👉🏾यूँ ही नही हुई है नफरत "कांग्रेस" से और भी हजारों कारण हैं😡 #कांग्रेस_देश_के_लिए_घातक_है #कांग्रेस_हिन्दुत्व_विरोधी_है👇🏾
नेहरू ने अँग्रेजों से गुप्त संधि की थी" और कहा था कि “मैं भी मुसलमान हूं”_ (विभाजनकालीन भारत के साक्षी)
इस शीर्षक को पढ़ कर आप अवश्य चौकेंगे,- @SakshamGV👇🏾
लेकिन सत्ता के लिए लेहरू के ये कुछ व्यक्तिगत रहस्य भी जानने से यह स्पष्ट होता है कि स्वतंत्रता के उपरान्त भी भारत क्यों.?
अपने गौरव को पुन: स्थापित न कर सका_
श्री नरेन्द्र सिंह जी जो ‘सरीला’ रियासत (टीकमगढ़, बुंदेलखंड) के प्रिंस थे तथा बाद में गवर्नर जनरल लार्ड वेवल व लार्ड 👇🏾👇🏾
माउण्टबैटन के वे ए.डी.सी. थे। इस कारण 1942 से 1948 तक की वाइसराय भवन में घटित घटनाओं के वे स्वयं साक्षी थे। उनसे इस लेख के लेखक (प्रो सुरेश्वर शर्मा) की प्रथम भेंट दिसम्बर 1966 में "इण्डिया इण्टरनेशनल सेंटर, दिल्ली" में हुई थी। प्रिंस सरीला श्री नरेंद्र सिंह उस समय काफी वृद्ध👇🏾👇🏾
और इण्डिया इंटरनेशनल सेंटर में ही रहते थे।
श्री नरेंद्र सिंह जी ने..इस भेंट वार्ता में कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु लेखक को बतायें, उनके अनुसार_
“दूसरे विश्वयुद्ध के रणनीतिकार भले ही विंस्टन चर्चिल थे, लेकिन युद्ध के हीरो बने अमरीकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट रूजवेल्ट ने जापान पर एटम👇🏾
बम गिरा कर एक ओर तो जापान के घुटने टिकवा दिए, दूसरी ओर जापानी..साधनों से ब्रह्मदेश में अंग्रेजी सेना को खदेड़ रही #आजाद_हिन्द_फौज की गति को अवरुद्ध कर दिया। इस प्रकार अमरीका के कारण इंग्लैंड युद्धजीत सका।
इंगलैंड युद्ध भले ही जीत गया था, लेकिन उसकी शक्ति बहुत क्षीण हो चुकी थी।👇🏾
#सुभाषचन्द्र_बोस के अद्भुत कारनामों के कारण भारत के लोगों के मनों से अंग्रेजों का डर बिल्कुल समाप्त हो गया था। उल्टे,अंग्रेजों को ही यह डर सताने लगा था कि भारत के लोग कहीं चुन-चुन कर अंग्रेजों को ही समाप्त करना न शुरु कर दें। अतः ब्रिटिश प्रधानमन्त्री एटली ने फरवरी 1946 में ही 👇🏾
ब्रिटिश संसद में यह घोषणा कर दी कि हम भारत की सत्ता भारत ही लोगों को सौंप कर वहाँ से निकल जाएँगे।
माउण्टबेटन यह जानता था कि जवाहरलाल सत्ता का भूखा है। वह किसी भी कीमत पर सत्ता प्राप्त करना चाहता है। अतः उसे सत्ता सौंपने से पहले उसने भारत का विभाजन स्वीकार करा लिया। साथ ही अन्य👇🏾
सभी वे सारी शर्तें भी मनवा लीं, जो ब्रिटिश-अमरीकी हितों के लिए आवश्यक थीं।
लेहरू सत्ता के लिए इतना अंधा हो गया था कि उसने इन शर्तों की भनक सरदार पटेल को भी नहीं लगने दी।
प्रिंस आफ सरीला ने एक टाइप की हुई पत्र की प्रति पढ़ाई,जोकि माऊण्टबेटन ने प्रधानमंत्री एटली को लिखी गई थी।👇🏾👇🏾
उसमें माऊण्टबेटन ने..
एटली को सूचित किया था कि जवाहरलाल से निम्नलिखित-- विषयों पर सन्धि (treaty) हो गई है और यह सन्धि 50 साल के लिए है_
1.भारत पाकिस्तान पर आक्रमण कर कभी उसे जीतने की कोशिश नहीं करेगा।
2. पाकिस्तान चाहे तो आक्रमण करके भारत की भूमि जीत सकता है।👇🏾
3. यदि भारत की सेना रक्षात्मक युद्ध में पाकिस्तान को पीछे खदेड़ कर पाकिस्तान की भूमि पर कब्जा कर लेती है, तो वह भूमि भारत पाकिस्तान को वापिस करेगा।
(ध्यान दें- कि 1965 व 1971 के युद्धों में भारत द्वारा जीती हुई भूमि पाकिस्तान को वापिस दी गई)🔥😡 4. भारत के मुसलमानों और ईसाइयों👇🏾
6. भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन अधिनायक’ ही रहेगा।
7. हिन्दी के ऊपर अंग्रेजी की वरीयता रहेगी।
8.संविधान और प्रशासन-तन्त्र में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होगा। 9. शिक्षा पद्धति नहीं बदली जाएगी। 👇🏾
10. सैन्य विकास पर पाकिस्तान से अधिक खर्च नहीं किया जाएगा, ताकि पाकिस्तान डरे नहीं।
इस प्रकार के 40-50 बिन्दु उस पत्र में थे।
पत्र के अन्त में लिखा था- "This treaty should be kept secret. It is not to be published"
पत्र पढ़ने के बाद विश्वास नहीं होता कि नाम का पंडित नेहरू ने 👇🏾
यह सब स्वीकार किया होगा।सरीला मुस्कराए और फिर गम्भीर हो कर बोले-
"पहले तो जवाहर लाल को ‘पंडित’ कहना बन्द करो, क्योंकि वह मुसलमान था।"
इसकी पुष्टि में उन्होंने एक प्रसंग सुनाया..
“जवाहर और माऊण्टबेटन की बातचीत चल रही थी। मैं साथ के ही अपने कक्ष में उनकी वार्ता सुन रहा था। 👇🏾👇🏾
जवाहर जब विभाजन के लिए तैयार नहीं हुआ, तो माऊण्टबेटन ने कहा- ठीक है, (अंग्रेजों ने) यहाँ की सत्ता मुसलमानों से ली थी और अब हम उन्हीं को वापिस देकर चले जाएँगे।
हम सत्ता जिन्ना को सौंप देंगे।
“देखा तो- यह सुनते ही जवाहर का चेहरा फक्क हो गया था। उसे लगा, अब उसके हाथ से सत्ता गई।👇🏾
थोड़ी देर में वह संभला, और बोला- ‘Originally I am also a muslim.
यह मैने अपने कानों से सुना था-
प्रिंस सरीला नें अपना कथन चालू रखा_ “जहाँ तक इस पत्र – प्रतिलिपि की प्रामाणिकता की बात है, इसकी मूल प्रति भी तुम लंदन की ब्रिटिश लायब्रेरी के ‘ओरियण्टल एण्ड इंडियन कलेक्शन खण्ड’ के👇🏾👇🏾
अभिलेखागार में देख सकते हो। वहाँ ब्रिटिश प्रधानमन्त्रियों के भारत सम्बन्धी पत्राचारों की फाइलें संचित हैं। भारत सम्बन्धी सूचनाओं को ब्रिटिश PM, अमरीकी राष्ट्रपति से भी साझा करते थे, वह भी उन फाइलों में उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त साउथैम्पटन की हर्टले लायब्रेरी में @55cd71ffb56e43a👇🏾
माउण्टबेटन के पत्राचारों के सभी अभिलेख (Kew) के पब्लिक रिकार्ड आफिस में भी प्रदर्शित हैं।
वर्ष 2000 में मैं (लेखक) इंग्लैंड गया, तो साउथैम्पटन की हर्टले लायब्रेरी में मुझे माउण्टबेटन के पत्राचारों की फाइलों में वह मूल पत्र मिल गया, जिसकी प्रतिलिपि प्रिंस सरीला ने दिखायी थी। 👇🏾👇🏾
मै लन्दन की ब्रिटिश लायब्रेरी में भी गया। वहाँ मुझे ब्रिटिश प्रधानमंत्री द्वारा अमरीकी राष्ट्र को लिखे पत्रों में वह सब कुछ मिला, जिसका उल्लेख प्रिंस सरीला ने किया अर्थात् #ब्रिटिश_अमरीकी_दुरभिसंधि
इंगलैंड के बाद मैं अमरीका गया तो वहाँ भी वाशिंगटन अभिलेखागार में ये सारे पत्र👇🏾👇🏾
व्यवहार विद्यमान थे।🔥
लेखक: प्रो.सुरेश्वर शर्मा, पूर्व कुलपति ।
रानीदुर्गावतीविश्वविद्यालय,जबलपुर)
साभार: प्रस्तावना “विभाजनकालीन भारत के साक्षी”(पृष्ठ 5,खण्ड 2)
(श्री कृष्णानन्द सागर जी का शोध ग्रन्थ)
संकलन एवं प्रेषक : विनोद कुमार, सर्वोदय !
🇮🇳जय हिन्द ! जय भारत🇮🇳
🚩🙏
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मुमताज महल से शाहजहाँ को इतना प्रेम था कि उसके मरने पर उसने उससे उत्पन्न १७ वर्ष अपनी स्वयं की सगी बेटी "जहाँआरा" को ही अपनी बादशाह बेगम बनाया था। यद्यपि शाहजहाँ की 8 बेगमों में से तीन जीवित थीं। किन्तु शाहजहाँ को १७ वर्ष की बेटी जहाँआरा ही @SakshamGV 👇🏾
“बादशाह बेगम” बनने योग्य लगी।
जहाँआरा दारा शिकोह की समर्थक थी और बाप को कैद किये जाने पर बाप के साथ रही। किन्तु बाप के मरने पर औरंगजेब से दोस्ती करके अपनी छोटी बहन रोशनआरा को हटाकर औरंगजेब की “बादशाह बेगम” बन गयी। पहले अपने सगे बाप की बेगम फिर अपने भाई की बेगम बन गई। @1980105👇🏾
बाद में औरंगज़ेब ने अपनी सगी बेटी जीनत को अपनी “बादशाह बेगम” बनाया।
इसी क्रम में मुगल फर्रूखसियर ने भी अपनी ही बेटी को अपनी “बादशाह बेगम” बनाया था। शाहजहाँ ने अपनी बेटी तथा औरंगजेब ने अपनी दो बहनों और बेटी को बारी−बारी से अपनी “बादशाह बेगम” बनाया। यह मुगलों की महानता थी। 👇🏾👇🏾
👉🏾#कांग्रेस का एक टुच्चा आवारा नेता मोदी के लिए दिल में नफरत पाले एक विदेशी की पैदा की हुई कांग्रेस के
लिए नए नए बाप ढूंढ रहा -
अब "जैक डोर्सी" नया बाप -
एक विदेशी द्वारा पैदा की गई कांग्रेस जो आज भी विदेशियों के ही कब्जे में है, उस कांग्रेस का एक टुच्चा आवारा नेता @SakshamGV👇🏾
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए नफरत की आग दिल में लिए विदेश जाकर नए नए बाप ढूढ़ता फिरता है - उसे पता नहीं कांग्रेस अब बूढ़ी हो चुकी है, नए नए Patrner नहीं झेल सकती -
पिछले 2019 के चुनाव से तो George Soros कांग्रेस का बाप बना हुआ था - किसान आंदोलन में विदेशी ग्रेटा थनबर्ग, 👇🏾👇🏾
रिहाना और मिया खलीफा के चरण पकड़े रहे, CAA और नूपुर शर्मा के लिए पाकिस्तान, कतर और अन्य इस्लामिक देशों का सहारा मिल गया-
17 जनवरी, 2023 को BBC ने नरेंद्र मोदी के लिए डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ की तो कांग्रेस उसके तलुए चाटने लगी- 25 जनवरी, 2023 को अमेरिका का हिडेनबर्ग @shamballa_01👇🏾
👉🏾राहुल गांधी और मुस्लिम लीग के रिश्ते पर बड़ा खुलासा
👉🏾जून 1947 के बाद जब कांग्रेस की कार्यसमिति में भारत के बंटवारे का प्रस्ताव पास हो गया तब मुस्लिम लीग ने जिन्ना की अगुवाई में एक बैठक की। वो बैठक भारत के अंदर मुस्लिम लीग की आखिरी बैठक थी और उस बैठक में जिन्ना के अलावा 👇🏾 👇🏾
देश के तमाम क्षेत्रों के मुस्लिम लीग के नेता मौजूद थे। सारे नेता बेहद खुश थे कि उनका मकसद पूरा हुआ और अब वो पाकिस्तान शिफ्ट हो जाएंगे..
लेकिन उसी वक्त जिन्ना ने ये कहा कि मुस्लिम लीग के सारे नेताओं को पाकिस्तान जाने की जरूरत नहीं है। कुछ नेता ही पाकिस्तान जाएंगे बाकी @1980105👇🏾
मुस्लिम लीग के नेता भारत में ही रहेंगे ताकी आगे जाकर भारत के और ज्यादा टुकड़े कर सकें..
इसके बाद 1948 में #मुहम्मद_कोया नाम के एक व्यक्ति ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की स्थापना की। और इसी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के कसीदे राहुल गांधी ने पढ़े हैं।
एक वृद्ध माँ रात को 11:30 बजे रसोई में बर्तन साफ कर रही है, घर में दो बहुएँ हैं, जो बर्तनों की आवाज से परेशान होकर अपने पतियों को सास को उल्हाना देने को कहती हैं।
कहती है अपनी माँ को मना करो इतनी रात को बर्तन धोने को- हमारी नींद खराब होती है @SakshamGV 👇🏾
साथ ही सुबह 4 बजे उठकर फिर खट्टर पट्टर शुरू कर देती है सुबह 5 बजे पूजा..
आरती करके हमें न सुबह सोने देती है ना रात को, जाओ सोच क्या रहे हो जाकर माँ को मना करो..
🎯बड़ा बेटा खड़ा होता है और रसोई की तरफ जाता है रास्ते मे छोटे भाई के कमरे में से भी वो ही बाते सुनाई पड़ती हैं ..👇🏾👇🏾
जो उसके कमरे हो रही थी वो छोटे भाई के कमरे को खटखटा देता है छोटा भाई बाहर आता है.
दोनो भाई रसोई में जाते हैं, और माँ को बर्तन साफ करने में मदद करने लगते है, #माँ मना करती पर वो नही मानते, बर्तन साफ हो जाने के बाद दोनों भाई माँ को बड़े प्यार से उसके कमरे में ले जाते है, तो..👇🏾👇🏾