एक बार एक शेर जंगल मे घूम रहा था,झरने में राजकुमारी अपनी दासियों के साथ स्नान कर रही थी,शेर ने देखा राजकुमारी पर आसक्त हो गया,फिर शेर शिकार करना बंद कर दिया,उदास रहने लगा।
बन्दर ने कारण पूछा शेर ने पूरी घटना सुनाई,तब बन्दर ने उपाय सुझाया
राजा घबरा गया,दरबारी घबरा गए,राजा हाथ जोड़कर खड़ा हो गया,वनराज आप यहां??शेर ने कहा
राजा आवाक अपने प्रधान अमात्य की ओर देखा,अमात्य ने इशारे से कहां आप शांत रहिये मैं मामला संभालता हूँ, अमात्य ने हाथ जोड़कर शेर से निवेदन किया"हे
"आपको ये अपने बड़े बड़े बाल कटवाने पड़ेंगे,औऱ प्रणय प्रसंग में राजकुमारी घायल न हो जाये तो ये नाखून औऱ दाँत आपको कटवाने पड़ेंगे,बस आप इन छोटी तीन बातों को मान ले तो हम अपने आपको
शेर सोचते हुए बोला ठीक मैं कल बताता हूँ,जंगल पहुच कर शर्त बन्दर को बताया,बन्दर बोला महाराज जब आप राजकुमारी से विवाह कर लेंगे तो राजा के दामाद बन जाएंगे,तब राजा आपको भूखे थोड़ी न मरने देगा,आपको एक से एक जानवर रोज कटवाकर
शेर को बात बन्दर की अच्छी लगी,अब शेर ने अपने दांत, बाल,नाखून सब खत्म करवा दिए,राजा के यहां विवाह को पहुँचा,अब अमात्य एक डंडा उठाया और शेर को दिया घुमा कर दो चार,शेर को दिन में
डिस्क्लेमर-इस कहानी को अब कोई महाराष्ट्र घटनाक्रम से न जोड़ देना प्लीज,की बन्दर यहां संजय,शेर उद्धव,अमात्य यहां पवार,राजा यहां राजमाता,और