अवनी सतपाल का फोन सुनने के बाद बहुत परेशान थी वो सोच ही नहीं पा रही थी की क्या करें या ना करे,
वो इस बात से बहुत परेशान थी की प्रिंस उसे बर्बाद करना चाहता है और इसी मकसद से वापस लाया था, अब ये कैसी बर्बादी है वो समझ नहीं पा रही थी।
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सतपाल प्रिंस का दोस्त था और प्रिंस ने ही सतपाल को बताया होगा की वो अवनि के साथ क्या करने वाला है।
अवनी सोच में डूबी थी की प्रिंस आकर कहता है
ओय पागल सिटी नहीं चलना है क्या?
लेकिन अवनी सिर दर्द का बहाना करके मना कर देती है, अब अवनी हर समय चौकस रहती थी प्रिंस से,और प्रिंस है की
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वो हमेशा अकेले में जाकर पहाड़ी पत्थर पर बैठ जाता था, अवनी प्रिंस को देखकर सोचती है कि जिस शख्स ने मुझे गंदी दुनिया से निकाला वही शख्स मुझे आखिर कैसे बर्बाद कर सकता है? ऐसे भी उस गंदगी में मैं बर्बाद तो थी, उससे ज्यादा बर्बादी एक लड़की के लिए क्या हो सकती है जहां रोज़ उसका
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बलात्कार होता हो,😢
और फिर प्रिंस ने अभी तक मेरे जिस्म को ना हाथ लगाया है और ना मेरे साथ सोया है?
पर सतपाल झूठ क्यों बोलेगा?
अवनी की सोच से बाहर की बात थी इसलिए खुद को ये सोचकर वक्त के हाथों छोड़ दिया की शायद जान से मार दे मुझे क्योंकि बर्बाद तो मैं ऐसे भी हो चुकी हूं।
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करीब हफ्ते दिन बीत गए और इन बीते दिनों में अवनी ने याद किया की प्रिंस बहुत कम बोलने लगा है और हमेशा उदास उदास सा रहने लगा है अवनी ने सोचा चलो आज इस के दिल को टटोल कर देखती हूं,
फिर प्रिंस से पूछी क्या बात है प्रिंस बड़े खोए खोए लगते हो आजकल ?
प्रिंस मुस्कुरा कर कहता है ऐसा
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तुमको क्यों लगता है मैं तो ठीक हूं और बहुत खुश भी हूं,
अवनी कहती है मैं बस पूछ रही हूं क्योंकि कुछ दिनों से तुम खाली उसी पहाड़ी पर जाकर बैठते हो और मेरे साथ बात भी नहीं करते
तुम भी तो नहीं करती और तुम करती हो मैं ना तो नहीं ना करता बोलो क्या पूछना चाहते हो।
अवनी कहती है अच्छा
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यह बताओ तुम कभी अमर से मिले हो?
प्रिंस- हां मिला तो हूं,
अवनी जल्दी से पूछती है कब और कहां?
प्रिंस- अरे पागल कॉलेज में ही तो मिला हूं और तुम भी तो साथ थी ना और तुमने ही तो मिलाया था ना मुझे अपने अमर के साथ?
अवनी- अरे मैं पूछ रही थी की उसके बाद कभी मिले थे?
प्रिंस- नहीं
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अवनी- फिर तुमने मेरी तलाश केसे की?
प्रिंस झल्लाकर कहता है अरे मेरी मां कीतनी बार कहुं की वो बस एक इत्तेफाक था और कुछ नहीं कहकर प्रिंस बाहर निकल जाता है, अवनी हर बार की तरह निराश हो जाती है जो वो जानना चाहती थी वही प्रिंस नहीं बताता था,
अगले दिन अचानक प्रिंस अवनी से कहता है की
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चलो बैंक मेरे साथ थोड़ा काम है और साथ में अपना आधार कार्ड भी ले लेना,
अवनी- मेरा आधार कार्ड क्यों?
प्रिंस- अरे घर से पेसे मंगवाने हैं कल, और मैं चाहता हूं की पैसे तुम्हारे एकाउंट में आते,
अवनी- मेरे पास पहले से एकाउंट है बोलो कितने चाहिए?
प्रिंस- कब बनवाया था
अवनी- तुमको पैसे
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ही चाहिए ना? बोलो तो कितने चाहिए?
प्रिंस- दो लाख रुपए चाहिए,
दो अभी
अवनी- इतना रूपये क्यो चाहिए?
प्रिंस- यार अब चाहिए तो तुमको जरूरी है क्या बताना?
हैं तो दो नहीं तो अपना एकाउंट नंबर दो..
अवनी अपना एकाउंट नंबर देती है
प्रिंस- लेकिन पैसे आ भी गये तो फिर कैसे निकालूंगा?
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अवनी- एटीएम से
प्रिंस- लेकिन तुम्हारे पास एटीएम कार्ड कब से है?
अवनी अपने गालों को हाथ रखकर कहती है अबकी बार मारा तो देखना मैं भी जवाब दूंगी कहकर खिड़की की तरफ मुंह करके कहती, उस मंजर को मैं अब भी भुलाना चाहती हूं मगर चाह कर भी भुला नहीं सकती,
तभी प्रिंस कहता है बस कर,
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अवनी- मेरे साथ जो हुआ वो कहने की हिम्मत है मुझमें लेकिन तुम क्यों सुनना नहीं चाहते?
प्रिंस- एटीएम कार्ड है तुम्हारे पास इतना काफी है मेरे लिए कहकर प्रिंस जैसे ही आगे बढ़ता है पीछे अवनी कहती है , मैंने उस गंदी दलदल में कोई बैंक एकाउंट नहीं खोला, और ना एटीएम कार्ड बनाई समझे?
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यहां तक मैंने उस गंदगी से अपने कपड़े तक नहीं लिए बस जो चप्पल पहनी थी वो भी रास्ते पर फेक दिये,
वो गंदगी के पैसे तक में वही छोड़ आई हूं,
मैं हमेशा अपना एटीएम कार्ड अपने बांह के अंदर छोटी एटीएम जीतनी बड़ी पोकेट बनाई थी वहीं रखती हूं यहां तक जब हमारी कोल ड्रिंक में अमर के दोस्त
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धुर्व और उसके कमीने दोस्तों ने बेहोशी का दवा पिलाकर मेरा बलात्कार किया और मेरा मोबाइल से लेकर मेरी पर्स तक ले गये फिर मुझे दलालों के हाथों बेच दीया और चकले तक पहुंच गई तब भी मेरी एटीएम मेरे साथ है समझे?
मगर प्रिंस कोई जवाब दिए निकल जाता है,
इधर अवनी पुराने दिनों को याद करके
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रोने लगती है
अगले दिन प्रिंस पूछता है अवनी से, तुमने बताया नहीं की तुम्हारा घर कहां है, ?
अवनी- क्यों पुछ रहे हो तुम..?
प्रिंस- ठीक है मत बताओ
अवनी- उत्तराखंड
प्रिंस- उत्तराखंड कहां?
अवनी- ये सब तुम आखीर पूछ क्यों रहे हो हां?
प्रिंस- हम अभी उत्तराखंड में है,
तुमने गुंजी नाम
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सुना है,? नेपाल इंडिया बोर्डर दारचुला?
हम वहीं हैं अभी।
अवनी चौंक कर कहती है क्या????
प्रिंस- सोचा तुम्हें तुम्हारे घर तक पहुंचा दूं,
अवनी खिड़की की तरफ चेहरा करके बोलती है, मैंने तो सोच लिया था की अब जिंदगी खत्म है मेरी, कभी सोचा भी नहीं था की उस गंदगी से बाहर निकल पाउंगी,
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तुम कहते हो इत्तेफाक की बात है ,
और हां एक बात पूछनी थी तुमसे, उस दिन सतपाल भैया का फोन आया था, उन्हें तो पता ही नहीं था कि फोन मैंने उठाया है..और तुमने उठाया है ये सोचकर बोलने लगे की रब के वास्ते उसकी जिंदगी बर्बाद मत कर,
अगर सच में तुम मुझसे मोहब्बत करते हो तो तुमको मेरी कसम
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सच बताओ तुम क्यों मुझे बर्बाद करना चाहते हो?
कुछ देर बाद जवाब नहीं मिलता तो Please बताओ ना प्रिंस कहकर अवनी जैसे ही मुड़ती है तो हैरान रह जाती है क्योंकि वहां प्रिंस नहीं होता।
मतलब प्रिंस पहले से जा चुका था।
शाम के वक्त प्रिंस आता है और कहता है की मैं शहर जाकर आता हूं कहकर
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जवाब का इंतजार किये बगैर चला जाता है
और रात को आता है
अवनी सवाल पूछती है लेकिन प्रिंस कुछ जवाब दिए बगैर रोज़ की तरह निचे सोने चला जाता है,
अवनी गुस्से में खाना खाये बिना सो जाती है, और वो दरवाजा बंद करना भी भूल जाती है
और सुबह जब उसकी आंख खुलती हैं तो वो खुद को औंधे मुंह
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दोनों हाथों को पीछे बंधे पाती है और उपर से मुंह में कपड़े ठूंसे हुए पाती है और सामने चेयर पर प्रिंस को मुस्कुराते हुए पाती है,
अवनी जोर जोर से मचलती है खुद को छुड़ाने के लिए मगर छुड़ा नहीं पाती
प्रिंस मुस्कुरा कर Sorry कहते हुए कहता है,
पता है अवनी मैडम, हम ना बहुत कुत्ती
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चीज है,
आपने और आपके अमर ने मेरा केरियर बर्बाद कर दिया, मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी, हम ना मैडम बहुत गरीब परिवार से हैं, एक पढ़ाई ही मेरी पहली प्राथमिकता थी, ताकि पढ़ लिखकर एक अच्छी नौकरी मिल सके और अपने गरीब मां बाप को पाल सकूं।
फिर प्रिंस उठकर खिडकीयों के पास जा खड़ा होता है,
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और खिड़कियों से बाहर झांकते हुए कहता है, मुझे घर से भी निकाल दिया गया,
और फिर हम दार्जिलिंग से आपके देहरादून में ही मजदूर बन गये और आपसे और आपके अमर से बदला लेने की फिराक में थे,
आप दोनों को बहुत ढूंढा आप नहीं मिली ना आपका हीरो अमरनाथ मिला,
फिर हम यूपी बुलंद शहर चले गए मजदूरी
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करने क्योंकि यहां ज्यादा ठंड हो गई और मैं बर्दाश्त नहीं कर सका।
बस एक रात खुद को बदनाम करने का मन हुआ तो अचानक कदम बदनाम गलियों की रूख की ओर चल पड़े, इत्तेफाक से आप वहां मिली और मन में पुरानी दुश्मनी ने अंगड़ाई ली फिर आपको वहां से निकाल कर इससे भी ज्यादा गंदी जगह में धकेलने
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का प्लान बनाया,
बेचारे सतपाल को तो ये ही लग रहा है की मैं तुमसे प्यार करता हूं
उसने मेरे नकली आंशुओ पर भरोसा किया और तुमको वहां से निकालने में मेरी मदद की।
मैं हर शाम को निकल पड़ता था तुम्हारा सौदा करने मगर सही कीमत नहीं मिल रही थी,
अंत में जाकर कल सौदा तय हुआ आपकी पूरे ढाई
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लाख में ,
अभी घंटे भर बाद वो आदमी आ जाएगा आपको लेने ये कहकर प्रिंस अवनी की ओर बिना देखे दरवाजे से निकल पड़ता है।
अवनी बंधी थी और मुंह में कपड़ा ठूंसा था, मजबूर और असाहय थी, खुद को बचा नहीं पा रही थी
रोते रोते सोचने लगी हर बार मुझे ही धोखा मिला।
पहले धोखा जो मिला उससे बड़ा
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धोखा अब मिला है क्योंकि पहले धोखा अचानक हुआ था और दुश्मन ने दोस्ती का मुखौटा लगाकर दिया था
लेकिन यहां तो उसने धोखा दिया था जिसे मैं मोहब्बत करने लगी थी, पहले धोखे पर हमने जिंदगी की उम्मीद छोड़ दी थी मगर उस गंदगी से निकलने के बाद जिंदगी जीने की एक उम्मीद बढ़ी थी,
जब आप अचानक
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हारते हो तो बस तकलीफ होती है लेकिन उससे बड़ी तकलीफ तब होती है जब आप हारने के बाद भी फिर जीतने का जूनून लिए दौड़ते हैं और जीत की मंजिल के करीब होते हैं और फिर हार जाते हैं
अवनी घुट घुट कर रोने के आलावा कुछ नहीं कर पा रही थी करीब एक घंटे बाद दरवाजा किसी ने धकेला और अवनी को
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दरवाजा खुलने की आवाज सुनाई दी
अवनी ने अपनी आंखें बंद कर ली क्योंकि वो जान चुकी थी की अब वो फिर से उसी गंदगी में पहुंचने वाली है जिसे बदनाम तो समाज के शरीफ़ मर्द करते हैं और बदनाम घर से भगाई गई लड़कीयां मोहब्बत के नाम पर ठगी गई मासूम लडकीयां ही बदनाम होती है,
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भले मां बाप ने जितना अच्छा नाम रखा हो हम बेटीयों का मगर उस गंदगी में पहुंचाए जाने के बाद हमारी पहचान सिर्फ धंधे वाली नाम से होती है 😢😢
पाकिस्तान की आवाम के पास विकल्प नहीं हैं.... मर्दों के पेट खाली..... जेब खाली...
औरतों के लिबास में जेब नहीं..... पेट जरूर फुला रहता है...
इमरान न मामा से काणा मामा अच्छा है उनके लिए..... लेकिन फ़ौज को वो जमता नहीं.... वजह उसमें लाख कमी हो आवाम को पसंद है...
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तो क्या होगा..... लोग सड़कों पर हैं फ़ौज चुप बैठी तो सिंध,बलोच, फाटा..... सब टुकड़े टुकड़े
और फ़ौज ने जोर दिखाया आवाम को तो गृहयुद्ध..... फिर भी टुकड़े टुकड़े....
आसान विकल्प फ़ौज के पास है कश्मीर में भारत से दो दो हाथ करना.....
पता है हार जायेंगे पर तब पाकिस्तान टूटने का
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ठीकरा भारत के सर होगा और लम्बे समय दुनियाँ भर के मुज़ाहिद्दीन का रुख भारत की तरफ हो लेगा....
सायद 10-20 साल भारत को जहादी हमले झेलने पड़ें ऐसे में कश्मीर सहित भारत के कई इलाके भीषण रक्तपात झेलें.....
वैसे पाकिस्तानी फ़ौज में हज़ार कमी गिना दें पर एक माद्दा है वे बिना तनख्वाह
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शोषण तो इस अबला नारी का भी हूवा है, परन्तु दुश्मन देश के हीरो से और क्या उम्मीद कर सकते है,?
शोएब ने पहली वाली को छोड़कर सानिया से निकाह किया अपनी औकात से बेहतर और काबिल लडकी मिलने के बावजूद कौम की जन्मजात आदत गई नहीं और भाईजान तीसरी हसीना के चक्कर में पड़ गए अब वह दो दो
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औरतों के साथ दगा करके भी उनकी कौम के हीरो बने रहेंगे और तीसरी के साथ मज़े से भरोसा तो नही है जिंदगी भी काटेंगे दूसरी तरफ अपना सब निचोड़वाकर सानिया को खाली हाथ अपने मुल्क लौटना पड़ रहा है तलाकशुदा के टैग के साथ ये उनकी कौम में इतनी बड़ी हस्ती की हैसियत है बाकी की महिलाआओ का
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हाल तो आप सोच सकते हैं सानिया से कोई हमदर्दी नहीं क्योंकि उसने दुश्मन मुल्क से रिश्ता जोड़ा खैर मोमिन का प्यारा मुल्क है जबकि हिंदुस्तान में ही उस पे मरने वाले लाखो युवा थे काबिल थे मुसलमान भी थे लेकिन उन सभी को ठुकरा कर स्वार्थी बनकर वह उस मुल्क को भी भूल गई थी जिसने उसे
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लड़कियाँ इस्लाम इसलिए नहीं क़ुबूल करतीं कि वे अपने धर्म की जानकारी नहीं रखतीं,वे इस्लाम इसलिए क़ुबूल करती हैं कि उनकी इस्लाम के बारे में जानकारी सिफ़र होती है।
जिस जन्नत के लिए इतना खून खराबा सदियों से चल रहा है उस जन्नत में अल्लाह ने लड़कियों के लिए कोई भी वादा नहीं किया है,
न वहाँ उनके लिए शौहर मिलने का कोई वादा है न शराब।जबकि मर्दों को वहाँ खूबसूरत और हमेशा जवान रहने वाली हूरों का बंदोबस्त है।तरह तरह की शराबें और शरबत उनकी ख़िदमत में पेश किए जायेंगे।औरतों को लुभाने के लिए भी कोई वादा नहीं किया गया है बल्कि औरतों का जन्नत में कहीं कोई ज़िक्र ही
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नहीं किया गया है।पाकिस्तानी पत्रकार आरज़ू काज़मी @Arzookazmi30 के यूट्यूब चैनल पर मौलाना रशीदी का इंटरव्यू सुनिए कभी।
इस दुनिया में भी उनकी ज़िंदगी पूरी तरह शौहर के रहमो करम पर है।जवानी से लेकर घोर वृद्धावस्था में भी शौहर दो मिनट में तलाक़ देकर घर से बाहर कर सकता है वह भी
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अवनी ने महसूस किया कि कोई दरवाजा खोल कर उसके करीब आ रहा है पर वो पलट कर नहीं देख सकती थी,
तभी वो शख्स आकर अवनी को छूता है तो अवनी कांप सी जाती है क्योंकि इन बीते दस दिनों में उसकी आदत बदल चुकी थी,
क्योंकि जिस्म फरोशी की दलदल से निकल कर
अब उसे खुली हवाओं में जीने की आदत हो चुकी थी,
फिर वो शख्स अवनी के बंधे हाथों को खोल देता है ,
हाथ खुलते ही अवनी तुरंत थोड़ी दूर जाकर उस शख्स को देखती है तो जोर से चौंक जाती है
और जल्दी से अपने मुंह के कपड़े को हटाकर,तुम? कहती है
वो शख्स और कोई नहीं उसका पहला प्यार अमर होता है,
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अमर कुछ बोलता,अवनी आगे कहती है वाह अमर बाबू वाह,
कच्चे गोश्त की खरीद फ़रोख़्त का धंधा कब से शुरू कर दिया आपने?
अमर - तुम क्या कह रही हो मैं समझ नहीं पा रहा हूं
अवनी- समझ नहीं पा रहे हो या ना समझने की नाटक कर रहे हो?
अमर चिल्ला कर कहता है,ओ सट अप यार,मेरी बातें सुने बिना ही तुम
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#TheKerlaStory
तुम्हारा गॉड वही है जो पत्नी के मरने पे रोता है .??
हाँ ..!
हमारा गॉड वही है जो पत्नी की मृत्यु पे रोता है ।।
जो पत्नी के अपमान पे त्रैलोक्य विजेता रावण का समूल नाश कर देता है ।।
जो महासमुद्र को अपने तेज से बांध देता है ।।
हाँ ..!
हमारा गॉड वही है जो स्त्री
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के अपमान पे महाभारत जैसे विशाल समर की रचना करता है ।।
हाँ ..!
हमारा गॉड हमें सिखाता है के पत्नी हमारा आधा संसार होती है ।।
और नारी ही सृष्टि का मूल होती है ।।
हमारा गॉड पत्नी को अपनी खेती नहीं बताता ।।
जिसे जैसे मर्जी जोतो बोओ।।
हमारा गॉड ये नहीं बताता के जितनी मर्जी शादी
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करो और जब मन भर जाय तो उसे फेंको और दूसरी तीसरी चौथी ले आओ ।।
हमारा गॉड नारी को बच्चे पैदा करने की मशीन नहीं मानता ।।
हमारा गॉड किसी भी तरह के लड़ाई झगड़े में पत्नी को आगे नहीं कर देता है ।
हमारा गॉड किसी भी मुसीबत में पत्नी बच्चों को छोड़ कर हवाई जहाज के पहिये पे लटक के
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अब समय आ गया है अपने बच्चों को अपनी सनातन संस्कृति का ज्ञान देने का,ताकि कल को कोई अब्दुल्ली आपकी लड़कियों को ये कहकर धर्म परिवर्तन न करवा दे,
तुम्हारे "गॉड"की पत्नी को तो रावण उठा ले गया था और वो वानरों से मदद मांग रहा था, #शिवपुराण के अनुसार त्रेतायुग में भगवान श्रीराम की
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सहायता करने और दुष्टों का नाश करने के लिए भगवान शिव ने वानर जाति में हनुमान के रूप में अवतार लिया था। हनुमान को भगवान शिव का श्रेष्ठ अवतार कहा जाता है। जब भी श्रीराम-लक्ष्मण पर कोई संकट आया,हनुमानजी ने उसे अपनी बुद्धि व पराक्रम से दूर कर दिया।
वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड में
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स्वयं भगवान श्रीराम ने अगस्त्य मुनि से कहा है कि हनुमान के पराक्रम से ही उन्होंने रावण पर विजय प्राप्त की है।आज हम आपको हनुमानजी द्वारा किए गए कुछ ऐसे ही कामों के बारे में बता रहे हैं,जिन्हें करना किसी और के वश में नहीं था- 1. समुद्र लांघना
माता सीता की खोज करते समय जब हनुमान,
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