#अयोध्या में एक साल में 4.23 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे: इसमें 52 देशों के सवा लाख विदेशी भी; पहली बार इतनी संख्या में भक्त आए
राम की नगरी अयोध्या में पिछले साल श्रद्धालुओं की संख्या में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई हैअप्रैल2022 से मार्च 2023तक4करोड़ 23लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे👇
इसमें 52 देशों के एक लाख 25हजार से अधिक विदेशी श्रद्धालु भी हैं।पर्यटन विभाग का दावा है कि इतनी संख्या में पहली बार अयोध्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं
मंदिर निर्माण शुरू होते ही बढ़े श्रद्धालु अयोध्या ने पिछले 6 सालों में ना सिर्फ आध्यात्मिक, बल्कि सांस्कृतिक ऊंचाइयों को भी छुआ है
श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। लंबे समय से मंदिर की राह देख रहे श्रद्धालुओं को जब इसकी खुशी मिली, तब से श्रद्धालुओं के यहां ज्यादा पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।
सनातन का हर पक्ष शास्त्रीय रहा। संगीत, कला, नाट्य, वास्तु, ज्योतिषी, आयुर्वेद, काम...बोले तो हर आयाम का सूत्रबद्ध विधान है। और यह शास्त्रीय विधान के मूल में लोक शास्त्र है। जिसे अंग्रेजी में "इवोल्यूशन" कहते हैं। यह सहस्रों वर्षों की साधना और डाक्यूमेंटेशन का परिणाम है👇
हैरानी की बात है कि..कैसे ऋग्वेद में सप्तसवर का उल्लेख है। सहस्रों वर्षों बाद भी हम आठवां सुर नहीं खोज पाएं। बावजूद वैदिक समाज को "नोमेड" बोले तो कबीलाई कहा गया ?
कैसे रामसेतु "मानव निर्मित" निर्माण है। वो जो भी रहे, उन्होंने ध्वनि, निर्माण विज्ञान की पराकाष्ठा को स्पर्श किया।
बावजूद हम डार्विन की "इवोल्यूशन" की बे सिर पैर की थ्योरी को अंतिम मान खुद को पराजित घोषित कर चुके हैं।
जब आपको अपनी "श्रेष्ठता" का आभास ही ना होगा, ज्ञान तो दूर की बात। आप वर्चस्व की लड़ाई कैसे लड़ेंगे ? आप तो पहले ही पराजित हैं।
"कोई नेशनल नहीं खेलेगा, हम खिलाड़ी सीधे ओलंपिक्स में जाएंगे" ये बयान है विनेश फोगाट का। एक सवाल जो पिछले दो ओलंपिक्स से उठने लगा है कि सवा सौ करोड़ से ऊपर की जनसंख्या वाले हमारे देश में मेडलों की संख्या इतनी कम क्यों है? चिंता का विषय है बजाए कि हम अपने देश में आ रहे मेडलों पर 👇
सेलिब्रेशन करें। विनेश फोगाट इस सवाल का जवाब दे रही हैं कि उन्हें कुश्ती संघ द्वारा द्वारा किए गए किसी भी प्रकार के नियम बदलाव को स्वीकार नहीं करना है।
तमाम तरह की खामियां थी पहले, हरियाणा के खिलाड़ी दूसरे दूसरे राज्यों से फर्जीवाड़ा के जरिए खेल में शामिल होते थे।दुनिया के देशो
के नियम का अध्ययन करके बृजभूषण शरण सिंह के कार्यकाल में नियम में सुधार किया गया।शौचालय में इंजेक्शन मिलने के कारण ड्रग्स के इस्तेमाल को लेकर भी पूरी चौकसी बरती गई।लेकिन फोगाट परिवार को यह सब कुछ पसंद नहीं है। लगता है जैसे फोगाट परिवार देश के लिए नहीं,अपने परिवार के लिए खेल रहा है
*1.पहला कारण-*
मंदिर जाना इसलिए जरूरी है कि वहां जाकर आप यह सिद्ध करते हैं कि आप देव शक्तियों में विश्वास रखते हैं तो देव शक्तियां भी आपमें विश्वास रखेंगी। यदि आप नहीं जाते हैं तो आप कैसे व्यक्त करेंगे की आप परमेश्वर या देवताओं की तरफ है.? यदि आप देवताओं👇
की ओर देखेंगे तो देवता भी आपकी ओर देखेंगेऔर यह भाव मंदिर में देवताओं के समक्ष जाने से ही आते हैं।
*2.दूसरा कारण:*
अच्छे मनोभाव से जाने वाले की सभी तरह की समस्याएं प्रतिदिन मंदिर जाने से समाप्त हो जाती है। मंदिर जाते रहने से मन में दृढ़ विश्वास और उम्मीद की ऊर्जा का संचार होता है
विश्वास की शक्ति से ही समृद्धि, सुख, शांति और कल्याण की प्राप्ति होती है।।
*3.तीसरा कारण---:*
यदि आपने कोई ऐसा अपराध किया है कि जिसे आप ही जानते हैं तो आपके लिए प्रायश्चित का समय है। आप क्षमा प्रार्थना करके अपने मन को हल्का कर सकते हैं। इससे मन की बैचेनी समाप्त होती है और आप का
महाभारत में कृष्ण भगवान द्वारा पांडवो के लिए पांच गाँव मांगे थे समय के साथ इनके नाम भी बदल गए है जो इस प्रकार है
१- श्रीपत (सिही) या इंद्रप्रस्थ-मौजूदा समय में दक्षिण दिल्ली का यह हिस्सा महाभारत में इंद्रप्रस्थ के नाम से वर्णित है
२- व्याघ्रप्रस्थ या बागपत--व्याघ्रप्रस्थ 👇
यानी बाघों की रहने की जगह, यहां सैकड़ों सालों से बाघ पाए जाते रहे है बागपत यही वह जगह है जहां कौरवों ने लाक्षागृह बनवा कर उसमें पांडवों को जलाने के लिए षड्यंत्र रचा था
३- स्वर्णप्रस्थ या सोनीपत----सोनीपत को पहले स्वर्णप्रस्थ कहा जाता था स्वर्णपथ का मतलब होता है "सोने का शहर"
४- पांडूप्रस्थ या पानीपत--भारतीय इतिहास में यह जगह बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां तीन बड़ी लड़ाइयां लड़ी गई इसी पानीपत के पास में कुरुक्षेत्र है जहां पर महाभारत का युद्ध हुआ था
५- तिलप्रस्थ या तिलपत--- तिलपत को तिलप्रस्थ कहा जाता था यह हरियाणा के फरीदाबाद जिले का एक कस्बा है
चीन, पाकिस्तान और तुर्की शायद दुनिया के यह सिर्फ 3 देश हैं जिन्होंने कभी यह नहीं कहा कि हिंदुस्तानीयों हम तुम्हारे साथ हैं।
बाकी चाहे अमेरिका हो, रुस हो, ब्रिटेन हो,फ्रांस हो, तुर्की हो,ऑस्ट्रेलिया हो, इटली हो, केनेडा हो या फिर ओपेक के 50 से ज्यादा मुस्लिम देश, सभी के सभी भारत👇
को अपनी तरफ मिलाने के लिए लालायित हैं। अपने आप को भारत का दोस्त साबित करने के लिए बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं पर सारे के सारे एक नंबर के बदमाश है जितनी मीठी मीठी बातें ऊपर से कर रहे हैं उतने ही जोर शोर से भारत को डिस्टैबलाइज करने के लिए भारत के खिलाफ अपने सभी हथकंडे भी अपना रहे है
चाहे अमेरिका की हिडनबर्ग की रिपोर्ट हो या फिर जर्मनी की पत्रिका में छपा कार्टून हो, चाहे कनाडा में बैसाखी के ऊपर निकला खालीस्तानियों का जुलूस हो या फ्रांस द्वारा चीन में जाकर उसका साथ देने की बात हो, चाहे रूस और यूक्रेन को लेकर अमेरिका और यूरोपियन यूनियन का भारत पर दबाव डालना हो