डॉ अम्बेडकर की जयंती पर विशेष।
एक नया काम डॉ अम्बेडकर के नाम पर प्रचलित हुआ है। इसका उद्देश्य केवल डॉ अम्बेडकर के नाम का प्रयोग कर अपरिपक्व लोगों को भड़काता है। इनकी मान्यताएं डॉ अम्बेडकर की मान्यताओं के सर्वथा विपरीत है। देखिये कैसे-
अम्बेडकरवादी- दलित लोग भारत के मूलनिवासी हैं। उन्हें ब्राह्मण आर्यों ने हरा कर इस देश पर कब्ज़ा कर लिया। सभी ब्राह्मण आर्य हैं, सभी दलित अनार्य हैं।
अम्बेडकरवादी- हम भारत की बर्बादी का नारा लगाने वालों के साथ है। स्वहित पहले राष्ट्रवाद बाद में।
3 . डॉ अम्बेडकर - वन्दे मातरम, भारत मत की जय आदि नारा लगाने का मैं समर्थन करता हूँ।
ओर बहुत से उदाहरण मिलते हैं। हमारे बहुत से भाई इन सब के झांसे में आ रहे हैं। ध्यान रहे ये लोग केवल अपनी राजनैतिक रोटी सेंक रहे हैं।