Discover and read the best of Twitter Threads about #जवाब

Most recents (3)

सो #शर्त ये है, जो जां की #अमान चाहते हो
तो अपने लौह क़लम #क़त्लगाह में रख दो
वगरना अब के #निशाना कमंददारों का
बस एक तुम हो तो #गै़रत को राह में रख दो

ये #शर्तनामा जो देखा तो एलची से कहा
उसे #ख़बर नहीं #तारीख़ क्या सिखाती है
कि रात जब किसी ख़ुर्शीद को #शहीद करें
1
तो सुबह एक नया #सूरज तराश लातीहै

तो ये #जवाब है मेरा मेरे अदु के लिए
कि मुझ को हिरसे करम है ना ख़ौफे़ ख़मयाज़ा
उसे है सतवतें शमशीर पर #घमंड बहुत
उसे शिकोह #क़लम का नहीं है अंदाजा

मेरा क़लम नहीं #किरदार उस मुहाफ़िज़ का
जो अपने #शहर को महसूर करके नाज़ करें
मेरा #क़लम नहीं का
2
मेरा #क़लम नहीं का़सा किसी गदागर का
जो ग़ासिबों को कसीदों से सरफ़राज़ करें

मेरा क़लम नहीं #औजा़र उस नक़बज़न का
जो अपने घर की ही छत में #शिगाफ़ डालता है
मेरा क़लम नहीं उस दुज़्द नीम शब का रफ़ीक़
जो बेचाराग़ #घरों पर कमंद उछलता है

मेरा क़लम नहीं #तस्बीह उस मुब्बालिग़ की
3
Read 6 tweets
#क्या_औलिया_अल्लाह_भी_मददगार_है???

#जवाब:- सुन्नी कहता है औलिया भी हमारी मदद करते है और वहाबी कहता है औलिया हमारी मदद नहीं करते

सुन्नी भी सही कहता है और वहाबी भी सही कहता है,
क्योंकि कुरआन शरीफ के मुताबिक़____1/2👇
अल्लाह और उसके रसूल औ फरिश्तें तमाम अम्बिया, सहाबा, औलिया सिर्फ मोमिनीन की मदद करते हैं।

[सुरह मायदा आयत नं 55, सुरह तहरीम आयत नं 4]

इसलिए सुन्नीयों का कहना जायज़ है औलिया भी हमारे मददगार है।

अब वहाबी कैसे सही है वो देखते है?
आइए कुरआन-ए-पाक़ का फरमान सुनें____2/3👇
कुरआन शरीफ़ के मुताबिक काफिरों का कोई मददगार नहीं।

[सुरह मुहम्मद आयत नं 11, सुरह बकरा आयत नं 48]

इसलिए वहाबी का कहना भी सही है उसका कोई मददगार नहीं है।

इसलिए इन लोगों से बहस करने का कोई फायदा नहीं बस इस बात पे अपनी बात को खत्म कर दिया जाए।

#मसलके_आला_हज़रत_ज़िन्दाबाद🙌
Read 4 tweets
#आला_हज़रत का वहाबियो नज्दियो को 125 साल पहले का चैलेज👇

आला हज़रत से सवाल हुआ की वहाबी कहते है के मीलाद शरीफ का सबूत दो तो हम सौ 100रु इनाम देगे।

आप क्या इरशाद फरमाते है?

#जवाब वहाबिया को 200रु इनाम (याद रहे 100 साल पहले की बात है, उस वक्त 200रु ऐसे ही थे जैसे आज के 2 लाख रु)
1) #अल्लाह_इरशाद_फरमाता_है

وَ اَمَّا بِنِعْمَةِ رَبِّكَ فَحَدِّثْ۠

अपने रब की नेमत का खूब चर्चा करो
(सुरह, दुहा 11)

अगर वहाबिया सबूत दे के रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की विलादत नेमत नहीं या मज्लिसे मीलाद मुबारक इस नेमत का चर्चा नही तो चालीस 40 रु इनाम
(2) #अल्लाह_इरशाद_फरमाता_है

وَذَكِّرْهُم بِأَيَّامِ اللَّهِ

इन्हे अल्लाह के दिन याद दिलाओ
(सुरेह इब्राहीम 5)

अगर वाहाबिया सबूत दे के रसूलअल्लाहﷺ की विलादत का दिन अल्लाह के अज़मत वाले दिनों मे नहीं या मज्लिसे मीलाद उस दिन का याद दिलाना नही तो 4रु इनाम
Read 8 tweets

Related hashtags

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3.00/month or $30.00/year) and get exclusive features!

Become Premium

Too expensive? Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal Become our Patreon

Thank you for your support!