उनके लिए अलग नियम
कानून (धारा 370 और 35A) बनवा कर देख लिए.
"आप चाहे जो कर लीजिए, उनकी माँगें नहीं रुकने वाली"
उन्हें सबसे स्वादिष्ट उसी गौमाता का माँस लगेगा जो आपके लिए पवित्र है,
उसके बिना उन्हे
भयानक कुपोषण हो रहा है...
उन्हें "सबसे प्यारी" वही मस्जिदें हैं,
जो हजारों साल पुराने "आपके" ऐतिहासिक मंदिरों को तोड़ कर बनी हैं....
उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी उसी आवाज से है
जो मंदिरों की घंटियों और पूजा-पंडालों से है...
ये माँगें गाय को काटने तक नहीं रुकेंगी...
यह समस्या
मंदिरों तक नहीं रहने वाली,
यह हमारे घर तक आने वाली है...
हमारी बहू_बेटियों तक जाने वाली है...
आज का तर्क है :-
तुम्हें गाय इतनी प्यारी है तो "सड़कों पर क्यों घूम रही है" ?
हम तो काट कर खाएँगे
हमारे मजहब में लिखा है !
कल कहेंगे,
"तुम्हारी बेटी की इतनी इज्जत है तो वह अपना खूबसूरत
चेहरा ढके बिना घर से निकलती ही क्यों है" ?
हम तो बलात्कार करेंगे, हम उन्हें उठा कर ले जाएँगे
उन्हें समस्या गाय से नहीं है,
हमारे "अस्तित्व" से है.
तुम जब तक हो,
उन्हें कुछ ना कुछ प्रॉब्लम रहेगी...
इसलिए हे अर्जुन,
और डाउट मत पालो...
कृष्ण घंटे भर की क्लास बार-बार नहीं लगाते.
25 साल पहले कश्मीरी हिन्दुओं का सब कुछ छिन गया..... वे शरणार्थी कैंपों में रहे, पर फिर भी वे आतंकवादी नहीं बनते....
जबकि कश्मीरी मुस्लिमों को सब कुछ दिया गया....
वे फिर भी आतंकवादी बन कर जन्नत को जहन्नुम बना रहे हैं ।
बाढ़ में सेना के जवानों ने जिनकी जानें बचाई वो उन्हीं जवानों
को पत्थरों से कुचल डालने पर आमादा हैं....
इसे ही कहते हैं संस्कार.....
ये अंतर है धर्म" और मजहब" में..!!
एक जमाना था जब लोग मामूली चोर के जनाजे में शामिल होना भी शर्मिंदगी समझते थे....
और एक ये गद्दार और देशद्रोही लोग हैं जो खुले आम... पूरी बेशर्मी से एक आतंकवादी के जनाजे
में शामिल हैं..
सन्देश साफ़ है,
एक कौम,
देश और तमाम दूसरी कौमों के खिलाफ युद्ध छेड़ चुकी है
अब भी अगर आपको नहीं दिखता है तो.
यकीनन आप अंधे हैं !
या फिर शत-प्रतिशत देश के गद्दार..!!
आज तक हिंदुओं ने किसी को हज पर जाने से नहीं रोका..
लेकिन हमारी अमरनाथ यात्रा हर साल बाधित होती है
फिर भी हम ही असहिष्णु हैं.?
ये तो कमाल की धर्मनिरपेक्षता है भाई !!
हिन्दुओं गहरी नींद से जाग जाओ, नहीं तो सोये सोये ही मारे जाओगे..
मैंने तो आपको जगाने का प्रयास करके अपना फर्ज़ पूरा कर दिया, अक्ललेश ममता ,केजरी,खानग्रेस से बचो नही तो ऊपर आपने पढ ही लिया होगा कि आगे क्या होगा।
आज का नया वीडियो हमारे यूट्यूब चैनल धर्म ज्ञान पर अवश्य देखें और चैनल से जुड़े
• • •
Missing some Tweet in this thread? You can try to
force a refresh
भगवान्
शंकर की पूजा करने वाले
पुरुष को चाहिये कि वह शास्त्रोक्त आठ मानस मन्त्रों द्वारा 8 फूल निवेदन करे।
उन फूलों के नाम इस प्रकार हैं
"वारिज" "सौम्य" "आग्नेय"
"वायव्य" "पार्थिव" "वानस्पत्य"
"प्रजापत्य" और "शिवपुष्प"।
अब इनके स्वरूप का निर्णय
जल को ही वारिज समझना चाहिये।👇
मधुयुक्त दूध सौम्य कहलाता है।
धूप और दीप आग्नेय पुण्प के अन्तर्गत हैं।
चन्दन आदि वायव्य पुष्प हैं।
कन्द मूल आदि पार्थिव पुष्प और फल वानस्पत्य पुष्प है।
अन्न आदि भोज्य पदार्थ प्राजापत्य पुष्प कहलाते हैं तथा उपासना का ही नाम शिव पुष्प है।
इनके सिवा अहिंसा प्रथम पुष्प है।
इन्द्रिय निग्रह द्वितीय पुष्प और दया तृतीय पुष्प है।
इन आध्यात्मिक पुष्पों से सब देवता सन्तुष्ट होते हैं।
इस हारिणतीर्थ में तपस्या और भक्ति के द्वारा भगवान् शिव की पूजा करनी चाहिये
जो ब्राह्मण रुद्रसूक्त पुरुषसूक्त और अपनी अपनी शाखा के अनुसार गृह्यसूत्र "इषे त्वा"इत्यादि मन्त्र
#TheKerelaStory में एक दृश्य है जो पुरी फिल्म का सबसे जबरदस्त दृश्य है
एक हिंदू लड़की चुपके से इल्हाम मे कन्वर्ट होने के बाद अपने पिता के सिर पर थूकती है। ये एक शानदार दृश्य है और मुझे यह पसंद है। क्यों.. इसके मै आपको दो कारण बताऊंगा:
1. यह एक ऐसा दृश्य है जो सिनेमाई रूप👇
से इतना गहरा संदेश देता है, जिसे दूसरी तरह से व्यक्त करना बहुत मुश्किल था। बात ये है कि एक बार जब कोई इंसान इब्राहीमी धर्मों को अपनाता है - फिर उसके करीबी रिश्तेदार कौन है इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। यहां तक कि अगर कोई गैर इल्हमिक उस व्यक्ति के आसपास रहता है - तो वो अपनी हर
के हर पल उसे कोसना होता है। यह विचारधारा का हिस्सा है, और इस फिल्म के निर्देशक ने इसे बखुबी संप्रेषित किया है।
2. मुझे यह दृश्य इसलिए भी पसंद है क्योंकि मुझे लगता है कि ऐसी लड़की के माता-पिता इसके हकदार हैं। वह अपमान,घृणा बल्कि बहुत अधिक घृणा का हकदार है। लड़की का धर्म परिवर्तन
हिन्दू राष्ट्र......
हम सब एक सपना देखते हैं हिन्दू राष्ट्र का । फेसबुक व सोशियल मीडिया पर बाते करते हैं हिन्दू राष्ट्र की अखंड भारत की । सच बहुत अच्छा सपना देखते हैं हम सब ।
एक ताजा हकीकत बता रहा हूँ अभी हमारे शहर में नृसिंह चौदस का उत्सव मनाया गया यह मैं बड़ी उत्साह से बचपन 👇
से मनाता आ रहा हूँ समझ आने के बाद 55 साल से मुझे अच्छी तरह से याद है कि इस दिन मन्दिर में व गली चौराहे पर इतनी भीड़ होती थी कि पैर रखने को जगह नही मिलती थी । लोगो मे भी भारी उत्साह व धर्म की भावना थी
इस बार इस अवसर पर बाली शहर की तो छोड़ो। मेरी गली के भी पूरे लोग उपस्थित नही थे
कुल जमा 25-30 लोग जिसमे महिलाये व बच्चे अधिक । यह है वास्तविक स्थिति लोगो का धार्मिक त्योहारों पर अपना स्वार्थ पैसा रुपया हावी होता जा रहा है जबकि यहाँ हिंदूवादी दल भाजपा का गढ़ है बजरंग दल शिव सेना विश्व हिंदू परिषद भी कार्यरत हैं । मजाल है कोई बड़ा नेता कार्यकर्ता भी आ गया हो
अपने को बेपर्दा करते निर्लज्जता
पर उतरे “पहलवान” -
आंदोलन के मकसद सामने
आ रहे हैं -
सुप्रीम कोर्ट की ऐसी तैसी,
“खाप पंचायत” की चलेगी-
जैसे जैसे पहलवान हठधर्मिता पर उतारू होते जा रहे हैं, उनके आंदोलन के पीछे के मंसूबे भी सामने आ रहे हैं और वे स्वयं ही साबित कर रहे हैं कि उनका👇
हैंडल कोई और ही घुमा रहा है - ऐसा न होता तो सुप्रीम कोर्ट के द्वारा उनका केस बंद करने पर विनेश फोगट के कहने का क्या मतलब है कि सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट “ से पहले हमारी “खाप पंचायतें और उसमें बैठे हमारे बुजुर्ग” फैसला लेते हैं और हम उसे ही मानेंगे
इसके अलावा बजरंग पुनिया जोर जोर
से कहता है सारे किसानों अपने अपने ट्रैक्टर ले कर आ जाओ, होटल प्लाजा में कहते हैं 64 कमरे बुक किए हुए हैं जिनमें जा कर ये पहलवान और बाहर से आने वाले समर्थक ठहराए जाते हैं और एक दिन का किराया हर कमरे का 7600/- रुपए है - ये होटल का प्रबंध किसी Sky Holid
एक चक्षु उच्छादय फिल्म..बोले तो आंख खोलने वाली फिल्म। अपनी बालिकाओं को अवश्य दिखाएं चाहे वह किसी भी आयु वर्ग की हों। बस कथावस्तु समझने में सक्षम हों। कोई कह रहा था कि दो - तीन दृश्य असहज हैं। मगर हमारा मानना है कि बेशक असहज हैं मगर आप अपनी बेटियों को अपने साथ👇
बैठाकर दिखाइए। इनॉक्स में बैठाकर दिखाइए। वहां की लो लाइट कंडीशन आपको असहज न होने देगी।
बेटियों को ही क्यों!बेटों को भी दिखाइए ताकि वह अपने किसी भी कटांग मित्र को अपने घर की चौखट के अंदर लाने से पहले उन तीन दृश्यों को अवश्य याद करे।
ये कटांग 'फाइव एफ' रूल का बड़ी मुस्तैदी दे
पालन कर रहे हैं...
1. पहला एफ है... फाइंड दी गर्ल 2. दूसरा एफ है... फॉलो दी गर्ल 3. तीसरा एफ है... फीड दी गर्ल 4. चौथा एफ है... फक दी गर्ल 5. पांचवा एफ है... फोर्स दी गर्ल तो अरेंज अनदर प्रे फॉर दैम
और यह अकेले केरल की स्टोरी नहीं है। यह हर प्रदेश में हो रहा है।अंतर बस इतना है