बिहार 1700 करोड़ रुपय से बनने वाला पुल गिर गया
क्या ही फर्क पड़ता है
जनता तो जानवरों की तरह हांकने के लिए है, शोषण रूपी वादे करो, रेवड़ी रूपी मुफ्त स्कीमें बांटो, बिजली अनाज रुपय बांटो
जनता इसी लोभ में वोट दे आयेगी या जात पात और धर्म के मास्टरस्ट्रोक तो है ही। #bhagalpur
नेताओं के बंगले 100 करोड़ के बन रहे
सैण्डल 80 लाख की आ रही
लेकिन सामान्य आदमी की जान की कीमत कुछ भी नहीं, कोरोना में ऑक्सिजन की कमी या हॉस्पिटल में बेड की कमी से मरती तो मरे आबादी बहुत है क्या फर्क पड़ता
नेताओं के बच्चे विदेशों पढ़ते,देश मे स्कूलों में शिक्षक नहीं #IndianPolitics
व्यापम जैसे घोटाले हो, क्या फर्क पड़ता है। दंगे होते आम युवक निर्दोष लोगों की जान जाती है, कभी सुना किसी मंत्री के बेटे ने जान गवाई?
300 किलो RDX आजाता है 40 जवान जान गवा देते, देश मोमबत्ती जलाता है फिर सो जाता है।
अनेकों घोटाले लाखों करोड़ों के सुनने मिलते सजा किसी को नहीं होती
पाकिस्तान में क्या हो रहा, रूस क्या स्ट्रेटेजी अपनाएगा, यूक्रेन क्या करेगा इस पर प्राइम टाइम चलता है,क्यों देश के हेल्थ, एडुकेशन, इंफ़्रा कैसे बढ़ाया जाए इस पर डेडिकेटेड बहस नहीं होती
न्यूज वाले भी राय रखने लगे न्यूज दिखाना तो बंद ही कर चुके,पार्टियों के हिसाब से सारे बंट गए
जन लोकपाल, यूनिफॉर्म सिविल कोड, जनसंख्या नियंत्रण कानून, ज्यूडिशियल रिफॉर्म, NRC, CAA,दल बदल कानून, आरक्षण आदि
क्यों यह मुद्दे ज्यों के त्यों दबे हुए हैं और त्योहारों की तरह बाहर आते हैं।
सवाल बहुत हैं जवाब बहुत कम
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