कुल 100 वर्ष(अकबर 1556ई. से औरंगजेब 1658ई. तक)के समय के स्थिर शासन को मुगलकाल नाम से इतिहास में एक पूरे पार्ट की तरह
अब इस स्थिर (?) शासन की तीन चार पीढ़ी के लिए कई किताबें,पाठ्यक्रम, सामान्य ज्ञान,प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न, विज्ञापनों में गीत,....इतना हल्ला मचा रखा है,
जबकि उक्त समय में मेवाड़ इनके पास नहीं था। दक्षिण और पूर्व भी एक सपना ही था।
अब जरा विचार करें...क्या भारत में अन्य तीन चार पीढ़ी और शताधिक वर्ष पर्यन्त राज्य करने वाले वंशों को इतना महत्त्व या स्थान मिला है ?
फिर विक्रमादित्य ने 100 वर्षों तक राज्य किया था।इतने महान् सम्राट होने पर भी भारत के इतिहास में गुमनाम कर दिए गए।
वामपंथी इतिहासकारों ने नेहरूवाद का मल भक्षण कर,जो उल्टियाँ की उसे ज्ञान समझ चाटने वाले
यह सब कैसे और किस उद्देश्य से किया गया ये अभी तक हम ठीक से समझ नहीं पाए हैं और ना हम समझने का प्रयास कर रहे हैं।
एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हिन्दू योद्धाओं को इतिहास से बाहर कर सिर्फ मुगलों को महान बतलाने वाला नकली इतिहास पढ़ाया जाता है।
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जय हिंद