गाँधी जी ह्त्या नाथूराम गोडसे ने की, और गोडसे ने गोली भले ही चलाई हो मगर असली हाथ सावरकर का था ये तो हम सभी जानते है, आज बात करते है इस हत्याकांड में शामिल एक ऐसे परिवार की जिसके विषय में कम ही लोग जानते है. #GandhiAssassins 1/n
9 mm M1934 model Beretta रिवाल्वर जिससे आजाद भारत के पहले आतंकी नाथूराम गोडसे ने निहत्थे बुजुर्ग महात्मा की हत्या की उसके ओरिजिन की बात करते है. #GandhiAssassins 2/n
यह रिवाल्वर एक इटालियन सेना अधिकारी की थी, जब ग्वालियर 4th इन्फेंट्री रेजिमेंट ने द्वितीय विश्वयुद्ध में इस अफसर को इथोपिया में हराया, तो इस अफसर ने आत्मसमर्पण करते समय ये रिवाल्वर कर्नल वी वी जोशी को सौंप दी. #GandhiAssassins 3/n
द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् कर्नल जोशी ग्वालियर में महाराज जीवाजी राव सिंधिया के मिलिट्री सेक्रेटरी बन गए. #GandhiAssassins 4/n
ग्वालियर रियासत के शक्तिशाली सरदार चंद्रोजीराव आंग्रे ने ग्वालियर में हिन्दू महासभा की स्थापना की स्थापना की, ग्वालियर हिन्दू महासभा के प्रमुख काफी समय तक डॉक्टर दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे थे जो की ग्वालियर राजघराने के चिकित्सक भी थे और सावरकर के करीबी भी #GandhiAssassins 5/n
हत्या में प्रयुक्त रिवाल्वर को गोडसे तक पहुंचाने में ग्वालियर के जगदीश प्रसाद गोयल का प्रमुख हाथ था.
आजादी के पश्चात् ग्वालियर राजघराने के समर्थन से हिन्दू महासभा को सरकार बनाने की पूरी आशा थी, मगर #GandhiAssassins 6/n
पंडित नेहरु के करीबी ग्वालियर के दीवान एम् ए श्रीनिवासन ने कांग्रेस के मंत्रियों को शपथ दिला ली, जिसके पश्चात् परचुरे और नारायण आप्टे ने श्रीनिवासन को और गाँधी को जान से मारने की धमकी दी
Sreenivasan’s autobiography “Raj, Maharajas, and Me”. #GandhiAssassins 7/n
चार्जशीट के अनुसार 27 जनवरी 1948 को गोडसे और नारायण आप्टे दिल्ली से ग्वालियर पहुंचे, और परचुरे के घर पर रुके, जहाँ परचुरे ने अपनी रिवाल्वर देने से इनकार कर दिया, फिर परचुरे के साथी गंगाधर दंडवते ने कर्नल वी वी जोशी से रिवाल्वर दिलाई #GandhiAssassins 8/n
आरोपित परचुरे को न्यायाधीश आत्माराम ने तो दोषी पाया मगर पंजाब हाई कोर्ट ने टेक्निकल ग्राउंड पर बरी कर दिया, क्योंकि उस समय IPC ग्वालियर राज्य पर लागू नहीं होता था. #GandhiAssassins 9/n
गाँधी जी की ह्त्या में प्रयुक्त रिवाल्वर को गोडसे तक पहुँचाने में मुख्य भूमिका, कर्नल वी वी जोशी जिन्होंने रिवाल्वर मुहैया कराई, जे पी गोयल और हिन्दू महासभा ग्वालियर के गंगाधर दंडवते, गंगाधर जाधव और सूर्य देव शर्मा Let’s Kill Gandhi: Tushar Gandhi #GandhiAssassins 10/n
स्पष्ट है इस हत्या में प्रयुक्त रिवाल्वर मुहैया कराने वाले लोग ग्वालियर राजघराने और जीवाजी राव सिंधिया के काफी करीबी लोग थे. #GandhiAssassins 11/n
अभी हाल ही में हिन्दू महासभा के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष जयवीर भरद्वाज के अनुसार: "गोडसे, आप्टे ने ग्वालियर में #सिंधिया घराने की बंदूक से गांधी जी को मारने की रिहर्सल की फिर उन्हें जाकर दिल्ली में निहत्थे बुजुर्ग महात्मा की ह्त्या की #GandhiAssassins 12/n
हाल ही में प्रकाशित पुस्तक "The Murderer, the Monarch and the Fakir: A New Investigation of Mahatma Gandhi's Assassination", written by Appu Esthose Suresh and Priyanka Kotamraju, के अनुसार ...
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गाँधी जी की ह्त्या का मकसद केवल हिन्दू महासभा का गाँधी के प्रति नफरत ही नहीं था बल्कि सिंधिया राजघराने का बदला भी था. अंग्रेज भी इन प्रिंसली स्टेट को ख़त्म नहीं कर पाए, वही गाँधी की आन्दोलन ने इन प्रिंसली स्टेट्स की वैधता को एक झटके में ख़त्म कर दिया. #GandhiAssassins 14/n
ये कोई छिपा हुआ तथ्य नहीं है, हाल भी आजाद हुए, विभाजन के सदमे से उबार रहे भारत में राष्ट्रपिता की ह्त्या ने पूरे देश और व्यवस्था को हिला दिया, इस हत्याकांड की जाँच में कई कमियाँ थी जो की कपूर कमीशन की जाँच से पूर्णतः सपष्ट हो चुकी है, #GandhiAssassins 15/n
और जांच की इन्ही कमियों में से एक थी महात्मा गाँधी की हत्या में ग्वालियर राजघराने की भूमिका. पूरी तरह से स्पष्ट है की सिंधिया राजघराना केवल महारानी लक्ष्मीबाई के खिलाफ गद्दारी का ही दोषी नहीं था, बल्कि #GandhiAssassins 16/n
राष्ट्रपिता की ह्त्या में भी कहीं ना कहीं शामिल था. उनके चिकित्सक, उनके मिलिट्री सचिव, उनके करीबी सभी शामिल थे, और ये महाराजा जीवाजी राव और सरदार आंग्रे की अनुमति और शह के बगैर संभव ही नहीं था. #GandhiAssassins 17/n
हाल ही में सिंधिया राजघराने के एक वंशज ने रानी लक्ष्मीबाई की ह्त्या के पापों से हाथ धोने का प्रयत्न किया है, अभी देखना बाकी है की गाँधी की ह्त्या के पापों से हाथ धोने का प्रयत्न कब करते है?
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