रोंगटे खड़े कर देने वाली #TheKeralaStory
किसी भी हिन्दू की आत्मा को झकझोर देने वाली सत्य को दिखाती फ़िल्म
जिसे बनाने का साहस दिखाया निर्माता श्री विपुल भाई शाह ने #लव_Gहाद में फसी हिंदू बेटियों की कहानी पर आधारित
ज़रूर देखे अपनी बहन बेटी के साथ बैठकर देखे
फिल्म ‘The Kerala Story’ रिलीज़ हो गया है।
फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है।
फिल्म निर्माता विपुल अमृतलाल शाह कहते हैं कि
उनकी फिल्म दुनिया को एक भयानक
सच दिखाने जा रही है कि कैसे
32,000 हिंदू और ईसाई
महिलाओं को इस्लाम
में कन्वर्ट कर ISIS
आतंकियों को
सौंप दिया
गया था...
10 वर्ष में 32000 लड़कियां लापता..
केरला के चीफ मिनिस्टर ने कहा अगले 20 वर्ष में बन जाएगा केरला इस्लामिक स्टेट...
इस फ़िल्म का भी का The Kashmir Files की भांति साथ दीजिए..
द केरला स्टोरी फिल्म रोंगटे खड़े कर देगी,
लेकिन सच से रु-ब-रू कराना
वाकई
हिम्मत का काम है।
पूरी टीम को बधाई औऱ शुभकामनाएँ ....
आप सभी को ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए ...
भगवान्
शंकर की पूजा करने वाले
पुरुष को चाहिये कि वह शास्त्रोक्त आठ मानस मन्त्रों द्वारा 8 फूल निवेदन करे।
उन फूलों के नाम इस प्रकार हैं
"वारिज" "सौम्य" "आग्नेय"
"वायव्य" "पार्थिव" "वानस्पत्य"
"प्रजापत्य" और "शिवपुष्प"।
अब इनके स्वरूप का निर्णय
जल को ही वारिज समझना चाहिये।👇
मधुयुक्त दूध सौम्य कहलाता है।
धूप और दीप आग्नेय पुण्प के अन्तर्गत हैं।
चन्दन आदि वायव्य पुष्प हैं।
कन्द मूल आदि पार्थिव पुष्प और फल वानस्पत्य पुष्प है।
अन्न आदि भोज्य पदार्थ प्राजापत्य पुष्प कहलाते हैं तथा उपासना का ही नाम शिव पुष्प है।
इनके सिवा अहिंसा प्रथम पुष्प है।
इन्द्रिय निग्रह द्वितीय पुष्प और दया तृतीय पुष्प है।
इन आध्यात्मिक पुष्पों से सब देवता सन्तुष्ट होते हैं।
इस हारिणतीर्थ में तपस्या और भक्ति के द्वारा भगवान् शिव की पूजा करनी चाहिये
जो ब्राह्मण रुद्रसूक्त पुरुषसूक्त और अपनी अपनी शाखा के अनुसार गृह्यसूत्र "इषे त्वा"इत्यादि मन्त्र
#TheKerelaStory में एक दृश्य है जो पुरी फिल्म का सबसे जबरदस्त दृश्य है
एक हिंदू लड़की चुपके से इल्हाम मे कन्वर्ट होने के बाद अपने पिता के सिर पर थूकती है। ये एक शानदार दृश्य है और मुझे यह पसंद है। क्यों.. इसके मै आपको दो कारण बताऊंगा:
1. यह एक ऐसा दृश्य है जो सिनेमाई रूप👇
से इतना गहरा संदेश देता है, जिसे दूसरी तरह से व्यक्त करना बहुत मुश्किल था। बात ये है कि एक बार जब कोई इंसान इब्राहीमी धर्मों को अपनाता है - फिर उसके करीबी रिश्तेदार कौन है इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। यहां तक कि अगर कोई गैर इल्हमिक उस व्यक्ति के आसपास रहता है - तो वो अपनी हर
के हर पल उसे कोसना होता है। यह विचारधारा का हिस्सा है, और इस फिल्म के निर्देशक ने इसे बखुबी संप्रेषित किया है।
2. मुझे यह दृश्य इसलिए भी पसंद है क्योंकि मुझे लगता है कि ऐसी लड़की के माता-पिता इसके हकदार हैं। वह अपमान,घृणा बल्कि बहुत अधिक घृणा का हकदार है। लड़की का धर्म परिवर्तन
हिन्दू राष्ट्र......
हम सब एक सपना देखते हैं हिन्दू राष्ट्र का । फेसबुक व सोशियल मीडिया पर बाते करते हैं हिन्दू राष्ट्र की अखंड भारत की । सच बहुत अच्छा सपना देखते हैं हम सब ।
एक ताजा हकीकत बता रहा हूँ अभी हमारे शहर में नृसिंह चौदस का उत्सव मनाया गया यह मैं बड़ी उत्साह से बचपन 👇
से मनाता आ रहा हूँ समझ आने के बाद 55 साल से मुझे अच्छी तरह से याद है कि इस दिन मन्दिर में व गली चौराहे पर इतनी भीड़ होती थी कि पैर रखने को जगह नही मिलती थी । लोगो मे भी भारी उत्साह व धर्म की भावना थी
इस बार इस अवसर पर बाली शहर की तो छोड़ो। मेरी गली के भी पूरे लोग उपस्थित नही थे
कुल जमा 25-30 लोग जिसमे महिलाये व बच्चे अधिक । यह है वास्तविक स्थिति लोगो का धार्मिक त्योहारों पर अपना स्वार्थ पैसा रुपया हावी होता जा रहा है जबकि यहाँ हिंदूवादी दल भाजपा का गढ़ है बजरंग दल शिव सेना विश्व हिंदू परिषद भी कार्यरत हैं । मजाल है कोई बड़ा नेता कार्यकर्ता भी आ गया हो
उनके लिए अलग नियम
कानून (धारा 370 और 35A) बनवा कर देख लिए.
"आप चाहे जो कर लीजिए, उनकी माँगें नहीं रुकने वाली"
उन्हें सबसे स्वादिष्ट उसी गौमाता का माँस लगेगा जो आपके लिए पवित्र है,
उसके बिना उन्हे
भयानक कुपोषण हो रहा है...
उन्हें "सबसे प्यारी" वही मस्जिदें हैं,
जो हजारों साल पुराने "आपके" ऐतिहासिक मंदिरों को तोड़ कर बनी हैं....
उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी उसी आवाज से है
जो मंदिरों की घंटियों और पूजा-पंडालों से है...
ये माँगें गाय को काटने तक नहीं रुकेंगी...
यह समस्या
अपने को बेपर्दा करते निर्लज्जता
पर उतरे “पहलवान” -
आंदोलन के मकसद सामने
आ रहे हैं -
सुप्रीम कोर्ट की ऐसी तैसी,
“खाप पंचायत” की चलेगी-
जैसे जैसे पहलवान हठधर्मिता पर उतारू होते जा रहे हैं, उनके आंदोलन के पीछे के मंसूबे भी सामने आ रहे हैं और वे स्वयं ही साबित कर रहे हैं कि उनका👇
हैंडल कोई और ही घुमा रहा है - ऐसा न होता तो सुप्रीम कोर्ट के द्वारा उनका केस बंद करने पर विनेश फोगट के कहने का क्या मतलब है कि सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट “ से पहले हमारी “खाप पंचायतें और उसमें बैठे हमारे बुजुर्ग” फैसला लेते हैं और हम उसे ही मानेंगे
इसके अलावा बजरंग पुनिया जोर जोर
से कहता है सारे किसानों अपने अपने ट्रैक्टर ले कर आ जाओ, होटल प्लाजा में कहते हैं 64 कमरे बुक किए हुए हैं जिनमें जा कर ये पहलवान और बाहर से आने वाले समर्थक ठहराए जाते हैं और एक दिन का किराया हर कमरे का 7600/- रुपए है - ये होटल का प्रबंध किसी Sky Holid