहा- 20,000 डॉलर।
"क्या?!" मालिक चौंका। "आपने लगभग कुछ नहीं किया। मेरे आदमियों ने मुझे बताया था कि तुमने एक हथोड़े से इंजन पर सिर्फ थोड़ा सा खटखटाया था।
इतने छोटे काम के लिए इतनी फीस?
आप हमें एक
विस्तृत बिल बनाकर दें।"
इंजीनियर ने बिल बनाकर दे दिया। उसमें लिखा था: #हथौड़े से खटखटाया: $2 #कहां और #कितना खटखटाना है: $19,998
फिर #इंजीनियर ने जहाज के मालिक से कहा - अगर मैं किसी काम को 30 मिनट में कर देता हूं तो इसलिए कि मैंने 30 साल यह सीखने में लगा दिए कि उसे 30 मिनट में
कर देता हूं तो इसलिए कि मैंने 30 साल यह सीखने में लगा दिए कि उसे 30 मिनट में कैसे किया जाता है। मैंने आपको 30 मिनट नहीं दिए, इतने समय में मेरे 30 वर्षों का अनुभव दिया है। #फीस कितना समय लगा उसकी नहीं मेरे #अनुभव की है। जहाज का मालिक बहुत #शर्मिंदा हुआ और उसने ख़ुशी ख़ुशी इंजीनियर
को उसकी फीस दे दी।
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तो किसी की विशेषज्ञता और अनुभव की सराहना करें... क्योंकि ये उनके वर्षों के #संघर्ष, #प्रयोग, #मेहनत और #आंसुओं का परिणाम हैं।
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पिछले नौ साल से देश मे और पिछले छ साल से यू.पी. को देख कर विश्वास हो गया है कि अब समय आ गया है कि देश के प्रधान से लेकर ग्राम के प्रधान तक.प्रदेश की पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक.नगर निगम से लेकर नगर पालिका और नगर पंचायत तक.केवल और केवल भगवा अर्थात कमल को चुन कर उस पर अपना मत 👇
देना ही सनातनियों का अब उद्देश्य होना चाहिये.!
यह मै इसलिये कह रहा हूं कि आपने न केवल डबल इंजन की सरकार के कामो को देख कर अनुभव किया है कि वो न केवल जन सुरक्षा,विकास,प्रगति से लेकर चहुंओर विकास के मुद्दे को अपना प्राथमिक लक्ष्य बना कर अपने वादो को पूरा किया है.वरन् अपराधी,माफिया
भ्रष्टाचारियों को उनकी असल औकात बता कर उन्हे नेस्तनाबूद करने मे कोई कसर नही छोड़ा है....यह सब डबल इंजन की सरकार ने डंके की चोट पर किया है...!!
जरा सोचिये कि अगर इसमे तीसरा इंजन जोड़ दिया जाय तो विकास की रफ्तार क्या होगी...??
मैं यूपी के नगर निकाय के चुनाव की बात कर रहा हूं कि.
बाज़ के बच्चे मुँडेर पर नही उड़ते
बाज पक्षी जिसे हम ईगल या शाहीन भी कहते है।जिस उम्र में बाकी परिंदों के बच्चे चिचियाना सीखते है उस उम्र में एक मादा बाज अपने चूजे को पंजे में दबोच कर सबसे ऊंचा उड़ जाती हैपक्षियों की दुनिया में ऐसी Tough and tight training किसी भी ओर की नही होती👇
मादा बाज अपने चूजे को लेकर लगभग 12 Kmt. ऊपर ले जाती है। जितने ऊपर अमूमन जहाज उड़ा करते हैं और वह दूरी तय करने में मादा बाज 7 से 9 मिनट का समय लेती है।
यहां से शुरू होती है उस नन्हें चूजे की कठिन परीक्षा। उसे अब यहां बताया जाएगा कि तू किस लिए पैदा हुआ है? तेरी दुनिया क्या है?
तेरी ऊंचाई क्या है? तेरा धर्म बहुत ऊंचा है और फिर मादा बाज उसे अपने पंजों से छोड़ देती है
धरती की ओर ऊपर से नीचे आते वक्त लगभग2 Kmt.उस चूजे को आभास ही नहीं होता कि उसके साथ क्या हो रहा है। 7 Kmt. के अंतराल के आने के बाद उस चूजे के पंख जो कंजाइन से जकड़े होते है, वह खुलने लगते है
सृष्टी के निर्माण हेतु
शिवजी ने अपनी शक्ति को स्वयं से पृथक किया।
शिवजी स्वयं पुरूष लिंग के द्योतक हैं तथा उनकी शक्ति स्त्री लिंग की द्योतक।
पुरुष शिव एवं स्त्री शक्ति का एका होने के कारण शिव नर भी हैं और नारी भी
अतः वे अर्धनरनारीश्वर हैं।
जब ब्रह्मा ने सृजन का कार्य आरंभ किया👇
तब उन्होंने पाया कि
उनकी रचनायं अपने जीवनोपरांत नष्ट हो जायंगी तथा हर बार उन्हें नए सिरे से सृजन करना होगा।
गहन विचार के उपरांत भी वो किसी भी निर्णय पर नहीं पहुँच पाये।
तब अपने समस्या के सामाधान हेतु वो शिव की शरण में पहुँचे।
उन्होंने शिव को प्रसन्न करने हेतु कठोर
तप किया।
ब्रह्मा की कठोर तप से शिव प्रसन्न हुए।
ब्रह्मा के समस्या के सामाधान हेतु
शिवजी अर्धनारीश्वर स्वरूप में प्रगट हुए।
अर्ध भाग में वे शिव तथा अर्ध में शिवा थे।
अपने इस स्वरूप से शिव ने ब्रह्मा को प्रजन्नशिल प्राणी के सृजन की प्रेरणा प्रदान की।
साथ ही साथ उन्होंने पुरूष एवं
विश्वासौ फल दायक:
दीन कहे धनवान सुखी
धनवान कहे सुख राजा को भारी |
राजा कहे महाराज सुखी महाराज कहे सुख इन्द्र को भारी
इन्द्र कहे ब्रह्मा को सुख ब्रह्मा कहे सुख विष्णु को भारी
तुलसीदास विचार करे हरि भजन बिना सब जीव दुखारी
बाहर भी सुख नहीं
काहे का सुख ?
बालक जन्म लेता है
पलने👇
में सो रहा है
उसे मच्छर काट रहे है
लेकिन बता नहीं सकता कि मुझे क्या तकलीफ है?
थोड़ा और बड़ा हुआ
बच्चे ने अपने मन को 3 जगह में बांट दिया
"माँ" "पिताजी" और "भाई" में
और बड़ा हुआ तो मन "मित्रों" में बंट गया
अब पढ़ने जा रहे हैं
मात-पिता बालकन बुलावें |
उदर भरे सो ही धर्म सिखवे
पेट भरने की विधा सीखने जा रहे है।
पढ़-लिखकर डिग्रीयां लेकर आये।
माता-पिता ने शादी कर दी।
अब तक मन
माता में ममता थी
पिताजी में अनुराग था
सारी ममता और अनुराग की डोरी को श्रीमतीजी के पल्लू से बांध दी।
जब तक शादी नहीं हुई
बेटा तब तक माता-पिता का था
बेटे की शादी होते ही बेटा पराया
आज प्रधानमंत्री की तरह हम भी अपने मन की बात करेगें!!!!!!
सवर्णों में एक जाति आती है ब्राह्मण जिस पर सदियों से राक्षस, पिशाच, दैत्य, यवन, मुगल, अंग्रेज, कांग्रेस, सपा, बसपा, वामपंथी, भाजपा, सभी राजनीतिक पार्टियाँ, विभिन्न जातियाँ आक्रमण करते आ रहे है।
आरोप ये लगे कि 👇
ब्राह्मणों ने जाति का बटवारा किया!
*उत्तर:-* सबसे प्राचीन ग्रंथ वेद जो अपौरुषेय जिसका संकलन वेदव्यास जी ने किया। जो मल्लाहिन के गर्भ से उत्पन्न हुए।
१८-पुराण,महाभारत,गीता सब व्यास विरचित है जिसमें वर्णव्यवस्था और जाति व्यवस्था दी गई है। रचनाकार व्यास ब्राह्मण जाति से नही थे।
ऐसे ही कालीदासादि कई कवि जो वर्णव्यवस्था और जाति-व्यवस्था के पक्षधर थे और जन्मजात ब्राह्मण नहीं थे।
*मेरा प्रश्न:-*कोई एक भी ग्रन्थ का नाम बतलाइए जिसमें जातिव्यवस्था लिखी गई हो और ब्राह्मण ने लिखा हो?
शायद एक भी नही मिलेगा। मुझे पता है आप मनु स्मृति का ही नाम लेंगे, जिसके लेखक
जियो “पाप पार्टी के लाल”
अरविंद केजरीवाल -
तुम लूटने आये थे,
तुम लूट के जाओगे -
जनता का भरोसा तोड़ने वाला एक न एक दिन डूब ही जाता है - मैं पहले भी कह चुका हूँ कि केजरीवाल की पार्टी कोई “आम आदमी पार्टी” नहीं है बल्कि यह असल में “पापी आदमी पार्टी” (PAP) है जो दिल्ली की जनता को 👇
झांसा देकर और ईमानदारी का चोला ओढ़ कर सत्ता में आई लेकिन इरादे भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं लांघने के थे -
अभी शराब घोटाले के दाग धुलने का नाम ही नहीं ले रहे और एक के बाद एक नेता घोटाले की चपेट में आ रहे हैं कि Times Now Bharat ने केजरीवाल का Operation Sheesh Mahal बेपर्दा कर दिया
जिसमें 45 करोड़ केजरीवाल के बंगले के Renovation पर खर्च करने का गोरखधंधा सामने ला दिया -
यह गोलमाल केजरीवाल ने उस समय किया जब दिल्ली देश के साथ कोरोना का दंश झेल रही थी और लोग मर रहे थे - एक तरफ केजरीवाल रोज मीडिया में आ कर ढोल पीट रहा था कि मोदी सरकार दिल्ली को ऑक्सीजन नहीं दे