#बुद्धा से लेकर #अन्नाभाऊ साठे #मान्यवर कांशीराम साहेब तक सभी महापुरुषो को हमारे लोगो ने जीवित रहते खून के आंसू रुलाया, उनके महत्व को पहचाना ही नही यही हमारी गुलामी का सबसे बड़ा कारण है😓 जागो मूलनिवासीयो जागो अपने महानायको को समय रहते पहचानो, मरने के बाद उनकी जयंती मनाने के बजाय
उनके जीवित रहते ही उन्होने जो #व्यवस्था_परिवर्तन का सपना देखा है उस सपने को साकार करके दिखाओ 🤘🤘✌️
जय मूलनिवासी 🙏🙏
जीसस के 12 साल की उम्र से लेकर 29 साल की उम्र तक का समय बाईबल से गायब है|
इस पर बहुत से विदेशी लेखको ने लिखा है, बहुत फेमस किताब है "JESUS LIVED IN INDIA" AUTHOR (Holger Kersten) "
इन सबमे जीसस के उस समय काल के भारत मे होने के पर्याप्त प्रमाण है, इतना ही नही उनका अपने जीवन काल
के इस समय का कश्मीर के एक बुद्धिस्ट मठ मे होने का ब्यौरा भी मिलता है, यदि आप त्रिपिटक पढकर फिर बाईबल न्यू टेस्टामेंट पढेंगे तो इनमे बहुत सी समानताएं भी पाएंगे|
कश्मीर के उस हिस्से की लोक कथाओ मे जीसस एक बुद्धिस्ट मोंक के रूप मे आज भी मौजूद हैं|
ईसा मसीह के प्रारंभिक चित्रण
(बाएं, एशिया माइनर , रोमन काल), और बुद्ध ( गांधार की ग्रीको-बौद्ध कला )
मौर्य दरबार के वृतांतो से ग्रीक और लैटिन साहित्य भरा पडा है|
मौर्य दरबार मे यूनान का राजदूत मेगस्थनीज आया| सीरिया का राजदूत डीमैकस आया| मिस्र का राजदूत डाइनोसीयस आया|
सम्राट असोक और उनके परिवार के नाम भारत ही नही बल्कि नेपाल, श्रीलंका और बर्मा जैसे पडोसी देशो में दर्ज है|
चीन, जापान और कोरिया तक मे जिनके नाम बडे आदर के साथ लिए जाते है|
अनेक भाषाओ के साहित्य मे मौर्य परिवार की अमर गाथाएँ दर्ज है| बर्मी, खोतानी, सिंहली, तिब्बती, चाइनीज, कोरियाई, ग्रीक, लैटिन, थाई, लाओ, पालि, प्राकृत, संस्कृत आदि सबमे है|
एक जगह से इतिहास मिटेगा तो दूसरी जगह जिंदा
रहेगा और दूसरी जगह से मिटेगा तो तीसरी जगह जिंदा रहेगा| मगर मरेगा कभी नही|
बदामी के चालुक्यो ने ब्राम्हणो को अपने सिर पर लेकर खुद को ब्राम्हणवादी क्षत्रिय घोषित कर दिया था| चालुक्यो ने हिरण्यगर्भ विधि से खुद को ब्राम्हणवादी क्षत्रिय (ब्रम्ह क्षत्रिय) बनाया था| ब्राम्हणो के प्रभाव मे उन्होने काल्पनिक बली दैत्य और
वामन अवतार की काल्पनिक कथा को सच मानते हुए बदामी मे उस कथा का शिल्पांकन किया था| बदामी की गुफा क्रमांक 3 मे चालुक्य राजा पुलकेशिन् प्रथम ने सन 580 के दरमियान बली वामन शिल्प बनवाया था|
चालुक्यो ने दक्षिण भारत का और खासकर महाराष्ट्र का ब्राम्हणीकरण करने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
थी| खुद को अपने पुरखे सातवाहन बौद्धो से श्रेष्ठ बताने के लिए ब्राम्हणवादी चालुक्य, राष्ट्रकूट राजवंशो ने अपनी काल्पनिक वंशावलीयां बनाकर उनके वंश का उगम अतिप्राचीन बताया| महाराष्ट्र के इतिहासकार चालुक्यो के इस काल्पनिक इतिहास को सच मानकर महाराष्ट्र तथा दक्षिण भारत के बौद्ध इतिहास
•रविवार को साप्ताहिक छुट्टी लागू👈
•महिला कर्मियो को वेतन सहित 6 महीने प्रसुती छुट्टी का प्रावधान👈
•काम के 12 घंटे से हटाकर 8 घंटे निश्चित किये👈
•काम के समय किसी तरह की दुर्घटना हो जाने की स्थिति मे मजदूर को सहवेतन छुट्टी का प्रावधान👈
•दुर्घटना के कारण किसी श्रमिक की
मृत्यू हो जाने की स्थिति मे उसके आश्रितो को पेंशन तथा वारिस को नोकरी का प्रावधान👈
•PF(प्रोविडेंट फंड) योजना लागू👈
•C.L(केजुअल लिव)/E.L/P.H.L योजना लागू👈
•वेतन आयोग लागू 👈
•भोजन अवकाश का प्रावधान👈
👉1 मई "अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस" के अवसर पर सभी मूलनिवासी बहुजनो को बहोत
*एक अनूठी पहल छत्रपति संभाजी नगर के बाबासाहेब के दीवानो ने करके दिखाई| अंतरिक्ष मे एक सितारे का नाम उनके नाम पर रखवा दिया और एक नया इतिहास लिखवा दिया| अक्सर नारो मे कहा जाता था कि जब तक सूरज चांद रहेगा, बाबासाहेब तेरा नाम रहेगा, इस नारे को साकार करने का काम किया गया है| बाबासाहेब
आंबेडकर की 132वीं जन्मजयंती की शाम यानी शुक्रवार को इसकी लॉन्चिंग हुई| एंड्रायड और ऐप्पल फोन से यूजर्स इस सितारे से जुड़े ऐप को डाउनलोड कर इसे देख सकते है|*
*कुछ इस तरह से चमका डाला, बाबासाहेब के नाम पर वो सितारा*
*बता दे कि अंतरिक्ष मे सितारो की रजिस्ट्री करने वाली संस्था
‘इंटरनेशनल स्टार एंड स्पेस रजिस्ट्री’ अमेरिका मे है| इसी संस्था की ओर से सितारो की किसी हस्ती के नाम से रजिस्ट्री की जाती है| फ्रांस मे भी ऐसी ही एक संस्था है| छत्रपति संभाजीनगर के महानगरपालिका की स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष राजू शिंदे ने पहले करते हुए 9फरवरी2023 को तय शुल्क भर
हनुमान - महाकपी जातक के बोधिसत्व की चोरी मात्र है|
हनुमान का रामायण से संदर्भ है| रामायण यह निर्विवाद रूप से दशरथ जातक की चोरी है| इस रामायण मे जो राम भक्त या रामसेवक पात्र है वह हनुमान है|
हनुमान के अनेक नाम है जैसे महावीर, महाकपि केसरीनंदन आदि
महाकपि माने विशाल वानर...
जातक कथाएं भारतीय संस्कृति का अविभाज्य हिस्सा है|
ऐसी मान्यता है की, बोधिसत्व बुद्धत्व की अवस्था को प्राप्त करने के पहले अनेक पारमिताओ को अलग अलग जन्म मे हासिल करते है| यह जन्म मनुष्य तथा अमानुष्य के भी होते है| इन जातको से नीतिमता और सदाचार की शिक्षा मिलती है| जातक का गहरा असर
भारतीय ही नही बल्कि विदेशी संस्कृति को भी प्रभावित करती है|
जातक बुद्ध पूर्व साहित्य का संग्रह है| अपितु रामायण, महाभारत आदि कथा बुद्ध के बाद के साहित्य है|
इस सभी साहित्य मे आए अनेक पाए जाने वाली नैतिकता वास्तव मे जातको से प्रभावित है|
महाकपि जातक मे बोधिसत्व एक वानरो के मुखिया