वो सच जो #घीरे_घीरे उजागर हो रहा है
यह जो हाजी अली, साईं बाबा, अजमेर शरीफ, बहराइच गाजी बाबा जाकर नाक रगड़ने का हिंदुओं का चलन है यह कोई बहुत पुराना नहीं।
महज 60/70 साल पहले तक इन मुर्दों की कब्रों पर कोई हिंदू नहीं जाता था। (1 )
फिर शुरू हुआ सोचा समझा इस्लामी+वामपंथी+कांग्रेस की तिकड़ी का षड्यंत्र।
और इसका जिम्मा सौंपा गया हिंदी सिनेमा जगत को।
गाने शुरू हुए:-
किसी को बच्चा नहीं होता था :- या मोहम्मद भर दे मेरी झोली खाली। शिरडी वाले साईं बाबा आया है तेरे दर पर सवाली। (2)
चलो दरगाह पर गाना गाने:- 9 महीने की जगह 4 महीने में ही बच्चा दुनिया में आ गया।
हीरो बुरी तरह घायल होकर अस्पताल में..... हीरो की अम्मा दरगाह पर:-अली मोला अली मोला अली मोला।
डॉक्टर ने कहा हीरो की जिंदगी खतरे में। और अली मौला के चमत्कार से हीरो ने आंखें खोल दी। ( 3 )
हीरोइन के पीछे गुंडे पड़े.. हीरोइन भगवान को बचाने के लिए याद करती है...हीरो बचाता है:- अल्लाह अल्लाह तारीफ तेरी।
और भी बहुत इस्लामीकरण की गंध फैलाने के लिए:-
कुछ तो पूरी की पूरी फिल्में ही इस्लाम के झंदुपने पर छाप डाली। (4)
और झूठ सही पर चमत्कार को नमस्कार और हिंदू लेट कर दंडवत हो गया.. उठा पहुंच गया दरगाह पर।
मूर्खता, कायरपन, हीन भावना के शिकार, दब्बूपने के आपको ढेरों उदाहरण मिलेंगे। (5)
लेकिन इतिहास की वेदना और पीड़ा भूलकर अपने पूर्वजों के हत्यारों, अपनी बहन बेटियों की नीलामी करने वाले बलात्कारियों, हमारी आस्था के प्रतीक हमारे मंदिरों को तोड़ने वाले दुष्ट अधर्मियों की कब्रों पर जाने वाले हीन सिर्फ हिंदुओं में मिलेंगे। एक दो नहीं करोड़ों। (6)
अब थोड़ी थोड़ी आंखें खुल रही हैं, लेकिन देखना यह है यह आंखें कब तक खुली रहती हैं।
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शंकराचार्य अमृतानन्द की चिट्ठी पढ़कर हिन्दुस्तानियों का खून खोल उठेगा ।
◆ भारत की जनता जानती है कि हिन्दूओं को बदनाम करने के लिए #कांग्रेस सरकार ने “भगवा आतंकवाद” के नाम से कई #हिंदुत्वनिष्ठों को झूठे आरोपों में फंसाया था और उनको #अमानवीय प्रताड़नायें भी दी । (1)
पर आज #तत्कालीन हिंदूवादी सरकार है लेकिन अत्याचार के सिलसिले लगातार हिन्दू संतों पर जारी है ।
वोट बैंक की लालच में BJP भी सेकुलरिज्म का ढोंग कर रही है । (2)
◆ मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा, स्वामी असीमानन्द, कर्नल #पुरोहित का नाम तो खूब सुना ही होगा लेकिन कांग्रेस सरकार के इशारे पर #ATS ने एक ऐसा नाम छुपाया और उन्हें इतनी भयंकर प्रताड़नायें दी जिससे आज भी अधिकतर #हिन्दुस्तान की जनता अनभिज्ञ है । (3)
अजमेर में 100+ छात्राओं का बलात्कार: कॉन्ग्रेसियों और दरगाह के खादिमों की करतूत की सज़ा कब? 30 साल हो गए, कई अब भी फरार
राजस्थान (Rajasthan) के अजमेर शहर में आज से 30 साल पहले 1992 में एक वीभत्स सेक्स स्कैंडल हुआ था (1)
जिसे ‘अजमेर सेक्स स्कैंडल’ के नाम से जाना जाता है। इस घटना ने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस घटना में एक गर्ल्स स्कूल की 100 से अधिक स्कूली लड़कियों की अश्लील तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल कर उनका यौन शोषण किया गया था। (2)
इस कांड का असली गुनाहगार कॉन्ग्रेस नेता और अजमेर शरीफ दरागाह का खादिम था। मास्टरमाइंड था अजमेर शहर के यूथ कॉन्ग्रेस का अध्यक्ष फारुक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती। (2)
बहुत से लोग इन्हें भूल गए होंगे..इस हिन्दू योद्धा को जिसकी माँ की अस्थियां अभी भी उनके खेतों में अपने पुत्र द्वारा विसर्जन की प्रतीक्षा में गड़ी हैं…
“दारा सिंह,” साल 1999 में बजरंग दल के विभाग संयोजक थे। ( 1 )
जब उड़ीसा में ग्राहम स्टेंस हत्याकांड हुआ था तब बजरंग दल के दारा सिंह पर आरोप लगे थे। सारे विश्व की ईसाई मिशनरी एकजुट हो गई, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का “सेकुलर कैबरे” हुआ… और दारा सिंह गिरफ्तार हो गए… (2)
आज 24 वर्षों के बाद भी दारा सिंह को कभी पैरोल या जमानत नहीं मिली… यहाँ तक की उनके माता-पिता की चिता को अग्नि देने के लिए भी पैरोल नहीं मिली… लाखों हिन्दुओं को ख़त्म कर देने वाले मिशनरी से लड़ाई लड़ने वाला योद्धा 24 वर्षों से जेल में बंद है। (3)
इसका मुख्य कारण सिर्फ RELIGIOUS HATRED नहीं था। इसका मुख्य कारण विज्ञान, चिकित्सा,गणित और अन्य विषयों पर कई प्राचीन संस्कृत और मलयालम वैदिक ग्रंथों को चोरी करना था, जैसा कि वे कर सकते थे। बाद में उन्होंने चोरी की गई सभी जानकारी का इस्तेमाल किया और इसे अपने नाम पर Patent करा लिया।
इस दौरान जबरदस्ती लोगों का धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें गौ मांस और सस्ती शराब (फेनी) का सेवन कराया गया। बहुत ही शातिर तरीके से उन्हें आलसी बनाया गया ताकि वे काम करना ही भूल जाए।
एक दस्तावेज भी जारी किया जिसके तहत कोई भी गोवा में मंदिर का निर्माण नहीं कर सकता था। और पहले से ही निर्मित अन्य सभी मंदिरों को नष्ट कर दिया जाएगा। इस आदेश के तहत लगभग 300 से ज्यादा मंदिरों को नष्ट कर दिया गया।
जो ईसाई मिसनारिया भारत भर में सेवा के नाम पर हिन्दू आदिवासियों और गरीबों के मसीहा बनाने का ढोंग कर रहें है इनका उद्देश्य केवल हिंदुओ का धर्मांतरण है।
एक समय ऐसा भी था गोवा में जब हिन्दू स्त्रियों को धर्म परिवर्तन न करने पर उनके स्तनों को धारदार हथियारों से काट दिया जाता था।
गरमा-गरम लाल चिमटों से शरीर के मांस निकाले गए । लाल गर्म सरिया महिलाओं की योनि और पुरुषों के मलद्वार में डाले गए। हिंदुओं के नाखूनों को दर्दनाक तरीके से निकाला गया। उंगलियों और अंगूठे को कुचलकर तोड़ दिया गया। उनके शरीर पर तेज़ाब डाला गया। उनके हाथ उबलते तेल और पानी में डाले गए। "
6 मई 1542 को, 'संत' फ्रांसिस ज़ेवियर गोवा में उतरे और गोवा की वास्तुकला से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने कहा "जिसने भी गोवा को देखा है उसे लिस्बन (पुर्तगाल की राजधानी) देखने की जरूरत नहीं है",लेकिन वह यह जानकर बहुत निराश हुआ कि हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित करना आसान नहीं था।