शाहरुख पठान, ये वही लाल टीशर्ट वाला आतंकवादी है, जो दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल दीपक दहिया के सामने पिस्टल से फायर कर रहा था। अनुराग मिश्रा का प्रपंच रचने वाले धूर्तों अब बोलो लोमड़ी कुमार को ये न्यूज़ दिखाने और इसको सुरेश रमेश कुछ बना देने।
दिल्ली पुलिस ने साफ किया है कि शाहरुख पठान की गिरफ्तारी अभी तक नही हुई है। पुलिस उसके खोज में छापे मार रही है। पहले एक खबर उसके गिरफ्तारी की आयी थी लेकिन वो जल्दबाजी में गलतफहमी में हुई थी।
लगाओ धारा 356, भंग करो दिल्ली विधानसभा और केजरीवाल को गिरफ्तार करो...
दिल्ली के दंगे का सच, उसका चेहरा, उसका चरित्र और उसके मास्टर माइंड को जानना, पहचानना, समझना हो तो उस शिव विहार की व्यथा कथा देखिए सुनिए तब पता चलेगा....
.... किस तरह एक ही रंग (नीले) के बिल्कुल नए 20,000 हेलमेट पहन कर 20-25 हजार मुसलामान गुंडों की भीड़ ने शिव विहार में डेढ़-दो किलोमीटर लम्बी मुख्य सड़क पर कब्जा किया और पहले से चिन्हित मुसलमानों की दुकानों को छोड़कर उस बाजार में स्थित सारी दुकानों को जलाकर राख कर दिया....
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...सोने चांदी की दुकानों को पूरी तरह लूटने के बाद जलाकर राख किया , रिपोर्ट यह भी दिखाती है कि AAP नेता ताहिर हुसैन की छत पर पत्थरों पेट्रोल बमों और तेजाब के जखीरे से ज्यादा बड़ा और सुनियोजित भंडार शिव विहार स्थित AAP के एक अन्य मुसलमान नेता के स्कूल की छत पर था और उस जखीरे को..
....दागने चलाने के लिए 4-5 सौ मीटर तक पत्थरों पेट्रोल बमों को फेंक सकने वाली लोहे की भारी भरकम गुलेलें छत की मुंडेरों पर फिट की गई थीं.
रिपोर्ट यह भी बताती हैं के दंगे का मास्टर माइंड AAP का स्थानीय विधायक हाजी यूनुस ही है....
उस नेता ने सबसे पहले अपने स्कूल से सटे हुए एक हिन्दू के स्कूल को जलाकर राख करवाया और करीब 300 मीटर दूर स्थित शिव मन्दिर पर भी लोहे की गुलेलों से पत्थरों पेट्रोल बमों की बौछार क्राई.
अभीतक दिल्ली के दंगे के जिम्मेदार जिन दंगाई मास्टर माइंडों के नाम तथ्यों साक्ष्यों के साथ उजागर
हो रहे हैं उन सभी (अमानतुल्ला से हाजी यूनुस तक वाया ताहिर हुसैन) का संबंध दिल्ली में सत्तारुढ़ दल AAP से हैं. यह संयोग नहीं हो सकता.यह एक सुनियोजित संगठित समूहिक साजिश का स्पष्ट संकेत है.अतः इसका मुख्य जिम्मेदार केवल और केवल दिल्ली का मुख्यमंत्री केजरीवाल ही है. #DelhiRiotTruth
इसलिए केन्द्र सरकार को अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर दिल्ली में धारा 356 लागू कर के दिल्ली विधानसभा भंग कर देनी चाहिए और केजरीवाल को गिरफ्तार करना चाहिए....👍
बिहार विधानसभा चुनाव, किस जिले में किस तिथि को होंगे :
पहले चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव- भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, खगड़िया, बेगूसराय, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिलों में 28 अक्टूबर को चुनाव होंगे.
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दूसरे चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव : उत्तर बिहार के जिलों मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, पश्चिमी चंपाण, पूर्वी चंपारण, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिले में 3 नवम्बर को चुनाव होंगे.....
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तीसरे चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव : बोधगया सहित 7 जिले जहानाबाद, अरवल, नवादा, औरंगाबाद, कैमूर और रोहतास में 7 नवम्बर को चुनाव होंगे. पटना सहित बक्सर, सारण, भोजपुर, नालंदा, गोपालगंज और सीवान में 7 नवम्बर को चुनाव होंगे.....
12 फरवरी 1968 को मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर ट्रैक के बीच में एक शव मिला था।
ये शव किसी आम आदमी का नही, भारत के उस समय के सबसे प्रखर राष्ट्रवादी और सनातन धर्म प्रचारक नेता, पंडित दीनदयाल उपाध्याय का था।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिनका सामना उस समय की प्रधानमंत्री ....
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....इंदिरा गाँधी ही नही उनके पिता नेहरु भी करने से डरते थे।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिन्होंने जनसंघ की नीव रख कर, भारत की राजनीती को एक नई पहचान दी।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिन्होंने राष्ट्र धर्म के प्रचार में अपना जीवन लगा दिया।
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इनके राष्ट्र के प्रति योगदान की बात जितनी की जाए कम है।
बेहद साधारण से रहने वाले ये व्यक्ति, 11 फरवरी 1968 को रेल से पटना जा रहे थे, और उसी रात किसी ने उनकी हत्या कर शव मुगलसराय, जो अब पंडित दीं दयाल उपाध्याय स्टेशन हो गया है, पर फेक दिया।
और अफ़सोस की हम इनके कातिलो का पता
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सुशांत के पिता ने पटना में एफआईआर दर्ज करवाई। यह एफआईआर रिया चक्रवर्ती, उनकी मां, पिता, भाई और दो मैनेजर के खिलाफ दर्ज करवाई गई है। सुशांत के पिता ने रिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। #JusticeForSushantSinghRajput
सुशांत के पिता के 7 आरोप
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1. 2019 से पहले जब मेरे बेटे सुशांत सिंह कोई भी दिमागी परेशानी नहीं थी तो रिया के संपर्क में आने के बाद अचानक क्या हुआ? सुशांत को दिमागी रूप से क्या परेशानी हो गई, इसकी जांच की जाए?
2. उसका दिमागी इलाज चल रहा था तो हमसे कोई लिखित या मौखिक इजाजत क्यों नहीं ली गई?
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जब कोई मानसिक रूप से बीमार होता है तो उसके सारे अधिकार उसके परिवार के ही पास होते हैं। इसकी जांच करवाई जाए।
3. जिन डॉक्टरों ने रिया के कहने से मेरे बेटे सुशांत सिंह का इलाज किया है, मुझे लगता है कि ये डाक्टर भी रिया के साथ इस सारे षड्यंत्र में शामिल थे।
बिहार में पुलिस और प्रशासन की असंवेदनशीलता का एक ऐसा दृश्य देखने को मिला कि कोई भी काँप उठे। एक असहाय और ग़रीब परिवार के बच्चे को मस्जिद में ले जाकर मार डाला गया। इसके बाद उसे नदी में फेंक दिया गया। जब माता-पिता पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुँचे तो उन्हें पुलिस ने मारा-पीटा।
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मजबूरन उन्हें घर छोड़ कर भागना पड़ा। अब वो उत्तर प्रदेश के एक इलाक़े में रह रहे हैं।
ये घटना बिहार के गोपालगंज स्थित कटेया के बेलाडीह की है। ओबीसी इकाइयों में आने वाला राजेश जायसवाल का परिवार ग़रीब है, जो पकौड़े बेच कर अपना गुजर-बसर करता है। 28 मार्च, 2020 को कुछ लड़के आए और...
चीन ने कुछ समय पूर्व जब एकाएक हजार मौतों का आंकड़ा बढ़ाकर दिखाया था तो पूरे विश्व में उस पर आश्चर्य व्यक्त किया गया था । चीन की हरकत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोषणा के सामने बहुत छोटी नजर आएगी । अभी सूचना आ रही है कि पश्चिम बंगाल में
एक लाख के करीब कोरोना संक्रमित मरीज हो सकते है ।
एक दिन में इतनी बढ़ोतरी का एक ही मतलब है " तेल लेने गया इंडिया।" जो काम पूरा तब्लीगी जमात नहीं कर सकी वो अकेले ममता बानो ने कर दिखाया। पूरे देश में 50 हजार मरीज हैं और आज पता चला कि बंगाल में ही एक लाख हैं।
साथ ही ममता सरकार ने जारी आंकड़ो में बताया है कि एक दिन दिन में 98 मरीजों की मौत भी हो गयी है । सभी "सेकुलर" भाइयों-बहनों को इस कामयाबी पर बधाई।
#शाहीनबाग में हर रोज आकर भड़काने वाली और फिर दिल्ली दंगों में बड़ी भूमिका निभाने वाली सफूरा जरगर को पुलिस ने गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल भेज दिया।
तिहाड़ जेल में उनकी तबीयत कुछ नासाज हुई लेकिन वह अपना मेडिकल चेकअप कराने से इनकार करती रही इसके बजाय वह अपने जमानत के लिए अथक....
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.....प्रयास करती रही, लेकिन जेल नियमों के अनुसार यदि किसी कैदी की तबीयत खराब होती है तब उसका मेडिकल चेकअप करना जरूरी हो जाता है
और मेडिकल चेक अप में सफूरा जरगर 2 महीने की गर्भवती निकली... यानी कि अगर देखा जाए तब वह शाहीन बाग के दौरान ही गर्भधारण की है
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गौर करने वाली बात यह हैं कि सफूरा जरगर छात्रा है और जामिया में पढ़ती हैं और अभी शादीशुदा नहीं है
यानी कि हम सब जो कहते थे कि #शाहीनबाग दरअसल अय्याशी का अड्डा है वह सच साबित हुआ अब पूरा भेद खुल जाने पर तमाम एक्टिविस्ट यह कह रहे हैं सफूरा जरगर की तो सगाई हो गई थी