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Thread - #WrestlerProtest

जनवरी 19 को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ 4-5 घंटे चली मीटिंग के बाद खिलाड़ियों ने अपना धरना ख़त्म कर दिया और उस रात को प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में खुद बजरंग पुनिया ने कहा कि सरकार ने हमारी बात सुनी है।
धरना ख़त्म हुआ और मैरी कॉम की अध्यक्षता में oversight committee का निर्माण हुआ और खिलाड़ियों ने जिन जिन सदस्यों को शामिल करने कहा, उनको शामिल किया गया। उसके बाद मामला शांत हो गया, उसके बाद एक बार भी किसी भी खिलाड़ी ने नहीं कहा कि हमें इससे दिक़्क़त है उससे दिक़्क़त है।
Oversight कमिटी की 14 मीटिंग हुई जिसमें जो भी आरोप लगाए गए उसकी जाँच की गयी, रिपोर्ट पब्लिक डोमेन में नहीं है लेकिन खेल मंत्री ने यह माना है कि जितने पहलवानों ने सेक्शूअल हरैस्मेंट के आरोप लगाए थे उसमें से एक भी कमेटी के सामने अपनी गवाही नहीं देने आया।
जब बजरंग और विनेश को लगा कि वो अब एक्स्पोज़ होने वाले हैं तब ही उन्होंने एक नया धरना देना शुरू कर दिया ताकि oversight committee की फ़ाइंडिंग पर बहस ना हो, इसी committee के फ़ाइंडिंग के आधार पर खेल मंत्रालय ने तुरंत मई में होने वाले Executive Committee के चुनाव को निरस्त कर दिया।
और Indian Olympic Association को एक ad hoc कमिटी बनाकर 45 दिनो में चुनाव करवाने के लिए कहा। इस आदेश के बाद पुनिया और फोगाट ख़ेमे में खलबली मच गयी, उन्होंने FIR करवाने का नया तमाशा किया और कपिल सिब्बल की मदद से सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट कुछ करती, दिल्ली पुलिस ने खुद ब्रिज भूषण पर FIR करने की बात कह दी, कल वो FIR हो गयी। दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा है कि FIR करने के लिए शुरुआती जांच करनी आवश्यक होती है, जो वो कर रही है।
अब जब FIR हो गया तो खिलाड़ियों को लगा कि अब प्रोटेस्ट ख़त्म करना पड़ेगा लेकिन चुनाव अभी दूर है तो नैरटिव लम्बा कैसे खींचे? फिर उन्होंने कह दिया कि उन्हें दिल्ली पुलिस पर ही सवाल कर दिए, वहीं दिल्ली पुलिस जिनसे ये सुरक्षा कि भीख माँग रहे थे।
रात को ड्रामा किया गया कि बिजली काट दी गयी,अजित अंजुम जैसे लडचट्टे पत्रकार ने इस झूठ को फैलाने में पूरा प्रयास किया लेकिन जंतर मंतर पर धरने के लिए बिजली नहीं दी जाती, किसान आंदोलन में भी यही हुआ था तो कथित किसानों ने illegal तरीक़े से इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन ले लिया था Image
लोग अपना जेनरेटर लेकर आते है, अब जेनरेटर ख़राब हो गया होगा तो मोदी जी तो स्वयं आकर तो ठीक नहीं कर देंगे, अजीत अंजुम को सौ रुपय दे देते तो वो कर भी देता, ख़ैर ।
कल को ब्रिज भूषण को पुलिस गिरफ़्तार कर भी लेती है तो ये अपना प्रोटेस्ट नहीं तोड़ेंगे, ये तब कहेंगे WFI की स्पेलिंग ग़लत है इसका नाम DABLUAFAAI कर दो, क्यूँकि जैसा चल रहा है इनका ये लोग कुछ भी कह सकते हैं।
सब मिलाकर बात यही है कि दीपेंदर हुड्डा के जाने के बाद, कुश्ती में हरियाणा का वर्चस्व घट रहा है, जिससे तकलीफ़ बहुत लोगों को है, व्यापारी से लेकर खिलाड़ी सबको अपनी सत्ता हिलती नज़र आ रही है इसलिए इतना बड़ा खेल किया जा रहा है
लेकिन सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से, ख़ुशबू आ नहीं सकती काग़ज़ के फूलों से। सुशील कुमार ने किस तरह से यूपी के एक पहलवान को बर्बाद किया सबने देखा, उस वक्त किसी ने अन्याय के ख़िलाफ़ ब्रेक डांस नहीं किया लेकिन जब चुनाव आते है विरोधी कुकुरमुत्ते इसी तरह पैदा होने लगते हैं

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The Timeline
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