🙏💞🥀 #श्रीकृष्ण कि बात-एक बार बलराम सहित ग्वाल-बाल खेलते-खेलते
यशोदा के पास पहुंचे और यशोदाजी से कहा- माँ! कृष्ण ने तो आज
मिट्टी खाई है। यशोदा ने कृष्ण के हाथों को पकड़ लिया और धमकाने
लगी कि तुमने मिट्टी क्यों खाई है। यशोदा को यह भय था कि मिट्टी खाने
से इसको कोई रोग न लग जाए।
कृष्ण तो इतने भयभीत हो गएथे कि वे
माँ कीओर आँख भी नहीं उठा पा रहेथे। तब यशोदा नेकहा- नटखट
तूने एकान्तमें मिट्टी क्यों खाई?बलराम सहित औरभी ग्वाल इसबात
को कह रहे हैं। कृष्ण ने कहा- मिट्टी मैंने नहीं खाईहै।ये सभी लोग
मिथ्या कह रहेहैं।यदिआप उन्हें सच्चा मान रहीहैं तो स्वयं मेरा मुख
देख लीजिये!और श्याम ने जब अपना मुह खोला तो माँ चकित हो देखती रह गयी!सूर्य चंद्र नक्षत्र ग्रह तारामंडल लोका लोक ब्रह्माण्ड देव दानव पशु पक्षी समस्त सृष्टि मुख मे दृष्टिगत हुई।माँ भयभीत हो गयी।समझ गयी कि यह मेरा पुत्र तो साक्षात्ब्रह्म है !मै पुत्र समझ कितना बड़ा अपराध कर रही थी!अब
कन्हैय्या घबराये।उन्होने मैय्या की मार से बचने के लिये लीला रची पर मैय्या तो ब्रह्मज्ञानी हो गयी है अब मधुरतम बाल लीला वात्सल्य का लाड़ लड़ाने का आनंद कैसे मिलेगा!यह लीला तो उल्टी पड़ गयी!तुरंत अपनी योग माया से कह जो कुछ देखा था वह विस्मृत करवा दिया।मैय्या को इतना ही याद रहा कि
लल्ला के मुखन मे कछु अंट शंट देख्यो है।तुरंत आंचल से मुख साफ कर सीने से लगाया!पंचगव्य प्राशन करवा माखन मिश्री का लड्डू दे नज़र उतारने की व्यवस्था मे लग गयी।और कान्हा सखाओं और दाऊ दादा को दिखा दिखा माखन खाने और चिढ़ाने लगे।ऐसे मनमोहन गोपाल सदैव मेरे हृदय मे निवास करे!जयश्रीकृष्ण
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