केरला फाइल्स आ गई,लोग लिखने लगे।
तुम्हारा भगवान रोता है।पापा अपने कभी हमें हमारी संस्कृति और संस्कार को नहीं सिखाया।
अब एक फिल्म ऐसी भी बनाओ।पटकथा हम लिखे देते हैं। #घरवापसी
सलमा को गोपाल से प्यार हो जाता है।दोनों लाख विरोध के बाद भी भाग कर विवाह कर लेते हैं।
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सलमा ससुराल आती है। पहली थाली गाय को सलमा से दिलबाते है।
मंदिरों में जाना होता है पूजा होती है। परछन खिचरी होती है आदि आदि।
एक दिन सलमा गोपाल से लिपट जाती है। जानू भगवान का लाख लाख शुक्र कि तुम मिले।
गोपाल आंसू पौंछ कर पूछता है।
सलमा बताती है।हमारे यहां तो शादी में बकरा हलाल
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होता है। तरह तरह के मीट मटन बनते हैं।तलाक की तलवार हमेशा लटकती रहती है। मैंने अब्बी को देखा है हमेशा डर बना रहता था।ना जाने कब सौतन छाती पर लाकर बिठा दी जाये।
फिर हलाला बुर्का और भी ना जाने क्या क्या कुरितियां।उफ़ कितनी बंदिश रहती है। दम घुटता सा लगता है। हम नमाज के लिए मजजित
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नहीं जा सकते।आपके यहां तो सभी पुरुष महिला एक साथ मंदिर जाते हैं। शुद्ध शाकाहारी भोजन बनता है।
तुमसे पहले मेरी शादी बूचड़खाना के मैनेजर से होने बाली थी अब्बा उस रिश्ते से बहुत खुश थे। ईश्वर का लाख लाख शुक्र की आप मिल गये।
कितना साफ सुथरा घर रखते हैं आप लोग। ना बकरी की लेंडी,
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ना गंध और ना ही यहां बहार उड़ रहे कुक्कुट। ना ही लटके बांस में झूलते कथरी गुदरा।
आई लव योर होम। आई वैक टू माई रिलीजन।
पिता का फोन आता है बेटी कैसी हो। कहती हैं अब्बू आपने मुझे अपने धर्म की कट्टरता तो बताई पर कभी सनातन के बारे में नहीं बताया।मैं बहुत खुश हूं अब्बू।आप सभी बापस
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अपने सनातन में लौट आइये। वैक टू होम अब्बू। घर बापसी कर लो।
अपने यहां तो तीन बार तलाक तलाक तलाक बोलने पर जीवन भर साथ बाला रिश्ता भी जुदा हो जाता है। खाली मैहर की सौ पचास की रकम लौटा कर छोर छुट्टी यहां तो मरते दम तक साथ देते हैं।
यहां दुर्गा पूजा होती है, गणेश उत्सव होता है,
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भंडारा होता है सभी औरत आदमी बच्चे साथ साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण करते हैं।
और अब्बा जावेद का ख्याल रखना उसकी पंचर की शाप कैसी चल रही है।
दूसरी और से पिता फूट फूट कर रोने लगता है।बेटीईईईईईईईई। जल्दी बापस आ रहा हूं।बेटीईईई।
अब्बू अपने समाज के ठेकेदार हैं। अगले दिन ही घर बापसी का
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ऐलान होता है।
पहले काफिर है काफिर है की आवाज उठती है फिर अब्बू सबको सनातन के बारे में बताते हैं और कई लोग घर बापिस हो जाते हैं।
उधर बूचड़खाना का मैनेजर बूचड़खाना में ताला डाल देता है। हड़ताल होती है, फिर वह सबको समझाता है इसी के चलते मेरी शादी सलमा से नहीं हुई।
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दोनों हांथ में हाथ डाले पार्क की तरफ बढ़ते हैं फ्लेश बैक से गाना बजता है रघुपति राघव राजा राम सबको सन्मति दे भगवान।
लास्ट में मंदिर गुरुद्वारा चर्च के सीन दिखाए जाते हैं। मजजित हमेशा के लिए गायाब हो जाती है😂
फिल्म समाप्त हो जाती है।लोग खुशी के आंसू पौछते बाहर आ जाते हैं।
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नोट -यह महज एक पटकथा कालपनिक है लेखक ने किसी धर्म मजहब का मजाक नही बनाया है बल्कि एक प्रेम कथा के माध्यम से भाई चारा बनाने का प्रयास किया है।
जिस किसी को मिर्ची लग रही हो वो उसमें काली मिलाकार अपने पिचवाडे में लगा सकता है😂
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श्री दस महाविद्या स्तोत्र
श्री दस महाविद्या स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य को पौरुष व बल, प्रसिद्धि,धन, लाभ, समृद्धि, कीर्ति, विजय, यश, आदि की प्राप्ति होती हैं ! और साथ ही साथ कुण्डलिनी जागरण, प्राणश्चेतना, ज्ञानश्चेतना, समाधि, ब्रह्मज्ञान, सम्मोहन, मोक्ष और पूर्णता की भी
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प्राप्ति होती है ।
नमस्ते चण्डिके चण्डि चण्डमुण्डविनाशिनी।
नमस्ते कालमहाभय विनाशिनी।।
अर्थ: हे चण्डिके! तुम प्रचण्ड संदर्भिणी हो। कर्चुएशन ही चण्ड-मुण्ड का विनाश करता है। सीमित अवधि का नाश करने वाली हो। आपको नमस्कार है।
इधर अवनी के दिमाग में हजारों सवाल थे, अवनी अमर को बेपनाह टूट कर चाहती थी, थी का मतलब तो आप सभी जानते ही होंगे ना?????
मोहब्बत आप किसी से कितनी भी करते हो ये आप नहीं हालत तय करते हैं,
प्रिंस का अमर से सच छुपाना, गंदे बाजार से जिंदगी
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दांव पर लगाकर अवनी को खूबसूरत जिंदगी देना, साथ रहकर भी अपनी मर्जी से अवनी ना छूना अमर की बेहपनाह मोहब्बत पर प्रिंस भारी पड़ चुकी थी,
अमर ने हसती खेलती जिंदगी को और खुशी देने की कोशिश की थी
और प्रिंस ने अवनी को उस वक्त जिंदगी दी जब अवनी ने सोच लिया था की जिंदगी अब खत्म हो
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चुकी है
जो लड़की हर समय अमर का साथ चाहती थी
जो लड़की हर समय अमर के आलिंगन में रहना चाहती थी आज वो अमर के स्पर्स करने पर भी डर सी जाती है
मगर अवनी इस बात से ज्यादा परेशान थी की अगर वो मोहब्बत नहीं करता था तो मुझे बचाया क्यों
अगर मोहब्बत थी तो मंजिल के करीब पहुंच कर उसने एक
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पाकिस्तान की आवाम के पास विकल्प नहीं हैं.... मर्दों के पेट खाली..... जेब खाली...
औरतों के लिबास में जेब नहीं..... पेट जरूर फुला रहता है...
इमरान न मामा से काणा मामा अच्छा है उनके लिए..... लेकिन फ़ौज को वो जमता नहीं.... वजह उसमें लाख कमी हो आवाम को पसंद है...
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तो क्या होगा..... लोग सड़कों पर हैं फ़ौज चुप बैठी तो सिंध,बलोच, फाटा..... सब टुकड़े टुकड़े
और फ़ौज ने जोर दिखाया आवाम को तो गृहयुद्ध..... फिर भी टुकड़े टुकड़े....
आसान विकल्प फ़ौज के पास है कश्मीर में भारत से दो दो हाथ करना.....
पता है हार जायेंगे पर तब पाकिस्तान टूटने का
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ठीकरा भारत के सर होगा और लम्बे समय दुनियाँ भर के मुज़ाहिद्दीन का रुख भारत की तरफ हो लेगा....
सायद 10-20 साल भारत को जहादी हमले झेलने पड़ें ऐसे में कश्मीर सहित भारत के कई इलाके भीषण रक्तपात झेलें.....
वैसे पाकिस्तानी फ़ौज में हज़ार कमी गिना दें पर एक माद्दा है वे बिना तनख्वाह
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शोषण तो इस अबला नारी का भी हूवा है, परन्तु दुश्मन देश के हीरो से और क्या उम्मीद कर सकते है,?
शोएब ने पहली वाली को छोड़कर सानिया से निकाह किया अपनी औकात से बेहतर और काबिल लडकी मिलने के बावजूद कौम की जन्मजात आदत गई नहीं और भाईजान तीसरी हसीना के चक्कर में पड़ गए अब वह दो दो
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औरतों के साथ दगा करके भी उनकी कौम के हीरो बने रहेंगे और तीसरी के साथ मज़े से भरोसा तो नही है जिंदगी भी काटेंगे दूसरी तरफ अपना सब निचोड़वाकर सानिया को खाली हाथ अपने मुल्क लौटना पड़ रहा है तलाकशुदा के टैग के साथ ये उनकी कौम में इतनी बड़ी हस्ती की हैसियत है बाकी की महिलाआओ का
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हाल तो आप सोच सकते हैं सानिया से कोई हमदर्दी नहीं क्योंकि उसने दुश्मन मुल्क से रिश्ता जोड़ा खैर मोमिन का प्यारा मुल्क है जबकि हिंदुस्तान में ही उस पे मरने वाले लाखो युवा थे काबिल थे मुसलमान भी थे लेकिन उन सभी को ठुकरा कर स्वार्थी बनकर वह उस मुल्क को भी भूल गई थी जिसने उसे
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लड़कियाँ इस्लाम इसलिए नहीं क़ुबूल करतीं कि वे अपने धर्म की जानकारी नहीं रखतीं,वे इस्लाम इसलिए क़ुबूल करती हैं कि उनकी इस्लाम के बारे में जानकारी सिफ़र होती है।
जिस जन्नत के लिए इतना खून खराबा सदियों से चल रहा है उस जन्नत में अल्लाह ने लड़कियों के लिए कोई भी वादा नहीं किया है,
न वहाँ उनके लिए शौहर मिलने का कोई वादा है न शराब।जबकि मर्दों को वहाँ खूबसूरत और हमेशा जवान रहने वाली हूरों का बंदोबस्त है।तरह तरह की शराबें और शरबत उनकी ख़िदमत में पेश किए जायेंगे।औरतों को लुभाने के लिए भी कोई वादा नहीं किया गया है बल्कि औरतों का जन्नत में कहीं कोई ज़िक्र ही
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नहीं किया गया है।पाकिस्तानी पत्रकार आरज़ू काज़मी @Arzookazmi30 के यूट्यूब चैनल पर मौलाना रशीदी का इंटरव्यू सुनिए कभी।
इस दुनिया में भी उनकी ज़िंदगी पूरी तरह शौहर के रहमो करम पर है।जवानी से लेकर घोर वृद्धावस्था में भी शौहर दो मिनट में तलाक़ देकर घर से बाहर कर सकता है वह भी
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अवनी ने महसूस किया कि कोई दरवाजा खोल कर उसके करीब आ रहा है पर वो पलट कर नहीं देख सकती थी,
तभी वो शख्स आकर अवनी को छूता है तो अवनी कांप सी जाती है क्योंकि इन बीते दस दिनों में उसकी आदत बदल चुकी थी,
क्योंकि जिस्म फरोशी की दलदल से निकल कर
अब उसे खुली हवाओं में जीने की आदत हो चुकी थी,
फिर वो शख्स अवनी के बंधे हाथों को खोल देता है ,
हाथ खुलते ही अवनी तुरंत थोड़ी दूर जाकर उस शख्स को देखती है तो जोर से चौंक जाती है
और जल्दी से अपने मुंह के कपड़े को हटाकर,तुम? कहती है
वो शख्स और कोई नहीं उसका पहला प्यार अमर होता है,
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अमर कुछ बोलता,अवनी आगे कहती है वाह अमर बाबू वाह,
कच्चे गोश्त की खरीद फ़रोख़्त का धंधा कब से शुरू कर दिया आपने?
अमर - तुम क्या कह रही हो मैं समझ नहीं पा रहा हूं
अवनी- समझ नहीं पा रहे हो या ना समझने की नाटक कर रहे हो?
अमर चिल्ला कर कहता है,ओ सट अप यार,मेरी बातें सुने बिना ही तुम
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