|| धर्म और अधर्म ||
व्याकरण के नियमानुसार मनुष्य अथवा चराचर सब वस्तुमात्र जिसको धारण करते हैं, वह धर्म है।
यह धर्म का शाब्दिक अर्थ है।
धर्मशब्द सुखहेतु गुण, कर्म वा द्रव्य का वाचक अभीष्ट है, किन्तु दुःखहेतु गुणादि का वाचक नहीं।
*
यजुर्वेद के ३१वें अध्याय में ‘यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्॰’ यहाँ धर्मशब्द कर्म का पर्याय वाचक है।
महर्षि मनु ने विश्व के आदि मानव धर्मशास्त्र में धर्म की महिमा और धर्म व अधर्म के लक्षणों के विषय मे लिखा हैं।
महर्षिमनु के अनुसार धर्म के दस लक्षण इस प्रकार हैं:
धृति: क्षमा दमोअस्तेयं शोचं इन्द्रिय निग्रह:।
धीर्विद्या सत्यमक्रोधो दशकं धर्म लक्षणं।। (६/९)
१ धृति—सदा धैर्य रखना। तनिक—तनिक - सी बातों में अधीर न होना।
२ क्षमा—निन्दा-स्तुति, मान-अपमान, हानि-लाभ में सहनशील रहना।
३ दम—चञ्चल मन को वश में करके उसे अधर्म की ओर जाने से रोकना।
४ अस्तेयम्—चोरी-त्याग। बिना स्वामी की आज्ञा के किसी पदार्थ के लेने की इच्छा भी न करना।
६ इन्द्रीयनिग्रह—सभी इन्द्रियों को अधर्माचरण से रोककर धर्म-मार्ग में चलाना।
७ धी—मादक द्रव्यों के त्याग, सत्संग और योगाभ्यास से बुद्धि को बढ़ाना।
९ सत्यम्—जो पदार्थ जैसा हैं, उसे वैसा ही जानना, मानना, बोलना और लिखना भी सत्य कहलाता हैं ।
१० अक्रोध—क्रोध न करना, सदा शान्त रहना।
यह महर्षि मनु द्वारा प्रदत्त धर्म के दस लक्षण हैं।
🚩परद्रव्येष्वभिध्यानं मनसानिष्टचिन्तनम्। वितथाभिनिवेशश्च त्रिविधं कर्म मानसम्।।(१२/५)
मानसिक कर्मों में से ३ मुख्य अधर्म है परद्रव्यहरण अथवा चोरी (का विचार) लोगों का बुरा चिन्तन करना, मन में द्वेष करना, ईर्ष्या करना, वितथाभिनिवेश अर्थात् मिथ्यानिश्चय करना।
वाचिक अधर्म चार है— पारुष्य अर्थात् कठोरभाषण। सब समय, सब ठौर मृदु भाषण करना यह मनुष्यों को उचित है। किसी अन्धे मनुष्य को ’ओ अंधे’ ऐसा कहकर पुकारना निस्सन्देह सत्य है, परन्तु (cont.)
अनृतभाषण अर्थात् झूठ बोलना, पैशुन्य अर्थात् चुगली करना, असम्बद्धप्रलाप अर्थात् जान बूझकर (लांछन या बुराई बनाकर) बात को उड़ाना।
परदारोपसेवा च शारीरं त्रिविधं स्मृतम्।।(१२/७)
शारीरिक अधर्म तीन है—चोरी हिंसा अर्थात् सब प्रकार के क्रूर कर्म (परदारोपसेवा), व्यभिचारादि कर्म करना।
(cont.)
३ मानसिक, ४ वाचिक व ३ शारिरीक अर्थात कुल १० अधर्म के लक्षण हैं।
जहाँ ये लक्षण विद्यमान होंगे, वहाँ निश्चित ही अधर्म का वास होगा।।
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय 🚩
@Sanjay_Dixit