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बैंकर, विशेषकर ब्रांच मैनेजर्स जब आपस में मिलते हैं तो अक्सर मैनेजमेंट के खिलाफ अपना दुखड़ा रोते हैं जिसमें स्टाफ की कमी और कंट्रोलर के घटिया व्यवहार के साथ साथ सैटरडे संडे को जबरदस्ती बैंक खुलवाने वाला मुद्दा भी होता है।
उनमें से अक्सर कई लोग ये दावे करते हुए पाए जाते हैं कि चाहे जो हो जाए वो छुट्टी के दिन ब्रांच नहीं खोलते। ऐसे ब्रांच मैनेजरों को देखकर प्रेरणा मिलती है। लेकिन वही प्रेरणा बेवफा हो जाती है जब पता चलता है कि जो मैनेजर चौड़े होकर मैनेजमेंट के खिलाफ सीना ठोक रहे थे,
वही शनिवार रविवार के दिन व्हाट्सएप ग्रुप में साहब की नजरों में गुड बॉय बनने के लिए फोटो डाले बैठे रहते हैं
"branch opened for pending work",
"branch opened for compliance"
"branch opened for loan sourcing"
"branch opened for फलाना धिमका कैंपेन"
"branch opened for साहब की खुशी"
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जिस मकान में रहता था वही नीचे आंटी खाना खिलती थी मतलब PG था एक प्रकार से,
तो जब हम खाना खाते थे तो वो एक थाली लगाकर दे देती और साथ में एक छोटी प्लेट में कुछ और रोटी रख देती ताकि बार बार उठकर ना जाना पड़े.. हम भी खा-पीकर आराम से निकलते मजे करते....
धीरे धीरे समय बीता हमारी
डोज बढ़ती गयी..
तो हमने आंटी से कहा आंटी खाना थोड़ा ज्यादा बनाया करिए इतने में अब पेट नहीं भरता,
अगले दिन फिर जब भोजन करने बैठे तो पहले की तरह
आंटी ने आज भी एक थाली लगायी और एक छोटी प्लेट में पहले की तरह ही रोटी रख दी तो हम बोले कि आंटी आपको बताया था कि पेट नहीं भरता ज्यादा बनाया
करिए...
आंटी ने छोटी प्लेट से रोटी उठाकर मेरी थाली में रख दी बोली- बेटा ये लो ये है ना अब खाओ आराम से पेट भरकर।
मैं शांत रहा कुछ ना बोला, जो रोटी मैं छोटी प्लेट में पहले से हमारे लिए थी उसे हमारी थाली में रखकर आंटी ने हमारा पेट भर दिया।

कुछ दिन बाद आंटी ने किराया बढ़ाने को कहा
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भारतीय संस्कृति में अंधभक्ति वर्जित है। हमारे सभी धर्मशास्त्र, उपनिषद, वेद पुराण, स्मृतियों में ज्यादातर व्याख्या प्रश्नोत्तर रूप में ही की गयी है। लक्ष्मीजी ने विष्णुजी से, पार्वती ने शिव से, अर्जुन ने कृष्ण से हजारों सवाल पूछे। नचिकेता ने तो यमराज तक से सवाल पूछे थे।
उपनिषद का मतलब ही होता है कि गुरु के पास बैठना। अब पास बैठोगे तो सवाल भी पूछोगे ही। परन्तु आजकल जो वर्क कल्चर चल रहा है उसमें सवाल पूछना वर्जित है। आपको आँख बंद करके ऊपर वालों का हर आदेश मानना है। यही हाल यूनियन के साथ भी है।
हर महीने फीस काट ली जाती है मगर ये कभी नहीं पता चलता कि वो पैसा गया कहाँ? हमें ये भी नहीं पता कि यूनियन वाले करते क्या हैं। वेज सेटलमेंट हो गया लेकिन अभी तक किसी ने ये नहीं बताया कि हमारी प्रमुख मांगें क्यों नहीं मानी गयी।
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दो सैलरी अगर तो पूरी दो,
उससे भी अगर दूरी हो
तो दे दो हर शनिवार ऑफ
ताकि बैंकर को ना रहे कोई खौफ
हम उतने में खुश हो जाएंगे,
दूसरा कोई मुद्दा नहीं उठाएंगे।

#5DaysBanking
#5DaysBanking
सरकार वो भी दे ना सकी,
खुशियां बैंकर की सह ना सकी।
उलटे बैंकर को डांटने चली,
काम के बोझ से मारने चली।
जब कलेक्टर रीढ़ बेच आता है,
वो संडे बैंक खुलवाता है।

#5DaysBanking
#5DaysBanking
बैंकर ने इस बार ठाना है,
#5DaysBanking ही पाना है,
यूनियन चाहे कुछ भी बोले,
चच्चा भी तो हैं संपोले।
सर्कुलर निकाल कर टोक
हमें हाँ हाँ चच्चा अब रोक हमें।

#5DaysBanking
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#5DaysBanking
जिस देश का संविधान समानता कि बात करता हो, उस देश में SEBI, RBI, Stock Market जैसे संस्थान तो केवल 5 दिन खुलेंगे, लेकिन बैंक कर्मी को छुट्टी रविवार को भी नहीं मिलेगी।नए विचार और नई सोच केवल शांत दिमाग में ही पनपते है लेकिन अत्यधिक तनाव और थके हुए बैंकर कैसे क्रियाशील
#5DaysBanking
विचार और उपयोगी परिवर्तन इंडस्ट्री में ला पाएंगे?

पारिवारिक जिम्मेदारियां ना निभाने की ग्लानि को कम करने का एक ही मार्ग है उन्हें इन जिम्मेदारियों को निभाने का समय दिया जाए और ये #5DaysBanking से ही हो सकता है
बैंकर को अक्सर ट्रांसफर कर दिया जाता है. अगर उसे 200km तक घर से दूर भेजा जाता है #5DaysBanking के द्वारा वो हफ्ते में अपने परिवार के पास जा सकता है जिस से कम से कम उसके परिवार को उसकी चिंता और उसे अपने परिवार की चिंता कम होगी जो उसकी कार्यक्षमता में वृद्धि करेगी
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अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए एक और लेख हमारे बैंकर भाई @R3_QuadrilaterL की कलम से #चतुर्भुज_का_चश्मा👓

अच्छे से याद है , बारिश बहुत कम हुई थी उस साल में , दिन 22 जुलाई 2012.

जिला रायगढ़ के पास 50 किमी दूर सारंगढ़ तहसील ।
नई नई जोइनिंग थी ,जोश लबालब भरा था ।
फिर क्या बस पकड़ी और निकल लिए ।
अपना मन भी साहब बना हुआ था, भाई सरकारी नौकरी ग्रामीण बैंक में , ऑफिसर वाली , कहाँ मिलती है इतनी आसानी से ?
पर पता नहीं था जोश ठंडा होने वाला है , जैसे ही यात्रा समाप्त हुई , बस स्टैंड पे उतरे अगल बगल का माहौल देखा ,कीचड़ वाली रोड और एक
धूल भरी हवा का तेज़ चमाट पड़ा मानो जैसे तेज़ नींद से उठा दिया हो ।

हिम्मत करके हमने भी पता पूंछा, मन ही मन सोचा अरे कोई नहीं शहर का क्या? शाखा मस्त होनी चाहिए ।
दिल को मानते हुए चल दी पैदल पास ही पूंछताछ करने के बाद गंतव्य स्थान पहुँचे ।
शाखा में एंट्री, मानो जैसे खुद को
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#Thread

Why #5DaysBanking is need of the hour?

From Lockdown1.0 to Unlock2.0, nothing much changed for Bankers.

When everyone were indoors to Save themselves and their families, Bankers were on duty to ensure monetary benifits provided by Gov reaches the needy. 1/n
We ensured, no one dies starving in this Corona Crisis.

While Unlock1.0 started, we started providing Covid Loans and MSME loans under GECL to ensure smooth recovery of Indian Economy.

In this entire process, we lost 69+ Bankers which went unnoticed. 2/n
Even @DFS_India didn’t acknowledge the loss and kept blabbering only about the achievements done by Common Bankers, without giving them due credit.

While India crossed 1M number of Corona cases, 1016+ Bankers have also been reported positive. 3/n
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