#पागल भाग 2
#काशी_वाले_की_कलम_से....♥️

अचानक अवनी के दरवाजे पर दस्तक होती है,
अवनीत हैरान रह जाती है कि इस वक्त कौन हो सकता है फिर अनमने ढंग से दरवाजा खोलती है और सामने मालकिन को देखकर हैरान रह जाती है
मालकिन पूछती है कैसी है तबीयत है अभी,
अवनी -अभी फिलहाल बेहतर है लेकिन आपको
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किसने बताया कि कि मैं बीमार हूं ?
वह जो तुम्हारा रेगुलर कस्टमर है वह मेरे पास आया था बोल रहा था कि आप की देखभाल करें.
अवनी- जी नहीं थोड़ी सी थकान थी तो मैं ऐसे ही लेट गयी थी,
मालकिन-चलो तुम आराम करो और आज रेस्ट कर लो कल से पूरा काम पर लग जाना क्योंकि बार-बार तुम ऐसे आराम करोगे
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तो फिर मुझे नुकसान होगा
अवनी- मालकिन आपका नुकसान नहीं होगा मैं आपके कमीसन चुका दूंगी जो भी कमीसन होता है भले मैं काम करूं या ना करु मैं आपको दे दूंगी आप चिंता ना करें
मालकिन-वह बात नहीं है लेकिन यहां हम किसी को नाराज नहीं कर सकते पैसा बड़ी चीज नहीं है लेकिन ग्राहक के साथ धोखा
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नहीं होनी चाहिए अगर वह लोग रूठ गए तो फिर यह दोबारा नहीं आएंगे और दोबारा नहीं आए तो पूरा धंधा चौपट हो जाएगा तुम्हारे कमीसन की बात नहीं है सवाल है हमारे भरोसे की लोगों से जो हमने रिश्ता रखा है वह रिश्ता खत्म ना हो आगे से ध्यान रखना कि तुम सही समय पर लोगों का साथ दोगी और अपने
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कस्टमर को खुश रखोगी
इतना कहते ही मालकिन चली जाती है
अवनी कुछ नहीं कहती और चुपचाप दरवाजा बंद करके फिर पलंग पर जा कर लेट जाती है
अवनी की पलकों से नींद गायब थी,उसे बस रह रहकर प्रिंस की याद आ रही थी
वह यहां आया तो कैसे आया क्या सच में ऐसे धंधों में उसका आना जाना है या वह मेरी तलाश
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में आया था पर मेरी तलाश में आया था तो मेरी बारे में बताया उसको किसने?
वह तो आखिर कुछ जानता भी नहीं कॉलेज से निकलने के बाद वह एक तरह से गायब ही हो चुका था 8 महीने बाद मिले फिर वह मेरे बारे में क्या जानता है कुछ नहीं जानता
लेकिन मुझे क्यों ऐसा लगता है पागल मेरी तलाश में ही आया
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था अगर आया था तो मेरी कहानी उसको बताया किसने
इस तरह सोचते सोचते जब उसको कोई जवाब जब नहीं मिला अंत में थक हार कर सो गई उसे पता ही नहीं चला कि कब सुबह हो गई पर ना जाने क्यों अवनी को आज उठने का मन ही नहीं कर रहा था बिस्तर से
वह सिर्फ शाम का इंतजार कर रही थी शाम तो बस एक बहाना था,
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असल में उसे प्रिंस का इंतजार था
अवनी को खुद की जिंदगी से तो प्यार नहीं था फिर भला वह प्रिंस से कैसे प्यार कर सकती थी बस वह तो इतना ही जानना चाहती थी कि
प्रिंस यहां पहुंचा कैसे हो यह जानना चाहती थी आखीर प्रिंस चाहता क्या है मुझसे
मै ये जानना चाहती हुं कि उसे मेरे बारे में किसने
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बताया और यह जानना चाहती थी क्या सच में प्रिंस एक बिगड़ा हुआ इंसान है?
अवनी को मालकिन की बातें जू तक नहीं रेंगी उसके कानों में
अवनी ने फैसला कर लिया कि आज मैं किसी के साथ नहीं जाऊंगी मुझे सिर्फ इंतजार रहेगा सिर्फ पागल प्रिंस का
कई ग्राहक आए लेकिन सबको वह सर दर्द का यह पेट
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दर्द का बहाना करके अपने आप को छुपाती रही फिर अंत में आया वह शाम जब उस कोठे पर मेले लगते थे सब दुकाने हल्की-हल्की खुलने लगी थी चारों तरफ रौनक बढ़ने लगी थी ग्राहकों की तादाद बढ़ने लगी थी सभी आ जा रहे थे,
वह भी हमेशा सज धज कर बाहर बैठती थी
अवनी को ग्राहकों को रिझाने की की जरूरत
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नहीं थी क्योंकि ग्राहक खुद-ब-खुद उसके पास चले आते थे उसकी कीमत औरों से बहुत ज्यादा थी लेकिन लोग कीमत नहीं उसे देखते थे पर न जाने क्यों आज उसे सजने का मन नहीं किया और जिस हालत में थी बिखरे बाल बिखरे कपड़े
उसी हालत में जाकर सिढीयो के सामने खड़ी हो गई उसकी नजर दूर तक जा रही थी
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और हर दूर नजर में भी वो सिर्फ प्रिंस को ही ढूंढ रही थी तभी अचानक उसे वह मुस्कुराता चेहरा दिखाई दिया जो और कोई नहीं प्रिंस ही था जो अपनी ही धुन में आ रहा था
अवनी का इंतजार खत्म हो चुकी थी फिर वो वहां से उठकर अवनी बगल में छुप जाती है
जैसे ही प्रिंस आया सभी टूट पड़ी लड़कियां और
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सभी उसको बोलने लगी हमारे पास आओ हम आपको आज पैसे भी नहीं लेंगे वह तो 500 लेती है लेकिन हम पैसे भी नहीं लेंगे तुम एक घंटा नहीं जितना भी रहो हमारे साथ
प्रिंस सिर्फ मुस्कुरा कर रह गया और फिर आगे बढ़ गया और अपनी नज़र घुमा कर चारों ओर देखने लगा लेकिन उसे जब अवनी कहीं नजर नहीं आई तो
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वो उदास हो गया उसकी मुस्कुराहट गायब हो गई,अवनी छुपकर उसके चेहरे को देख रही थी जो उसकी तलाश में मुरझा चुकी थी
अवनी को उस पर दया आई तो बाहर निकल आई
और बोली कैसे हो प्रिंस बाबू?
प्रिंस मुस्कुरा कर कहता है अरे पागल यह सवाल तो मेरा है फिर तुम क्यों सवाल पूछती हो
अवनी अगर मैं कहूं
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मैं ठीक हूं तो क्या वापस चले जाओगे
प्रिंस ने मुस्कुरा कर कहा क्यों नहीं जरुर चला जाऊंगा लेकिन सच तो बताओ कैसी हो पागल?
अवनी कुछ बोली नहीं और अपने कमरे की तरफ बढ़ गई और प्रिंस भी उसके पीछे पीछे चला उसके कमरे तक
अवनी कुछ नहीं कहती और आगे बढ़ कर दरवाजा बंद करके बिस्तर पर बैठ
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जाती है,
अवनी- तुम आखिर मुझसे चाहते क्या हो
प्रिंस जो सभी चाहते हैं मैं भी वही चाहता हूं और ये कोई मंदिर तो है नहीं जो मैं यहां पूजा करने आया हूं नहीं ना पागल.
अवनी -वाह क्या बात है प्रिंस बाबू आप तो बहुत बड़े खिलाड़ी लगते हो
प्रिंस-हां क्यों नहीं क्योंकि पैदाइशी इस धंधे का
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खिलाड़ी जो ठहरा😂
अवनी- हम लड़कियां लड़कों का सिर्फ चेहरा ही तो पढ़ सकती है उनके अंदर क्या है बस वही तो समझ नहीं पाती इसलिए हर किसी पर भरोसा करके हम खुद को ही नुकसान पहुंचाती हैं

(#ये बात उन लड़कियों के लिए कही 👆है जो आंख बंद करके अपना सर्वस्व लुटा देती हैं...)
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अच्छा चलो मैं कपड़े उतारती हूं बहस करने से कोई फायदा नहीं है तुम जो करने आए हो वह कर लो और निकलो तुम यहां से
प्रिंस कहता है पहले बताओ तो पागल कैसी हो तुम
फिर कपड़े उतारना जो करना है जो मर्जी करना
पहले मेरे सवाल का जवाब तो दो क्योंकि यह सवाल कल से मैं पूछ रहा हूं
अवनी कहती है
👇
इससे क्या फर्क पड़ता है कि मैं खुश हूं या नहीं हूं
प्रिंस कहता है मैंने ₹500 में तुम्हें खरीदा है अब मैं आपके साथ हमबिस्तर बनू या बातें करूं या कुछ सवाल पूछूं हक तो बनता है ना मेरा आपसे सवाल पूछना और आपका जवाब देना।
अवनी कहती है मतलब तुम यहां सिर्फ मुझसे सवाल पूछने आए हो?
👇
प्रिंस मुस्कुरा के कहता है तुम अब जो भी सोचो
अवनी अपनी जगह से उठकर
प्रिंस को एक ग्लास पानी देते हुए कहती हैं
मैं बिल्कुल ठीक हूं तुम बताओ तुम कैसे हो
प्रिंस मुस्कुरा कर कहता है बिंदास ठीक हूं अच्छा हूं और बहुत खुश भी हूं
अवनी- तुम मुझसे मिलने के बाद खुश या पहले से ही खुश थे
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प्रिंस फर्क क्या पड़ता है कि मैं पहले से खुश हूं या तुमसे मिलने के बाद खुश हुआ हूं इंसान को सही मायने में खुश होना जरूरी हूं।
अवनी- चलो मैंने तुम्हारे सवाल का जवाब दे दिया
अब तुम ये भी बता दो की तुम यहां मेरी तलाश में आये थे
या इत्तेफाक की बात थी
प्रिंस कहता है समझ लीजिए
👇
इत्तेफाक ही बात थी आप यहां मिल गई,
अवनी-मतलब आपका ऐसी जगह पर आना जाना लगा रहता है? और शायद आप यहां पहली बार आए हो जहां आपकी और हमारी मुलाकात हुई
प्रिंस कहता है हां क्यों नहीं हम तो पैदाइशी ही इस धंधे पर हैं और आना-जाना लगा रहता है आपको तो पहले ही बोल दिया था,
अवनी- खैर जाने दो
👇
हर इंसान की अपनी अपनी फितरत होती है हमें क्या करना,
आपके सवाल का जवाब हमने दे दिया
और मुझे जो जाननी थी उसका भी जवाब हमें मिल चुका है,
अब बेकार की फालतू बातें करने से कोई फायदा नही है
चलिए बाकी बचे समय का आप लाभ उठा लिजिए
प्रिंस - अपनी जगह से खड़ा होता है और मुस्कुरा कर कहता ,
👇
मुझे भी अपने सवालों का जवाब मिल गया है
अभी हम चलते हैं,
इत्तेफाक से कभी हम आपकी गलियों से दोबारा गुजरे अगर तो हम एक घंटा आपके साथ जरूर गुजारेंगे,
हां उस वक्त कोई सवाल जवाब नहीं करूंगा
और एक घंटे का भरपूर फायदा उठाऊंगा कहकर जेब से पांच सौ रूपया निकाल कर बिस्तर पर फेक कर जैसे ही
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दरवाजे तक पहुंचता है अवनी की आवाज उसके कानों में पड़ती है
प्रिंस बाबू पैसे फेक कर तो ना दीजिए भले मैं गिरी हूं पर पैसे बड़ी इज्ज़त से लेती हूं
प्रिंस मुड़ कर मुस्कुरा कर पैसे उठा कर हाथ में देते हुए कहता है, भले पैसा जमीन मे हो या किचड़ में गिरा हो लेकिन उसके उपर
See more...👇👇
जितना लिखा है कीमत उतनी ही रहती है कहकर जैसे ही आगे बढ़ता है अवनी आवाज देती है
साफ साफ बोलिए आप कहना क्या चाहते हैं?
प्रिंस- कुछ नहीं बस पैसो की एहमियत बता रहा था कि पैसा कितना अनमोल होता है.
अवनी जोर से हंस पड़ती है हंसते हुए कहती है सही कहा प्रिंस बाबू आपने,
पैसा बहुत अनमोल
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है इसलिए तो आप एक घंटे का पांच सौ रूपया सिर्फ एक बजारू औरत का हाल चाल जानने के लिए खर्च कर देते हैं, है ना?
प्रिंस कुछ जवाब नहीं देता, लेकिन अवनी उसको कहती हैं,मैंने गलत बोल दिया क्या साहब?
प्रिंस दरवाजे तक जाकर रूक जाता है फिर बिना मुड़े कहता है, पैसा अनमोल होता है लेकिन मेरे
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लिए आप पैसों से कहीं ज्यादा अनमोल हो कहकर आगे बढ़ जाता है लेकिन अवनी की आवाज उसको क़दम रोकने पर मजबूर कर देती है
अवनी- आपके पांच सौ रूपयों का समय अभी वसूल नहीं हुआ है अभी भी 20 मिनट बचे हैं,
या तो बचे पैसे वापस ले जाईये या तो 20 मिनट और यहां गुजार कर पांच सौ रूपयों का पुरा समय
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वसूल कीजिए।
प्रिंस कुछ नहीं कहता चुपचाप आके बैठ जाता है लेकिन इस वक्त दोनों ही खामोश थे।
कहने को तो दोनों ही बहुत कुछ चाहते थे लेकिन शायद खामोश रहना दोनों के लिए जरूरी था क्योंकि जब इंसान खामोश होता तब वो खुद से बात करता है खुद को समझने का उसके पास एक अच्छा जरिया होता है लेकिन
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अवनी खामोश जरूर थी लेकिन उसके दिलों दिमाग में इस वक्त सिर्फ और सिर्फ प्रिंस और उसकी बातें कोहराम मचा रही थी,
वो समझ चुकी थी की प्रिंस यहां सिर्फ उसके लिए आया था मगर क्यो किसलिए जवाब नहीं था,
वो इस बात से भी हैरान थी की आखीर प्रिंस को किसने बताया की मैं धंधे वाली बन चुकी हूं?,
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अवनी कुछ सोचती अचानक प्रिंस की आवाज सुनकर वो चौंक जाती है
प्रिंस- चलिए मेरा एक घंटे का वक्त पूरा हुआ अब तो जा सकता हूं ना मैं?
अवनी उदास आवाज में कहती है पता नहीं क्यों वक्त वहीं नहीं ठहरता जहां लगता है कि हमें अब सुकून मिलने वाला है,
वैसे कुछ देर और ठहरते तो अच्छा होता
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प्रिंस- आज जेब में सिर्फ पांच सौ रूपए ही थे
अवनी- कल भी येही बोला था तुमने लेकिन ये भी बोला था कि कल ज्यादा घंटे देना मै ज्यादा पैसे लेकर आऊंगा,
प्रिंस- हां पर मुझे जवाब मिल गया की आप खुश हैं फिर यहां वक्त और पैसे बर्बाद करना गलत होगा
अवनी- चलो ठीक है बस आधे घंटे और रूक जाओ,
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पैसे नहीं लूंगी
प्रिंस- इतनी मेहरबानी क्यों हम पर?
अवनी- ये सवाल तो मैं भी पूछ सकती थी कि सिर्फ मेरा हाल चाल पूछने के लिए तुमने हजार रूपए और कीमती दो घंटे मेरे लिए बर्बाद किये वो किस हक से किया?
जिस्म के लिए आये होते तो यूं बेवजह बेफालतू की बातें तुम नहीं करते।
प्रिंस अपनी जगह
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बैठ जाता है लेकिन वो कुछ कहता नहीं
तभी अवनी कहती है अगर हम दोनों इत्तेफ़ाक से मिले हैं तो सबसे पहले तुम्हें हैरानी के साथ चौंक जाना था और पहला सवाल तुम्हारा होता की,तुम यहां पहुंची कैसे,
मगर तुम्हारा पहला सवाल कैसी हो पागल कहना ये बताता है की तुमको पहले से पता था कि
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मैं यहां हूं..
या तुमको पता चल गया था की मैं धंधे वाली बन चुकी हूं 😢😢
कोई जवाब है तुम्हारे पास?
प्रिंस- क्या कहूं मैं, मुझे नहीं लगता कि इसमें मेरी कोई सफाई की जरूरत है
कल से इधर का रूख कभी नहीं करूंगा, तुम खुश हो ये काफी है मेरे लिए , जरूरी ये नहीं कि तुम किस के साथ खुश हो
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और किस हाल पर हो
जरूरी है खुशी का मिलना चाहे कीचड़ में मिले या महल में मिले
अवनी- मतलब तुम को लगता है की मैं यहां बहुत खुश हूं?
प्रिंस कहता है तुमने ही तो कहा कि मैं खुश हूं तो तुमने बोल दिया तो यही तो सच होगा ना?
अवनी- अगर मैं कहूं की मैं खुश नहीं हूं तो?
प्रिंस अपनी जगह से
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खड़ा हो जाता है फिर बिना कुछ कहे दरवाजे से बाहर निकल जाता है अवनी अचानक खड़ी हो जाती है
फिर कुछ दूर जाकर प्रिंस वापस आकर कहता है
मेरे मम्मी पापा के घर के दरवाजे तुम्हारे लिए खुले हैं
हो सकता है तुम्हें वहां जिस खुशी की तलाश है वो शायद मेरे घर मिल जाए....?
इतना कहकर प्रिंस जवाब
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सुने बिना निकल जाता है
और इधर प्रिंस का जवाब सुनते ही अवनी धम्म से बिस्तर पर गिर जाती है क्योंकि अवनी इस हमले से बिल्कुल तैयार नहीं थी
उसने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था की प्रिंस इतनी बड़ी बात इतनी आसानी से कभी कह भी सकता है क्योंकि वो अब पहले वाली अवनी नहीं रही थी,
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आज तो प्रिंस ने जाते जाते उसको पुरी तरह अंदर से हिला कर रख दिया था
दिमाग बिल्कुल सुन्न करके रख दिया था अवनी का,ना कुछ सूझ रहा था ना कुछ समझ में आ रही थी,
अचानक वो उठकर बाहर भागती है और फिर इधर उधर देखती है लेकिन प्रिंस कहीं नजर नहीं आता,
अवनी वहां रूकती नहीं बाहर दौड़ लगाती है
👇
और इधर उधर उसकी नजर एक आइसक्रीम दुकान में जाती है जहां प्रिंस आइसक्रीम खा रहा होता है
अवनी दौड़ कर जाती है और हांफते हुए बस इतना कहकर वापस भाग आती है, कल वक्त पे आ जाना इंतजार करूंगी
प्रिंस हैरानी से अवनी को वापस भागते हुए कोठे की तरफ जाते हुए देखता रहता है उसे याद भी नहीं कि
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उसके हाथों में आइसक्रीम पिघल कर बह रही है
बस वो दूर पहुंच चुकी भागती हुई अवनी को देखता रहता है।.........

पिक्चर अभी बाकी है....
#भाग 3 कल

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May 4
#सेल्फी_इन_हिजाब ऐसे बनती है दी केरला स्टोरी😡

कानपुर के एक कॉन्वेंट स्कूल के बाहर स्कूल ड्रेस पर हिजाब पहनी सकीना मास्क लगा कर,प्रिया और राधिका के साथ सेल्फी लेती है,सेल्फी लेने से पहले प्रिया और राधिका को हिजाब पहनाती है,जो उसकी अम्मी ने खास प्रिया और राधिका के लिए दुबई से
👇 twitter.com/i/web/status/1…
मंगवाया है,जहां सकीना के अब्बा अरबियों के गुसलखाने साफ़ करते हैं,सकीना उस तस्वीर को राधिका और प्रिया को व्हाट्सएप करने के साथ साथ,अपने इस्लामिक ग्रुप में शेयर करती है,जहां सकीना के मामा,चाचा,चाचा के लड़के,भाई और अब्बा भी मौजूद हैं,अब्बू वो तस्वीर अपने अरबी बॉस जो कुवैत में है,
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दिखाता है,और अरबी बॉस सकीना के अब्बा के अकाउंट में 10000 दीनार यानी मोटा मोटी भारतीय रुपयों में 26 लाख 70,000 ट्रांसफर कर देता है।
उधर राधिका अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट पर हैशटैग हिजाब फैशन,हैशटैग हिजाब स्टाइल,हैशटैग हिजाबी,हैशटैग इस्लाम इज लव इमोजी हार्ट हार्ट,हैशटैग सकीना बीएफएफ
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May 4
🌿🌻#सुप्रभात_जिंदगी 🌻🌿

पञ्चब्रह्म मन्त्र :: पञ्चमुखी शिव के पाँच रूप (मुख) ही पञ्चब्रह्म (ईशान, तत्पुरुष, अघोर, वामदेव, सद्योजात) हैं तथा यहाँ उपस्थित पाँच मंत्र भगवान् विष्णु ने ज्योतिर्मय महलिङ्ग से प्राप्त करके जप करना आरम्भ किया था। ये मंत्र शिव पूजा के लिए अत्यंत
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प्रभावशाली हैं।
(1). ॐकार से उत्पन्न, पाँच कलाओं से युक्त, बुद्धि विवर्धक तथा सभी धर्म-अर्थ को सिद्ध करने वाला शुद्ध स्फटिक तुल्य अत्यंत शुभ्र तथा अड़तीस शुभ अक्षरों वाला पवित्र मंत्र ::
ईशान सर्वविद्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रह्मादिपति ब्रह्मणोऽधिपतिर्।
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ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम्॥
(2). गायत्री से उत्पन्न, चार कलाओं वाला, चौबीस अक्षरों से युक्त तथा वश्यकारक हरित वर्ण अत्युत्तम मंत्र ::
तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
वश्यकारक :: ए :- वशीकरण का कारक (किसी व्यक्ति को अपने अनुकूल बनाने वाला),ऐ :-
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May 3
पाकिस्तान की एक एक्ट्रेस है "नूर" नाम से। नूर के पति का नाम था "ऑन चौधरी।"
नूर की सहेली थी "बुशरा मानेका"। और बुशरा मानेका के पति थे "खावर फरीद मानेका" जो की बडे कस्टम ऑफिसर थे। इनके 2 बेटे और 3 बेटियां थी। इनकी तिसरी बेटी का नाम है मेहरू हयात मानेका।और इधर पाकिस्तान के पुर्व
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पीएम इमरान खान (जो पहले ही दो शादी कर चुके थे) के दोस्त है जुल्फी बुखारी जो की करोडपति बिजनेसमैन है।
तो एक्ट्रेस नूर ने बुशरा मानेका को इमरान खान से मिलवाया।और बूशरा मानेका ने अपने पति खावर मानेका को तलाक देकर इमरान खान से शादी कर ली और बूशरा बीबी बन गयी। फिर इमरान के दोस्त
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जुल्फी बुखारी ने एक्ट्रेस नूर के पति ऑन चौधरी से उसको तलाक दिलवाया और उसके बाद खुद एक्ट्रेस नूर से शादी कर ली।
इसके बाद ऑन चौधरी ने बूशरा बीबी की बेटी की सहेली से शादी कर ली।
फिर ऑन ने उसे तलाक दे दिया।और उससे बूशरा बीबी के पहले पति खावर मानेका ने शादी कर ली।
इधर जुल्फी बुखारी
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May 3
गुरु -सिद्धि-मंत्र इन तिन शब्दो के अलग अलग अर्थ हैं।
गुरु - जो हमारी उन्नति करते हैं।उसके लिये हमें शिक्षा,दीक्षा,मंत्र,साधना देता हैं।हमें हर तरह की विपत्ति से बचाते हुए हमारी उन्नति को गती प्रदान करते हैं।
सिद्धि- सिध्दि यह वह चिज है जो गुरु के द्वारा दिए गये मंत्र को हमारे
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जाप से सिध्द हो जाने के बाद उसके देवता प्रसन्न होकर आशिर्वाद देतें हैं ।

मंत्र - मंत्र की व्याख्या तो हर कोई जानता हैं । वे उपकृत करने वाले शब्द जो हमें समस्त भवतापों से मुक्त कर के ईश्वरीय सानिध्य प्राप्त कराता हैं ।

अब इन तिन शब्दों के मेल से कुछ अलग से संयोग भी बनते हैं ।
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गुरु मंत्र- गुरु मंत्र यह वह बात हैं जो गुरु के द्वारा प्रदत्त होती हैं । गुरु अपने जिवन में जो भी साधनायें करते हैं उन साधनाओं के प्रतिफल से उन्हे जो भी देवता या मंत्र सिध्द हो चुके होते हैं वही मंत्र गुरु अपने शिष्यों को उनकी उन्नति के लिये प्रदान करते हैं ।
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May 3
🌿🌻#सुप्रभात दोस्तों🌻🌿
आरती की थाली में प्रायः तीन चीजें होती हैं जिनको हम लगभग एक साथ जलाते हैं। कपूर, धूप और दीप।
कपूर शीघ्र जल जाता है,धूप काफी देर तक जलती है और दीप और अधिक समय तक। कई बार सोचा कि इसके पीछे क्या आध्यात्मिक दर्शन हो सकता है।
एक दिन चिंतन में स्पष्ट हुआ कि
👇 twitter.com/i/web/status/1…
कपूर हमारे सुख का प्रतीक है। सुख बीतते समय नहीं लगता।
धूप हमारे दुःख का प्रतीक है जो हमे काफी लंबे समय तक सालता रहता है।*
दीप हमारे आनन्द का प्रतीक है क्योकि एक बार जलने के बाद सबसे अधिक टिकता है। इसलिए ही अखंड दीप की अवधारणा ने जन्म लिया। हम सब अखंड दीप जलाते हैं।इसका अर्थ है
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की जीवन में अखण्ड आनंद की कामना करते हैं।
कभी आपने सुना कि अखंड कपूर जलाया जाता हो या अखंड घूप जलाई जाती हो ?*
नहीं,भारतीय मनीषा सुख और दुःख की अवधारणा से मुक्त हो कर अखंड आनंद की कामना की अवधारणा की पोषक है।
उस दिन आरती की थाली में जलने वाली इन तीन वस्तुओं का रहस्य समझ आया।
👇
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May 2
सौरभ किरपाल
देश में सुप्रीम कोर्ट के एक चीफ जस्टिस हुए भूपिंदर नाथ किरपाल (बी. एन. किरपाल) भारत के 31वें मुख्य न्यायाधीश थे,जो 6 मई 2002 से 7 नवंबर 2002 को सेवानिवृत्ति हुए थे।
इन्ही जज साहब के घर पैदा हुआ एक नपुंसक बेटा सौरभ किरपाल उसके 2 भाई बहन भी हैं।
सौरभ कृपाल की पूरी
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शिक्षा विदेश से हुई और विदेश में रहते हुए इसके समलैंगिक संबंध एक विदेशी नागरिक से बन गए जो कि पिछले 20 सालों से अपने पार्टनर निकोलस जर्मेन बच्चन के साथ रिलेशनशिप में हैं।
निकोलस एक यूरोपीय हैं और नई दिल्ली में स्विस फेडरल डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेन अफेयर्स में काम करता हैं यानि
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कि एक जासूस है।
सौरभ कृपाल इस व्यक्ति को अपना पति और खुद को उसकी पत्नी मानता है।
यहां तक तो सब ठीक था कोई दिक्कत नहीं थी किसी को लेकिन जज साहब के इस नपुंसक बेटे ने जिद पकड़ ली कि मुझे भी जज बनना है .
और इसकी जिद के पीछे हैं वह विदेशी ताकतें जो हमारे कोर्ट और सिस्टम में घुसकर
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