त्रिची के पास,
पटरियों पर टायर लगाकर कन्याकुमारी एक्सप्रेस को पलटने की बड़ी साजिश! चेन्नई जाने वाली ट्रेनें देरी से रवाना हुईं क्योंकि लोको पायलट एक बड़े हादसे को टालने में कामयाब रहे!!
अंतरिम जांच में पता चला कि अज्ञात लोगों ने कन्याकुमारी एक्सप्रेसट्रेन की #अमोघ03062023
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पटरी पर लॉरी के टायर डालकर उसे पलटने की कोशिश की!!
स्पष्ट संकेत है कि #बालासोर ट्रेन दुर्घटना #आतंकवाद का कार्य हो सकता है
समान तत्वों द्वारा।
गहराई से @NIA_India जांच की जरूरत है।
उन शक्तियों से प्रार्थना है जो आतंकवादी तोड़फोड़ करने वाले सेल
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को गिरफ्तार नहीं कर पा रही हैं,
यदि पाया जाता है,
Please use,
Implore power of establishment 22
🙏🏽
स्रोत tamil.hindustantimes.com
2017 के यूपी चुनाव से पहले कानपुर के पास एक बड़ा ट्रेन हादसा हो गया। इस आतंकी हमले को नेपाल/दुबई स्थित ISI के गुप्तचरों ने अंजाम दिया था. मुझे आशा है कि सुरक्षा के प्रभारी अतिरिक्त सतर्क रहेंगे।
या ऐसा करो प्यारे देशवासियों चुनाव तक यात्रा ना करो!!
🙏
उड़ीसा में हुआ ट्रेन हादसा इंसान कल की नहीं सोचता कहां जा रहे थे,
कहां चले गये बोरे जैसे फेंका जा रहा है, सब कुछ यहीं रह जाता है
साथ कर्मा जाता है
प्राणी छल कपट झूठ प्रपंच सब यही रह जाता है।
अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
🌹🌹🙏🏻
tool kit सिर्फ सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं, बल्कि अराजकता फैला कर लोकतांत्रिक तरीके से सनातन संस्कृति के विनाश के उद्देश्य से है
निश्चित ही ये शायद उन नमक हरामो का ही काम हो जो खाते यहां का हैं और गाते पाकिस्तान का है
वो भी विदेशों में जा कर..
Last year November in Udaipur
कोई तो है जिसने विस्फोटक से पटरियों को क्रैक किया था!!!
वो कोई कौन??
यह उद्धरण बदनाम अखबार
'द हिंदू' से है..
क्या हमने 31 मई से पहले ट्रेन दुर्घटनाओं में कोई वृद्धि देखी है??
जैसा कि इस अखबार ने दावा किया है?
क्या इस अखबार को मालूम था?
क्या वे कल की दुर्घटना के पीछे दुर्भावनापूर्ण इरादे के बारे में जानते थे?
और इसलिए ध्यान हटाने के लिए लंबे समय तक काम करने के लिए सक्रिय रूप से दोषी ठहराया गया?
जानकार "कबाल" मीडिया ने पहले ही कवर फायर दे दिया है!!!
ऐसी होती है toolkit और प्लानिंग...
आओ आओ देखो वो accident की जगह, accidently वहाँ कुछ और भी है.....
👇👇 दिखा???
हो गई स्लामीक राज्य की स्थापना?
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साथियों कान को गोली का छू कर जाना
निश्चित रूप से यह एक दैवीय हस्तक्षेप है।
जो ट्रम्प को मारने आया होगा,
उसकी बंदूक बिहार का कट्टा तो होगा नहीं
गन तो टॉप क्लास और परफेक्ट होगी
तो बीच मे कौन आया मैं बताता हूं
ठीक 48 साल पहले डोनाल्ड ट्रंप ने
#अमोघ14072024
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जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव को फैल होने से बचाया था.
आज,
जब दुनिया फिर से जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव मना रही है, ट्रम्प पर हमला किया गया,
और मैं तो कहूँगा कि जगन्नाथ ने ही हस्ताक्षेप किया
और उन्हें बचाकर एहसान का बदला चुकाया।
जुलाई 1976 में,
डोनाल्ड ट्रम्प ने रथों के निर्माण के लिए
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मुफ्त में अपना ट्रेन यार्ड प्रदान करके इस्कॉन भक्तों को रथयात्रा आयोजित करने में मदद की थी!
आज, जब दुनिया 9 दिवसीय जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव मना रही है, उन पर यह भयानक हमला और उनका बाल-बाल बचना, जगन्नाथ के हस्तक्षेप को दर्शाता है।
ब्रह्मांड के भगवान महाप्रभु जगन्नाथ की
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साथियों
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि विकास के कारण भी हार हो सकती है?
अर्थात, कोई नेता या पार्टी इसीलिए हार जाए क्योंकि उसने विकास किया?
सुनने में ये अजीब और हास्यास्पद जरूर लगे... लेकिन, अपने भारत के संदर्भ में ये बिल्कुल सच है।
#अमोघ16062024
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असल में इस चुनाव से कुछ पहले मेरा एक मित्र का देवघर जाना हुआ था...
देवघर मतलब बाबा बैद्यनाथ की नगरी....
जो कि,
हमारे 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है!!
वो गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में आता है और वहाँ के वर्तमान सांसद तेजतर्रार निशिकांत दुबे हैं..... जिन्होंने,
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देवघर में AIIMS से लेकर एयरपोर्ट और नए रेलवे स्टेशन आदि ढेरों काम करवाए!!
और,
चुनाव से कुछ दिन पहले वहाँ प्रधानमंत्री मोदी जी गए थे और उन्होंने वहाँ बाबाबैद्यनाथ मंदिर में पूजा करने के उपरांत उस मंदिर के जीर्णोउद्धार के लिए 700 करोड़ देने का ऐलान किया!!
बस,
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साथियों
हमें हर छोटी से छोटी जायज चीज भी बहुत-बहुत कड़ा संघर्ष करना प़डा है
ये भी एक ऐसा ही संघर्ष रहा जो बिरलों को पता है!!
मेरी बस एक ही इच्छा....
आप को सब पता हो...
बात निकलेगी तो फिर नेहरु तलक तो जाएगी ही!
मैं ले जाना नहीं चाहता था
#अमोघ02052024
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अब चूँकि प्रधानमंत्री मोदी के,
कन्याकुमारी में “विवेकानन्द रॉक” पर ध्यान करने पर....
विवाद शुरू हो ही गया है,
तो जाहिर है कि इसका इतिहास भी आपको ज्ञात हो!
जैसा कि होना तय है,
इस विवाद की जड़ें भी फिर नेहरु तक ही पहुँच जाती हैं...
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हुआ यूँ कि 1962 में.....
विवेकानन्द जन्मशती के अवसर पर कन्याकुमारी में लोगों ने एक समिति बनाई,
और तय किया कि एक पैदल ब्रिज उस चट्टान तक बनवाया जाए....
जिसे स्वामी विवेकानन्द के कन्याकुमारी ध्यान निश्चय के लिए जाना जाता है!!
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साथियों
गौरव प्रधान द्वारा
नटवरलाल-मालीवाल मामले पर आकलन यह है कि तीन मुख्य मुद्दे हैं: 1. पहला मुद्दा है बिटकॉइन. नटवरलाल और स्वाति का रिश्ता बहुत पुराना है. वह उसके सारे गंदे राज़ जानती है। उसके बाहर निकलने का मतलब है कि नटवरलाल का अंत हो गया। आख़िरकार,
#अमोघ20052024
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विवाहेतर सेक्स/संबंध केवल तभी तक सुखद होता है जब तक कि यह हनीमून चरण में हो। एक बार जब महिला की महत्वाकांक्षा कुचल दी जाती है, तो वह पुरुष के लिए सबसे खतरनाक प्राणी बन जाती है। और धार्मिक जीवन में विवाहेतर संबंध एक आपदा है। उम्मीद है आपको एनडी तिवारी याद होंगे.
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2. दूसरा मामला केजरीवाल का केस लड़ने वाले सीनियर एडवोकेट का है. एक व्यक्ति जो 'अपने चैंबर का उपयोग करने' के लिए जाना जाता है। कांग्रेस से हिमाचल प्रदेश से हारने के बाद उन्होंने राज्यसभा सीट मांगी थी. लेकिन जब तक महिवाल इस्तीफा नहीं देती, उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा जा सकता.
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साथियों
विश्वस्त सूत्र के अनुसार ऐसा ही हुआ है। वैसे भी सच्चाई जल्द ही सामने आ जाएगी. 1. शराब के पैसे का इस्तेमाल अब तक के चुनावों और सभी कानूनी भुगतानों के लिए किया जा रहा था। 2. शराब गेट ने उसे बर्बाद कर दिया. फिर भी सब ठीक था क्योंकि क्रिप्टो
#अमोघ18052024
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करेंसी उपलब्ध थी लेकिन तभी अरविंद गिरफ्तार हो गया। 3. क्रिप्टो करेंसी फंड संभालने वाली स्वाति को सिंघवी को भुगतान करने के लिए कहा गया था।
वह अमेरिका गायब हो गई। 4. दुर्भाग्य से अरविंद वापस लौटा और उससे पैसे मांगे लेकिन उसे कुछ ठगी का पता चला।
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5. सिंघवी को राज्यसभा सीट से मुआवजा देने के लिए प्लान बी लाया गया। 6. स्वाति को बुलाकर क्रिप्टो पर पूछताछ की गई. वह लड़खड़ा गई और अरविंद अपना आपा खो बैठा। 7. उन्हें पद छोड़ने के लिए कहा गया, उन्होंने इनकार कर दिया.
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साथियों
अरविंद केजरीवाल के हरम की अभी और कहानियां आनी शेष हैं..
पिटाई हुई यह तो अब हक़ीक़त है..
पर पिटाई हुई क्यों ?
स्वाति मालीवाल ने न किसी बयान,
न किसी ट्वीट आदि या एफ आई आर में यह बात बताई है...
पीटा विभव ने यह बताया है एफ आई
#अमोघ18052024
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आर में पर अरविंद केजरीवाल के इशारे पर पिटाई हुई कि सुनीता केजरीवाल के इशारे पर?
क्यों हुई ?
इस दोनों बिंदु पर ख़ामोश क्यों हैं?
स्वाति मालीवाल।
यह तो वही जानें।
बार-बार हिटमैन भी वह किसे कह रही हैं..
बहुत साफ़ नहीं है।
राजनीति में महिलाओं की यह करुण
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कथा कोई नहीं है।
लेकिन आम आदमी पार्टी में नई है।
अब तो आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्य योगिता भवाना आज कह रही थीं कि यह आम आदमी पार्टी नहीं l,
एंटी औरत पार्टी हो गई है।
स्वाति मालीवाल भी आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्य रही हैं!
तो
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