क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गाँधी और जवाहरलाल नेहरू एक दूसरे के ख़िलाफ़ थे?
1. जब नेताजी कांग्रेस के अध्यक्ष बने, तो 1938 में उन्होंने नैशनल प्लानिंग कमेटी गठित की, जिसका उद्देश्य आज़ाद भारत की योजना का ब्लू प्रिंट बनाना था। नेताजी ने उसका अध्यक्ष नेहरू को बनाया। 1/n
2. 1938 में जब बोस गाँधी जी के समर्थन से कांग्रेस अध्यक्ष बने थे।1939 में वे दोबारा अध्यक्ष का चुनाव लदे, तब गाँधी जी का समर्थन पट्टाभि सीतारमैया को था। लेकिन जीते बोस।बाद में वर्किंग कमेटी के गठन को ले कर गाँधी जी और बोसे एकमत नहीं थे।सो बोस ने अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया।2/n
3.1939 में नेता जी बोस के रास्ते अलग हो गए थे। लेकिन गाँधी जी में विश्वास बना रहा।
4.4 जून, 1944 को नेता जी ने ही रंगून से अपने अंतिम रेडियो सम्बोधन में गाँधी जी को ‘राष्ट्रपिता’ ‘Father of Nation’ कहा, जो बाद में पूरे देश ने स्वीकार किया।
3/n
5.रास्ते अलग होने पर भी नेताजी ने आज़ाद हिंद फ़ौज की ब्रिगेड ने नाम गाँधी ब्रिगेड, नेहरू ब्रिगेड, (मौलाना) आज़ाद ब्रिगेड, बोस ब्रिगेड रखा। महिला रेजिमेंट का नाम रानी झाँसी रेजिमेंट रखा।
4/n
6.नैशनल प्लानिंग कमेटी की रिपोर्ट का लिंक:
indianculture.gov.in/report-nationa…
पढ़िए और समझिये, कि बोस-नेहरू जुगलबंदी क्यों थी, क्यों दोनो के सपनों का भारत एक सा था। 5/n
नेताजी ने जब आज़ाद सरकार की घोषणा की तो उसमें इन भारतीयों का ज़िक्र था
Siraj Ud Dowlah
Mohan Lal
Haider Ali
Tipu Sultan
VelluTampi
Appa Saheb Bhonsle
Peshwa Baji Rao
Begums of Oudh
Sardar Shay Singh Atariwala Rani Lakshmibai of Jhansi
Tantia Tope
Maharaj KunwarSingh
Nana Sahib
नेताजी की आज़ाद सरकार की अधिसूचना में स्पष्ट घोषणा थी:
सबको धार्मिक आज़ादी, साथ ही बराबर के अधिकार और बराबर के अवसर की गारंटी होगी… राष्ट्र के सभी बच्चों को बराबरी और सभी भेदभाव से ऊपर उठने का संकल्प था।
इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा के साथ साथ इन मूल्यों को भी याद रखें।
7/n
यही नहीं, आज़ाद भारत सरकार की घोषणा की अधिसूचना में नेताजी महात्मा गाँधी की नेतृत्व क्षमता, असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलन को महत्वपूर्ण पड़ाव कहते हैं.
और ये कांग्रेस छोड़ने के पाँच साल बाद का घटनाक्रम है 8/n
आज़ाद हिंद फ़ौज के शपथ दस्तावेज अनुसार राष्ट्रीय चिन्ह में ‘Tiger’ था, क्योंकि वो चिन्ह टिपू सुल्तान से जुड़ा था।
अगर आप नेताजी का सम्मान करते हैं तो जानिए कि Tipu Sultan को वे कितने आदर से देखते थे। 10/n
Share this Scrolly Tale with your friends.
A Scrolly Tale is a new way to read Twitter threads with a more visually immersive experience.
Discover more beautiful Scrolly Tales like this.