ओय चिकने इधर आ सिर्फ पचास लूंगी तू तो ऐसे भी बड़ा क्यूट लग रहा है,
इस तरह की एक साथ बहुत ही लड़कियों की आवाजें आती हैं
लड़का सिर्फ शर्माते हुए इधर उधर देखता रहता है
तभी एक लड़की की आवाज उसके कानों में पड़ती है, हैलो प्रिंस बाबू कैसे हो,
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प्रिंस पलटकर देखता है, बालों को खोले एक कातिल मुस्कुराहट के साथ सामने एक लड़की खड़ी थी, बेहद खूबसूरत जैसे पहले थी,अब भी बेहद खूबसूरत ही लग रही थी बस फर्क इतना था कि पहले आंखो के निचे काले धब्बे नहीं थे, लेकिन अब पलकों के निचे काले धब्बों की हल्की हल्की लकीरें बन चुकी थी,
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अवनी जो उसके साथ कभी कलेज में पढ़ा करती थी, आगे सोचता की तभी अवनी की आवाज ने उसे चौंका दिया था।
अरे प्रिंस बाबू आज इधर का रूख कैसे कर लिया?
ए ताजा ताजा शौक है या पैदाशी शौक रखते थे बाबू ...?
प्रिंस बस मुस्कुरा कर रह जाता है।
अवनी- इसे चकला कहते हैं प्रिंस बाबू,और यंहा ना कोई
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साधु ना फ़रिश्ते आते हैं और ना ही या दुशमनी या दोस्ती चलती है,
जेब ढीली करो और बस बेशर्म हो जाओ बस एक ही धंधा चलता है
प्रिंस तब भी कुछ नहीं कहता बस मुस्कुरा कर अवनी को देखता रहता है
अवनी- जाईये पचास रुपये में आपकी बोली लगी है और बेशर्म हो जाईये।
प्रिंस की मुँह से अचानक आवाज
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निकलती है,
कैसी हो पागल?
अवनी खिलखिला कर हंसते हुए कहती है, हैलो मिस्टर ए आपका कालेज नहीं है जो आप ऐसा सवाल करो
ए चकला है चकला, जहाँ हम जैसे लड़कीया बदनाम है और आप जैसे शरीफ बेशर्म ।
आप यंहा ग्राहक बनकर आये हैं,आपको खुश करना हमारा धंधा है
मगर प्रिंस दोबारा वही सवाल दागता है,
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कैसी हो पागल ?..
अवनी तुरंत दूसरी तरफ मुड़कर दबी आवाज में कहती है,मेरी एक घन्टे की रेट 500 है,अच्छा होगा आप पचास वाले को चुनिये
तभी प्रिंस की आवाज चौंका देती है, दिये पाँच सौ।
अवनी कुछ बोले बिना एक मिनट तक पीठ घुमाये खड़ी रही, फिर अचानक आगे बढ गई लेकिन प्रिंस वहीं खड़ा रहा कुछ
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आगे पहुँच कर अवनी ने पिछे मुड़कर देखा और कहा,पाँच सौ नहीं है क्या?
प्रिंस चुपचाप अवनी के पिछे बढ गया।
दोनों अवनी के कमरे में पहुँचते हैं
अवनी पिछे एक पर्दा कीया रूम था वहां जल्दी से अपने कपड़े उतारते हुए कहती है, याद है प्रिंस बाबू, कलेज में आप मेरे आगे पिछे घुमा करते थे,
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मेरी एक झलक पाने को आप सुबह ही कलेज आ जाया करते थे देखो आज वक्त आप पर कितना मेहरबान है,सिर्फ पांच सौ रूपये में आपको मेरी रूह के आलावा सबकुछ मिल रही है
आप अपने दोस्तों को अक्सर कहा करते थे,अगर अवनी को पाने के लिए मुझे करोड़ों भी खर्च करनी पड़े तो चोरी डैकती करके भी करोड़ जुगाड़
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कर लूँगा सिर्फ अवनी के लिए,
हा हा हा हा हा हा हा हा कमबख़्त वक्त को देखो जो अवनी कल तक तुम्हारा एक सपना था वो तुमको आसानी से पाँच सौ मे मिल रही है,
प्रिंस कुछ नहीं कहता बल्की अपनी जगह से खड़ा होकर बिस्तर से चादर खींचकर अवनी के पास जाकर पिछे से चादर ओढाकर कहता है,
कैसी हो पागल?
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अवनी- अरे आपको शायद मालूम नहीं हमारे चकले के नियम को, आपने एक घन्टे का पाँच सौ दिया है, आप जो बेवजह बातें करके अपना वक्त खराब कर रहे हे ना वो भी एक घन्टे में गिनी जायेगी समझें?
इसलिए काम किजीये और दफा हो जाइये हमें और भी ग्राहक देखने हैं ।
प्रिंस मोबाईल निकालकर टाईम देखता है
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उसके पास अब भी चालीस मिनट थे,
फिर प्रिंस हमेशा की तरह मुस्कुरा कर पूछता है
कैसी हो पागल?
अवनी खामोश हो जाती है,वो कुछ बोल नहीं पाती बस उसी पर्दे के पिछे प्रिंस के हाथों बेडसीट ओढ़े ही खामोश रहती है।
इधर प्रिंस भी स्टूल मे बैठा ही खामोश रहा।
फिर प्रिंस ने मोबाइल पर टाईम देखा तो
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एक घन्टे होने में पाँच मिनट रह गया था।
प्रिंस अपनी जगह से उठकर बिस्तर पर पाँच सौ का नोट रखते हुए कहता है,
तुमने मुझे सिर्फ एक घन्टे दिया इसलिए मेरा वक्त खत्म हुआ, हो सके तो कल घन्टे बढ़ाने की कोशिश करना मै कल भी इसी टाईम आऊंगा
पता नहीं तुम्हारे साथ हमबिस्तर हो पाउंगा की नहीं
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मगर कल भी मेरा पहला सवाल येही होगा
कैसी हो पागल?
इतना कहकर प्रिंस निकल जाता है,
कुछ देर बाद अवनी मुड़कर देखती है तो वहां प्रिंस को नहीं पाती, फिर जल्दी से कपड़े पहन कर बिस्तर पर आकर चादर बिछाकर धम्म से गिर जाती है। की तभी दो लड़कियाँ आकर कहती है ओय चशमिश तेरा रोजाना ग्राहक
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आया है,
अवनी- जा कह दे आज मेरी तबियत ठीक नहीं है
लड़कीयां- ओय होय क्या बात है उस चिकने ने ऐसा क्या कर दिया यार जो तू बिमार तक हो गयी?
चशमिश- तुम भी मैं भी जीतने भी हैं यंहा लड़कियाँ कोई अपने शौक से नहीं आई है,
तुम समझ सकती हो मैं क्या कहना चाहती हूँ इसलिए हमे एक दूसरे का दर्द
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समझनी होगी।
अब तुम लोग सम्भालो किसको क्या जवाब देनी है
बस मुझे कोई परेशान ना करे
लड़कीयां- अगर मालकीन तक खबर पहुँच गयी तो?
अवनी- उनको अपने हिस्से से मतलब है उनको उनका हिस्सा मिल जायेगी
लड़कियाँ- यार तू कल तक देर रात तक ग्राहक के इंतजार में रहती थी और आज तू उस चाइनीज जैसे चिकने
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के साथ एक घन्टे गुजरते ही तू थक गयी?
कल अगर आया तो मैं उसके साथ रहूंगी
अवनी-वो कल भी आयेगा लेकिन तुम मे से किसी के पास नहीं जायेगा
वो मेरे पास ही आयेगा।
कोई आकर यंहा नंगा होता है तो हमें हैरानी नहीं होती मगर जो यंहा आकर बिना कपड़े उतारे हमारे साथ दूर बैठा कर खामोशी से एक घन्टे
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बिता कर वापस चला जाता है वो बात दिल पर चुभती है ए सोचकर की क्या मर्दों की जात में भी फर्क होती है?
लड़कीयां कुछ समझ नहीं पाती और चुपचाप चली जाती है
और इधर अवनी दरवाज़ा बंद किये प्रिंस के बारे में सोचने लगती है,
अवनी जिसका दूसरा साल था कालेज में और प्रिंस उससे जूनियर था और पहले
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साल में था।
प्रिंस का लुक ही नहीं वल्की सब कुछ औरों से हटकर था, अजीब बंदा था, हर बात मुस्कुरा कर कहना उसकी आदत थी।
अवनी और अमर एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे
ये दोनों दसवीं से ही साथ साथ थे, प्रेमी प्रेमिका कम पति पत्नी ज्यादा थे,
ये बात प्रिंस को भी पता थी लेकिन एक दिन तो हद
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हो गई जब सबके सामने प्रिंस घुटनों के बल बैठकर अवनी को फूल देते हुए कहता है
क्या तुम मेरी माँ की बहू और मेरी हमसफ़र बनोगी?
अवनी इस हमले से कतई तैयार नहीं थी इसलिए ना गुस्सा दिखा पाई और ना मुस्कुरा सकी
हाँ थोड़ी देर बाद ये जरूर कही थी की तू #पागल है क्या?
प्रिंस ने तब मुस्कुरा
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कर कहा था सभी कहते हैं आप थोड़ी हट के कहिये तो बात बने,
अवनी कुछ कहे बिना आगे बढ जाती है
अच्छा हुआ उस दिन अमर नहीं था वरना प्रिंस का थोबडा जरूर खराब हो जाता।
वैसे अमर को अवनी ने समझा दिया था की वो पागल है उसकी बातों पर ध्यान मत देना बोलकर प्रिंस को बचा लिया था मगर शायद प्रिंस
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की किस्मत ही ठीक नहीं थी, कोई एक महीने बाद एक अजीब सी घटना घटी,
अवनी और अमर कलेज की सीढ़ियां उतर रहे थे और उपर सीढ़ियों से प्रिंस अपनी धुन में गाना गाते हुए जल्दी जल्दी उतर रहा था की फिसल कर वो निचे सीढ़ियों से लुकढते हुए अमर और अवनी से टकरा जाता है
अमर तो खुद को गिरने से बचा
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लेता है लेकिन अवनी खुद को सम्भाल नहीं पाती और निचे जमीन में गिर जाती है
प्रिंस ने अवनी को चोट ना लगे सोचकर जल्दी से पकड़ लेता है, पर जमीन में गिरते ही अवनी का सर फूट जाता है वैसे प्रिंस को अवनी से ज्यादा चोटे आती है लेकिन अमर को कुछ सूझता नहीं और गुस्से में प्रिंस को मारने लग
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जाता है,
पास ही खड़े अमर के दोस्त भी प्रिंस पर टूट पड़ते है,
प्रिंस तो लहू-लुहान हो जाता है,
मगर प्रिंस की कोई खबर नहीं लेता और जल्दी से अवनी को अस्पताल ले जाया जाता है
अगले दिन सभी प्रिंस के खिलाफ गवाही देते हैं
और प्रिंस को कालेज से निकाल दिया जाता है
अवनी बहुत ज्यादा
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गुस्से में थी, वो समझती थी की वो जबरदस्ती मेरे बदन को छूकर अमर से अलग करके खुद का फायदा उठाना चाहता था।
वैसे कालेज प्रशाशन ने सफाई का मौका तो दिया था प्रिंस को मगर प्रिंस ने अपने टूटे हाँथ और फूटे सर को दिखाते हुए मुस्कुरा कर कहता है,
हाँ सर मैने जान बूझ कर कीया था क्योंकि
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मुझे पढ़ने का मन बिलकुल नहीं है लेकिन घर वाले जबरदस्ती पढ़ने को कह रहे थे
बड़ी गलती करने की फिराक में था मैं बस इतना ही कहना है कहकर कालेज छोड़ कर चला जाता है पर दो दिन बाद अमर और अवनी को अपनी गलती का एहसास हुआ की प्रिंस फिसला नहीं था वल्की सीढ़ियों में भीड़ का फायदा उठाकर
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एक लड़के ने पिछे से धक्का दिया था,
उस लड़के का मकसद अमर को चोट पहुँचाना था क्योंकि प्रथम साल में अमर ने उस लड़के को मारा था क्योंकि वो अवनी को परेशान करता था।
अमर और अवनी ने प्रिंस को बहुत ढूँढा लेकिन शायद वो शहर छोड़ चुका था ।
आज करीब 8 महीने बाद उसकी मुलाकात हुई थी वो भी एक
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अजीब हालत में
तभी दरवाजे पर दस्तक होती है
अवनी जैसे ही दरवाजा खोलती है सामने ....
कानपुर के एक कॉन्वेंट स्कूल के बाहर स्कूल ड्रेस पर हिजाब पहनी सकीना मास्क लगा कर,प्रिया और राधिका के साथ सेल्फी लेती है,सेल्फी लेने से पहले प्रिया और राधिका को हिजाब पहनाती है,जो उसकी अम्मी ने खास प्रिया और राधिका के लिए दुबई से
👇 twitter.com/i/web/status/1…
मंगवाया है,जहां सकीना के अब्बा अरबियों के गुसलखाने साफ़ करते हैं,सकीना उस तस्वीर को राधिका और प्रिया को व्हाट्सएप करने के साथ साथ,अपने इस्लामिक ग्रुप में शेयर करती है,जहां सकीना के मामा,चाचा,चाचा के लड़के,भाई और अब्बा भी मौजूद हैं,अब्बू वो तस्वीर अपने अरबी बॉस जो कुवैत में है,
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दिखाता है,और अरबी बॉस सकीना के अब्बा के अकाउंट में 10000 दीनार यानी मोटा मोटी भारतीय रुपयों में 26 लाख 70,000 ट्रांसफर कर देता है।
उधर राधिका अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट पर हैशटैग हिजाब फैशन,हैशटैग हिजाब स्टाइल,हैशटैग हिजाबी,हैशटैग इस्लाम इज लव इमोजी हार्ट हार्ट,हैशटैग सकीना बीएफएफ
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पञ्चब्रह्म मन्त्र :: पञ्चमुखी शिव के पाँच रूप (मुख) ही पञ्चब्रह्म (ईशान, तत्पुरुष, अघोर, वामदेव, सद्योजात) हैं तथा यहाँ उपस्थित पाँच मंत्र भगवान् विष्णु ने ज्योतिर्मय महलिङ्ग से प्राप्त करके जप करना आरम्भ किया था। ये मंत्र शिव पूजा के लिए अत्यंत
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प्रभावशाली हैं।
(1). ॐकार से उत्पन्न, पाँच कलाओं से युक्त, बुद्धि विवर्धक तथा सभी धर्म-अर्थ को सिद्ध करने वाला शुद्ध स्फटिक तुल्य अत्यंत शुभ्र तथा अड़तीस शुभ अक्षरों वाला पवित्र मंत्र ::
ईशान सर्वविद्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रह्मादिपति ब्रह्मणोऽधिपतिर्।
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ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम्॥
(2). गायत्री से उत्पन्न, चार कलाओं वाला, चौबीस अक्षरों से युक्त तथा वश्यकारक हरित वर्ण अत्युत्तम मंत्र ::
तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
वश्यकारक :: ए :- वशीकरण का कारक (किसी व्यक्ति को अपने अनुकूल बनाने वाला),ऐ :-
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पाकिस्तान की एक एक्ट्रेस है "नूर" नाम से। नूर के पति का नाम था "ऑन चौधरी।"
नूर की सहेली थी "बुशरा मानेका"। और बुशरा मानेका के पति थे "खावर फरीद मानेका" जो की बडे कस्टम ऑफिसर थे। इनके 2 बेटे और 3 बेटियां थी। इनकी तिसरी बेटी का नाम है मेहरू हयात मानेका।और इधर पाकिस्तान के पुर्व
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पीएम इमरान खान (जो पहले ही दो शादी कर चुके थे) के दोस्त है जुल्फी बुखारी जो की करोडपति बिजनेसमैन है।
तो एक्ट्रेस नूर ने बुशरा मानेका को इमरान खान से मिलवाया।और बूशरा मानेका ने अपने पति खावर मानेका को तलाक देकर इमरान खान से शादी कर ली और बूशरा बीबी बन गयी। फिर इमरान के दोस्त
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जुल्फी बुखारी ने एक्ट्रेस नूर के पति ऑन चौधरी से उसको तलाक दिलवाया और उसके बाद खुद एक्ट्रेस नूर से शादी कर ली।
इसके बाद ऑन चौधरी ने बूशरा बीबी की बेटी की सहेली से शादी कर ली।
फिर ऑन ने उसे तलाक दे दिया।और उससे बूशरा बीबी के पहले पति खावर मानेका ने शादी कर ली।
इधर जुल्फी बुखारी
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अचानक अवनी के दरवाजे पर दस्तक होती है,
अवनीत हैरान रह जाती है कि इस वक्त कौन हो सकता है फिर अनमने ढंग से दरवाजा खोलती है और सामने मालकिन को देखकर हैरान रह जाती है
मालकिन पूछती है कैसी है तबीयत है अभी,
अवनी -अभी फिलहाल बेहतर है लेकिन आपको
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किसने बताया कि कि मैं बीमार हूं ?
वह जो तुम्हारा रेगुलर कस्टमर है वह मेरे पास आया था बोल रहा था कि आप की देखभाल करें.
अवनी- जी नहीं थोड़ी सी थकान थी तो मैं ऐसे ही लेट गयी थी,
मालकिन-चलो तुम आराम करो और आज रेस्ट कर लो कल से पूरा काम पर लग जाना क्योंकि बार-बार तुम ऐसे आराम करोगे
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तो फिर मुझे नुकसान होगा
अवनी- मालकिन आपका नुकसान नहीं होगा मैं आपके कमीसन चुका दूंगी जो भी कमीसन होता है भले मैं काम करूं या ना करु मैं आपको दे दूंगी आप चिंता ना करें
मालकिन-वह बात नहीं है लेकिन यहां हम किसी को नाराज नहीं कर सकते पैसा बड़ी चीज नहीं है लेकिन ग्राहक के साथ धोखा
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गुरु -सिद्धि-मंत्र इन तिन शब्दो के अलग अलग अर्थ हैं।
गुरु - जो हमारी उन्नति करते हैं।उसके लिये हमें शिक्षा,दीक्षा,मंत्र,साधना देता हैं।हमें हर तरह की विपत्ति से बचाते हुए हमारी उन्नति को गती प्रदान करते हैं।
सिद्धि- सिध्दि यह वह चिज है जो गुरु के द्वारा दिए गये मंत्र को हमारे
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जाप से सिध्द हो जाने के बाद उसके देवता प्रसन्न होकर आशिर्वाद देतें हैं ।
मंत्र - मंत्र की व्याख्या तो हर कोई जानता हैं । वे उपकृत करने वाले शब्द जो हमें समस्त भवतापों से मुक्त कर के ईश्वरीय सानिध्य प्राप्त कराता हैं ।
अब इन तिन शब्दों के मेल से कुछ अलग से संयोग भी बनते हैं ।
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गुरु मंत्र- गुरु मंत्र यह वह बात हैं जो गुरु के द्वारा प्रदत्त होती हैं । गुरु अपने जिवन में जो भी साधनायें करते हैं उन साधनाओं के प्रतिफल से उन्हे जो भी देवता या मंत्र सिध्द हो चुके होते हैं वही मंत्र गुरु अपने शिष्यों को उनकी उन्नति के लिये प्रदान करते हैं ।
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🌿🌻#सुप्रभात दोस्तों🌻🌿
आरती की थाली में प्रायः तीन चीजें होती हैं जिनको हम लगभग एक साथ जलाते हैं। कपूर, धूप और दीप।
कपूर शीघ्र जल जाता है,धूप काफी देर तक जलती है और दीप और अधिक समय तक। कई बार सोचा कि इसके पीछे क्या आध्यात्मिक दर्शन हो सकता है।
एक दिन चिंतन में स्पष्ट हुआ कि
👇 twitter.com/i/web/status/1…
कपूर हमारे सुख का प्रतीक है। सुख बीतते समय नहीं लगता।
धूप हमारे दुःख का प्रतीक है जो हमे काफी लंबे समय तक सालता रहता है।*
दीप हमारे आनन्द का प्रतीक है क्योकि एक बार जलने के बाद सबसे अधिक टिकता है। इसलिए ही अखंड दीप की अवधारणा ने जन्म लिया। हम सब अखंड दीप जलाते हैं।इसका अर्थ है
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की जीवन में अखण्ड आनंद की कामना करते हैं।
कभी आपने सुना कि अखंड कपूर जलाया जाता हो या अखंड घूप जलाई जाती हो ?*
नहीं,भारतीय मनीषा सुख और दुःख की अवधारणा से मुक्त हो कर अखंड आनंद की कामना की अवधारणा की पोषक है।
उस दिन आरती की थाली में जलने वाली इन तीन वस्तुओं का रहस्य समझ आया।
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