दरअसल सबसे मूर्ख कौम हम हैं इसलिए हमारा एक भी देश नहीं....
भारतवर्ष एक अखंड और बहुत विशाल देश था.... महाभारत के युद्ध में चीन, अमेरिका और ईरान तक के लोग आए थे, उस समय कोई मत, मजहब, सम्प्रदाय नहीं था....
...अब चूंकि मानव कुछ दिमाग तो चलाता ही है इसलिए अनेक मत, मजहब, सम्प्रदाय निर्मित हो गए...
हम भोले लोग थे, हमारा मानना था, हम अच्छा करेंगे तो सामने वाला भी अच्छा करेगा ,बाकी ये बात भूल गए कि जिसकी जबान को लहू लग जाता है फिर उसको लहू चाहिए ही....
इसलिए हमारे देश के अनेक हिस्से हुए... जो कोई जितना विभाजन कर सकता था उतना किया...
समय आता है 1947 के बंटवारे का एक तरफ मुस्लिम लीग और जिन्ना जैसे लोग थे जो केवल और केवल इस्लामिक राष्ट्र के लिए स्टैंड ले रहे थे, कुछ हो जाये लेकिन वो अपने उद्देश्य से पीछे नहीं हटे...
इसलिए हमें लाहौर जैसी जगह भी उनको देनी पड़ी.. हमको लगा राक्षसों को अलग कर ही दिया जाए..
दुसरी तरफ नेहरू जैसे नेता थे जिनको न देश से मतलब था न हिंदुत्व से.. उनको मतलब था अपनी कुर्सी से.. नेहरू जी ने इस देश को सेक्युलर बना दिया...अब इस देश में कोई भी रह सकता है सब स्वतंत्रता है..
चाहे भारत माँ को गाली दो सब छूट है......
चलो हम चुप रहे हमको कोई फर्क नहीं हुआ जिनको हुआ भी उनकी उस समय सुनवाई नहीं हुई क्योंकि वो सोने की चम्मच लेकर पैदा नहीं हुए थे...
अब हमको तुमसे कोई दिक्कत नहीं... रहो... लेकिन अब तुम चाह रहे हो हम रोहिंग्या जैसे धूर्तों को रख लें....
अब तुम चाहते हो हम सब राक्षसों को रखें....
अब तुम 7 लाख लोगों को एक झटके में बाहर करने लगे.... अब तुम हमको ताना मारते हुए कहते हो किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है...तुम इस देश को धर्मशाला बनाने पर तुल गए..
अब तुमको हम इतने दुश्मन लगने लगे कि तुम्हारा एक ताहिर जिसको न इस बिल से मतलब है, न भारत सरकार से, न ही संविधान से....
उस जहरीले, विषैले, नागफनी ने जिस तरह से एक साजिश के तहत हमला करवाया है, वो ये बताता है कि तुम्हारे मन में हमारे लिए कितनी घृणा है....
ताहिर और उसके समस्त रहनुमा हमको बता दें जो अपना राज स्थापित करना चाहते हैं और हम उनकी राह का पत्थर हैं.... तो भई साफ साफ बता दो कहाँ जाकर मर जाये हम???
हमारा गुनाह क्या है ? हिन्दू होना?
हमारी कब्र खोदना चाहते हो सिर्फ इसलिए की हम हिन्दू हैं....
बाकी जो भाईचारे की चरस चाटे हुए संजय सिंह जैसे लोग ताहिर को डिफेंड कर रहे हैं मैं प्रार्थना करूँगी ईश्वर से....
हे ईश्वर!! अगला अमित शर्मा इनके घर का हो.... अगला रतनलाल इनके घर का इनका सगा बेटा हो....
जब इनका जाएगा तब शायद उस मां के दर्द का एहसास होगा....
ज्ञान देने मत आना नहीं सुनना तुम्हारा ज्ञान...
तुम ठीक हो यार गलत हम हैं ....
तुम्हारे पास जिन्ना था हमारे पास नेहरू..
तुम्हारे पास ताहिर है हमारे पास संजय जैसा नीच..
नाम लिखना अवॉयड करती हूं....
लेकिन कसम भवानी की जीते जी देश तो बंटने नहीं देंगे....
न ही तुम्हारा सपना पूरा होने देंगे चाहे कीमत जो चुकानी पड़े....
और चरसी वामपंथी लोगों इस पोस्ट पर मत आना ..
कोई सपना न देखे ये भूमि बांट ली जाएगी।
जो देश बांटना मांगेगी वो जीभ काट ली जाएगी।।
बिहार विधानसभा चुनाव, किस जिले में किस तिथि को होंगे :
पहले चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव- भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, खगड़िया, बेगूसराय, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिलों में 28 अक्टूबर को चुनाव होंगे.
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दूसरे चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव : उत्तर बिहार के जिलों मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, पश्चिमी चंपाण, पूर्वी चंपारण, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिले में 3 नवम्बर को चुनाव होंगे.....
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तीसरे चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव : बोधगया सहित 7 जिले जहानाबाद, अरवल, नवादा, औरंगाबाद, कैमूर और रोहतास में 7 नवम्बर को चुनाव होंगे. पटना सहित बक्सर, सारण, भोजपुर, नालंदा, गोपालगंज और सीवान में 7 नवम्बर को चुनाव होंगे.....
12 फरवरी 1968 को मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर ट्रैक के बीच में एक शव मिला था।
ये शव किसी आम आदमी का नही, भारत के उस समय के सबसे प्रखर राष्ट्रवादी और सनातन धर्म प्रचारक नेता, पंडित दीनदयाल उपाध्याय का था।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिनका सामना उस समय की प्रधानमंत्री ....
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....इंदिरा गाँधी ही नही उनके पिता नेहरु भी करने से डरते थे।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिन्होंने जनसंघ की नीव रख कर, भारत की राजनीती को एक नई पहचान दी।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिन्होंने राष्ट्र धर्म के प्रचार में अपना जीवन लगा दिया।
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इनके राष्ट्र के प्रति योगदान की बात जितनी की जाए कम है।
बेहद साधारण से रहने वाले ये व्यक्ति, 11 फरवरी 1968 को रेल से पटना जा रहे थे, और उसी रात किसी ने उनकी हत्या कर शव मुगलसराय, जो अब पंडित दीं दयाल उपाध्याय स्टेशन हो गया है, पर फेक दिया।
और अफ़सोस की हम इनके कातिलो का पता
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सुशांत के पिता ने पटना में एफआईआर दर्ज करवाई। यह एफआईआर रिया चक्रवर्ती, उनकी मां, पिता, भाई और दो मैनेजर के खिलाफ दर्ज करवाई गई है। सुशांत के पिता ने रिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। #JusticeForSushantSinghRajput
सुशांत के पिता के 7 आरोप
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1. 2019 से पहले जब मेरे बेटे सुशांत सिंह कोई भी दिमागी परेशानी नहीं थी तो रिया के संपर्क में आने के बाद अचानक क्या हुआ? सुशांत को दिमागी रूप से क्या परेशानी हो गई, इसकी जांच की जाए?
2. उसका दिमागी इलाज चल रहा था तो हमसे कोई लिखित या मौखिक इजाजत क्यों नहीं ली गई?
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जब कोई मानसिक रूप से बीमार होता है तो उसके सारे अधिकार उसके परिवार के ही पास होते हैं। इसकी जांच करवाई जाए।
3. जिन डॉक्टरों ने रिया के कहने से मेरे बेटे सुशांत सिंह का इलाज किया है, मुझे लगता है कि ये डाक्टर भी रिया के साथ इस सारे षड्यंत्र में शामिल थे।
बिहार में पुलिस और प्रशासन की असंवेदनशीलता का एक ऐसा दृश्य देखने को मिला कि कोई भी काँप उठे। एक असहाय और ग़रीब परिवार के बच्चे को मस्जिद में ले जाकर मार डाला गया। इसके बाद उसे नदी में फेंक दिया गया। जब माता-पिता पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुँचे तो उन्हें पुलिस ने मारा-पीटा।
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मजबूरन उन्हें घर छोड़ कर भागना पड़ा। अब वो उत्तर प्रदेश के एक इलाक़े में रह रहे हैं।
ये घटना बिहार के गोपालगंज स्थित कटेया के बेलाडीह की है। ओबीसी इकाइयों में आने वाला राजेश जायसवाल का परिवार ग़रीब है, जो पकौड़े बेच कर अपना गुजर-बसर करता है। 28 मार्च, 2020 को कुछ लड़के आए और...
चीन ने कुछ समय पूर्व जब एकाएक हजार मौतों का आंकड़ा बढ़ाकर दिखाया था तो पूरे विश्व में उस पर आश्चर्य व्यक्त किया गया था । चीन की हरकत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोषणा के सामने बहुत छोटी नजर आएगी । अभी सूचना आ रही है कि पश्चिम बंगाल में
एक लाख के करीब कोरोना संक्रमित मरीज हो सकते है ।
एक दिन में इतनी बढ़ोतरी का एक ही मतलब है " तेल लेने गया इंडिया।" जो काम पूरा तब्लीगी जमात नहीं कर सकी वो अकेले ममता बानो ने कर दिखाया। पूरे देश में 50 हजार मरीज हैं और आज पता चला कि बंगाल में ही एक लाख हैं।
साथ ही ममता सरकार ने जारी आंकड़ो में बताया है कि एक दिन दिन में 98 मरीजों की मौत भी हो गयी है । सभी "सेकुलर" भाइयों-बहनों को इस कामयाबी पर बधाई।
#शाहीनबाग में हर रोज आकर भड़काने वाली और फिर दिल्ली दंगों में बड़ी भूमिका निभाने वाली सफूरा जरगर को पुलिस ने गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल भेज दिया।
तिहाड़ जेल में उनकी तबीयत कुछ नासाज हुई लेकिन वह अपना मेडिकल चेकअप कराने से इनकार करती रही इसके बजाय वह अपने जमानत के लिए अथक....
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.....प्रयास करती रही, लेकिन जेल नियमों के अनुसार यदि किसी कैदी की तबीयत खराब होती है तब उसका मेडिकल चेकअप करना जरूरी हो जाता है
और मेडिकल चेक अप में सफूरा जरगर 2 महीने की गर्भवती निकली... यानी कि अगर देखा जाए तब वह शाहीन बाग के दौरान ही गर्भधारण की है
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गौर करने वाली बात यह हैं कि सफूरा जरगर छात्रा है और जामिया में पढ़ती हैं और अभी शादीशुदा नहीं है
यानी कि हम सब जो कहते थे कि #शाहीनबाग दरअसल अय्याशी का अड्डा है वह सच साबित हुआ अब पूरा भेद खुल जाने पर तमाम एक्टिविस्ट यह कह रहे हैं सफूरा जरगर की तो सगाई हो गई थी