मित्र लोग तनाव में हैं। फोन करके पूछ रहे हैं कि भाजपा कर्नाटक में क्यों हारी? हिंदुओं ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया !! क्या कोर वोटर ने मोदी जी का साथ छोड़ दिया?
अत: राष्ट्रवादी मित्रों के लिए कुछ आंकड़े :
वोट शेयर :
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Party : 2018 Vs 2023
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BJP : 36.35% Vs 35.7%
CON : 38.14% Vs 43.2%
J D S : 18.3% Vs 13.3%
◾अर्थात, भाजपा का मत% लगभग पिछले चुनाव के बराबर ही है। कोर वोट बैंक पूरी तरह से INTACT है।
◾ JDS के 5% कोर वोटर (संभावित रूप से ततुए और चिराई)
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कोकरेच को भोट दे दिए. और यहीं गेम चेंजर था..
राज्य की अनाधिकारिक (अनुमानित) डेमोग्राफी :
हिंदू : 70%
मुचलिम : 15%
क्रिस्टी : 3%
क्रिप्टो : 12%
कांग्रेस की रणनीति में दो सबसे मुख्य हथियार रहे, जिन्होंने उनकी विजय में अहम योगदान दिया, वो थे :
👉 मुफ्तखोरी का वादा करके
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ग्रामीण/महिला वोट
👉 बजरंग दल को बैन करने की बात करके "गैर हिन्दू वोटों" का सफल ध्रुवीकरण
खैर.
क्या हार में क्या जीत में
किंचित नहीं भयभीत मैं !
संधर्ष पथ पर जो मिले;
यह भी सही वह भी सही !!
निराश न होइए.इस अनुभव से सीख लीजिए और अगली महत्त्वपूर्ण लड़ाई के लिए तैयार हो जाईये
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#ध्यान से पढ़ना और खुद भीआत्मचिंतन करना..!! जाग गए तो ठीक है सोए रहे तो भगवान भी साथ नही देगा,
मैदान चाहे खेल का हो या चुनाव का, हार-जीत तो अवश्यम्भावी होती ही है। कोई भी टीम या राजनीतिक दल हारने की मंशा से मैदान में नहीं उतरते हैं बल्कि हर कोई केवल जीत के लिये ही उतरता है
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और उसके लिए प्रयास और परिश्रम भी करता है।
कर्णाटक में भाजपा की हार को लेकर हर कोई अपने-अपने हिसाब से विश्लेषण कर रहा है,किसी को OPS मुद्दा लग रहा है, किसी को बोम्मई सरकार का कामकाज पसंद नहीं था,किसी को लगता है कि कर्णाटक सरकार और वहाँ के नेता भ्रष्टाचार में लिप्त थे,
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किसी को लगता है कि लिंगायत समाज को साधने में भाजपा नाकाम रही, तो किसी को लगता है कि अकेले मोदीजी के भरोसे कब तक भाजपा के नेता-मंत्री चुनाव लड़ेंगे या अपने निकम्मेपन को छिपाएंगे, किसी को लगता है कि कर्णाटक भी राजस्थान की तरह हर पाँच वर्ष में सत्ता परिवर्तन कर देता है।
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#सत्यता
बीजेपी के पास 29 में से मात्र 6 राज्यों में स्पष्ट बहुमत है. वहीं बीजेपी के पास...
0सीट सिक्किम में
0सीट मिजोरम में
0सीट तमिलनाडु में
4/175 आंध्र में
1/140 केरल में
3/117 पंजाब में
74/294 बंगाल में
5/119 तेलंगाना में
8/70 दिल्ली में
10/147 ओडिशा में
12/60 नागालैंड में
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2/6 मेघालय में
53/243 बिहार में
25/87 जम्मू-कश्मीर में
20/40 गोवा में
इस प्रकार पूरे देश में भाजपा के पास केवल 1516 सीटें हैं जबकि कुल विधानसभा सीटें 4139 हैं!!
उसमें भी 950 सीटें 6 राज्यों जैसे गुजरात,महाराष्ट्र,कर्नाटक,यूपी, एमपी, राजस्थान की ही हैं।
अर्थ बहुत स्पष्ट है...आज
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भी देश में 66 फीसदी सीटों पर बीजेपी हारी हुई है.
इसलिए (बीजेपी) केंद्र सरकार एक समान नागरिक संहिता और अन्य आवश्यक आवश्यक सामान्य कानूनों को लागू करने की स्थिति में नहीं है। अतः भूल जाओ ये कहना कि भाजपा भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करे। अब तो ये चिंता करो कि 2024 में भाजपा और
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केरल में हिन्दू दलित युवक की मुस्लिमो द्वारा मॉब लॉन्चिंग
सेकुलर सुअरो, कांग्रेसी कुत्तो, मीडिया में एकदम सन्नाटा
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के माधवपुर का रहने वाला दलित जनजातीय समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 36 वर्षीय युवक राजेश मांझी जो केरल में मजदूरी करता था कि 9 लोगो ने
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चोरी का आरोप लगाकर लाठी प्लास्टिक पाईप से पिट पिट कर मार डाला है
और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार DCM तेजस्वी यादव और मेन स्ट्रीम मीडिया सेक्युलर लिबरल बुद्धिजीवी दलित चिंतक गैंग में सन्नाटा पसरा हुआ है उसका कारण क्या है पढ़िए
मजदूर राजेश मांझी की लिंचिंग मामले में पुलिस
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ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, इन आरोपितों की पहचान अफजल, फाजिल, शराफुद्दीन, महबूब, अब्दुसमद, नासिर, हबीब, अयूब और जैनुल के तौर पर हुई है।
सन्नाटे का कारण समझ गए होंगे ,यही सेक्युलरिजम है प्यारे
ये कौम कितनी भी पढ़ लिख जाए अंत में हल्ला हु हथबर बोलकर फट जाती है🤣
सन 2014 की बात है, पाकिस्तान में एक लड़के का नाम बड़ी तेजी से उभरा हसन अब्बास नाम के इस लड़के में गजब का टैलेंट था।
इसने लेजर किरणों पर कई तरह के शोध किये थे। वो लेजर किरणों के प्रभाव से साधारण धातुओं
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को कीमती धातुओं में परिवर्तित करने पर कार्य कर रहा था।
इसके लिए उसने धातुओं के विखण्डन प्रक्रिया को भी बखूबी समझा था। यदि वो अपने शोध में कामयाब रहता तो पाकिस्तान को उससे बड़ा फायदा हो सकता था। पर किन्हीं कारणों से उसकी सफलता उससे कुछ ही दूर थी।
पाकिस्तान में रहकर उसे किसी
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विशेषज्ञ का उचित मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा था इसके लिए उसे किसी ऐसे गुरु की तलाश थी जो उसका उचित मार्ग दर्शन कर सके।
उसके शोध के लिए अमेरिका सर्वोत्तम जगह थी पर उसे अमेरिका पर विश्वास न था। तब उसने कनाडा की राह पकड़ी। उसे कनाडा भेजने का सारा खर्च पाकिस्तान सरकार ने स्वयं
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आइसक्रीम,,,
एक दो बातें कहने का मन है,, पहली घटना है मध्यप्रदेश में #भोपाल की,,हिन्दू कन्या हरी सुअरी होने जा रही थी,, जिस वकील के पास गए उसने पहचान लिया कि लड़की फलाने की है,,बहाना बना दिया कि आधार से उम्र पक्की नहीं हो रही है अगर कन्या की #मार्कशीट मिल जाती तो,,
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हरे सुअर ने कहा कि जहां यह पढ़ती है कमरा लेकर रहती है वहां मार्कशीट रक्खी है हम अभी जाकर ले आते हैं,, वकील ने कहा आप सबलोग साथ जाकर क्या करोगे,, यह अकेली जाकर ले आएगी तब तक आपके लिए #शर्बत मंगवा देता हूँ,,पांच छह हरे सुअर शर्बत पी रहे थे और वकील ने जल्दी से बाहर निकलकर
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फोन किया कि तुम्हारे चाचा की लड़की हरी सुअरी होने जा रही है जितना जल्दी से आओ ये कई जन हैं मैं अकेला हूँ,,
तबतक आठ दस गाड़ियां आ गई,,वकील ने थोड़ी देर की यह वह करने में और कन्या बचा ली गई,,इसका दूसरा पक्ष देखते हैं,, जिनकी कन्या बचा रहे थे और जिनकी इज्जत बचा रहे थे वे न
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हिंदुस्तान में सबसे बड़ा उद्योगपति कौन है??? देखिए इस लेख को, अधिकतर लोगों को यह पता ही नहीं है।
कॉरपोरेट मिशनरी इस संस्था पर किसी का भी ध्यान नहीं हैं?
🙄😡
यह मुद्दा बहुत ही ज्वलंत और चिंताजनक मुद्दा है!
क्या आप जानते हैं भारत में सबसे बड़ा कॉर्पोरेट कौन है?
🙄🤔
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टाटा ? नहीं
अम्बानी ? नहीं
अदानी ? नहीं
चौंकिए मत आगे और पढ़िए
300000 (तीन लाख) करोड़ की सम्पति वाला कोई और नहीं यह है!
"The Syro Malabar Church", केरल!
इसका 10000 से ज्यादा संस्थानों पर कण्ट्रोल है!
और इसकी अन्य बहुत सी सहायक ऑर्गेनाइजेशन्स भी है!
मेरी समझ में यह एक ऐसा
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छद्म बिज़नेस ऑर्गेनाइजेशन है!
जो सम्पत्ति के मामले में भारत के
टाटा
अम्बानी
अदानी
आदि का मुकाबला करने में सक्षम है।
ये सारे औद्योगिक घराने इसके आसपास भी नहीं है!
यकीन नहीं हो रहा हैं ना???
तो ठीक हैं अब इन आंकड़ो को देखिए!
इनके अधीन हैं :-
01)👉 90000 प्रीस्ट
02)👉 370000 नन
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