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एक बार फिर से😍
""महंगाई से तंग आकर पत्नी ने पति को किराए पर देना शुरू किया""
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अखबार ये खबर पढ़ते ही झौलवी की बांछे खिल आई..सोचने लगा कि ऐसा कोई जुगाड़ अपना भी बैठ जाए तो वारे न्यारे हो जाएं...
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अब वो रोज रोज बीवी से कहने लगा...कमाई में कमी हो रही है...देखना आगे घरखर्च चलाना
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भी मुश्किल होने वाला है... जानबूझकर सकीना को कम पैसे देने लगा ताकि उसे यकीं हो जाए कि वाकई में पैसों की तंगी हो गई है..
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पर मासूम सकीना समझ न पाई... सो थक हारकर एकदिन झौलवी ने अखबार की कटिंग चाय की टेबल पर इस तरह रखी कि सकीना की नज़र उस पर पड़ ही जाए...
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शाम को अपनी मसाज से
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वापस आया तो देखा सकीना हाथ मे वही अखबार की कटिंग लिए खड़ी थी... बोली- दिल पे पत्थर रख के कह रही हूँ...अगर आपको ऐतराज न हो तो हम भी ऐसा ही कुछ ट्राई करें... चार पैसे आ जाएंगे घर पर...और तुम्हारा क्या घिस जाएगा...वैसे ही ईंट से घिस घिस पत्थर बना रखा है...
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झौलवी का दिल बल्लियों
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#लड्डन_कबाड़ी
🤣🤣🤣
झौलवी के सपने में फरिश्ता आया...
"क्या चाहते हो..???"
"जन्नत...."
"क्यूं....???"
"हूरों के लिए..."
"पहले ट्रायल कर लो..."
"क्या करना होगा...???"
"मुर्गा बनना होगा, 72 मुर्गी मिलेगी..."
" मंजूर..."
ट्रायल के दौरान झौलवी.. 🤣🤣🤣

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झौलवी अपने बकरे को चरा रहा था...अभी 2 दिन पहले ही खरीदा है 72 हज़ार में,... बकरा एक दम मस्त बुलंद है देखने में..... संगमरमर सा सफेद गुलाबी आंखें...
अब झौलवी का सारा समय उसी की देख रेख में बीत रहा था.... बकरे को नहलाना,खिलाना ,घुमाना अपने पास सुलाना.... झौलवी को इस बाबत किसी पर
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यकीन नहीं था....
इसलिए वो अपने बकरे को खुद चराने के लिए निकला था..... बकरा मज़े से हरी हरी घास खा रहा था और झौलवी पेड़ के नीचे बैठ कर उसे देख रहा था.....
इतने में #लड्डन_कबाड़ी उधर से निकला.... उसने मायूस झौलवी को देखा और जादाब बजाया...
लड्डन : जादाब हुज़ूर...
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