कांग्रेस के लोग 22वें विधि आयोग द्वारा कॉमन सिविल कोड (CCC) के लिए जनता से सुझाव मांगते ही ऐसे पगलाए हैं जैसे किसी ततैये ने काट लिया हो - कांग्रेस का जरूरत से ज्यादा “समझदार” बड़बोला जयराम रमेश @Jairam_Ramesh फड़फड़ाते हुए कह रहा है कि अभी देश में CCC की जरूरत नहीं है,
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उसने सरकार पर आरोप लगाया है कि विधि आयोग द्वारा CCC पर सुझाव मांग कर ध्रुवीकरण के एजेंडे को आगे बढ़ाया जा रहा है यही बात ममता की पार्टी TMC ने भी कही है,
आज ही किसी अख़बार के सम्पादकीय में पढ़ा है मैंने कि कांग्रेस आज भूल रही है कि 1928 में भारत के संविधान का जो पहला
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प्रारूप #मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार किया था, उसमे CCC की पैरवी की गई थी,
कांग्रेस को बताना चाहिए कि संविधान निर्माताओं ने किस “ध्रुवीकरण” के सिद्धांत या एजेंडे पर चल कर संविधान के अनुच्छेद 44 में लिखा था कि “देश सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू
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करना सरकार का दायित्व होगा” - यदि कांग्रेस को यह पसंद ही नहीं था तो 55 -60 वर्ष सत्ता में रहते हुए और संसद के दोनों सदनों में प्रचंड बहुमत होते हुए इस अनुच्छेद को संविधान से मिटा क्यों नहीं दिया,
सुप्रीम कोर्ट में जब भी CCC लागू करने के लिए मांग की गई, हमेशा उन्होंने कहा कि
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इस बारे में कानून बनाना सरकार का काम है,इसके लिए हम उसे कोई निर्देश नहीं दे सकते जबकि कई कानून सुप्रीम कोर्ट चलते फिरते ही बना देता है
कांग्रेस ने 370 को Temporary बता कर कभी उसे ख़त्म करने की कोशिश नहीं की क्योंकि हमेशा कांग्रेस कहती रही कि 370 को हटाने का उपयुक्त समय नहीं है
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और आज CCC को लागू करने का उपयुक्त समय नहीं है और यह मात्र “ध्रुवीकरण” के सिवाय कुछ और दिखाई नहीं दे रहा कांग्रेस को ,
अभी एक टीएमसी बोली है, आगे आने वाले समय में “मुस्लिम वोटों” की बोली लगाने वाले सारे दल भी एक सुर में बोलेंगे - उधर कुछ मुस्लिम संगठन कह रहे हैं कि देश के
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मुसलमान CCC को स्वीकार नहीं करेंगे,
कांग्रेस जो मर्जी करे वोटों के ध्रुवीकरण के लिए, वह सब ठीक है, राम मंदिर बनने में रोड़े अटकाए, भगवान राम को काल्पनिक कहा, बजरंग दल पर बैन लगाने के लिए कहा, हिज़ाब आंदोलन चलवाया, अब कर्नाटक का धर्मांतरण कानून रद्द कर दिया और गौहत्या निषेध
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भी ख़त्म कर रहे हैं - टीएमसी ने पूरे बंगाल में मुसलमानों को ऐसे बसा दिया है कि पूरा ध्रुवीकरण हो चुका है - कांग्रेस ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या देश में रख कर हिंदुओं को ख़त्म करने की योजना बना रखी है -लेकिन आज CCC को “ध्रुवीकरण” का साधन कह रहे हैं जबकि 80 देशों में ऐसा ही CCC
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काम करता है,
जो मुस्लिम नेता कह रहे हैं कि मुसलमान CCC के लिए तैयार नहीं हैं, उन्हें चीन जाकर कुछ देख लेना चाहिए और फिर तुलना करनी चाहिए कि भारत में उन्हें क्या मिल रहा है - जिसे CCC पसंद नहीं वह ऐसे देश में जाकर रह सकता है जहां यह कानून लागू न हो
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कांग्रेस एक बार फिर अपनी पुरानी हिन्दू विरोधी छवि लोगों को दिखा रही है - जब तक विदेशी के हाथ की कठपुतली रहेगी कांग्रेस, देश के लिए अच्छा सोच ही नहीं सकेगी,
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तीन सौ सालों की राजशाही में अंग्रेजो ने देखा था कि जिस देश के पुरुष अपनी नारियों की रक्षा के लिए अपने शीश कटवाने से भी नहीं हिचकते और जिस देश की नारी अपने पुरुष की आन बान और शान के लिए खुद को अग्नि की लपटों में
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भी स्वाहा करने से नहीं डरती, उन सनातन धर्मी पुरुष और स्त्रियों के इस प्यार, बलिदान और त्याग के चलते भारत देश को कोई तोड़ नहीं पायेगा। भारतीय परिवार और समाज इसी प्रकार अक्षुणण रहेंगे और सनातन फलता फूलता रहेगा। अपने आराध्य शिव शंकर को अर्धनारीश्वर मानने वाले इसी समाज के
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शिव और पार्वती स्वरुप स्त्री और पुरुष के बीच नफरत की बड़ी खाई को पैदा किये बिना भारत को और सनातन धर्म को तोडना संभव नहीं था।
अंग्रेज समझ गये थे कि सनातन को नष्ट करना है तो भारतीय नारी और पुरुषों के बीच अहम् और नफरत की दरार खीचनी ही होगी और इन दोनों के ऊँचें चरित्र का हनन
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अमेरिकन वीकली मैगज़ीन #The_Economist के ताज़ा अंक में प्रकाशित मोदी राज पर लेख..... @narendramodi is the world’s most popular leader
गणेश कनोजिया खुद को भारतीय जनता पार्टी समर्थक नहीं मानते 58 साल का ये ऑटोरिक्शा ड्राइवर economist.com/asia/2023/06/1…
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परंपरागत कांग्रेस का वोटर रहा है, अपने अन्य सजातीय दलित बंधुओ की ही तरह, दिल्ली के प्रादेशिक चुनावों में भी उसने भाजपा को वोट नहीं दिया...वजह... उसे उग्रपंथी हिंदुत्व की विचारधारा पसंद नहीं.
लेकिन लोकसभा चुनाव जिनमें आगामी चुनाव भी शामिल है कनोजिया जी पक्के भाजपाई वोटर हैं
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"सिर्फ मोदी जी के लिए" कनोजिया स्पष्ट करते कहते हैं...
यह वैश्विक राजनीति में सबसे उल्लेखनीय प्रगति में से एक को दर्शाता है पिछले नौ वर्षों में भाजपा दो आम चुनावों और दर्जनों राज्यों में हुए चुनावों में भारत की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है
फिर भी यह एक लोकप्रिय
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दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की मौत उनकी अपनी ही बेटी के लव जिहाद की वजह से हुई। कुटिल दामाद ने सब कुछ लूटा और पैसे के साथ भानजी को भी लेकर भाग गया।
शीला दीक्षित के जीवन से कुछ सीखने के लिए सभी हिंदुओं और उनकी बेटियों को यह लेख अवश्य पढ़ना चाहिए।
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indianexpress.com/article/india/…
अपने अंतिम दिनों में, शीला दीक्षित की बेटी के मुस्लिम पति मोहम्मद इमरान द्वारा अपनी बेटी लतिका के साथ किये गये धोखे और विश्वासघात से बहुत आहत और परेशान थीं,जिसने माँ और बेटी दोनों का पैसा और संपत्ति ले लीलतिका को छोड़ दिया और उनकी भानजी के साथ भाग गया।
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northbridgetimes.com/police-nabbed-…
शीला दीक्षित की बेटी लतिका ने 1996 में इमरान से शादी की, शीलाजी 15 साल सन 2013 तक मुख्यमंत्री रहीं पर जैसे ही वो पद से हटीं मुस्लिम दामाद ने परेशान करना शुरू कर दिया तथा बेटी को छोड़कर शादी के 20 साल बाद सन् 2016 में भाग गया, यही नहीं उसकी सारी चल अचल
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🌿🌻सुप्रभात दोस्तों🌻🌿
तनाव के उन क्षणों में मजबूत लोग भी आत्महत्या कर लेते हैं..
वो लोग जिनके पास सब कुछ है
शान... शौकत... रुतबा... पैसा... इज्जत
इनमें से कुछ भी उन्हें नहीं रोक पाता...
@omraut@manojmuntashir तुमसे अच्छी तो कोठे वाली है वो कभी भगवान का अपमान नही करती है और वो शरीर बेचकर पैसा कमाती है जमीर बेचकर नही,तुम दोनो ने तो सबकुछ पैसे के लिए बेच दिया,😡 #रावण लुहार था,जब इन्द्रजीत लिफ्ट से हनुमानजी को लेकर आता है, तब रावण अपनी वर्कशॉप में लोहा
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कूट रहा था। इस प्रकार इंजीनियर रावण लुहार लंका की अर्थव्यवस्था के लिए निरन्तर चिंतित था और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दे रहा था। रावण ने अपने बेटे इन्द्रजीत को भी मैकेनिकल इंजीनियर बनाया,और उसने टार्जन द वंडर कार का अविष्कार किया।
मेरी दृष्टि में "जय श्री राम" के नारे तक
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से परहेज करते... बॉलीवुड का एक ऐसा कुत्सित प्रयास है...जो हिंदू 500 वर्षों तक लड़कर ..आज अपने आराध्य का भव्य मंदिर बना रहें हैं.उसी हिंदू के आज और आगामी पीढ़ियों के मन मानस से..रामायण और रामवतार जैसी प्रभु लीलाओं को महज..एक बंबइया फिल्मी प्रस्तृत्ती ..अधिकांश बच्चे भी
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