ये तस्वीर 12 फरवरी 1992 को गया के बारा गाँव में कत्ल किये गए पैंतीस निर्दोष किसानों के सामूहिक अंतिम संस्कार की है। ये एक विशुद्ध सत्ता प्रायोजित नरसंहार था, जिसने एक जाति विशेष को संदेश दिया था कि तुम्हे तो ऐसे ही मारेंगे,तुम क्या कर लोगे।और बाद में इसकी क्या क्या परिणति हुई
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👆.....ये सब जानते हैं।
बिहार के इतिहास के सबसे घृणित और काले अध्याय की ये शुरुआत थी, जिसमें बाद में इस तरह की संभवतः सैंकड़ों तस्वीरें जुड़ी।
चुनावी स्क्रिप्ट, कैमरा, एक्शन। चुनाव खत्म होते ही , पैकअप!
दिल्ली चुनाव से पहले संविधान खतरे में आ गया था, अभी सब ठीक है, शाहीन बाग की नौटंकी, न्यूज़ से गधे की सींग की तरह गायब है।
हमको बस इतना जानना है कि बिहार चुनाव के लिए क्या स्क्रिप्ट लिखी जा रही है??
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.....पहले से अनुमान लगा लिया जाए, अभी इतना ही ध्यान आया है बाकी कुछ स्क्रिप्ट का अनुमान लगा तो शेयर करेंगे , आपलोग भी जोड़िए।
1. आरक्षण पर बवाल शुरू करने का मौका सुप्रीमकोर्ट के एक फैसले ने दे दिया, लेकिन दिल्ली चुनाव के शोर में वो थोड़ा दब गया। और अभी समय भी बहुत है,...
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👆.....बिहार चुनाव से कुछ महीने पहले इस पर दुष्प्रचार तेज किया जाएगा।
2. बेगुसराय में मुहं की खा चुका लाल झंडू वामपंथी छात्र नेता बिहार में खुद पर 7 छोटेमोटे हमले करवा चुका है,लेकिन ज्यादा लाइमलाइट नही मिली, मीडिया अब फ्री है दिल्ली से।
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👆.....अब 26 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में रैली रखा है। वहां खुद कोई और हमला करवा के या कोई और बवाल कर के माहौल बनाने की कोशिश होगी। MP ना सही, MLA, वो भी नही तो शायद पार्षद के लिए लगेगा आगे।
3. चुनाव को गर्माने में मीडिया की अहम भूमिका होती ही है। चुनाव पास आते ही कोई बड़े व्यवसायी की हत्या, अपहरण और घृणित अपराध को प्राइम टाइम और ब्रेकिंग न्यूज़ बनाया जाएगा। ये सब अपराध हो अभी भी रहा है,
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लेकिन माहौल बनाने का समय नही है, और मीडिया को भी बिहार 5 साल में एक बार ही आने का मन करता है। आशा है ये सब खुद करवा के राजनीतिक रोटी नही सेकी जाएगी।
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4. बिहार के विश्वविद्यालयों में किसी और चीज का सिस्टम ठीक हो न हो, छात्रों के नेतागिरी करने का सिस्टम एक दम बन गया है। पहले भी लिख चुके हैं, ये पटना या दरभंगा में JNU जामिया वाले प्रयोग का प्रयास होगा।
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5. बिहार की सत्ताधारी पार्टियों को आपस मे लड़ाने का प्रयास भी होगा, वीडियो/ऑडियो निकलेंगे।
6. बंगाल/महाराष्ट्र/गुजरात( ऐसे और किसी राज्य) में बिहारियों पर हमला करवा कर, उसके बहाने राज्य सरकार को घेरने की कोशिश।
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7. अचानक से एक जैसे मामले, एक जैसी कहानी के साथ प्रमुखता से रिपोर्ट होने लगेंगे, जैसे किसी को धार्मिक नारा लगाने के लिए पीटने धमकाने वाले 4-5 लोगों का। जो पूरे वीडियो के साथ न्यूज़ में आएंगे।
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होटवार के राजा ,कैदी शिरोमणि श्री लालू प्रसाद यादव जी के पुत्र बिहार के पुर्व उप मुख्यमंत्री #यात्रा पे निकलने वाले हैं
उनके समर्थक कहते हैं 2017 की जुलाई से बेरोजगारी और बेबसी का मार झेल रहे तेजस्वी ने इसी #बेरोजगारी हटाओ यात्रा से 2020 की राजनीति की शुरूआत करेगे....
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सुनकर अभी दिल बाग बाग भी नही हुआ था कि नितिश कैबिनेट के काबीना मंत्री Neeraj Singh ने इस यात्रा मे प्रयोग हो रहे #वोल्वो बस पर ही तो सबाल उठा दिया
यह बस #मंगलपाल नामक एक कथित गरीव जो कि #बीपीएल कार्ङधारी है के नाम से रजिस्टर्ड है
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.....और उस बस पर जो नंबर अंकित है वो राजद के किसी विधायक का है ।
मंत्री नीरज सिह ने इसपर सबाल उठाया है ----हलांकि ऐसे विषयों पर सबाल ही क्यो ?
इनके पिता भी तो स्कूटर के नंबर से ट्रक और मोटरसाइकिल के नंबर पर बङे वाहन से पशुधन और चारा का वितरण करने के आरोप मे सजायाफ्ता हैं
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लालू परिवार बिहार के गरीवो के संसाधनो का भक्षक के रूप मे ही कुख्यात रहा है ,सामाजिक न्याय के नाम पर इस परि वार ने अपने उद्गगम के बाद हर कलैंङर इयर मे किसी न किसी गरीव की संपति को हङपने का काम ही किया है
वो कहते हैं न --हमने काम करने का काम किया है ।
हमरे बिहार मे 👇
.....बीपीएल भी #वोल्वो का मालिक है यह सुनकर ही दिल बाग बाग हो गया ।।
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बिहार विधानसभा चुनाव, किस जिले में किस तिथि को होंगे :
पहले चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव- भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, खगड़िया, बेगूसराय, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिलों में 28 अक्टूबर को चुनाव होंगे.
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दूसरे चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव : उत्तर बिहार के जिलों मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, पश्चिमी चंपाण, पूर्वी चंपारण, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिले में 3 नवम्बर को चुनाव होंगे.....
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तीसरे चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव : बोधगया सहित 7 जिले जहानाबाद, अरवल, नवादा, औरंगाबाद, कैमूर और रोहतास में 7 नवम्बर को चुनाव होंगे. पटना सहित बक्सर, सारण, भोजपुर, नालंदा, गोपालगंज और सीवान में 7 नवम्बर को चुनाव होंगे.....
12 फरवरी 1968 को मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर ट्रैक के बीच में एक शव मिला था।
ये शव किसी आम आदमी का नही, भारत के उस समय के सबसे प्रखर राष्ट्रवादी और सनातन धर्म प्रचारक नेता, पंडित दीनदयाल उपाध्याय का था।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिनका सामना उस समय की प्रधानमंत्री ....
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....इंदिरा गाँधी ही नही उनके पिता नेहरु भी करने से डरते थे।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिन्होंने जनसंघ की नीव रख कर, भारत की राजनीती को एक नई पहचान दी।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिन्होंने राष्ट्र धर्म के प्रचार में अपना जीवन लगा दिया।
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इनके राष्ट्र के प्रति योगदान की बात जितनी की जाए कम है।
बेहद साधारण से रहने वाले ये व्यक्ति, 11 फरवरी 1968 को रेल से पटना जा रहे थे, और उसी रात किसी ने उनकी हत्या कर शव मुगलसराय, जो अब पंडित दीं दयाल उपाध्याय स्टेशन हो गया है, पर फेक दिया।
और अफ़सोस की हम इनके कातिलो का पता
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सुशांत के पिता ने पटना में एफआईआर दर्ज करवाई। यह एफआईआर रिया चक्रवर्ती, उनकी मां, पिता, भाई और दो मैनेजर के खिलाफ दर्ज करवाई गई है। सुशांत के पिता ने रिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। #JusticeForSushantSinghRajput
सुशांत के पिता के 7 आरोप
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1. 2019 से पहले जब मेरे बेटे सुशांत सिंह कोई भी दिमागी परेशानी नहीं थी तो रिया के संपर्क में आने के बाद अचानक क्या हुआ? सुशांत को दिमागी रूप से क्या परेशानी हो गई, इसकी जांच की जाए?
2. उसका दिमागी इलाज चल रहा था तो हमसे कोई लिखित या मौखिक इजाजत क्यों नहीं ली गई?
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जब कोई मानसिक रूप से बीमार होता है तो उसके सारे अधिकार उसके परिवार के ही पास होते हैं। इसकी जांच करवाई जाए।
3. जिन डॉक्टरों ने रिया के कहने से मेरे बेटे सुशांत सिंह का इलाज किया है, मुझे लगता है कि ये डाक्टर भी रिया के साथ इस सारे षड्यंत्र में शामिल थे।
बिहार में पुलिस और प्रशासन की असंवेदनशीलता का एक ऐसा दृश्य देखने को मिला कि कोई भी काँप उठे। एक असहाय और ग़रीब परिवार के बच्चे को मस्जिद में ले जाकर मार डाला गया। इसके बाद उसे नदी में फेंक दिया गया। जब माता-पिता पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुँचे तो उन्हें पुलिस ने मारा-पीटा।
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मजबूरन उन्हें घर छोड़ कर भागना पड़ा। अब वो उत्तर प्रदेश के एक इलाक़े में रह रहे हैं।
ये घटना बिहार के गोपालगंज स्थित कटेया के बेलाडीह की है। ओबीसी इकाइयों में आने वाला राजेश जायसवाल का परिवार ग़रीब है, जो पकौड़े बेच कर अपना गुजर-बसर करता है। 28 मार्च, 2020 को कुछ लड़के आए और...
चीन ने कुछ समय पूर्व जब एकाएक हजार मौतों का आंकड़ा बढ़ाकर दिखाया था तो पूरे विश्व में उस पर आश्चर्य व्यक्त किया गया था । चीन की हरकत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोषणा के सामने बहुत छोटी नजर आएगी । अभी सूचना आ रही है कि पश्चिम बंगाल में
एक लाख के करीब कोरोना संक्रमित मरीज हो सकते है ।
एक दिन में इतनी बढ़ोतरी का एक ही मतलब है " तेल लेने गया इंडिया।" जो काम पूरा तब्लीगी जमात नहीं कर सकी वो अकेले ममता बानो ने कर दिखाया। पूरे देश में 50 हजार मरीज हैं और आज पता चला कि बंगाल में ही एक लाख हैं।
साथ ही ममता सरकार ने जारी आंकड़ो में बताया है कि एक दिन दिन में 98 मरीजों की मौत भी हो गयी है । सभी "सेकुलर" भाइयों-बहनों को इस कामयाबी पर बधाई।
#शाहीनबाग में हर रोज आकर भड़काने वाली और फिर दिल्ली दंगों में बड़ी भूमिका निभाने वाली सफूरा जरगर को पुलिस ने गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल भेज दिया।
तिहाड़ जेल में उनकी तबीयत कुछ नासाज हुई लेकिन वह अपना मेडिकल चेकअप कराने से इनकार करती रही इसके बजाय वह अपने जमानत के लिए अथक....
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.....प्रयास करती रही, लेकिन जेल नियमों के अनुसार यदि किसी कैदी की तबीयत खराब होती है तब उसका मेडिकल चेकअप करना जरूरी हो जाता है
और मेडिकल चेक अप में सफूरा जरगर 2 महीने की गर्भवती निकली... यानी कि अगर देखा जाए तब वह शाहीन बाग के दौरान ही गर्भधारण की है
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गौर करने वाली बात यह हैं कि सफूरा जरगर छात्रा है और जामिया में पढ़ती हैं और अभी शादीशुदा नहीं है
यानी कि हम सब जो कहते थे कि #शाहीनबाग दरअसल अय्याशी का अड्डा है वह सच साबित हुआ अब पूरा भेद खुल जाने पर तमाम एक्टिविस्ट यह कह रहे हैं सफूरा जरगर की तो सगाई हो गई थी