गुलशन तनेजा (Sonu) Profile picture
Feb 13, 2021 5 tweets 1 min read
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भारत में हाथों से खाने की रस्म भारतीय वंशजों के बीच भारत से बाहर भी बहुत लोकप्रिय है।

क्या कोई कारण है कि हम ऐसा क्यों करते हैं?

जी हाँ, अवश्य ।

मानो या न मानो।

यह वास्तव में एक "RITUAL" है जिसे हम "मुद्रा" कहते हैं।

खैर, एक "मुद्रा" क्या है? मुद्रा हिंदू धर्म में एक प्रतीकात्मक या अनुष्ठान संकेत या मुद्रा है।

इसमें अच्छे स्वास्थ्य / नियंत्रण, संतुलन, ऊर्जा के नियंत्रण और यहां तक ​​कि संचार जैसे नृत्यनाथनम और कथक जैसे कई उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले एक निश्चित इशारे में हाथ और उंगलियां शामिल हैं।
Feb 12, 2021 5 tweets 1 min read
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नए-नवेले नेता ने कॉमरेडों से कहा-
अगर तुम्हारे पास बीस-बीघा खेत है तो क्या तुम उसका आधा दस बीघा गरीबों को दे दोगे ?
सारे कामरेड एक साथ बोले- हाँ दे देंगे !

नेता ने फिर कहा-
अगर तुम्हारे पास दो घर हैं तो क्या तुम एक घर गरीबों को दे दोगे ? सारे कामरेड एक साथ बोले- हाँ दे देंगे !

नेता ने फिर कहा-
अगर तुम्हारे पास दो कार हैं तो क्या तुम एक कार ग़रीब को दे दोगे ?
सारे कामरेड एक साथ बोले- हाँ दे देंगे !

नेता ने फिर पूछा-
अगर तुम्हारे पास चार गधे हैं तो क्या उनमें से दो तुम गरीबों को दे दोगे ?
Feb 11, 2021 4 tweets 1 min read
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😂😂😂😂😂

डॉक्टर :- क्या तकलीफ है आपको ??.

रमेश :- डॉक्टर साहब,
रोज रात को सोते हुए
मुझे यह डर लगता है
कि मेरे पलंग के नीचे कोई
छुपा हुआ है.....

इस वजह से मुझे नींद नहीं
आती है।

डॉक्टर :- इसके लिए
आपको 6 महीने तक
लगातार,
हर हफ्ते आना पड़ेगा । रमेश :- आपकी एक बार की कितनी फीस होगी डॉक्टर साहब ??

डॉक्टर :- तीन हजार.

6 महीने बाद रास्ते में डॉक्टर को
रमेश दिखता है...

डॉक्टर :- क्या हुआ रमेश,
तुम तो वापस इलाज के लिए आए ही नहीं ?

रमेश :- डाक्टर साहब,
मेरे एक मित्र ने मेरा इलाज कर दिया और
मेरे लाखों रुपए
बच गये..
Jan 22, 2021 7 tweets 2 min read
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एक बड़े शहर में " Get Husband " नामक एक स्टोर
खुला। यह 6 मंजिला स्टोर था और हर मंजिल पर हसबेंड पसंद
किया जा सकता था।
पहली मंजिल से आगे बढ़ते जाने पर और
बढ़िया हसबेंड
की गारंटी थी। हर मंजिल
पर लिखा था कि वहाँ किन विशेषताओं वाले
आदमी मिलेंगे। एक महिला हसबेंड पसंद करने उस स्टोर में गयी।
पहली मंजिल--- इन पुरुषों के पास
नौकरी है।
महिला आगे बढ़ गयी और दूसरी मंजिल
पर गयी।
दूसरी मंजिल--- इन पुरुषों के पास
नौकरी भी है और ये
बच्चों को भी प्यार करते हैं।
महिला और आगे बढ़ी।
Jan 20, 2021 4 tweets 2 min read
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..

Please read carefully

गाड़ी चलाते हुए अगर कोई #बच्चा सामने आ जाए तो पहले कोशिश करे कि गाड़ी को रोक लें मगर यह मुमकिन न हो तो फिर बच्चे के पीछे से निकालें क्यों कि साधारणतया बच्चा आगे की तरफ दोड़ता है। इसी प्रकार कोई #बुजुर्ग गाड़ी के सामने आ जाए तो उसके आगे से गाड़ी निकालें क्यों कि वृद्धजन नॉर्मली पीछे की और हटते है।

यदि कोई युवा #पुरुष गाड़ी के सामने आता दिखता है तो अपनी सीधी रौ में चलते हुए गाड़ी थोड़ी धीमी कर लें।
Dec 28, 2020 7 tweets 2 min read
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गुलामी के दिन थे। प्रयाग में कुम्भ मेला चल रहा था। एक अंग्रेज़ अपने द्विभाषिये के साथ वहाँ आया। गंगा के किनारे एकत्रित अपार जन समूह को देख अंग्रेज़ चकरा गया।

उसने द्विभाषिये से पूछा, "इतने लोग यहाँ क्यों इकट्टा हुए हैं?" द्विभाषिया बोला, "गंगा स्नान के लिये आये हैं सर।"

अंग्रेज़ बोला, "गंगा तो यहां रोज ही बहती है फिर आज ही इतनी भीड़ क्यों इकट्ठा है?"

द्विभाषीया: - "सर आज इनका कोई मुख्य स्नान पर्व होगा।"
अंग्रेज़ - " पता करो कौन सा पर्व है ?"
Dec 27, 2020 11 tweets 2 min read
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हम क्यो नही मानते 1 जनवरी को नया साल?

* न ऋतु बदली.. न मौसम
* न कक्षा बदली... न सत्र
* न फसल बदली...न खेती
* न पेड़ पौधों की रंगत
* न सूर्य चाँद सितारों की दिशा
* ना ही नक्षत्र।।

1 जनवरी आने से पहले ही सब नववर्ष की बधाई देने लगते हैं। मानो कितना बड़ा पर्व है। नया केवल एक दिन ही नही होता..
कुछ दिन तो नई अनुभूति होनी ही चाहिए। आखिर हमारा देश त्योहारों का देश है।

ईस्वी संवत का नया साल 1 जनवरी को और भारतीय नववर्ष (विक्रमी संवत) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है। आईये देखते हैं दोनों का तुलनात्मक अंतर:
Dec 25, 2020 4 tweets 1 min read
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हमारे राजा शिवि ने एक कबूतर की रक्षा के प्रण के लिए गिद्ध की क्षुधा शांत करने को अपना मांस काट काटकर तराजू पर तोला, अंत में स्वयं तराजू में चढ़कर उसकी रक्षा की।

ऋषि दधीचि ने अनंत पीड़ा सहन करके भी अपनी रीढ़ की हड्डी का दान किया, ताकि दुर्जनों का अंत हो सके।

जटायु जैसे पक्षी राज ने भी दुर्बल होते हुए दशानन रावण से लड़कर नारि की रक्षा का धर्म निभाया और बलिदान हुए।

महामहिम भीष्म पितामह जो अर्जुन के सैकड़ो तीरों से छलनी होकर भी कई दिनों तक बाणों के बिस्तर मे पुरे होश मे रहे और आध्यात्म, अमूल्य प्रवचन,
Dec 25, 2020 4 tweets 2 min read
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कुछ लोगों ने नीचे वाली पहली तस्वीर शेयर करके अफवाह उड़ा रखी है कि अम्बानी गेंहू भी बेच रहा है जिओ का 😂😂

अबे मंद बुद्धि चमचों पहली बात तो यह है कि ये बोरियाँ सिर्फ जिओ की लोकप्रियता के चलते छापी है किसी व्यापारी ने ImageImageImage जैसे बड़े ब्रांड की कॉपी करके चिप्स के पैकेट बिग बॉस या मोटू पतलू के नाम से आ जाते हैं वैसे ही इसका अम्बानी या जिओ से कोई लेना देना नही है और यह काम लोकल सेलर लोकल लेवल पर करते है

दूसरी बात इन बोरियो में गेंहू नही क्या है आप वह स्वयम देखिये

अब तीसरा फोटू देखिये जिओ का गुटखा
Dec 12, 2020 11 tweets 3 min read
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#चरणामृत_का_महत्व -----

अक्सर जब हम मंदिर जाते है तो पंडित जी हमें भगवान का चरणामृत देते है.
क्या कभी हमने ये जानने की कोशिश की. कि चरणामृतका क्या महत्व है.

शास्त्रों में कहा गया है

अकालमृत्युहरणं सर्वव्याधिविनाशनम्।
विष्णो: पादोदकं पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते ।। "अर्थात भगवान विष्णु के चरण का अमृत रूपी जल समस्त पाप-व्याधियोंका शमन करने वाला है तथा औषधी के समान है।

जो चरणामृत पीता है उसका पुनः जन्म नहीं होता" जल तब तक जल ही रहता है जब तक भगवान के चरणों से नहीं लगता,
जैसे ही भगवान के चरणों से लगा तो अमृत रूप हो गया और चरणामृत बन जाता है.
Dec 10, 2020 10 tweets 3 min read
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भयानक गृहयुद्ध की आहट !!
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जंगल में जो हाल हिरन का होता है लकड़बग्घे भेड़िए पागल कुत्ते सभी उसके मांस के लोभ में उसके पीछे पड़े रहते हैं वह सबसे सरल शिकार होता है. वही हाल भारत में हिंदुओं का है जिहादी हो या फिर मिशनरियों या फिर मनोरोगी बन चुके अंबेडकरवादी पेरियारवादी हो यह VCK के नाम का तमिलनाडु की एक क्षेत्रीय पार्टी है जो पेरियार को फॉलो करती है उसका बयान देखिए इसने संपूर्ण हिंदू महिलाओं को खुलेआम वैश्या बोल दियाइसके ऊपर कोई Image
Nov 23, 2020 11 tweets 3 min read
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#चरणामृत_का_महत्व -----

अक्सर जब हम मंदिर जाते है तो पंडित जी हमें भगवान का चरणामृत देते है.
क्या कभी हमने ये जानने की कोशिश की. कि चरणामृतका क्या महत्व है.

शास्त्रों में कहा गया है

अकालमृत्युहरणं सर्वव्याधिविनाशनम्।
विष्णो: पादोदकं पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते ।। "अर्थात भगवान विष्णु के चरण का अमृत रूपी जल समस्त पाप-व्याधियोंका शमन करने वाला है तथा औषधी के समान है।

जो चरणामृत पीता है उसका पुनः जन्म नहीं होता" जल तब तक जल ही रहता है जब तक भगवान के चरणों से नहीं लगता,
जैसे ही भगवान के चरणों से लगा तो अमृत रूप हो गया और चरणामृत बन जाता है.
Oct 27, 2020 11 tweets 3 min read
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27 अक्तुबर

#बन्दा_बैरागी_जी का जन्म दिवस पर शत-शत नमन

बन्दा बैरागी का जन्म 27 अक्तूबर, 1670 को ग्राम तच्छल किला, पुंछ में श्री रामदेव के घर में हुआ। उनका बचपन का नाम लक्ष्मणदास था। युवावस्था में शिकार खेलते समय उन्होंने एक गर्भवती हिरणी पर तीर चला दिया। इससे उसके पेट से एक शिशु निकला और तड़पकर वहीं मर गया। यह देखकर उनका मन खिन्न हो गया। उन्होंने अपना नाम माधोदास रख लिया और घर छोड़कर तीर्थयात्रा पर चल दिये। अनेक साधुओं से योग साधना सीखी और फिर नान्देड़ में कुटिया बनाकर रहने लगे।
Oct 26, 2020 4 tweets 1 min read
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पहचानिए इस हस्ती को, वृंदावन में करीब 54 एकड़ परिसर में साध्वी ऋतंभरा जी का 'वात्सल्य ग्राम' आश्रम है।
आश्रम के विशाल दरवाजे के बाईं ओर एक पालना है, जहां कोई भी व्यक्ति, किसी भी समय अनचहा या अनाथ शिशु को रखकर जा सकता है। पालने में बच्चा छोड़कर जाने वाले व्यक्ति को आश्रम से संबंधित सदस्य किसी भी प्रकार का प्रश्‍न नहीं पूछता। पालने में कोई बच्चा रखते ही पालने पर लगा सेंसर आश्रम के व्यवस्थापन को इसकी सूचना देता है और आश्रम का कोई अधिकारी आकर उस बच्चे को आश्रम ले आता है।
Oct 26, 2020 7 tweets 2 min read
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आज हम जिस दुनिया में रहते हैं ये मोटे तौर पर फ्रांस की ही बनाई हुई दुनिया है। लिबरलिज्म (असली वाला), मानवाधिकार, सेक्युलरिज्म (असली वाला), लेफ्ट-राइट, लोकतंत्र, समेत जिन नागरिक अधिकारों और आदर्शों को हम जानते हैं ये सब फ्रांस की महान क्रांति से ही दुनिया को मिले हैं। फ्रांस की महान क्रांति जिसके चार्टर को विश्व के पहले लोकतांत्रिक देश अमेरिका ने अपने संविधान का आधार बनाया।

लेकिन पिछले कुछ दिनों इस्लामिक चरमपंथ का सामना कर रहा फ्रांस आज खुलकर इसके खिलाफ खड़ा है। अपनी महान विरासत, सेक्युलरिज्म या लिबरलिज्म के बोझ में फ्रांस दबा नहीं जा रहा
Oct 25, 2020 10 tweets 3 min read
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रावण का बखान (किसी को उसकी बहन बनना है तो किसी को पत्नी तो कोई उसकी विद्वता से मोहित है तो कोई उसके अजेय होने के दम्भ से)

आजकल की लाइफ लाइन सोशल मीडिया पर ऐसा ट्रेंड बहुत तेजी से चल पड़ा है। भावनाओं का ज्वार उफान पर है और कारण सिर्फ हिंदुओं के नामधारी सेक्युलरों की हिंदुओं को अपमानित करने की नीच मानसिकता ही है।

बुद्धिजीवियों द्वारा महिमामंडन का कारण व गलतफहमी सुनिये...

....इसलिए कि उसने माता सीता को कभी छुआ नहीं ?

अरे भाई ! माता सीता को नहीं छूने का कारण उसकी भलमनसाहत नहीं, बल्कि कुबेर के पुत्र “नलकुबेर” द्वारा दिया गया श्राप था कि
Oct 23, 2020 25 tweets 6 min read
स्कंदगुप्त... गौरवशाली इतिहास जो छुपाया गया...

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दुनियाँ उन्हें पुकारती थी......

#हूण

"""""""""" " The wrath of God " """""""""""""""

"""""""""""""" "खुदा का कहर " """"""""""""""""""'

भारत

455 ई..... भारत अपने " स्वर्ण युग के वैभव " का आनंद उठा रहा था। पर शेष विश्व ?...

शेष विश्व उस समय आतंक से थरथरा रहा था ....

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वे अपने नमदे के तंबुओं के चलते फिरते शहर 'ओरदुओं में रहते थे।

वे दुश्मन की खोपडियाँ अपने तंबू में ट्रॉफियों की तरह सजाते थे।

वे
Oct 22, 2020 6 tweets 1 min read
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कल अफगानिस्तान के जलालाबाद में पाकिस्तान का वीजा लेने के लिए अफगानी लोग स्टेडियम में जुटे थे भगदड़ मच गई और 12 लोगों की दबकर मौत हो गई

दरअसल अफगानिस्तान के लोग अपनी रोजमर्रा की खरीदी के लिए पाकिस्तान का वीजा लेते हैं पाकिस्तान उन्हें 3 महीने का मल्टीपल एंट्री वीजा देता है और अफगानिस्तान के लोग अपनी छोटी से छोटी चीजों की खरीदारी के लिए भी पाकिस्तान पर निर्भर है क्योंकि लाखों अफगानी पाकिस्तान का वीजा लेते हैं इसलिए पाकिस्तान एक बड़े से स्टेडियम में वीजा कैंप लगाता है
Oct 22, 2020 9 tweets 3 min read
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कमर दर्द , सरवाइकल और चारपाई हमारे पूर्वज बैज्ञानिक थे।
सोने के लिए खाट हमारे पूर्वजों की सर्वोत्तम खोज है। हमारे पूर्वजों को क्या लकड़ी को चीरना नहीं जानते थे ? वे भी लकड़ी चीरकर उसकी पट्टियाँ बनाकर डबल बेड बना सकते थे। डबल बेड बनाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। लकड़ी की पट्टियों में कीलें ही ठोंकनी होती हैं। चारपाई भी भले कोई साइंस नहीं है , लेकिन एक समझदारी है कि कैसे शरीर को अधिक आराम मिल सके। चारपाई बनाना एक कला है। उसे रस्सी से बुनना पड़ता है और उसमें दिमाग और श्रम लगता है।
Oct 20, 2020 9 tweets 2 min read
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कालिदास बोले :- माते पानी पिला दीजिए बड़ा पुण्य होगा.
स्त्री बोली :- बेटा मैं तुम्हें जानती नहीं. अपना परिचय दो।
मैं अवश्य पानी पिला दूंगी।
कालिदास ने कहा :- मैं पथिक हूँ, कृपया पानी पिला दें। स्त्री बोली :- तुम पथिक कैसे हो सकते हो, पथिक तो केवल दो ही हैं सूर्य व चन्द्रमा, जो कभी रुकते नहीं हमेशा चलते रहते। तुम इनमें से कौन हो सत्य बताओ।

कालिदास ने कहा :- मैं मेहमान हूँ, कृपया पानी पिला दें।
स्त्री बोली :- तुम मेहमान कैसे हो सकते हो ? संसार में दो ही मेहमान हैं।
Oct 19, 2020 4 tweets 1 min read
सुप्रभात 🙏
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तुलसी का काढ़ा पीने के फायदे
सर्दी, जुकाम और गले में खराश से जल्द राहत दिलाने के लिए तुलसी का काढ़ा पीने की सलाह दी जाती है.

बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम से बचने के लिए जरूर पिएं तुलसी काढ़ा, जानिए आसान रेसिपी किचन में मौजूद कुछ मसालों का इस्तेमाल करके तुलसी का काढ़ा तैयार किया जा सकता है. जानिए इसकी रेसिपी.

10-15 तुलसी के पत्ते
2-3 दालचीनी के छोटे टुकड़े
1-2 काली मिर्च
1 छोटा चम्मच सूखा धनिया
1 इंच अदरक का टुकड़ा
1 चम्मच मिश्री
सेंधा नमक (वैकल्पिक)