दुनिया में कई नशे को घातक माना जाता है... पर आज तक अगर सबसे अधिक लोग तबाह हुए हैं तो वह... अधिक पैसे के नशे की वजह से।
आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे घोटाले की जिसकी नींव 'हर्षद मेहता स्टॉक मार्केट घोटाले' की वजह से पड़ी। स्टैम्प घोटाले का आईडिया इसके मास्टरमाइंड अब्दुल करीम तेलगी को स्टॉक मार्केट घोटाले की वजह से ही आया था।
तेलगी कर्नाटक राज्य के खानपुर से था। तेलगी के पिता रेलवे के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। तेलगी जब छोटा था तभी उसके पिता का देहांत हो गया। अब परिवार की जिम्मेदारी तेलगी पर आ गई थी। उसने स्टेशन के बाहर ठेले लगाकर फल बेचना शुरू कर दिया।
इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने समाज की आम सोच और रवायतों के हिसाब से तेलगी भी पैसे कमाने सऊदी निकल गया।,
वहां उसका मन न लगा तो लगभग सात साल वहां काम करने के बाद... 1980 के आस पास भारत वापस आ गया। खाड़ी देश की ठीक ठाक नौकरी छोड़कर वह मुम्बई पहुंचा... और अपना नया बिजनेस शुरू किया... क्या था वह बिजनेस?... फर्जी पासपोर्ट बनाने का।
कुछ साल इसका यह फर्जीवाड़े का काम चलता रहा... फिर 1991 में इसे मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी तेलगी के लिए एक बोनस साबित हुआ। एक साथी कैदी ने उसे बताया कि हर्षद मेहता शेयर घोटाले के बाद बाजार में स्टैंप की कमी हो गई है।
तेलगी को कथित तौर पर जानकारी मिली कि लोग पुराने शेयर ट्रांसफर सर्टिफिकेट से रेवेन्यू स्टांप निकाल रहे हैं और उन्हें इस्तेमाल कर रहे हैं।तेलगी को यह आईडिया क्लिक कर गया। जेल से बाहर आते ही उसने स्टैंप पेपर बेचने का लाइसेंस लिया। पहले महाराष्ट्र में नेटवर्क फैलाया।
बैंकों, बीमा कंपनियों और स्टाक ब्रोकरेज फर्मो को स्टाम्प बेचना शुरू कर दिया। इन विभागों के कई कर्मचारियों और अधिकारियों से उसने अच्छे रिश्ते बनाने शुरू कर दिया धंधा सेट हुआ तो उसने अपना फर्जीवाड़ा शुरू किया।
तेलगी के फर्जीवाड़े का जाल करीब करीब 16 राज्यों में फैल गया था। सब जगह उसके फर्जी स्टैंप धड़ल्ले से बिकने लगे थे... और उसके करोड़ों के वारे न्यारे होने लगे थे। फर्जी स्टैंप छापने के लिए तेलगी ने नासिक की सरकारी टकसाल से पुरानी और खारिज हो चुकी ‘मशीन’ नीलामी में खरीदी थी।
इनसे स्टांप पेपर पर आसानी से सुरक्षा चिन्ह (सिक्योरिटी मार्क्स) छप जाते थे नीलामी के दौरान इसे बेकार बताकर बेचा गया था,असलियत में ऐसा था नहीं। तेलगी ने मशीन सबसे ज्यादा बोली लगाकर खरीदी। इसके बाद उसने स्टाम्प पेपर्स के पॉजीटिव प्राप्त किए जिनके जरिए प्रिंटिंग के लिए प्लेट बनती है
10 रुपये का स्टाम्प पेपर हो या 1,000 का, छापने की तकनीक एक ही होती है इसलिए एक ही मशीन से करोड़ों रुपये मूल्य के स्टाम्प छापे गए। एक और गजब बात ये है कि ये कोई कभी नहीं जान पाया कि उसने वो फर्जी पेपर कहां छापे... किसी जांच एजेंसी को छपाई के अड्डे की जानकारी कभी पता ही न चल सकी।
तेलगी ने फर्जी स्टाम्प पेपर बेचने के कारोबार और पैसों का हिसाब रखने के लिए 350 से अधिक एमबीए कर चुके लोगों को अपने यहाँ नौकरी पर रखा था। स्टैंप बेचने के लिए भी उसने अच्छी पढ़ाई करने वाले लड़कों को अपने गैंग में शामिल किया।
ये लड़के वित्तीय संस्थानों और बड़े बड़े निजी संगठनों से संपर्क कर उन्हें मोटे कमीशन का लालच देते थे। इससे आसानीसे फर्जी स्टांप बिक जाते थे और काम बढ़ता गया।
तेलगी की असली ताकत उसके यहां काम करने वाले नहीं... बल्कि उसके लिए काम करने वाले भ्रष्ट सरकारी कर्मचारी और राजनेता थे। तेलगी पर 1992 से 2001 तक खाली महाराष्ट्र में 12 मामले दर्ज हुए थे। देश के कई राज्यों में कई केस उसपर दर्ज हुए थे...
मगर उसकी सरकार, अधिकारियों और सिस्टम में ऐसी पैठ थी कि उसका धंधा चलता रहा। 2001 में उसकी गिरफ्तारी हुई, पूछताछ में उसने कई पुलिस अधिकारी और नेताओं के नाम लिए थे। जांच में घोटाले की रकम लगभग 20 हजार करोड़ से अधिक मानी गई।
जांच में सबसे दिलचस्प रूप से एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर कामथ का नाम आया। मात्र 9000 रुपये सैलरी वाले इस शख्स की प्रॉपर्टी करीब 100 करोड़ रुपये की पाई गई थी। इसी तरह एक क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर अंदाले की संपत्ति 50 करोड़ की पाई गई थी।
जांच में तेलगी की दिल्ली, मुंबई, बंगलुरु, चेन्नई और इंदौर जैसे करीब 18 बड़े शहरों में 123 अकाउंट सामने आए थे।
जांच में तेलगी ने कई बड़े राजनितिज्ञों और बड़े सरकारी अफसरों का भी नाम लिया था। पर भ्रष्ट और सड़ी हुई व्यवस्था ने सबको बचा लिया।
यहाँ तक कि उस समय के उप मुख्यमंत्री तक का नाम खुलेआम लिए जाने के बावजूद बात इस्तीफे पर ही खत्म कर दिया गया। हांलाकि उन राजनेता को बाद में भ्र्ष्टाचार के दूसरे मामलों में लंबे समय तक जेल में बिताना पड़ा। लेकिन जड़ों तक सड़ा हुआ भारतीय सिस्टम की वाहवाही देखिए।
वही भ्रष्ट राजनेता महाराष्ट्र की सत्ता में भागीदार थे। तेलगी को इन मामलों में 30 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई... और उस पर 202 करोड़ रूपये का जुर्माना भी लगाया गया था। अपने कर्मों की सजा उसे जेल में ही मिल गई...
जब 26 अक्टूबर 2017 को उसकी मौत हो गई। मौत की वजह मल्टीपल ऑर्गन फेलियर बताई गई। उसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और एड्स भी था।
अब्दुल करीम तेलगी और उसके द्वारा किया गया स्टांप पेपर घोटाला इतना बड़ा था कि बॉलीवुड ने इस पर 'मुद्रांक (द स्टैम्प) नाम से एक फिल्म बनाई। यह फिल्म 2008 में बनकर तैयार हो गई थी लेकिन अब्दुल करीम तेलगी ने इसकी रिलीज पर रोक लगाने के लिए केस फाइल कर दिया।
उस वक्त तेलगी ने कहा था कि फिल्म में जो भी तथ्य दिखाए गए हैं वो उस पर चल रही कानूनी कार्रवाई में खलल डाल सकते हैं। और भारतीय न्याय व्यवस्था की बलिहारी, कि यह फिल्म आज तक रिलीज नहीं हुई है।
जांच में निकल कर आए तेलगी की रंगीनियों के किस्से भी बड़े चर्चित हुए थे... कहा गया था कि उसने एक रात में... किसी बारगर्ल पर 93 लाख रुपए उड़ा दिए। हांलाकि बार मालिक ने कहा कि तेलगी ने रुपए उड़ाए थे पर इतने नहीं, फिर भी वह लाखों में जरूर थे।
इस घोटाले की भयानकता से कई देशवासी और बड़े बड़े लोग तब दहल उठे... जब कुछ लीगल एक्सपर्ट्स ने यह कहा कि... 1996 से 2002 के बीच किए गए ढ़ेर सारे एग्रीमेंट और रजिस्टर्ड विवाह अवैध माने जाएंगे। क्योंकि अधिकतर एग्रीमेंट और रजिस्ट्रेशन फर्जी स्टैम्प पेपर पर किए गए थे, तो वे अवैध हैं।
भारतीय न्याय व्यवस्था या हमारे सिस्टम की विडंबना और उसपर लोगों के विश्वास का छल ही कहा जाएगा... जब एक फैसला तेलगी के मरने के एक साल बाद आया। और नासिक की एक अदालत ने सबूतों के अभाव में तेलगी के साथ सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
यह सब पढ़कर आप किसे दोषी मानेंगे इस घोटाले के लिए?
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राष्ट्रवादी काॅगेसचे अध्यक्ष शरद पवार यानी आपल्या ' लोक माझे सांगाती ' या पुस्तकाच्या सुधारित आवृत्तीचे मुंबईत नुकतेच प्रकाशन केले व ते कसे गाजले हे सर्वानाच ठाऊक आहे..
त्याची सद्यस्थितीही सर्वानाच माहिती आहे.ते प्रकरण ताजे असतानाच आता त्या सुधारित आवृत्तीमधील एकेक प्रकरण समोर येत आहे व त्याची चर्चाही होत आहे.
त्यातील दोन महत्वाची प्रकरणे म्हणजे त्यानी उध्दव ठाकरे यांच्याबद्दल केलेले मतप्रदर्शन आणि दुसरे त्यांचा तेवढाच जिव्हाळ्याचा विषय म्हणजे वादग्रस्त लवासा प्रकरण.त्या दोन विषयांपैकी उध्दव ठाकरे यांची आज काय स्थिती आहे हे आपण पाहतोच आहे..
राहुल गांधी ४ जून रोजी न्यूयॉर्कमध्ये मुस्लिमांची परिषद आयोजित करत आहेत!!
राहुल गांधींचा अमेरिका दौरा.. इस्लामिक सेंटर ऑफ अमेरिकाने आयोजित केलेल्या कार्यक्रमासाठी सर्व संपर्क कट्टरवादी इस्लामिक सेंटर ऑफ अमेरिकाचे आहेत. @RahulGandhi @INCIndia
अमेरिकेतील राहुल गांधींच्या कार्यक्रमाचे चारही आयोजक पाकिस्तानी मुस्लिम आहेत जे भारताचे कट्टर विरोधक आहेत, इस्लामिक इमारतींमधून कार्यक्रमासाठी त्यांनी व्यवस्था केलेल्या सर्व बसेस, संपूर्ण कट्टर इस्लामिक संघटना राहुल गांधींच्या कार्यक्रमाचे आयोजन करत आहेत..
पाकिस्तानचे भारतातील माजी राजदूत अब्दुल बासित यांनी एका व्हिडीओमध्ये म्हटले आहे की इंशाअल्लाह यावेळी पाकिस्तानला 2024 मध्ये भारतात काँग्रेसचे सरकार नक्कीच येईल अशी आशा आहे, संपूर्ण पाकिस्तान वाट पाहत आहे आणि संपूर्ण इस्लामिक जग या प्रकरणात गुंतले आहे.
जून २००९ च्या अखेरीस मुंबईत वांद्रे वरळी समुद्र सेतू बांधून तयार झाला. त्याचे लोकार्पण देशाच्या खऱ्या पंतप्रधान सोनिया गांधींच्या हस्ते त्यांच्याच विदेशी असण्याच्या मुद्द्यावरून काँगेसचा त्याग करून राष्ट्रवादाची शाल पांघरलेले शरद पवार यांच्या उपस्थितीत पार पडले.
सी लिंकला राजीव गांधी यांचे नाव देणे उचित ठरेल असे पवारांनी सुचवले आणि मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण यांनी ते ताबडतोब मान्य केले.
केवळ मुंबईत जन्म झाला असले तकलादू कारण पवारांनी दिले होते.यामागे त्यांची राजकीय लाचारी होती..
स्वतःच्या बळावर कोणतेही पद मिळू शकणार नाही याची त्यांना स्वतःला खात्री पटली असावी. अशा परिस्थितीत काँग्रेसच्या लोकलला दरवाज्यात लटकून पुढील प्रवास करण्याशिवाय गत्यंतर नाही याची जाणीव झाली होती.यामुळेच पवारांनी मुंबईच्या माथी राजीव गांधी यांचे नाव मारले.
Wherever he goes, he always talk about minority appeasement and caste politics about India…. But casteism is blamed on BJP …Never before an Indian politician went about criricising its government in a foreign soil…. @INCIndiatwitter.com/i/web/status/1…
Such a shame people are clapping this idiotic and divisive and hatred speech about India….Pappu is the only opposition leader where he talks about India internal affairs to all over the world.…..
He particularly insults Indian hindus and some idiot people of India wants to make him as PM of India….seriously???…who the hell he is???….There should be law and rules from govt of India to control politician going other country and speaking against the country and govt....
ज्या मनगटात बळ, बुद्धी आणि चातुर्य आहे, तोच स्वकर्तुत्वावर लोकाभिमुख राजा बनू शकतो असा संदेश देणाऱ्या व ज्यांच्या कृतिशील कार्याचा उल्लेख भारताच्या इतिहासात सोनेरी अक्षराने केला जातो अशा लोकमाता अहिल्याबाई होळकर. #अहिल्याबाई_होळकर
सर्वधर्मसमभाव ,अस्पृश्यता उच्चाटन ,सामाजिक एकात्मता, स्त्री पुरुष समानता, गोरगरिबांना विषयी कळवळा, हुंडा पद्धतीचे उच्चाटन, अनिष्ट चालीरीती रूढी परंपरांचा बिमोड, मूल दत्तक वारसाहक्क ,प्रजेविषयी तळमळ अशा कितीतरी समाजसुधारकांचे कृतिशील कार्य..
करणाऱ्या लोकमाता अहिल्याबाई होळकर यांचा जन्म 31 मे 1725 रोजी अहमदनगर जिल्ह्यातील जामखेड तालुक्यातील चौंडी या छोट्याशा खेड्यात धनगर समाजातील माणकोजी व सुशीलाबाई शिंदे यांच्या पोटी झाला..
१] लोकसभेच्या सदस्यांची संख्या वाढण्याची शक्यता लक्षात घेऊन नवीन संसद भवनाच्या इमारतीच बांधकाम करण्यात आल आहे.
२] कांही बड्या प्रस्थांच्या जागा भाडे तत्वावर घेऊन वर्षानूवर्ष अनेक सरकारी कार्यालये चालू होती. #MyParliamentMyPride
३]हा भाड्याचा खर्च दर महिन्याला करोडो रुपये होता.आता ही सगळी कार्यालये या नवीन कॉम्प्लेक्स मध्ये स्थलांतरीत होतील व सरकारचा हा खर्च वाचेल.
४] जी भाड्याची रक्कम वाचेल, त्यातून कांही वर्षातच हा बांधकामाचा खर्च निघेल.त्यामुळे हे बांधकाम फ़्री मध्येच झाले आहे असे समजायलाही हरकत नाही
तेव्हां प्रधानसेवक मोदीजींनी देशाचा पैसा आपल्या हौशेसाठी उडवला ही ओरड निरर्थक आहे.
या इमारतीच्या शिलान्यासावर मोदीजींचे नांव काहीना काही प्रकारे येणारच. ते कोणी थांबवू शकत नाही.