Discover and read the best of Twitter Threads about #निजी_आयोग

Most recents (5)

थ्रेड: मितव्ययी सरकार (भाग-२)
(भाग 1 आप यहां पढ़ सकते हैं : )

एक बार एक गांव में पर्यावरण वाले मंत्रीजी ने दौरा किया। अब दौरा किया तो उसकी निशानी भी होनी चाहिए ताकि सालों बाद भी गॉंव वाले मंत्रीजी के दौरे को याद रखें।
इसलिए दौरे के दौरान मंत्रीजी ने एक पौधा लगाया (लगाया तो मजदूरों ने था, मंत्रीजी ने केवल उसके पानी देते हुए फोटो खिंचवाई थी)। अब मंत्रीजी के नाम का पौधा है तो देखभाल भी करनी पड़ेगी। कहीं सूख न जाए, कोई जानवर ना खा जाए इसलिए उस पौधे कि रखवाली के लिए एक चौकीदार रखा गया।
अब चौकीदार है तो कोई ना कोई तो उसकी रिपोर्ट लेने वाला भी चाहिए, नहीं तो चौकीदार पौधे का ध्यान रखता कि नहीं इसका ध्यान कौन रखेगा। इसलिए, एक चौकीदार के ऊपर एक सुपरिटेंडेंट बिठाया गया जिसका काम था चौकीदार कि हाजिरी नोट करना और सुबह शाम पौधे की रिपोर्ट लेना।
Read 15 tweets
Thread:

कौआ और कोयल कुछ कुछ एक जैसे दिखते हैं। लेकिन अंतर बहुत होता है। सरकारी बैंक और प्राइवेट बैंक वैसे तो दोनों बैंक ही हैं मगर दोनों में वही फर्क होता है जो कौवे और कोयल में होता है।
जहां कौआ सरकारी बैंक के कैशियर की तरह कर्कश आवाज वाला, वहीं कोयल प्राइवेट बैंक की कॉल सेंटर वाली कन्या सरीखी मधुर मधुर कूं कूं करने वाली। मेरे कुछ बंधु भगिनी सरकारी बैंकों को कौवे सतुल्य बताने पे उद्वेलित हो सकते हैं उनसे अनुरोध है कि धैर्य के साथ आगे पढें।
कौआ की आवाज वैसे तो पसंद नहीं आती मगर अगर वो घर की मुंडेर पे बैठ के कांव कांव करे तो किसी मेहमान के आने का सूचक माना जाता है। मेहमान के आगमन के साथ आती है समृद्धि, लोकप्रियता, और नए अवसर। अब अगर मेहमान ही घटिया निकले उसमें बेचारे कौवे की क्या गलती।
Read 13 tweets
Thread:
डिस्क्लेमर: यह एक निराशावादी thread है
सामाजिक आंदोलन दो तरह के होते हैं। "ओल्ड सोशल मूवमेंट (OSM)" और "न्यू सोशल मूवमेंट(NSM)"। OSM जो कि पहले काफी प्रचलित था, समाज के निम्न वर्ग के लिए होता है। इसमें जो पीड़ित है वहीं आंदोलनकारी भी होता है। वही सड़क पे उतरता है।
NSM आजकल प्रचलित है। इसमें मुख्यतया मिडिल क्लास प्रताड़ित वर्ग होता है। लेकिन चूंकि मिडिल क्लास के पास समय की भीषण कमी होती है वो खुद सड़क पे उतर के सरकार का विरोध नहीं कर सकता। इसके कई कारण हैं। एक तो इमेज का इश्यू। मिडिल क्लास की इमेज शांत स्वभाव वाले मेहनतकश इंसान की होती है।
सड़क पे उतारने से उस इमेज बार बुरा असर पड़ता है। दूसरा ये कि मिडिल क्लास को डरना आसान है। लोअर क्लास की तरह ये जेब से खाली नहीं होते। इनके पास खोने के लिए काफी कुछ होता है। सड़क पे उतरेंगे तो जो है उसके खोने के चांस रहते हैं। उस थोड़े को बचाने के चक्कर में ही ये सहनशील हो जाता है
Read 11 tweets
Thread
#निजी_आयोग
#बंदर_राजा
एक बार एक जंगल था। शेर उसका राजा था। एक जमाने में उस शेर ने बहुत बढ़िया काम किए थे। पड़ोस के शेर को लड़ाई में मार भगाया था, तालाबों को मगरमच्छों से मुक्त करा कर सभी जानवरों के लिए खुलवाया था। पर अब समस्या ये थी कि शेर बूढ़ा हो चुका था।
पड़ोस के जंगल के गीदड़ भी इधर के जानवरों का शिकार करने लगे थे। पड़ोस के जंगल का राजा बार बार न्यूक्लियर अटैक की धमकी देता था। कई गीदड़ भी राजा के चापलूस बन गए थे। वे राजा के नाम पे आम जानवरों को लूटते और अपना घर भरते। जंगल के सब जानवर बड़े परेशान हो चुके थे।
तभी एक बंदर आया। बातें करने में बड़ा चतुर। सबको बोला की मैं सबको शेर और उसके चापलूस गीदड़ों से मुक्ति दिलाऊंगा। जंगल का विकास करूंगा। लोगों ने खुश होके बंदर को राजा बना दिया। राजा बनते ही उसने बड़े बड़े ढोल खरीदे जो दिन रात बंदर राजा की तारीफों में बजा करते थे।
Read 8 tweets
एक दादा जी (आम जनता) के दो पोते थे, एक का नाम "प्राइवेट" और दूसरे का नाम "सरकारी" था।
एक दिन दादा जी के मोबाईल की brightness कम हो गयी।
दादा जी सरकारी के पास गए और बोले बेटा मोबाइल में देखो क्या समस्या है कुछ दिखाई नहीं दे रहा।
सरकारी बोला- दादा जी थोड़ा wait कीजिए मुझे पिता जी (Government) ने काफ़ी काम दिए हैं, थोड़ा सा फुर्सत मिलते ही आपका काम करता हूँ।
दादा जी में इतना धैर्य कहाँ था कि इन्तजार करते।
दादा जी पहुंचे प्राइवेट के पास, प्राइवेट बड़े फुर्सत में बैठा था।
दादा जी को पानी पिलाया और पूछा दादा जी बताइए क्या सेवा करूँ?
दादा जी उसके व्यवहार से बड़े खुश हुए और अपनी समस्या बता दी।
प्राइवेट बोला दादा जी आप निश्चिंत हो के बैठिये मैं देखता हूँ। उसने मोबाइल की ब्राइटनैस बढ़ा दी और बोला -
Read 7 tweets

Related hashtags

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3.00/month or $30.00/year) and get exclusive features!

Become Premium

Too expensive? Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal Become our Patreon

Thank you for your support!