Short Story of two very old and good friends in Politics.
Both have same mission of Sanatan and Bharat.
One was rich and the other poor so they have different approaches to common objectives.
The poor want to lead the nation from the front and Rich wants to do it in a covert.
The Rich was CM and the poor was pracharak.
The Rich helped the poor to become CM so that he can create a track record.
The poor helped Rich to destroy the imported mafia from within.
Once Poor became CM, the Rich helped him to clean his state from Jihadi on both sides.
Later the Poor became PM and was leading the nation to Sanatan and Bharat while the Rich destroyed the family with every passing day.
Today the Poor is on the verge of breaking an unelected PM record while the Rich has destroyed the family.
Both are in their last term. In this term the Rich will vertically split the party and make the family irrelevant while the poor in the captain seat will sail the ship with 140 cr to one of the best nations and restore Sanatan Glory.
Both will say goodbye in 5 years and will handover their responsibility to young Leaders.
🇮🇳Jai Hind🇮🇳
@UnrollHelper
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कल राहुल गांधी ने अपने डिसमेंटल हिंदुत्व के कार्यक्रम को और आगे बढ़ाया। उनके गुरु सैम पित्रोदा कह ही रहे हैं कि राम मंदिर भारत के लिए खतरा है वहीं बारह करोड़ आदिवासियों को हिंदू धर्म से अलग करने की घोषणा राहुल गांधी ने झारखंड की एक रैली में की।
मैने दो साल पहले आगाह किया था कि वामपंथ सांस्कृतिक मार्क्सवाद के रूप में वापस आने की पूरी कोशिश कर रहा है।
बारह करोड़ आदिवासियों को हिंदू धर्म से बाहर करने का षड्यंत्र को मूर्त रूप झारखंड विधानसभा द्वारा सरना कोड बिल पारित कर प्रदान किया गया।
इस बिल के पास होने के मायने शायद आप लोग उतने गहरे रूप में न समझ पाएं पर यह जान लीजिए कि बारह करोड़ आदिवासियों को हिन्दू समाज से काटने की योजना पर अमलीजामा पहनाया जा चुका है। पुनेना, कोयी और गोंडी समेत 83 धर्मों की अलग पहचान और मान्यता के लिए जो खेला मिशनरियों,
विश्वनाथ प्रताप सिंह के सलाहकारों ने उन्हें सलाह दी थी कि मंडल लागू करने और प्रमोशन में आरक्षण लागू करने से वह अंबेडकर से बड़े नेता बन जाएंगे। गांधी के समकक्ष बन जाएंगे। अंबेडकर से ज्यादा मूर्तियां उन की लग जाएंगी। नतीज़ा यह निकला कि वह गांधी,
अंबेडकर के तो नाखून भी नहीं छू पाए उलटे धोबी के कुत्ते बन गए। न घर के रह गए, न घाट के। देश में आग लगा दी सो अलग। हां, भारतीय राजनीति में लालू, मुलायम, मायावती जैसे अराजक, जातिवादी, मनबढ़ और भ्रष्टतम लोगों के दाग परोस कर इन की खेती ज़रुर हरी भरी कर गए।
यह वही विश्वनाथ प्रताप सिंह थे जिन्हों ने बतौर मुख्य मंत्री, उत्तर प्रदेश फ़ाइल पर लिखा था कि अगर मंडल प्रस्ताव लागू किया गया तो देश में आग लग जाएगी। लेकिन बोफोर्स के नाम पर धूर्तई गांठ कर प्रधान मंत्री बनते ही देवीलाल की राजनीति को पलीता लगाने के लिए वह मंडल लागू कर
और जैसे ही द्वारकाधीश ने तीसरी मुट्ठी चावल उठा कर फाँक लगानी चाही, रुक्मिणी ने जल्दी से उनका हाथ पकड़ कर कहा, " क्या भाभी के लाये इन स्वादिष्ट चावलों के स्वाद का सारा सुख अकेले ही उठाएंगे स्वामी? हमें भी तो ये सुख उठाने का अवसर दीजिये।"
द्वारकधीश के अधरों पर एक अर्थपूर्ण स्मित उपस्थित हो गयी। उन्होंने चावल वापस उसी पोटली में डाले और उसे उठाकर अपनी पटरानी को दे दिया।
सुदामा के साथ बातें करते हुए कब कृष्ण उनके पाँव दबाने लगे ये सुदामा को पता ही नही चला।
सुदामा सो चुके थे किंतु कृष्ण अपनी ही सोंचों में मगन उनके पाँव दबाते हुए बचपन की बातें करते चले जा रहे थे, कि तभी रुक्मिणी ने उनके कंधे पर हाथ रखा।
कृष्ण ने चौंक कर पहले उन्हे देखा और फिर सुदामा को, फिर उनका आशय समझ कर वहाँ से उठ कर अपने कक्ष में चले आये।
पाकिस्तान के चरणों में पड़े,
पाकिस्तान के गुलाम -
पाकिस्तान चले जाना ही
बेहतर होगा -
जवानों के बलिदान पर बेशर्मी के बयान देने के लिए विपक्षी नेता खासकर कांग्रेसी तैयार रहते हैं कि बस मौका मिले और मुंह फाड़ दें - पूंछ में वायुसेना के जवानो पर हुए आतंकी हमले को पंजाब
के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बीजेपी का ‘चुनावी स्टंट’ करार दे दिया - बता दें कि इस आतंकी हमले में एयरफोर्स के एक जवान को वीरगति प्राप्त हुई है,
उन्होंने कहा कि पहले से तैयारी करके हमले करवाए जाते हैं। यह भाजपा को चुनाव में जिताने का स्टंट होता है और
इसमें कोई सच्चाई नहीं होती -
कितनी गंदगी भरी है इन लोगों के दिमाग में, पुलवामा हमले में इन लोगों ने सारी हदें पार कर दी जो बालाकोट एयर स्ट्राइक के सबूत मांगते फिर थे - इन लोगों के घरों में यदि कोई आतंकी हमले में मौत हो तो उसे यदि स्टंट कहा जाए तो उन्हें कैसा लगेगा -
कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मुहब्बत की दुकान खोलने का जुमला जनता में फेंकते हैं। डेमो के तौर पर तमाम महिला नेत्रियों के साथ गलबहियां करते हुए फोटो वायरल होते हैं। लेकिन एक के बाद एक महिलाओं के साथ जिस तरह से
दुर्व्यवहार हुआ उससे यह सिद्ध होता है कि राहुल गांधी की मुहब्बत की दुकान उसी ताज महल के जैसी है जिसको बनाने वाले के हाथ काट लिए गए, जिस्मानी दरिंदगी को मुहब्बत का मुखौटा पहना दिया गया, शाहजहां की हवस को नफरत मिटाने वाला बताया गया।
याद करिए प्रियंका चतुर्वेदी किस तरह से कांग्रेस की तरफ से मजबूत पक्ष रखती थीं। उनके साथ कांग्रेसियों ने कितनी अश्लील और अभद्र हरकत की। मुहब्बत के मसीहा तक यह बात जब पहुंची तो वह शाहजहां बन गए। प्रियंका को अपनी इज्जत बचाने के लिए पार्टी छोड़नी पड़ी।
@ArvindKejriwal के शीशमहल पर मीडिया ने सवाल पूछा तो उसने पत्रकार भावना को जेल डाल दिया
@yadavtejashwi और @mkstalin से मनीष ने सवाल पूछा तो उसको स्टैलिन से मिलकर दो सरकारों ने जेल में डाल दिया
@arnavgoswami0 ने @UdhavThackeray से सवाल पूछा तो उद्भव ने अर्नब को जेल डाल दिया
@KanganaTeam ने सवाल उठाया तो उसका घर तोड़ दिया
@INCIndia से @AmanChopra_ ने सवाल पूछा तो कांग्रेस ने पुलिस भेज दी
रोहित रंजन ने सवाल पूछा तो उसके लिए पुलिस भेज दी
और कमाल की बात है इन सब को लोकतंत्र बचाना है तो मोदी को हराकर
@KanganaTeam @INCIndia @AmanChopra_ सच तो ये है के यही सारे के सारे हिटलर हैं अगर इनके ख़िलाफ़ कोई बोलेगा तो ये उसको जेल डालेंगे उसका घर तोड़ेंगे उसको मारेंगे।