अमिश नाम के एक लेखक ने भगवान राम को जन्म से अशुभ बताया,
हनुमान जी और जटायु को विकृति के साथ जन्मा बताया और उसकी किताबे हिट हो गयी, उसकी किताबो की करोडो प्रतियाँ बिकी,पढ़ने वाले लाह लहोट हो गए की क्या गजब लिखा भगवान
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राम के बारे मे शिव के बारे मे।
ऐसे ही अब ओम राउत और मनोज मुंतशिर आ गया आदि पुरुष को भगवान राम की कहानी बताकर।
कुछ लोग इस फिल्म को लेकर भी लाह लहोट हो रहे हैं, कुछ लोग तो भावातिरेक मे
भगवान राम की कसम देकर फिल्म देखने को कह रहे थे।
मुझे भी फिल्म को लेकर बहुत उम्मीदे थी मगर पहले
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वाला ट्रेलर देख के ही समझ आ गया था फिल्म कैसी होनी है
फिल्म के संवादों और वेशभूषा को लेकर उसे जानकर लग रहा है कितने बड़े धोखे मे आये राम भक्त लोग
खैर फिल्म हिट होनी ही है क्योंकि इसको देखने वाले बहुत सारे चुतिये लोग जाएंगे और इसका पाप कहीं ना कहीं हमारे सर ही लगना है।पाप इसलिए
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कह रहा हूँ क्योंकि जिस प्रकार के संवाद और वेशभूषा दिखाई गयी है फिल्म मे वो कतई उचित नही है, विश्व स्तर पर हमने अपने राम को और उनके भक्त हनुमान को इस तरह प्रचारित किया ये शर्म की बात है।
भक्तो अब ये ओम और मनोज जहां भी दिखें इनका स्वागत अंडों जूतों और टमाटरों से करना,अब इनको
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इनकी औकात बताने का समय आ गया है,
ताकि ये दुबारा ऐसी गलती करने की हिमाकत ना करे
इन दोनो सुवरों ने हमारे आराध्यों का मजाक बनाया है
वो भी ऐसे समय पर जब हमारे आराध्य श्रीराम जी के मंदिर का उद्घाटन अगले साल जनवरी में होना है
बहुत आहत किया है इन लोगों ने हमारी आस्था को😡
जय श्रीराम,🙏
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दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की मौत उनकी अपनी ही बेटी के लव जिहाद की वजह से हुई। कुटिल दामाद ने सब कुछ लूटा और पैसे के साथ भानजी को भी लेकर भाग गया।
शीला दीक्षित के जीवन से कुछ सीखने के लिए सभी हिंदुओं और उनकी बेटियों को यह लेख अवश्य पढ़ना चाहिए।
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indianexpress.com/article/india/…
अपने अंतिम दिनों में, शीला दीक्षित की बेटी के मुस्लिम पति मोहम्मद इमरान द्वारा अपनी बेटी लतिका के साथ किये गये धोखे और विश्वासघात से बहुत आहत और परेशान थीं,जिसने माँ और बेटी दोनों का पैसा और संपत्ति ले लीलतिका को छोड़ दिया और उनकी भानजी के साथ भाग गया।
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northbridgetimes.com/police-nabbed-…
शीला दीक्षित की बेटी लतिका ने 1996 में इमरान से शादी की, शीलाजी 15 साल सन 2013 तक मुख्यमंत्री रहीं पर जैसे ही वो पद से हटीं मुस्लिम दामाद ने परेशान करना शुरू कर दिया तथा बेटी को छोड़कर शादी के 20 साल बाद सन् 2016 में भाग गया, यही नहीं उसकी सारी चल अचल
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🌿🌻सुप्रभात दोस्तों🌻🌿
तनाव के उन क्षणों में मजबूत लोग भी आत्महत्या कर लेते हैं..
वो लोग जिनके पास सब कुछ है
शान... शौकत... रुतबा... पैसा... इज्जत
इनमें से कुछ भी उन्हें नहीं रोक पाता...
@omraut@manojmuntashir तुमसे अच्छी तो कोठे वाली है वो कभी भगवान का अपमान नही करती है और वो शरीर बेचकर पैसा कमाती है जमीर बेचकर नही,तुम दोनो ने तो सबकुछ पैसे के लिए बेच दिया,😡 #रावण लुहार था,जब इन्द्रजीत लिफ्ट से हनुमानजी को लेकर आता है, तब रावण अपनी वर्कशॉप में लोहा
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कूट रहा था। इस प्रकार इंजीनियर रावण लुहार लंका की अर्थव्यवस्था के लिए निरन्तर चिंतित था और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दे रहा था। रावण ने अपने बेटे इन्द्रजीत को भी मैकेनिकल इंजीनियर बनाया,और उसने टार्जन द वंडर कार का अविष्कार किया।
मेरी दृष्टि में "जय श्री राम" के नारे तक
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से परहेज करते... बॉलीवुड का एक ऐसा कुत्सित प्रयास है...जो हिंदू 500 वर्षों तक लड़कर ..आज अपने आराध्य का भव्य मंदिर बना रहें हैं.उसी हिंदू के आज और आगामी पीढ़ियों के मन मानस से..रामायण और रामवतार जैसी प्रभु लीलाओं को महज..एक बंबइया फिल्मी प्रस्तृत्ती ..अधिकांश बच्चे भी
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#कहानी 1976 में शुरू हुई..
फ़िल्म निर्माता-निर्देशक रामानंद सागर अपनी फिल्म 'चरस' की शूटिंग के लिए स्विट्जरलैंड गए। एक शाम वे पब में बैठे और रेड वाइन ऑर्डर की। वेटर ने वाइन के साथ एक बड़ा सा लकड़ी का बॉक्स टेबल पर रख दिया। रामानंद ने कौतुहल से इस बॉक्स की ओर देखा।
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वेटर ने शटर हटाया और उसमें रखा टीवी ऑन किया। रामानंद सागर चकित हो गए क्योंकि जीवन मे पहली बार उन्होंने रंगीन टीवी देखा था। इसके पांच मिनट बाद वे निर्णय ले चुके थे कि अब सिनेमा छोड़ देंगे और अब उनका उद्देश्य प्रभु राम, कृष्ण और माँ दुर्गा की कहानियों को टेलेविजन के
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माध्यम से लोगों को दिखाना होगा।
भारत मे टीवी 1959 में शुरू हुआ। तब इसे टेलीविजन इंडिया कहा जाता था। बहुत ही कम लोगों तक इसकी पहुंच थी। 1975 में इसे नया नाम मिला दूरदर्शन। तब तक ये दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई और कोलकाता तक सीमित था, जब तक कि 1982 में एशियाड खेलों का प्रसारण
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कांग्रेस के लोग 22वें विधि आयोग द्वारा कॉमन सिविल कोड (CCC) के लिए जनता से सुझाव मांगते ही ऐसे पगलाए हैं जैसे किसी ततैये ने काट लिया हो - कांग्रेस का जरूरत से ज्यादा “समझदार” बड़बोला जयराम रमेश @Jairam_Ramesh फड़फड़ाते हुए कह रहा है कि अभी देश में CCC की जरूरत नहीं है,
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उसने सरकार पर आरोप लगाया है कि विधि आयोग द्वारा CCC पर सुझाव मांग कर ध्रुवीकरण के एजेंडे को आगे बढ़ाया जा रहा है यही बात ममता की पार्टी TMC ने भी कही है,
आज ही किसी अख़बार के सम्पादकीय में पढ़ा है मैंने कि कांग्रेस आज भूल रही है कि 1928 में भारत के संविधान का जो पहला
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प्रारूप #मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार किया था, उसमे CCC की पैरवी की गई थी,
कांग्रेस को बताना चाहिए कि संविधान निर्माताओं ने किस “ध्रुवीकरण” के सिद्धांत या एजेंडे पर चल कर संविधान के अनुच्छेद 44 में लिखा था कि “देश सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू
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