ऐसे ज़ाहिल लोगों की वज़ह से भारत मे कोरोना वायरस कम्यूनिटी ट्रांसफर के स्टेज की कगार पर। देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद 1400 ज़ाहिल लोगों ने दिल्ली के निज़ामुद्दीन में मज़हबी आयोजन किया। सोर्सेस के अनुसार उनमें से 300 का प्राइमरी कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है।
इनमें से 250 विदेशी हैं जिन्हें छुपाकर रखा गया था। इन्हीं में से एक मौलाना की मौत भी हो चुकी है!
UP बिहार के गरीबों को भगाने के चक्कर में, जमात को वायरस फैलाने छोड़ दिया केजरीवाल ने।
13-15 मार्च तब्लीगी जमात का मरकज़(जमावड़ा), लगता है। उसमें इंडोनेशिया से मुस्लिम आते हैं। आज जमात की तरफ से एक ही दलील है,lockdown बाद में हुआ, हमने तो 25 मार्च को पुलिस को बताया था कि ...
इतने जमाती फंस गए हैं, हमने किसी आदेश की अवहेलना नही की। अरे जाहिलों जब 13 मार्च को ही दिल्ली सरकार ने भीड़ वाले समारोहों पर पाबंदी लगा दी, तो तुम 3 दिन क्या कर रहे थे?? मनीष सिसोदिया का ट्वीट 13 मार्च का है, साफ लिखा है हर तरह के बड़े समारोह पर पाबंदी लगा दी है,
DM SDM को निगरानी रखने कहा , क्या खाक नजर रखी। (स्क्रीनशॉट कमेंट में)
13 मार्च को ही दिल्ली सरकार IPL सहित किसी भी ऐसे समारोह पर पाबंदी लगाने की घोषणा करती है जिसमें 50 कई भीड़ की संभावना हो। लेकिन ये आदेश शायद जमात पर लागू नही किया जाता। दिल्ली सरकार आंख बंद कर सो रही थी,
3 दिन निजामुद्दीन मे भीड़ लगती रही, देश भर मे वायरस ले कर फैल गई। सेक्युलरिज्म खतरे मे पड़ने का खतरा रहा होगा शायद,जमात का कार्यक्रम रोकने मे।दिल्ली पुलिस पर भी सवाल है।क्या पथराव के डर से नही गए मरकज़ रुकवाने या शाहीन बाग के डर से?दिल्ली पुलिसपर कार्यवाई की बात सामने आ रही है
13 मार्च को ही विधानसभा में आम आदमी पार्टी, CAA NRC पर प्रस्ताव पास करती है। केजरीवाल मूर्खों की तरह कहते हैं कि मेरे या मेरे बच्चों के पास जन्मप्रमाण पत्र नही है।
केजरीवाल जी, जितनी मेहनत और प्लानिंग आपने UP बिहार के गरीबों को दिल्ली से भागने के लिए की, उतनी अगर आप जमात पर...
नकेल कसने में करते तो आज स्टेडियम में जमाती वायरस को बंद करने की नौबत नही आती। आपने षडयंत्र किया गरीबों के विरोध में, दिल से गालियां दी होगी उन्होंने आपको, इसलिए आज देश भर में आपकी थू थू हो रही है।
इसी मरकज की भीड़ से कोरोना वायरस देश भर में फैल गया।
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तेलंगना में 6 मौत हुई, वो सब यही से लौटे थे, अंडमान में 10 संक्रमित पाए गए, यही से लौटे थे और भी अन्य राज्यों में अब इस मरकज में हिस्सा लेने वालों की तलाश की जा रही है। बिहार सरकार भी अब अपना कीमती संसाधन ऐसे जाहिलों को खोजने में लगा दे।
बिहार विधानसभा चुनाव, किस जिले में किस तिथि को होंगे :
पहले चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव- भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, खगड़िया, बेगूसराय, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिलों में 28 अक्टूबर को चुनाव होंगे.
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दूसरे चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव : उत्तर बिहार के जिलों मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, पश्चिमी चंपाण, पूर्वी चंपारण, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिले में 3 नवम्बर को चुनाव होंगे.....
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तीसरे चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव : बोधगया सहित 7 जिले जहानाबाद, अरवल, नवादा, औरंगाबाद, कैमूर और रोहतास में 7 नवम्बर को चुनाव होंगे. पटना सहित बक्सर, सारण, भोजपुर, नालंदा, गोपालगंज और सीवान में 7 नवम्बर को चुनाव होंगे.....
12 फरवरी 1968 को मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर ट्रैक के बीच में एक शव मिला था।
ये शव किसी आम आदमी का नही, भारत के उस समय के सबसे प्रखर राष्ट्रवादी और सनातन धर्म प्रचारक नेता, पंडित दीनदयाल उपाध्याय का था।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिनका सामना उस समय की प्रधानमंत्री ....
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....इंदिरा गाँधी ही नही उनके पिता नेहरु भी करने से डरते थे।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिन्होंने जनसंघ की नीव रख कर, भारत की राजनीती को एक नई पहचान दी।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिन्होंने राष्ट्र धर्म के प्रचार में अपना जीवन लगा दिया।
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इनके राष्ट्र के प्रति योगदान की बात जितनी की जाए कम है।
बेहद साधारण से रहने वाले ये व्यक्ति, 11 फरवरी 1968 को रेल से पटना जा रहे थे, और उसी रात किसी ने उनकी हत्या कर शव मुगलसराय, जो अब पंडित दीं दयाल उपाध्याय स्टेशन हो गया है, पर फेक दिया।
और अफ़सोस की हम इनके कातिलो का पता
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सुशांत के पिता ने पटना में एफआईआर दर्ज करवाई। यह एफआईआर रिया चक्रवर्ती, उनकी मां, पिता, भाई और दो मैनेजर के खिलाफ दर्ज करवाई गई है। सुशांत के पिता ने रिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। #JusticeForSushantSinghRajput
सुशांत के पिता के 7 आरोप
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1. 2019 से पहले जब मेरे बेटे सुशांत सिंह कोई भी दिमागी परेशानी नहीं थी तो रिया के संपर्क में आने के बाद अचानक क्या हुआ? सुशांत को दिमागी रूप से क्या परेशानी हो गई, इसकी जांच की जाए?
2. उसका दिमागी इलाज चल रहा था तो हमसे कोई लिखित या मौखिक इजाजत क्यों नहीं ली गई?
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जब कोई मानसिक रूप से बीमार होता है तो उसके सारे अधिकार उसके परिवार के ही पास होते हैं। इसकी जांच करवाई जाए।
3. जिन डॉक्टरों ने रिया के कहने से मेरे बेटे सुशांत सिंह का इलाज किया है, मुझे लगता है कि ये डाक्टर भी रिया के साथ इस सारे षड्यंत्र में शामिल थे।
बिहार में पुलिस और प्रशासन की असंवेदनशीलता का एक ऐसा दृश्य देखने को मिला कि कोई भी काँप उठे। एक असहाय और ग़रीब परिवार के बच्चे को मस्जिद में ले जाकर मार डाला गया। इसके बाद उसे नदी में फेंक दिया गया। जब माता-पिता पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुँचे तो उन्हें पुलिस ने मारा-पीटा।
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मजबूरन उन्हें घर छोड़ कर भागना पड़ा। अब वो उत्तर प्रदेश के एक इलाक़े में रह रहे हैं।
ये घटना बिहार के गोपालगंज स्थित कटेया के बेलाडीह की है। ओबीसी इकाइयों में आने वाला राजेश जायसवाल का परिवार ग़रीब है, जो पकौड़े बेच कर अपना गुजर-बसर करता है। 28 मार्च, 2020 को कुछ लड़के आए और...
चीन ने कुछ समय पूर्व जब एकाएक हजार मौतों का आंकड़ा बढ़ाकर दिखाया था तो पूरे विश्व में उस पर आश्चर्य व्यक्त किया गया था । चीन की हरकत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोषणा के सामने बहुत छोटी नजर आएगी । अभी सूचना आ रही है कि पश्चिम बंगाल में
एक लाख के करीब कोरोना संक्रमित मरीज हो सकते है ।
एक दिन में इतनी बढ़ोतरी का एक ही मतलब है " तेल लेने गया इंडिया।" जो काम पूरा तब्लीगी जमात नहीं कर सकी वो अकेले ममता बानो ने कर दिखाया। पूरे देश में 50 हजार मरीज हैं और आज पता चला कि बंगाल में ही एक लाख हैं।
साथ ही ममता सरकार ने जारी आंकड़ो में बताया है कि एक दिन दिन में 98 मरीजों की मौत भी हो गयी है । सभी "सेकुलर" भाइयों-बहनों को इस कामयाबी पर बधाई।
#शाहीनबाग में हर रोज आकर भड़काने वाली और फिर दिल्ली दंगों में बड़ी भूमिका निभाने वाली सफूरा जरगर को पुलिस ने गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल भेज दिया।
तिहाड़ जेल में उनकी तबीयत कुछ नासाज हुई लेकिन वह अपना मेडिकल चेकअप कराने से इनकार करती रही इसके बजाय वह अपने जमानत के लिए अथक....
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.....प्रयास करती रही, लेकिन जेल नियमों के अनुसार यदि किसी कैदी की तबीयत खराब होती है तब उसका मेडिकल चेकअप करना जरूरी हो जाता है
और मेडिकल चेक अप में सफूरा जरगर 2 महीने की गर्भवती निकली... यानी कि अगर देखा जाए तब वह शाहीन बाग के दौरान ही गर्भधारण की है
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गौर करने वाली बात यह हैं कि सफूरा जरगर छात्रा है और जामिया में पढ़ती हैं और अभी शादीशुदा नहीं है
यानी कि हम सब जो कहते थे कि #शाहीनबाग दरअसल अय्याशी का अड्डा है वह सच साबित हुआ अब पूरा भेद खुल जाने पर तमाम एक्टिविस्ट यह कह रहे हैं सफूरा जरगर की तो सगाई हो गई थी