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#कथा
भाग ५
नेपालमा खडेरी लागेर हाहाकार भएपछि प्रजाहरु राजा नरेन्द्रदेव समक्ष बिन्ति गर्न गए। भो राजन ! हाम्रो नेपालमा जलबृष्टि नभएकोले हाहाकार भयो। अब के गर्ने कसो गर्ने बिचार गरिबक्सनुपर्‍यो। अनि राजाले पहिलेपहिले यसरी जलबृष्टि नहुँदा के उपाय लगाएर जलबृष्टि भयो भनी सोधे।
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हजुरको बुबाजुको पालामा पनि यसरी अनिकाल लाग्दा सर्वज्ञ गुरु श्री शान्तिकर आचाजुको शरण गएर उहाँको उपदेश बमोजिम कार्य गरेपछि जल बृष्टि भएर सम्पूर्ण लोकको उद्धार भएको थियो भनी बृद्धबृद्धाहरुले भने। त्यसपछि राजा आफ्ना मन्त्री, प्रजासहित स्वयम्भुमा श्री शान्तिकर आचाजुको शरणमा गए।
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राजालाई देखेर शान्तिकर आचाजुले आज्ञा गर्नुभयो। भो महाराज ! हजुर के कारणले यहाँ पाल्नुभयो, आज्ञा गर्नुहोस्। अनि राजाले भन्यो। भो सर्वज्ञ महागुरु शान्तिकर आचाजु ! हामी अरु कारणले आएका होइनौ। हाम्रो देशमा जलबृष्टि नभएर खान नपाएर हाहाकार भएर सम्पूर्ण प्राणीहरु धमाधम मरेर गए।
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🌺 श्री हनुमान जन्म-कथा।।🌺

माता अंजनि से हनुमान के जन्म की कथा तो सबने सुनी है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि माता अंजनि इंद्र के दरबार में अप्सरा थीं।

ऋषि के श्राप से त्रेता युग में अंजनि को नारी वानर के रूप में धरती पर जन्म लेना पड़ा।

#कथा
इंद्र की हजारों सुंदर अप्सराओं में से एक थीं अंजनि यानी अप्सरा पुंजिकस्थला। इंद्र ने जब उन्हें मनचाहा वरदान मांगने को कहा, तब उन्होंने हिचकिचाते हुए उनसे कहा कि उन पर एक तपस्वी साधु का श्राप है, अगर हो सके तो उन्हें उससे मुक्ति दिलवा दें।
इंद्र ने कहा कि वह उस श्राप के बारे में बताएं, क्या पता वह उस श्राप से उन्हें मुक्ति दिलवा दें।

तब पुंजिकस्थला ने बताया, किशोरावस्था में जब मैं खेल रही थी तो मैंने एक वानर को तपस्या करते देखा, मेरे लिए यह एक बड़ी आश्चर्य वाली घटना थी,..
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प्रेरक कथा
अर्धनारीश्वर
मानव शरीर में माता पिता का अंश

महादेव के गणों मे एक हैं भृंगी। एक महान शिवभक्त के रुप में भृंगी का नाम अमर है।

#भृंगी की #कथा

#महादेव के गणों मे एक हैं भृंगी। एक महान शिवभक्त के रुप में भृंगी का नाम अमर है। कहते हैं जहां शिव होंगे वहां
गणेश, नंदी, श्रृंगी, भृंगी, वीरभद्र का वास स्वयं ही होगा। शिव-शिवा के साथ उनके ये गण अवश्य चलते हैं। इनमें से सभी प्रमुख गणों के बारे में तो कहानियां प्रचलित हैं। जैसे दक्ष यज्ञध्वंस के लिए वीरभद्र उत्पन्न हुए।

मां पार्वती ने श्रीगणेश को उत्पन्न किया।
नंदी तो शिव के वाहन हैं जो धर्म के अवतार हैं। शिलाद मुनि के पुत्र के रूप में जन्म लेकर शिवजीके वाहन बने नंदी। आपने यह सब कथाएं खूब सुनी होंगी पर क्या प्रमुख शिवगण भृंगी की कथा सुनी है?भृंगी की खास बात यह हैं कि उनके तीन पैर हैं। शिव विवाह के लिए चलीबारात में उनका जिक्र मिलता हैं
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1-एक व्यक्ति हमेशा ईश्वर के नाम का जाप किया करता था ।

धीरे धीरे वह काफी बुजुर्ग हो चला था इसीलिए एक कमरे मे ही पड़ा रहता था ।

जब भी उसे शौच; स्नान आदि के लिये जाना होता था; वह अपने बेटो को आवाज लगाता था और बेटे ले जाते थे ।

#consciousness #innerwork
2-धीरे धीरे कुछ दिन बाद बेटे कई बार आवाज लगाने के बाद भी कभी कभी आते और देर रात तो नहीं भी आते थे।

इस दौरान वे कभी-कभी गंदे बिस्तर पर ही रात बिता दिया करते थे

#karma #enlightenment
3-अब और ज्यादा बुढ़ापा होने के कारण उन्हें कम दिखाई देने लगा था

एक दिन रात को निवृत्त होने के लिये जैसे ही उन्होंने आवाज लगायी,

तुरन्त एक लड़का आता है और बडे ही कोमल स्पर्श के साथ उनको निवृत्त करवा कर बिस्तर पर लेटा जाता है ।

अब ये रोज का नियम हो गया

#story #कथा
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मी सातवीच्या वर्गात असताना माझ्या वर्गात गेल्या सहा वर्षांपासून नापास होणारा एकजण होता.आम्ही त्याला सगळेजण नाना म्हणायचो.आमच्याच गल्लीत राहायला होता.आमच्यापेक्षा वयाने खूप मोठा.मिशासुद्धा चांगल्याच वर आलेल्या होत्या.आणि हा नाना अंगाने धिप्पाडच्या धिप्पाड होता. (1)
#आवडलेली #कथा
म्हणजे आमचं मास्तर त्याच्या खांद्याला लागायचं.अंगाने पैलवान असणारा गडी.पण अभ्यासात पार दरिंद्री.नानाला काहीच येत नव्हतं.आणि दरवर्षी नाना नापास व्हायचा. त्यात आमच्या मास्तरने एक नियम असा केला होता, वर्गात विचारलेल्या प्रश्नाचं उत्तर जो विद्यार्थी बरोबर देईल.. (2)
त्याने वर्गातल्या सगळ्या पोरांच्या मुस्काडीत मारायची. त्यावेळचे मास्तर असा नियम करायचे.आणि यात काय व्हायचं त्या भितीने सगळी पोरं मन लावून अभ्यास करायची. पण नानाच्या डोक्यात काहीच राहत नव्हतं. आणि त्याचा परिणाम म्हणजे नाना दररोज न चुकता वर्गातल्या प्रत्येकाचा मार खायचा. (3)
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