क्या आप बीजेपी की B टीम है?
क्या ये "छुपे हुए संघी" हैं जो भारत को हिंदू राष्ट्र में बदल देंगे?
क्या CAA-NRC विरोध प्रदर्शन, JNU- जामिया और दिल्ली में दंगे के दौरान केजरीवाल चुप थे?
या यह कांग्रेस द्वारा अस्तित्व में रहने के लिए अंतिम हताश प्रयास है?
यह थ्रेड पढ़िए।
जाहिर है, नहीं!
जो भी पार्टी राजनीतिक रूप से कांग्रेस के लिए खतरा बनती दिखती है, कांग्रेस उसे बीजेपी की बी-टीम का नाम दे देती है।
AAP पर कई गंभीर आरोप हैं, कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया क्या किया।
तो चलिए उनके जवाब देते हैं, एक-एक करके:
तथ्य: कन्हैया खुद चाहते थे कि उनका मामला जल्द से जल्द तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचे, ताकि वह अदालत द्वारा प्रमाणित रूप से निर्दोष साबित हो सके, वह भी, बिहार चुनाव से पहले।
सुनें (अंत तक):
तथ्य: केजरीवाल ने न केवल हिंसा की निंदा की, बल्कि उन्होंने सीधे तौर पर केंद्र सरकार पर दिल्ली पुलिस को ABVP के गुंडों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के आदेश देने का आरोप लगाया।
यह रही केजरीवाल द्वारा एक जोशीली स्पीच (जरूर देखें)
क्या आप जानते हैं कि CAA के खिलाफ किये जा रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान दक्षिण कोरिया में छुट्टी का आनंद कौन ले रहा था?
जी हां, राहुल गांधी।
तथ्य: इस झूठी खबर को कई तथाकथित लिबरलो ने भी साझा किया , जबकि इस नियुक्ति के लिए LG+BJP को दोषी the
AAP अपने स्थायी अभिवक्ता @TheRahulMehra के माध्यम से लगातार छात्रों की सुरक्षा एवं उनके हक के लिए लड़ रही है।
🔸कपिल सिब्बल
🔸सलमान खुर्शीद
🔸अभिषेक मनु सिंघवी
🔸P चिदंबरम
लेकिन उनमें से किसी ने भी #SafooraZargar को जमानत दिलाने में मदद नहीं की।
सब यद रखा जायगा!
तथ्य: दिल्ली दंगे AAP को बदनाम करने के लिए विपक्ष द्वारा राजनीतिक अवसरवाद का एक प्रकार था।
जितना संभव हो पाए मैं सभी गलत खबरों का भंडाफोड़ करूंगा एवं तथ्य प्रस्तुत करने की कोशिश करूंगा।
सुनो:
तथ्य: मनीष सिसोदिया के साथ दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
उन्होंने लगातार दोनो समुदायों के बीच शांति और सद्भाव की अपील की और दोषियों के खिलाफ सख्त संभावित कार्रवाई के लिए भी कहा।
तथ्य: केजरीवाल हिंसा के पीड़ितों से मिलने के लिए विभिन्न अस्पतालों में गए थे।
तथ्य: उसकी गिरफ्तारी का आह्वान करते हुए, उनके एकमात्र लोकसभा सांसद भगवंत मान ने प्रत्यक्ष रूप से भाजपा को दंगों के प्रायोजन के लिए संसद के पटल पर जिम्मेदार ठहराया।
सौरभ भारद्वाज
दिलीप पांडे
आरपी गौतम
अमानतुल्लाह
प्रहलाद सिंह
ने सीधे तौर पर बीजेपी को दोषी ठहराया और कपिल मिश्रा की गिरफ्तारी + SHO के नार्को टेस्ट की मांग की।
ndtv.com/delhi-news/aam…
तथ्य: इतिहास में दंगा पीड़ितों के लिए इस तरह का विस्तृत पुनर्वास पैकेज किसी भी सरकार द्वारा नही दिया गया होगा।
मकान, दुकानें, बच्चों के लिए किताबें और नगदी सब कुछ इसमे शामिल किया गया था।
पुलिस, सेना, इंटेल, सब कुछ उनके नियंत्रण में है:
1984 (कांग्रेस शासन)
और
2002 (भाजपा शासन)
ने करीब 3350 और 1044 जाने ली।
स्थानीय छेत्रों में शांति मार्च
ग्राउंड जीरो का दौरा
लगातार शांति की अपील
पार्टी कार्यकर्ताओं मदद
पुनर्वास/मुआवजा
ये सब तेजी से करके उन्होंने अपनी मंशा बताई
सोचो।
AAP ने दो बार अत्यंत जोरदार बहुमत के साथ सरकार बनाई
वो चुनाव जीतने के बाद अपने मतदाताओं के खिलाफ एक दंगा प्रायोजित करेंगे। यह बात बेकार है।
इन दंगों का मकसद AAP की छवि को नुकसान पहुंचाना था (यह दंगो का वास्तव उद्देश्य था)
शायद चुनाव में एक शानदार जीत के बाद, सांप्रदायिक खेल में केजरीवाल को हराने के लिए भाजपा और कांग्रेस द्वारा यह दंगा एक सुनियोजित कदम था और वो इसमे सफल रहे
अल्पसंख्यक वोट जो आप की तरफ आगया था, शायद वापस कंग्रेस की तरफ चला गया। बीजेपी को हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण करने में और शाहीन बाग को खत्म करने में मदद मिली।
हारा कौन ? केवल AAP
लेकिन फिर भी हम सत्य के लिए लड़ते रहेंगे! 🇮🇳
सभी समुदायों ने केजरीवाल को उसके काम पर वोट दिया
लोकसभा में वोट%:
56% भाजपा
22% कंग्रेस
18% AAP
विधानसभा में:
38% भाजपा
04% कांग्रेस
54% AAP
स्पष्ट रूप से AAP को अन्य दोनो पार्टियों का लगभह 18% वोट शेयर मिला
दक्या यही कारण है कि दोनो दलों ने मिलकर AAP के शासन को बदनाम करने के लिए दिल्ली के दंगों को हवा दी?
इन दोनो के आपस में पिछले तलमेलो को देखते हुए इंकार नहीं किया जा सकता है।
तथ्य: हिंदुत्व का अर्थ है भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना
मुझे एक उदाहरण दे जहां AAP ने इस विचार का समर्थन किया है?
यह सब बेकार की बात है!
वैसे
यहाँ हिंदुत्व के मुद्दे पर कंग्रेस के दोगलेपन के बारे में पढ़िए👇
कांग्रेस की 4 राज्यों में सरकारें हैं:
पुडूचेरी - उसका ज्यादा फर्क नही पड़ता
छत्तीसगढ़ - बघेल के नियंत्रण में ठीक ठाक है।
राजस्थान - वहाँ के हालात सब जानते है
पंजाब - एक प्रमुख राज्य जहां AAP कांग्रेस के लिये खतरा हो सकती है
2022 में, गोवा और पंजाब में चुनाव है दोनो जगह अल्पसंख्यक मतदाता हैं, AAP दोनो जगह मेहनत कर रही है कांग्रेस ने दोनों ही जगह काम नही किया।
इसलिए, "BTeam, RSS एजेंट" ये एजेंडा चला रहे है।
अगर AAP पंजाब और गोवा जीत जाती है तो,
AAP राज्यों में अपनी सरकार बनाने के आंकड़ो में कांग्रेस से आगे निकल जाएगी।
जिससे भारतीय राजनीति का खेल हमेशा के लिए बदल जाएगा।
और इतना सब होने के बाद भी कांग्रेस ये कहती फिरती है कि "हमें दोष मत दो, भाजपा को दोष दो!"
देश को बचाने के लिए कांग्रेस का खत्म होना जरूरी है।
अन्यथा, भाजपा को समाप्त नहीं किया जा सकता है!
अपने खुद के विधायकों की जिम्मेदारी नहीं ले सकते
वे कहते है कि वे उन राज्यों की जिम्मेदारी नहीं लेंगे जहां उनकी गठबंधन सरकार चला रही है!
परंतु
वह प्रधान मंत्री बनकर पूरे देश की जिम्मेदारी उठा लेंगे ?
तथ्य: करती है
बात सिर्फ इतनी कि AAP भाजपा पर कब और कैसे हमला करे, यह कांग्रेस तय नही पर पाती। इसलिए उन्हें दिक्कत है।
जब वह साथ मिलकर काम नहीं करते है, तो "अराजकतावादी। केजरीवाल का केंद्र से टकराव वाला रवैया दिल्ली को नुकसान पहुँचा रहा है" कहते है।
सांसद संजय सिंह ने संसद के पटेल पर मोदी और अंबानी दोनो के खिलाफ बात की।
अंबानी द्वारा संजय सिंह के खिलाफ 5000 करोड़ का मानहानि केस किया गया।
लेकिन राहुल गांधी के खिलाफ ऐसा कुछ नही हुआ। क्यों ?
भाजपा / कांग्रेस के शीर्ष नेता एक-दूसरे के खिलाफ बोल सकते हैं, लेकिन जैसी ही AAP जैसी कोई बाहरी पार्टी इनके खिलाफ बोलती है, तो वे दोनो इनपर कानूनी मुकदमें करते हुए उनको परेशान करते है।
AAP राष्ट्रीय स्तर पर लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही थी, लेकिन फिर भी AAP को कोई समर्थन नहीं मिला!
अगर AAP इस कदम का विरोध करती है, तो यह साबित होता वो भाजपा की B टीम है, नहीं?
ऐसा करने से मोदी को जेल होती और AAP का बेनकाब हो जाती
हैं न?
लेकिन नहीं, वे ये सब कुछ छोड़ कर AAP पर सवाल उठा रहे हैं!
यही कारण है कि AAP अपनी लड़ाई बड़ी सोच समझ कर चुन रही है।
यह एक जाल है!
और जाहिर है, राहुल गांधी को तो ये सब आरोप लगाने के बाद कुछ नही होगा। लेकिन AAP को 5000 करोड़ का मानहानि केस लड़ना पड़ जाएगा
तथ्य: AAP ने बोला था।
जब ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई गई, तो AAP उन 2 पार्टियों में से एक थी जिसे मीटिंग में नही बुलाया गया।
इव फैसले का कांग्रेस ने समर्थन क्यों किया?
कंग्रेस B- टीम है या और कुछ बात है?
कांग्रेस के पास कोई दूरदर्शिता नहीं है!
न अपने लिए, न देश के लिए
ग्रैंड ओल्ड पार्टी के बारे में एक ही चीज़ ग्रैंड है वह है बदलते वक्त के साथ खुद को न ढाल पाने की उनकी ग्रैंड विफलता।
2014 में राहुल गांधी को पीएम के रूप में उतारा, मोदी ने एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
राहुल 2019 में फिरसे, मोदी ने पिछले बार से बड़ी जीत दर्ज की
यदि वे 2024 में राहुल गांधी को फिरसे पीएम के रूप में आगे करते हैं:
MODI फिर से जीतेंगे!
वह भाजपा और कांग्रेस दोनो पर अनावश्यक रूप से हमला नहीं करते है और केवल अपने राज्य के शासन पर ध्यान देते है
याद कीजिये आखिरी बार उन्होंने राहुल गांधी का जिक्र किया था ?
क्या वह कांग्रेस की b टीम हैं?
उनके मतदाता दोनों पार्टी से आये हुए हैं (जैसा कि ऊपर बताया गया है)
वे अपने मतदाताओं को दोनो पार्टियों के नेताओं पर बेवजह हमला कर दूर नही कर सकते
बहुत बेहतरीन काम करने के बाद भी, AAP ने सीखा है कि चुनाव जीतने के लिए उन्हें बेहतरीन रणनीति की आवश्यकता है।
हमने दो बार कोशिश की और बुरी तरह असफल रहे।
आपको जनता को एक नेता देना होगा जो राजनीति के अलग अलग खेमो के सभी समर्थको को स्वीकार्य को, और उसके पास दिखाने के लिए उसके द्वारा किया हुए काम भी हो।
एक मॉडल राज्य!
निष्पक्ष रूप से सोचें, एक प्रशासक के रूप में राहुल गांधी ने अब तक क्या किया है?
वह अपनी NYAY योजना को कांग्रेस शाषित राज्यों में भी लागू नहीं कर पाए।
राहुल गांधी के विपरीत, केजरीवाल की एक अच्छी छवि भी है
मुझे पता है कि AAP और कांग्रेस समर्थक अपनी पार्टियों का समर्थन करते रहेंगे, चाहे वह कोई भी हो, लेकिन यह जानकारी मुख्य रूप से तटस्थ नागरिकों के लिए है।
एजेंडा वाले पार्ट टाइम पत्रकार है और फुल टाइम पार्टी एजेंट
वे अपने करियर को आगे बढ़ाने के बदले राजनैतिक पार्टियों का समर्थन करते हैं
उनकी बातो के आधार पर अपना विचार मत बनाइये।
खुद अपने लिए सोचो!