(क्यों माता पार्वती ने चार ब्रह्मा पुत्रों को ही महादेव शिव को दान में दे दिया था ? पढ़े शिवपुराण की एक कथा की,,,,माता पार्वती ने एसा क्यों किया l)
जब कैलाश पर्वत में कार्तिकेय का जन्म हुआ तो माता पर्वती एवं भगवान शिव ने अपने इस पुत्र के छः रूपों
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के पालन पोषण के लिए उन्हें कृतिकाओं (सप्त ऋषि की पत्नियों ) को सोप दिया।
महादेव शिव का कार्तिकेय को कृतिकाओं को सौंपने का एक और कारण यह भी था की कृतिकाओं की देख रख में कार्तिकेय उन ज्ञान को ग्रहण कर लेंगे जो उन्हें देवताओ के सेनापति बनने के समय मदद करेगी तथा वह दुष्ट तारकासुर
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का वध कर देवताओ को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाएंगे।
तारकासुर एक शक्तिशाली दैत्य जिसे ब्र्ह्मा जी का वरदान प्राप्त था तथा वह केवल भगवान शिव के पुत्र के हाथो ही मारा जा सकता था.जब कार्तिकेय बड़े हुए तो उन्होंने तारकासुर का वध किया तथा इसके बाद उन्हें दूसरे राज्य उसके सुरक्षा
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के लिए भेज दिया गया।
अतः इस प्रकार माता पार्वती अपने पुत्र कार्तिकेय के साथ ज्यादा समय व्यतीत नहीं कर पायी. माता पार्वती की एक पुत्री भी थी जिनका नाम अशोकसुंदरी था, अशोकसुंदरी भी बाल्यअवस्था में ही ध्यान योग से प्रेरित होकर कैलाश पर्वत से दूर किसी अन्य स्थान में तपस्या के लिए
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चली गई क्योकि भगवान शिव भी अपना अधिकतर समय ध्यान में व्यतीत करते थे अतः माता पार्वती अकेलेपन से परेशान होकर अपनी माता मैनावती के पास इस समस्या का उपाय पूछने गई।
देवी पार्वती की माता इस समस्या की गहराई में जाते हुए बोली की असली समस्या तो तुम्हारे पति महादेव शिव है,यदि वह तपस्या
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के स्थान पर अपने परिवार को समय दे तो यह समस्या उपन्न ही नहीं होगी।
उसी समय नारद मुनि वहां प्रकट हुए तथा जब देवी पार्वती के माता ने नारद मुनि की सामने समस्या रखी तो नारद मुनि बोले की यही समस्या एक बार देवराज की इंद्र की पत्नी इंद्राणी के साथ भी उतपन्न हुई थी.परन्तु उन्होंने इस
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समस्या से मुक्ति प्राप्त करने के लिए देवराज इंद्र को मुझे दान कर दिया।
क्योकि देवराज इंद्र मेरे लिए किसी भी तरह से उपयोगी नहीं थे इसलिए मेने उन्हें वापस इंद्राणी को सोप दिया.तब से देवराज इंद्र अपना अधिकतर समय अपने घर में व्यतीत करते है तथा इंद्राणी को भी उनकी समस्या से मुक्ति
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मिल गई।
जब मैनावती एवं देवी पार्वती ने नारद जी की यह बात सुनी तो उन्होंने विचार किया की क्यों न वह भी महादेव शिव को दान कर दे.तब देवी पार्वती ने नारद मुनि जी से पूछा की आखिर उन्हें माहदेव शिव को किसे दान करना चाहिए ?
तब नारद मुनि ने उपाय सुझाते हुए माता पार्वती से कहा की देवी
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आप महादेव शिव को ब्र्ह्मा जी के चार पुत्र सनक, सनातन, सनन्दन और संतकुमार को दान कर दो, यह उत्तम रहेगा।
नारद मुनि की आज्ञा से माता पार्वती ने महादेव शिव को ब्र्ह्मा जी के चार पुत्रों को दान कर दिया. माता पार्वती सोच रही थी की जब कुछ दिनों बाद चारो ब्रह्म पुत्र महादेव शिव को
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उनके लिए अनुपयोगी समझेंगे तो वे वापस माता पर्वती को महादेव सोप देंगे. परन्तु ऐसा नहीं हुआ l
हुआ ये कि उन चारो ब्रह्म पुत्रों ने अपने दिव्य विवेक से भगवान भोलेनाथ को अपना सेवक बना लिया।
इस पर करुणामय माता पार्वती अब और दुखी हो गयी तथा उधर महादेव शिव की अनुपस्थिति में पूरी
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सृष्टि का संचालन भी अस्त व्यस्त होने लगा. तब सभी देवता माता पार्वती के साथ मिलकर उन चारो ब्रह्म पुत्रों के पास पहुंचे तथा सृष्टि के सुचारु रूप से संचालन के लिए भगवान शिव को वापस देने की प्रार्थना करने लगे।
माता पर्वती ने उन ब्रह्म पुत्रों को समझाया की अगर भगवान शिव पुनः सृष्टि
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के संचालन में सहयोग नहीं देते तो पूरी सृष्टि 💐 प्रलयमय💐 हो जायेगी।
इस प्रकार उन्हें तर्कसम्मत समझाने पर चारो ब्रह्म पुत्रों ने महादेव शिव को वापस माता पार्वती को सोप दिया।
हिंदुस्तान में सबसे बड़ा उद्योगपति कौन है??? देखिए इस लेख को, अधिकतर लोगों को यह पता ही नहीं है।
कॉरपोरेट मिशनरी इस संस्था पर किसी का भी ध्यान नहीं हैं?
🙄😡
यह मुद्दा बहुत ही ज्वलंत और चिंताजनक मुद्दा है!
क्या आप जानते हैं भारत में सबसे बड़ा कॉर्पोरेट कौन है?
🙄🤔
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टाटा ? नहीं
अम्बानी ? नहीं
अदानी ? नहीं
चौंकिए मत आगे और पढ़िए
300000 (तीन लाख) करोड़ की सम्पति वाला कोई और नहीं यह है!
"The Syro Malabar Church", केरल!
इसका 10000 से ज्यादा संस्थानों पर कण्ट्रोल है!
और इसकी अन्य बहुत सी सहायक ऑर्गेनाइजेशन्स भी है!
मेरी समझ में यह एक ऐसा
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छद्म बिज़नेस ऑर्गेनाइजेशन है!
जो सम्पत्ति के मामले में भारत के
टाटा
अम्बानी
अदानी
आदि का मुकाबला करने में सक्षम है।
ये सारे औद्योगिक घराने इसके आसपास भी नहीं है!
यकीन नहीं हो रहा हैं ना???
तो ठीक हैं अब इन आंकड़ो को देखिए!
इनके अधीन हैं :-
01)👉 90000 प्रीस्ट
02)👉 370000 नन
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मित्र लोग तनाव में हैं। फोन करके पूछ रहे हैं कि भाजपा कर्नाटक में क्यों हारी? हिंदुओं ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया !! क्या कोर वोटर ने मोदी जी का साथ छोड़ दिया?
अत: राष्ट्रवादी मित्रों के लिए कुछ आंकड़े :
वोट शेयर :
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Party : 2018 Vs 2023
++++++++++++++++++++
BJP : 36.35% Vs 35.7%
CON : 38.14% Vs 43.2%
J D S : 18.3% Vs 13.3%
◾अर्थात, भाजपा का मत% लगभग पिछले चुनाव के बराबर ही है। कोर वोट बैंक पूरी तरह से INTACT है।
◾ JDS के 5% कोर वोटर (संभावित रूप से ततुए और चिराई)
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कोकरेच को भोट दे दिए. और यहीं गेम चेंजर था..
राज्य की अनाधिकारिक (अनुमानित) डेमोग्राफी :
हिंदू : 70%
मुचलिम : 15%
क्रिस्टी : 3%
क्रिप्टो : 12%
कांग्रेस की रणनीति में दो सबसे मुख्य हथियार रहे, जिन्होंने उनकी विजय में अहम योगदान दिया, वो थे :
👉 मुफ्तखोरी का वादा करके
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लड़की हुई है -----
लड़की हुई है? पति ने पूछा...
पत्नी को इसी प्रश्न की उम्मीद थी,उसने उम्मीद नहीं की थी कि पति सबसे पहले उसका हाल चाल जानेगा।
पत्नी ने सिर्फ पलके झुका दी,पति इसे हाँ समझे या हाँ से ज्यादा कुछ और, लेकिन पत्नी के पलके झुका देने भर में
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इतनी दृढ़ता थी कि वह कह देना चाहती है कि हाँ लड़की हुई है और वह इसे पालेगी,पढ़ाएगी !
अब क्या करेगी तू? पति ने पूछा...
पालूंगी, और क्या करुँगी....
शादी कैसे करेगी ? ,
अभी तो पैदा हुई है जी , शादी के नाम पर अभी क्यों सूखने पढ़ गये आप....
तू जैसे जानती नहीं, तीन तीन बेटिया
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हो गयी हैं, हाथ पहले से टाइट है, शादी कोई ऐसे ही तो हो नहीं जाती ! कहा था टेस्ट करा लेते है, लेकिन सरकार भी जीने नहीं देती साली,
मन क्यों छोटा करते हैं जी आप ,भगवान् ने भेजी है, अपने आप करेगा इंतजाम, पत्नी ने दिलासा दिया...
भगवान! हा हा। भगवान ने ही कुछ करना होता तो
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सनातनियो अपने सनातन को पहचानो और ये जागृति अपने बच्चों में अवश्य लाओ🙏 शानदार जानकारी
■ 7 दिवस = 1 सप्ताह
■ 4 सप्ताह = 1 माह ,
■ 2 माह = 1 ऋतू
■ 6 ऋतू = 1 वर्ष ,
■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी
■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी ,
■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग
■ 2 युग = 1 द्वापर युग ,
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■ 3 युग = 1 त्रैता युग ,
■ 4 युग = सतयुग
■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग
■ 72 महायुग = मनवन्तर ,
■ 1000 महायुग = 1 कल्प
■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )
■ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म )
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■ महालय =730 कल्प।(ब्राह्मा का अन्त और जन्म )
सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यही है। जो हमारे देश भारत में बना। ये हमारा भारत जिस पर हमको गर्व हैl
दो लिंग:नर और नारी ।
दो पक्ष:शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।
दो पूजा : वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)।
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अवनी की हालत बहुत खराब थी,उसकी पलकें गाल सब गीले थे,अमर भी हैरान था
अवनी कहती है आपने कहा कि उसकी जिंदगी ख़राब मत कर मगर मैंने उस वक्त प्रिंस को ग़लत समझा,मुझे उस पर ज्यादा शक तब हुआ जब वो खामोश रहने लगा और अकेले ही पहाड़ी की चट्टान
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पर जाकर घंटों बैठा रहता था और मैं उसके डर से कमरे की खिड़की से उसकी हरकतों पर नज़र रखती थी,
मगर मुझे क्या पता था की वो मुझे खोने के ग़म में खुद को दिलाशा देने की राह ढूंढ रहा था,
काश मैं उस दिन नहीं डरती और उसका कोलर पकड़ कर सवाल पूछती तो ये नौबत नहीं आती, मैं ये बात भूल चुकी
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थी जो इंसान मुझे बर्बाद करना चाहता है उसी इंसान ने मुझे जिंदगी दी है,
कभी कभी हम तीसरे कि बातों में आकर हम उन्हें खो देते हैं जो आपके सबसे करीब होता है
अवनी सतपाल से कहती है कि प्रिंस को फोन करे और पूछे कि तुम्हें किसने हक़ दिया कि तुम अपनी जिंदगी को किसी गैर के हाथों बेच दो?
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