विभिन्न दलों की राय इस प्रकार हो सकती हैं।
भाजपा :-
ये कंपकपाती ठण्ड सबका साथ, सबका विश्वास का अद्भुत उदाहरण हैं। ये ठण्ड बिना किसी जाति, धर्म के भेदभाव किए बिना सभी पर समान रूप से पड़ रही हैं।
हम इस सद्भावनापूर्ण ठण्ड का स्वागत करते हैं।
ऐसा नही हैं कि, ये ठण्ड हमारी सरकार में नही पड़ती थी, पड़ती थी किन्तु ऐसी भेदभावपूर्ण, विद्वेषपूर्ण ठण्ड आज से पहले कभी नही पड़ी।
हम पूछना चाहते हैं इस सरकार से अल्पसंख्यक इलाकों में ही ज्यादा ठण्ड क्यों पड़ रही हैं?
हम संसद में कंपकपाती ठण्ड पर बहस चाहते हैं
हम पूछना चाहते हैं, मोदी जी से
आखिर दिल्ली चुनाव के ऐनवक्त पहले ही इतनी ठण्ड क्यों पड़ रही हैं ?
5 साल इतनी ठण्ड क्यों नही पड़ी ?
मोदी सरकार अधिक ठण्ड पड़वाकर वोटरों को डराना चाह रही हैं। हम विधानसभा का विशेष सत्र बुलवाकर इस षड्यंत्र का खुलासा करेंगे।
इतनी ठण्ड बीम क्षेत्रों में क्यों पड़ रही हैं ?
ये ठण्ड मनुवादी ठण्ड हैं। ये ठण्ड असंवैधानिक हैं। ये ठण्ड संविधान के खिलाफ हैं। हम इस ठिठुरती ठण्ड के खिलाफ राष्ट्रपति जी को ज्ञापन देंगे।
दिसंबर में इतोना थोण्ड क्यों?दिवाली पोर क्यों नही?ओल्पसंख्यक इलाका में ही इतना थोण्ड क्यों?
ये थोण्ड सोम्प्रदायीक,सेक्युरिज्म का खिलाफ हाय. हम इस थोण्ड का बोंगाल में पड़ने पर प्रोतिबन्ध लोगाता हाय.
सेक्युलर ताकतों से ओपील कोरता, इस सोम्प्रदायीक थोण्ड का खिलाफ इकोट्ठा हो
अंत मे,
रवीश कुमार:- क्या मोदी सरकार दिल्ली चुनाव के ऐनवक्त पहले ऐसी ठण्ड पड़वाकर चुनाव जीतना चाहती हैं? बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, #CAA_NRC से देश का ध्यान भटकाना चाहती हैं?
जवाब दे सरकार😜